Dr. Kishan Karigar Language: Hindi 230 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Dr. Kishan Karigar 7 Oct 2021 · 1 min read क़त्ल हुई उनके मासूमियत की इस शहर मे दिलज़ले हैं कितनें? क़रीब से उन्हें देखा है कभी? क़त्ल हुई उनके मासूमियत की, ख़ुद उन्हें इसकी ख़बर तक ना हुई? शायर© किशन कारीगर (©काॅपीपाईट) Hindi · शेर 3 232 Share Dr. Kishan Karigar 7 Oct 2021 · 1 min read हुक्मरान भी, मीडिया भी बन गए दलाल? इनके दलाली के अजब खेल तो देखो? हुक्मरान भी, मीडिया भी बन गए दलाल? देश बिक जाए या लोग भूखे मरे? सिर्फ इनकि जेब भरे, ना कोई मलाल? शायर- किशन... Hindi · शेर 1 416 Share Dr. Kishan Karigar 7 Oct 2021 · 1 min read मज़हबी दंगों में रंजिशें मज़हबी दंगों में रंजिशें भी खूब सरेआम हुआ? आदमी ही आदमी के क़त्लेआम मे है लगा हुआ? बुद्धजिल ज़ाहिल बन गए सब इन मज़हबी दुकानदारों के? दरख़्वास्त करे 'किशन' की... Hindi · शेर 1 238 Share Dr. Kishan Karigar 6 Oct 2021 · 1 min read अब कहाँ कोई चुपके से अब कहाँ कोई चुपके से, ईशकिया मुलाकात करते? ख़्यालात भी न मिले, की लोग तो सवालात करते? यूँ न भरमाया करो, शर्तिया ख़्यालातों मे? अब लोग दिल से, मुलाक़ात क्यूँ... Hindi · शेर 1 503 Share Dr. Kishan Karigar 5 Oct 2021 · 1 min read गुमशुम यादों मे गुमशुम यादों मे जैसे तुम ही? धड़कते दिल मे जीने की आश तुम ही? कोई क्या समझे दर्द ए मुहब्बत? दिल चोरी भी किया किसी ने, वो भी क्या तुम... Hindi · शेर 1 200 Share Dr. Kishan Karigar 4 Oct 2021 · 1 min read दिल और अपनापन कोई दुकान नहीं दिल और अपनापन कोई दुकान नहीं जब जी चाहे ख़रीद लो वापस कर दो अपनेपन की अहमियत समझोगे भला कैसे? अपने ही दिल के टुकड़े-टुकड़े कर के देखो। शायर- किशन... Hindi · शेर 1 396 Share Dr. Kishan Karigar 4 Oct 2021 · 1 min read मैं भी चापलूस बन गया (हास्य कविता) आखिर क्या करता मैं? कहाँ मारा फिरता? किसको समझाता कहाँ नहीं धक्के खाता? ईमानदारी से हश्र एसा हुआ की? अब मैं भी चापलूस बन गया? इन चापलूसों की ही तो... Hindi · कविता 2 2 940 Share Dr. Kishan Karigar 4 Oct 2021 · 1 min read क्या तेरे दिल मे भी आज? दिलो जां से मुहब्बत करने वाले? शायद अब कभी न मिल सकेंगे? आज फिर से उस मोड़ पे तुझसे मिलने की चाहत हुई, क्या तेरे दिल मे भी आज कुछ... Hindi · शेर 1 219 Share Dr. Kishan Karigar 3 Oct 2021 · 1 min read सच कहने मे डर सा लगता की अब तो सच कहने मे डर सा लगता है? वेबज़ह कई लोग, दुशमन जो बन जाते? शायर- किशन कारीगर (©काॅपीराईट) Hindi · शेर 2 2 374 Share Dr. Kishan Karigar 2 Oct 2021 · 1 min read ईशक और अशक एसा की? ईशक और अशक एसा की? संग संग दोनो एक साथ चले. कोई ना समझें इसकी जुबां, ईशक दे सुकूं, अशक दर्द ए दिल? ईशक एसा की कब किससे हो जाए?... Hindi · शेर 1 173 Share Dr. Kishan Karigar 1 Oct 2021 · 1 min read क्यों जलाते हो घर किसी और का क्यों जलाते हो घर किसी और का इतनी तबाही तनीक तकलीफ न हुई तेरे सीने में? कभी खुद का घर जलाकर तो देख कितनी तक़लीफ होती बेघर सी ज़िदगी जीने... Hindi · शेर 2 223 Share Dr. Kishan Karigar 1 Oct 2021 · 1 min read किस्मत को कोसते फिरते हो? कर्तव्य ना करो दिन भर किस्मत को कोसते फिरते हो? धार्मिक आडंबरों मे सरोबोर तुम्हें क्या खूब मन लगता है? ©किशन कारीगर Hindi · शेर 2 274 Share Dr. Kishan Karigar 30 Sep 2021 · 1 min read ख़बर मिली की खिलाफ़त मेरे? लोगों के सामने ख़ातिर मेरे, हमदर्दी भी क्या खूब करते हो? ख़बर मिली की खिलाफ़त मेरे? साजिशें भी तुम ही करते हो? शायर©किशन कारीगर Hindi · शेर 1 272 Share Dr. Kishan Karigar 29 Sep 2021 · 1 min read दिल किसी का दुखाया मैंने दिल किसी का दुखाया मैने दिल किसी का दुखाया। नादान था बहुत ही नटखट नादानगी में उनको बहुत सताया।। जिसने झुलाया था हमें अपनी बाहों की झुलों मे। जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 597 Share Dr. Kishan Karigar 28 Sep 2021 · 1 min read गुनगुनाती लहलाते धान की फसलें गुनगुनाती लहलाते धान की फसलें, मन मोहती धान के ये सुनहरे रंग देखो किसानों की खूब मेहनतकशी? प्रकृति के छांव मे है कितना सुकून? शायर©किशन कारीगर Hindi · शेर 1 305 Share Dr. Kishan Karigar 27 Sep 2021 · 2 min read कठमूल्लेपन के नाम एक फतवा (हास्य कटाक्ष) कठमूल्लेपन के नाम एक फतवा (हास्य कटाक्ष) चाचा जान अपनी अधपकि दाढ़ि खजुआते हुए बोला क्यों कारीगर मियाँ ये कौमी एकता के जद्दोजहद मे लगे रहते हो? क्या लोग मान... Hindi · कहानी · फ्रीस्टाइल हास्य-व्यंग्य 1 1k Share Dr. Kishan Karigar 27 Sep 2021 · 1 min read ए ज़ुल्मो सितम ए ज़ुल्मो सितम तुमने भी क्या खूब काम किया? अब्बस यूँ ही किशन को बदनाम जो किया? ©किशन कारीगर Hindi · शेर 1 276 Share Dr. Kishan Karigar 27 Sep 2021 · 1 min read नफरतों की आग नफरतों की आग में झुलस घर मेरे घर उनके भी पर किस किस को बताऊँ सूनी हो गयी आँगन न जाने कितनो की | कहता है “किशन” अब हर किसी... Hindi · शेर 1 257 Share Dr. Kishan Karigar 27 Sep 2021 · 1 min read खुशियाँ न बिकती कहीं खुशियाँ न बिकती कहीं, ना खरीद सकते. ऐ बेजूबां दिल तूं क्या समझे अपनापन? तुझसे खुमारियत ही मुकऱर, तू ना कभी अपनेपन की महक़ से ज़िते? ©किशन कारीगर Hindi · शेर 1 244 Share Dr. Kishan Karigar 27 Sep 2021 · 1 min read माँ जब तूं चलि जाएगी उस देश को? माँ जब तूं चलि जाएगी उस देश को? जहाँ से लौटा है न कभी कोई अपनों के पास ? मासूम ये दिल किशन का फिर भी यही कहेगा, तेरी सूरत... Hindi · शेर 2 3 528 Share Dr. Kishan Karigar 27 Sep 2021 · 1 min read ताश के पतों की तरह ताश के पतों की तरह बिख़र जाउँगा? पर कभी हिम्मत ना हारूँगा? हौसला तो बढ़ाओ मेरे यारों, तुझे एक दिन सफल होके दिखलाउँगा. शायर©किशन कारीगर Hindi · शेर 3 2 550 Share Dr. Kishan Karigar 26 Sep 2021 · 1 min read दोस्ती एसे निभाउंगा दोस्ती ऐसे निभाऊंगा की, ज़माने बाद भी याद करोगे. जब भी सताएगा तुझे ग़म तो, मुस्कुराकर "किशन" को याद करोगे. शायर - किशन कारीगर ( नोट - कॉपीराईट अधिनियम के... Hindi · शेर 186 Share Dr. Kishan Karigar 25 Sep 2021 · 2 min read बँटवारा (मार्मिक कविता) बँटवारा आज भाइयों के बीच कहा सुनी हो रही क्योंकि बँटवारा जो हो रहा है लेकिन ये लड़ाई वो नहीं जब पिता कुछ खाने को लाते थे और ये लड़ते... Hindi · कविता 3 2 531 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read चंद अल्फाज़ अपने दिल की सुनो ओ तुझसे भी कुछ कहता है. कठिन राहों में भी तुझको आगे बढ़ने को कहता है. शायर- किशन कारीगर (©कॉपीराइट) धूप खिली जब वो ना मिली... Hindi · शेर 1 439 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read शेरो ए शायरी ख़ुमारीयत-ए-ई इशक ऐसा की? दूर रहकर भी, अब जीने नहीं देती? तेरी नजरों की नाज़ीर ही कुछ ऐसी, की ज़ुल्फों से शराब अब क्यूँ पीने नहीं देती? शायर ©किशन कारीगर... Hindi · शेर 1 193 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 2 min read किशन कारीगर के चुनिंदा शेर मज़हब कौम की ज़द्दो-ज़ेहद मे ना कुछ रखा है? इंसानियत के गले मिल, वहीं ज़न्नत सा दिखता है. ©किशन कारीगर कभी उसके अदबो ईबादत का भी एहतराम तो कर. तुझे... Hindi · शेर 2 533 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read शहर बन गया तमाशाबीन हर कोई भाग रहा, किसे फूर्सत है? शहर बन गया तमाशाबीन. कोई दर्द से चिखता-कड़ाहता, पर कोई करता, तक धीना धिं? शायर ©किशन कारीगर Hindi · शेर 1 244 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read शेर ना वो सितम, ना कोई अफसाने? तू ना सही, कोई और भी तो है? मेरी मकबुलियत के कद्रदान हमारे. कौन जिता अब, तेरी जुल्फों के सहारे? © किशन कारीगर Hindi · शेर 189 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read अपने ही अक्श के निशां ढूंढो छत पे चढ़ो फिर,अपना ही मकान देखो. लोग उसे तोड़ने मे चुपचाप ही लगेंगे. उन टूटे हुए मलवों मे ही सही, अपने ही अक्श के निशां ढूंढो. @शायर-किशन कारीगर Hindi · शेर 1 552 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read वोट की चाहत मे वोट की चाहत मे सियासतदां ने खूब भरमाया? कुर्सी मिली उन्हे, मेरी तंगहाली न दूर हुआ? शायर ©किशन कारीगर Hindi · शेर 272 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read शेर इंसां की औलाद हो तो फिर, इंसानियत के कायदे भी सीख. मजहब के नाम पे फिर क्यूँ? खून-खराबे सी हालात करते?? © शायर- किशन कारीगर Hindi · शेर 250 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read मुसीबतों मे ना कोई हमदम रह जाए? ज़िंदगी के किसी मोड़ पे कौन कब साथ छोड़ जाए? मुसीबतों मे ना कोई हमदम रह जाए? तू अपने दमखम ही चलता जा, की कोई तेरी उम्मीदों का साथ ना... Hindi · शेर 179 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read की मैं हिंदू? तूं मुसलमां? अब्बस यूँ ही ना उलझा रह , की मैं हिंदू? तूं मुसलमां? मज़हबी बहकाबे मे कभी मत रह? पहले बन जा सभी इंसान. शायर©किशन कारीगर Hindi · शेर 165 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read फिसल जाओ ज़रा तुम कभी? फिसल जाओ ज़रा तुम कभी? भला एसे कैसे हुआ? लोग भी क्या झूठी आहें भरेंगे? असल मे वो भी यहि चाहते की फिर से तुम फिसल जाओ? ©शायर-किशन कारीगर Hindi · शेर 481 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read मुआबज़े के बोझ तले हुक्मरानो इतना भी देश का विकास न करो? की सीधे उसकी जेब खाली हो जाए? तुम्हारे झूठे वादों की झड़ी मे कहीं? वो मुआबजे के बोझ तले दब के न... Hindi · शेर 148 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read शेर तुम कितने नेक की हितकारी हो? ये न कोई देखता और न पूछता? भरी जेब तेरी कितनी, और क्या रूतबा? अब हर कोई यहि देखता? ©किशन कारीगर Hindi · शेर 211 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read तेरे दिन भी लौटेंगे कभी तेरे दिन भी लौटेंगे कभी तूं थोड़ा इंतजार करके तो देख ले? रूक जाएगा शमा एक दिन तेरे लिए? एक बार तूं फिर हिम्मत करके तो देख ले. शायर©किशन कारीगर Hindi · शेर 401 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read चलते चलते फटेहाल हो गए शफ़फ चलते चलते फटेहाल हो गए शफ़फ. सभी ताने मारे की, तू अब चलना छोड़ दे? पर खुद से कहा की कुछ दूर और चल ले, आखिर कभी तो होगी वो... Hindi · शेर 1 190 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read साधारण लिबास अच्छे कर्तव्यों उँचें बिचारों की कद्र अब कौन करता? साधारण लिबास कारीगर खुद का ही नुकसान कर जाता? शायर©किशन कारीगर Hindi · शेर 1 287 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read सियासी हुक़्मरानो मुफ़्त अनाज मे कभी खुद? एक महिने गुजारा करके देखो? सियासी हुक़्मरानो तुम भी तो? एसे ज़िल्लत मे जीकर देखो? शायर©किशन कारीगर Hindi · शेर 1 198 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read नफरतों की आग नफरतों की आग मे झुलस गए घर मेरे घर उनके भी? सूनी हो गई आंगन न जाने कितनों की? कहता है 'किशन' अब हर किसी से यहि इंसानियत से बढ़कर... Hindi · शेर 1 418 Share Dr. Kishan Karigar 24 Sep 2021 · 1 min read सोचा मददगार होगा वो? सोचा मददगार होगा वो? उसे अपनी कललीफ़ तो बता दी. बेवज़ह उसी ने भरी बाज़ार मेरी ईज़्जत जो उछाल दी? शायर ©किशन कारीगर Hindi · शेर 1 192 Share Dr. Kishan Karigar 23 Sep 2021 · 1 min read लुगाई और मँहगाई (हास्य कविता) अपने मित्र को देखते ही? मैं भड़क उठा और बोला छोटे भाई बन मेरी लुगाई को घूरने से अच्छा? की तूं उसे ले ही भाग. मेरे मित्र ने पूछा, अच्छा... Hindi · कविता 1 730 Share Dr. Kishan Karigar 23 Sep 2021 · 1 min read अब तो बेचैन हर कोई अब तो बेचैन हर कोई आदमी ही आदमी से जलने लगा? इंसानियत की भी फिक़र ना रही, अपनेपन का अश्क तो आँखो में ना रहा? @ किशन कारीगर Hindi · शेर 2 193 Share Dr. Kishan Karigar 23 Sep 2021 · 1 min read शेर कुछ तो एसा कर ऐ सीयासतदां, की मज़हबी दंगों मे कोई भी ना मरे? बेकसूर क़तलेआम हो रहे? और क्या तुम हिन्दू मुसलमान करते रहते हो? © किशन कारीगर Hindi · शेर 2 225 Share Dr. Kishan Karigar 23 Sep 2021 · 1 min read क्या ताउम्र कभी क्या ताउम्र कभी कोई पीता है साकी? ग़मे दिल तू ही बता क्या तू भी रोता है कभी? महबूब की मुस्कुराहटों मे भींगता रहूँ ताउम्र सपने संजोये थे “किशन” ने... Hindi · शेर 2 534 Share Dr. Kishan Karigar 23 Sep 2021 · 1 min read शेर क्यों जलाते हो घर किसी और का? इतनी तबाही तनिक तकलीफ ना हुई तेरे सीने में? कभी खुद का घर जलाकर तो देख, कितनी तकलीफ होती है बेघर सी ज़िदगी... Hindi · शेर 1 286 Share Dr. Kishan Karigar 23 Sep 2021 · 1 min read खुदग़र्ज एसे की कई खुदगर्ज़ भी एसे एसे की? अपने बुढ़े माँ बाप की हीफाज़त तक भूले? क्यूँ भूल जाते हो की वो कभी, आज भी ताउम्र, तुम्हारी ख़ुशीयों की खातिर अपना सब... Hindi · शेर 1 218 Share Dr. Kishan Karigar 23 Sep 2021 · 1 min read आपस में ही बढ़ गई है दुशमनी? अब तो हर किसी की? आपस में ही बढ़ गई है दुशमनी? क्यूंकी हर किसी के जुवां पर, अब चढ़ता रंग सिर्फ मनी? © शायर-किशन कारीगर Hindi · शेर 1 193 Share Dr. Kishan Karigar 23 Sep 2021 · 1 min read दिल के ख़्यालात दिल के ख़यालात ना मिले? तो फिर क्या हिज़्र सी ख्वाब सजे? खुशियाँ ही तो वजूद ए ज़िंदगी, एक दूजे को धूप फिर कहीं छाँव मिले. ©शायर-किशन कारीगर Hindi · शेर 1 234 Share Previous Page 4 Next