Shekhar Chandra Mitra Language: Hindi 3940 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Shekhar Chandra Mitra 6 Apr 2024 · 1 min read वक़्त का सबक़ साहिल से सागर का अंदाज़ नहीं होता चाहत से ही आदमी आबाद नहीं होता... (१) वक़्त हमें बहुत कुछ समझा दिया करता हर एक सवाल का जवाब नहीं होता... (२)... Hindi · गीत 1 179 Share Shekhar Chandra Mitra 6 Apr 2024 · 1 min read जंगल, जल और ज़मीन ज़ख्म फिर से हरे हुए ख़्वाब देखकर मरे हुए... (१) इतना दर्द रखेंगे कहां दिल हमारे भरे हुए... (२) हाकिम हमें क्या समझेंगे दिमाग़ लेकर सड़े हुए... (३) देश को... Hindi · गीत 1 112 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Apr 2024 · 1 min read गर्दिश में सितारा किन गर्दिशों में खोया है आख़िर मेरा सितारा मुझे बादलों से झांक कर कोई तो दे इशारा ... (१) लहरों में मेरी कश्ती डोलेगी और कितना दूर-दूर तक अंधेरा दिखता... Hindi · गीत 1 137 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Apr 2024 · 1 min read कोई काम हो तो बताना पढ़े भी हैं हम लिखे भी हैं कम्प्यूटर वगैरह सीखे भी हैं लेकिन शर्म की बात यहां हमारे लिए कोई काम नहीं है... (१) जीने की कोशिश में मरते भी... Hindi · गीत 144 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Apr 2024 · 1 min read शहनाई की सिसकियां पूछतीं मुझसे सिसकियां शहनाई की मैं क्या करूं तेरी यादों की परछाई की... (१) मेरे ख़्वाब इस क़दर टूटकर बिखरे इसमें ज़रूर कोई साज़िश है खुदाई की... (२) मुझसे तो... Hindi · गीत 163 Share Shekhar Chandra Mitra 2 Apr 2024 · 1 min read नशीली आंखें ऐसे ही नहीं हम उनके दीवाने हैं चलते-फिरते वह तो मयखाने हैं... (१) जिसके नसीब में ऐसा शवाब उसके लिए फीकी बाक़ी शराब होंठों से लेकर आंखों तक सारे अंग... Hindi · गीत 160 Share Shekhar Chandra Mitra 31 Mar 2024 · 1 min read फ़ैसले का वक़्त तू सारी मुश्किलों का दिलेरी से सामना कर दिल और दिमाग़ से कोई भी फ़ैसला कर... (१) अपने किरदार को एक मेयार देने के लिए तू अपनी ज़िंदगी में कुछ... Hindi · ग़ज़ल 104 Share Shekhar Chandra Mitra 31 Mar 2024 · 1 min read बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी) फूल भी हो तुम आग भी हो इश्क़ भी हो तुम इंकलाब भी हो... (१) ख़ुद में एक तुम सवाल भी हो हर सवाल का तुम ज़वाब भी हो... (२)... Hindi · ग़ज़ल 100 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Mar 2024 · 1 min read क्राई फॉर लव ऐ ज़िंदगी, हर हाल में तेरा क़र्ज़ उतरना है मुझे तेरी कृपा की बोझ से ख़ुद को उबारना है मुझे... (१) चाहे तू सुने या नहीं मेरे उम्र भर के... Hindi · गीत 112 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Mar 2024 · 1 min read कब तक बरसेंगी लाठियां मजदूरों और किसानों पर कब तक बरसेंगी लाठियां मेहनतकश इंसानों पर कब तक बरसेंगी लाठियां... (१) तोड़कर वादे लोकतंत्र के भूलकर कसमें संविधान की इस देश के नौजवानों पर कब... Hindi · गीत 154 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Mar 2024 · 1 min read प्यार में बदला नहीं लिया जाता क्या मैं इतना गंदा काम करूंगा दुनिया में तुम्हें बदनाम करूंगा जिसे जान से ज़्यादा प्यार किया उसी का जीना हराम करूंगा... (१) एक आशिक और एक मवाली में फिर... Hindi · गीत 231 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Mar 2024 · 1 min read महबूबा से ख़्यालों में तेरे रहूंगा मैं ख़्वाबों में तेरे रहूंगा मैं... (१) बनकर नज़्म या गीत कोई किताबों में तेरे रहूंगा मैं... (२) सुर्ख रंग और ख़ुशबू की तरह गुलाबों में... Hindi · ग़ज़ल 78 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Mar 2024 · 1 min read मस्तमौला फ़क़ीर आवारगी में सुबह से तू शाम किए जा नाम वालों में ख़ुद को गुमनाम किए जा... (१) सारी समझदारियों से किसी तरह बचकर तू दीवानगी भरे कुछ काम किए जा...... Hindi · गीत 135 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Mar 2024 · 1 min read जुदाई की शाम तेरा मिलना तेरा बिछड़ना क्या से क्या मुझे कर गया ज़िंदा तो मैं पहले भी न था लेकिन तेरे बिना अब मर गया... (१) एकाएक पके सिर के बाल और... Hindi · गीत 140 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Mar 2024 · 1 min read आदि विद्रोही-स्पार्टकस किसी मूर्दा सांचे में तो ढ़लने से रहा मैं अब अपने आप को तो बदलने से रहा मैं... (१) दुनिया की नज़र में अच्छा बनने के लिए पीटी हुई लीक... Hindi · ग़ज़ल 103 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Mar 2024 · 1 min read एक आज़ाद परिंदा बुलंदियां छूने में नाकाम एक परिंदा अहले-चमन में बदनाम एक परिंदा... (१) पूरी कोशिश तो की हमने परवाज़ की लेकर मरा होंठों पर मुस्कान एक परिंदा... (२) रेंगते हुए कीड़ों... Hindi · आत्मकथा · गीत 123 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Mar 2024 · 1 min read मेरी कलम बेख़ौफ़ चलती है मेरी कलम बेबाक चलती है मेरी कलम... (१) ज़ुल्मत के हर निज़ाम के ख़िलाफ़ चलती है मेरी कलम... (२) बिना झुके बिना बिके दिन-रात चलती है मेरी... Hindi · ग़ज़ल 117 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Feb 2024 · 1 min read हीरा जनम गंवाएगा क्या लेकर तू आया था क्या लेकर तू जाएगा झूठे माया मोह में फंसके हीरा जनम गंवाएगा... (१) खाली हाथ तू आया था खाली हाथ ही जाएगा हाथी-घोड़ा महल अटारी... Hindi · गीत 156 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Feb 2024 · 1 min read सत्य को सूली तीखे सच बोलने वाले को सूली मिलेगी यह तय है ज़ंजीरें खोलने वाले को सूली मिलेगी यह तय है... (१) किसी देश या समाज की नफ़रत से भरी हवाओं में... Hindi · गीत 173 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Feb 2024 · 1 min read बेख़ौफ़ क़लम कुछ ऐसे मंज़र आज-कल सामने हैं थाम कर कलम हम मोर्चे पर तने हैं... (१) देश की बागडोर जिन्हें दी गई थी हाय, उन्हीं के हाथ लहू में सने... Hindi 208 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Jan 2024 · 1 min read मत रो मां रोना नहीं, ऐ माता रोना नहीं, ऐ माता ये आंसुओं के मोती खोना नहीं, ऐ माता... (१) हर सच्चे आदमी को मिलता यही ईनाम दाग़ अपने दिल के धोना नहीं,... Hindi · गीत 1 1 132 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Jan 2024 · 1 min read गांधी और गोडसे में तुम लोग किसे चुनोगे? ऐ अंबेडकर के वारिसों ऐ भगतसिंह के साथियों धुनोगे अपनी ही या दूसरों की भी सुनोगे अभी फ़ैसला करना होगा यहीं फ़ैसला करना होगा गांधी और गोडसे में तुम लोग... Hindi · गीत 149 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Jan 2024 · 1 min read मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए लगता है देश की जनता का इतना बुरा भी हाल नहीं... (१) उसे चाहिए मंदिर या मस्जिद स्कूल और अस्पताल नहीं... (२) उसे करना भजन या कीर्तन बहस और सवाल... Hindi 129 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Jan 2024 · 1 min read गूंजेगा नारा जय भीम का नारा जिस दिन जय भीम का बच्चा-बच्चा बोलेगा सड़क से लेकर संसद तक पूरा भारत डोलेगा... (१) पवित्र ग्रंथों में किसके लिए क्या-क्या लिखा है धूर्तों ने अपनी कलम की... Hindi · गीत 1 138 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jan 2024 · 1 min read पढ़ें बेटियां-बढ़ें बेटियां पढ़ें बेटियां-बढें बेटियां सपने पूरे-करें बेटियां... (१) रंग, नूर और-ख़ुशबू से घर आंगन सब-भरें बेटियां... (२) ख़ुद अपने ही-हाथों से अपनी क़िस्मत-गढ़ें बेटियां... (३) तूफ़ानों से-खुलकर खेलें दुनिया से न-डरें... Hindi 1 128 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Nov 2023 · 1 min read अब प्यार का मौसम न रहा इस दुनिया में, ऐ जान मेरी अब प्यार का मौसम न रहा हो सके तो मुझको भूल जा गुलज़ार का मौसम न रहा... (१) लोगों की बदहाली देख कैसे फेरे... Hindi · गीत 2 259 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Nov 2023 · 1 min read ज़िंदगी एक जाम है यह जो सुहानी शाम है दम भर की मेहमान है कतरा-कतरा इसे पी लो ज़िंदगी एक जाम है... (१) पल भर में सब कुछ जलकर ख़ाक हो सकता,मत भूलो एक... Hindi 1 245 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Oct 2023 · 1 min read ऐसे हैं हमारे राम रोम-रोम में रमते फिर भी तीनों लोकों से न्यारे राम, ऐसे हैं हमारे राम... (१) किसी मंदिर-मस्जिद से उनका दूर-दूर तक न कोई वास्ता न तो अयोध्या में जन्मे न... Hindi 2 195 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Sep 2023 · 1 min read गांधी के साथ हैं हम लोग जेहनी घुटन के ख़िलाफ़ आंधी के साथ हैं हम लोग गोडसे के इस दौर में गांधी के साथ हैं हम लोग... (१) देश का चौकीदार ही जब लाखों का सुट... Hindi · गीत 1 214 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2023 · 1 min read कह कोई ग़ज़ल नाकामियों से काम ले और कह कोई ग़ज़ल उस बेवफ़ा का नाम ले और कह कोई ग़ज़ल... (१) ज़रा याद कर दुनिया ने तेरे साथ क्या किया गिन-गिनकर इंतकाम ले... Hindi · ग़ज़ल 295 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Aug 2023 · 1 min read सुनहरे सपने (लड़का) कोई तो होगा कहीं तो होगा मेरे यार बनने लायक़ मुझसे प्यार करने लायक़ आंख मूंद कर हर हाल में ऐतवार करने लायक़ मुझसे प्यार करने लायक़... (१) (लड़की)... Hindi · गीत 1 350 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Jul 2023 · 1 min read धिक्कार तू धूर्त तू कुटिल तू पाखंडी तू मक्कार धिक्कार धिक्कार धिक्कार धिक्कार... (१) यह आत्म-मुग्धता यह श्रेष्ठता-बोध यह सवर्ण-ग्रंथि यह जातीय अहंकार धिक्कार धिक्कार धिक्कार धिक्कार... (२) सदियों से शूद्रों... Hindi · गीत 1 1 255 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Jul 2023 · 1 min read हैवानियत घूम रहे हैं राक्षस साधु के वेश में! आया है राम राज हमारे देश में! हो रहा है बेटियों के साथ जो यहां! उसकी कोई मिसाल नहीं परदेश में! #मणिपुर_में_हैवानियत... Hindi · कविता 349 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jul 2023 · 1 min read बुद्ध के बदले युद्ध हमने तुमको बुद्ध दिया तुमने हमको युद्ध दिया उसी हवा में घोला ज़हर जिसने तुमको शुद्ध किया... (१) ताक़त का नशा चढ़ गया तुम्हारे सिर पर कुछ ऐसे दो गज... Hindi · गीत 1 1 203 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Jul 2023 · 1 min read नारी शिक्षा से कांपता धर्म नारी की शिक्षा से कांपता है धर्म क्यों! प्रश्नों की राह पर हांफता है धर्म क्यों!! विश्वविद्यालयों या पुस्तकालयों के बदले! गुफाओं में शरण मांगता है धर्म क्यों!! #स्त्री #औरत... Hindi · कविता 523 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Jul 2023 · 1 min read ज़हालत का दौर इंसानियत का मुस्तकबिल कुछ कातिलों के हाथ में है! मेहनतकशों का मुकद्दर कुछ काहिलों के हाथ में है! किसी के फन या हुनर की क्या खाक कद्र होगी यहां! जब... Hindi · कविता 382 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Jul 2023 · 1 min read अपना घर फूंकने वाला शायर टूटा-फूटा लिख लेता हूं हल्का-फुल्का गा लेता हूं! अपने आंसू-अपनी आहें लफ़्ज़ों में बहा लेता हूं!! चाहे मेरा घर जले तो क्या इस दुनिया में रोशनी होगी! आवाज़ देता है... Hindi · कविता 1 271 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Jun 2023 · 1 min read जनता का भरोसा गैरत भी नीलाम कर दी ज़मीर तक बेच दिया! झूठी दौलत की हवस में फ़कीर तक बेच दिया! आख़िर तुम्हारी बातों पर हम कैसे यक़ीन करें! तुमने तो अपने भीतर... Hindi · कविता 2 1 552 Share Shekhar Chandra Mitra 31 May 2023 · 1 min read यलग़ार प्यार की बातें फिर कभी संसार की बातें अभी कर लें हर ज़ोर-जुल्म के ख़िलाफ़ यलग़ार की बातें अभी कर लें... (१) मज़दूर से किसान तक विद्यार्थी से पहलवान तक... Hindi · गीत 1 303 Share Shekhar Chandra Mitra 29 May 2023 · 1 min read आज की बेटियां चल रही हैं बेटियां बदल रही हैं बेटियां ठोकरें खाती हुई सम्भल रही हैं बेटियां... (१) धर्म और समाज की रस्म और रिवाज़ की सारी हदों को लांघकर निकल रही... Hindi · गीत 1 355 Share Shekhar Chandra Mitra 18 May 2023 · 1 min read अप्प दीपो भव आजकल इस दुनिया में इतनी ज़्यादा संगीन रात! कि अपने एक हाथ को ही सूझता नहीं है दूसरा हाथ!! तुझे जाना है दूर तक तो तू ख़ुद अपना चिराग़ बन!... Hindi · कविता 1 948 Share Shekhar Chandra Mitra 18 May 2023 · 1 min read कान खोलकर सुन लो चाहे जितनी कर लो कोशिशें तुम आंकड़े छिपाने की! वक़्त खोल ही देगा साजिशें तुम्हारे तहखाने की!! ख़ैर, मेहनतकश अवाम की ज़िंदगी का मोल ही क्या! हम तो किस्मत लेकर... Hindi · कविता 312 Share Shekhar Chandra Mitra 16 May 2023 · 1 min read जुल्मतों के दौर में सोचना भी जुर्म है बोलना भी जुर्म है ज़ुल्मतों के राज़ खोलना भी जुर्म है... (१) खौफ़नाक सन्नाटा जब फैला हुआ हो बगावत हवाओं में घोलना भी जुर्म है... (२)... Poetry Writing Challenge · गीत 368 Share Shekhar Chandra Mitra 16 May 2023 · 1 min read आज़ादी का जश्न आज़ादी का जश्न ऐसे मनाओ, साथियों जहां भी हो गुलामी उसे मिटाओ, साथियों... (१) छिपेंगे भी तो कहां ये शैतान के नुमाइंदे हरेक स्याह घर में चिराग़ जलाओ, साथियों... (२)... Poetry Writing Challenge · गीत 1 279 Share Shekhar Chandra Mitra 16 May 2023 · 1 min read भगतसिंह: एक जीनियस जो जागे हुए होश के कारण क़ैद होकर भी आज़ाद रहा वह जिस्म से फ़ना होकर भी हमारे दिलों में आबाद रहा... (१) मेरी ग़ज़लों और नज़्मों में बोला करता... Poetry Writing Challenge · गीत 268 Share Shekhar Chandra Mitra 16 May 2023 · 1 min read बगावत की आग फूंक न डाले सिस्टम को जो आग मेरी ग़ज़ल में है मानवता का हर क़ातिल अब भी किसी महल में है... (१) पता नहीं इतनी-सी बात समझ इन्हें कब आएगी... Poetry Writing Challenge · गीत 1 602 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read जुदाई की शाम शाम की तनहाई की बातें फिर कभी दगा और बेवफ़ाई की बातें फिर कभी... (१) आ रो लें हम बैठकर मौजूदा हालात पर दर्द भरी शहनाई की बातें फिर कभी...... Poetry Writing Challenge · गीत 2 305 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read इंकलाब की मशाल जो सदियों से सोए हुए बस उन्हें जगाने आया हूं मूर्दों की इस बस्ती में मैं आग लगाने आया हूं... (१) मज़हब के रखवालों ने तुम्हारा बेड़ा ग़र्क़ किया इनसे... Poetry Writing Challenge · गीत 776 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read भगतसिंह की जवानी ऐ देश, तुझपे क़र्ज़ है जवानी भगतसिंह की बेकार जाएगी क्या कुर्बानी भगतसिंह की… (१) मूर्दों के बीच रहकर हो जाऊं मैं न मूर्दा दिल में आग लगाती है कहानी... Poetry Writing Challenge · गीत 247 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read बुद्ध या विनाश हथियारों से पटी हुई यह युद्धों की दुनिया मिट जाएगी बनी नहीं जो बुद्धों की दुनिया... (1) पागलपन की होड़ मची है कैसी अंधी दौड़ लगी है सड़े-गले पर आंख... Poetry Writing Challenge · गीत 1 286 Share Previous Page 4 Next