Ranjana Mathur 479 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next Ranjana Mathur 4 Jan 2019 · 1 min read अन्तर्यामी "तू तो बड़ा है अन्तर्यामी सब कुछ जाने तू भगवान्। तू है परमपिता मेरा प्रभु मैं हूँ प्रभु तेरी ही संतान। तेरी ही भक्ति करती हूँ मैं तू बन जा... Hindi · कविता 220 Share Ranjana Mathur 4 Jan 2019 · 1 min read सिंदूर एक नन्ही - सी डिबिया सिंदूर की अद्भुत चमत्कार की पिटारी नारी सौभाग्य और स्वास्थ्य की इसमें तो समाई है सारी दुनिया। सिन्दूर की रक्तिम आभा द्विगुणित करे नारी का... Hindi · कविता 244 Share Ranjana Mathur 4 Jan 2019 · 1 min read अंदाज़ हर फूल का रंग जुदा है हर शै का आगाज़ अलग है किसी के मन तृष्णा व्यापे कोई है ममता की खान किसी की तिक्त कठोर है वाणी किसी के... Hindi · कविता 243 Share Ranjana Mathur 4 Jan 2019 · 2 min read बिखर गये सपने "मैं यहाँ मर रहा हूँ और तुझे पढ़ने की पड़ी है" मोहनलाल जी ने सुमित की सारी किताबें गुस्से में आकर फेंक दीं। वार्ड के सभी मरीज देखते रह गए।... Hindi · कहानी 217 Share Ranjana Mathur 4 Jan 2019 · 2 min read वक्त की साज़िश पिता की मृत्यु के बाद 12 वर्ष तक मांँ को संभाला तथा छोटे भाई व बहन को खुद की संतान से बढ़कर परवरिश दी सौरभ ने। सद्चरित्र व सुसंस्कृत सुदर्शन... Hindi · लघु कथा 1 1 1k Share Ranjana Mathur 1 Jan 2019 · 2 min read हाथी के दांत "नमस्ते जी! कहाँ से आ रही हैं सास बहू घूम कर।" "अजी बहू को डाक्टर के पास ले गयी थी मिसेज सिंघल।" "ओ... क्या कोई गुड न्यूज है जी ?"... Hindi · लघु कथा 410 Share Ranjana Mathur 1 Jan 2019 · 1 min read आया नया साल भारत की संस्कृति में सन्निहित पुरातन ग्रन्थों के अनुसार पावन मास चैत्र पक्ष शुक्ल प्रथमा आता नव वर्ष हमारा और है कहा गया किया था विधाता ने भी इस पुनीत... Hindi · कविता 225 Share Ranjana Mathur 30 Dec 2018 · 1 min read अभिनंदन नव वर्ष का गमन को उद्यत है वर्ष-2018 देखो नवागन्तुक वर्ष-2019 कर रहा है प्रतीक्षा उसका स्थान ग्रहण करने के लिए जाते-जाते शब्द बीते वर्ष के "मेरे थे कई रंग और बू कहीं... Hindi · कविता 411 Share Ranjana Mathur 30 Dec 2018 · 1 min read प्रकाश पर्व एक दीप माटी का तू प्रज्ज्वलित कर ला उजास है यह माटी धरा की तेरी इसीलिए प्रकाश की कर रही आस माटी का कर्ज चुका निज द्वार के आगे इक... Hindi · कविता 225 Share Ranjana Mathur 29 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल कभी-कभी कलियाँ भी खिलाता है बियाबां कभी-कभी सहरा भी बना करता है खियाबां कभी-कभी। जो हौसलों में होंगी तेरे गर बुलंदियाँ आंधियों में भी चिराग जले हैं कभी-कभी। है बाजुओं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 259 Share Ranjana Mathur 29 Dec 2018 · 2 min read "निष्ठुर " निष्ठुरों की नगरी यह जग निष्ठुरों का है रेला यहाँ न एक निष्ठुर है अकेला यहाँ है निष्ठुरों का मेला। हो रहा है प्यारी प्रकृति का निर्दयता से दोहन न... Hindi · कविता 278 Share Ranjana Mathur 26 Dec 2018 · 1 min read आजमा कर तो देखो बियाबां में कलियाँ खिला कर तो देखो चिराग़ आंधियों में जलाकर तो देखो। उन ज़ख्मों पे क्या टिक सकेंगी निगाहें कभी दुख के नज़दीक जा कर तो देखो। किसी दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 274 Share Ranjana Mathur 26 Dec 2018 · 1 min read फिर जल उठी मानवता जहाँ होती नारी की पूजा वहांँ रमते हैं देवता, था वह भी युग जब भारत में यह सुस्वर था गूंजता। कितनी भयावह विकृति आज इस समाज में आई है, देवीस्वरूपा... Hindi · कविता 307 Share Ranjana Mathur 25 Dec 2018 · 1 min read तुलसी विवाह ???? वृन्दा से किया छल देने देवों को संत्राण। थे छद्म रूपी विष्णु गये पति के रण में प्राण। दिया क्रुद्ध हो कर वृंदा ने विष्णु को यह श्राप हो... Hindi · कविता 1 458 Share Ranjana Mathur 25 Dec 2018 · 1 min read उपहार सत्कर्मों के बदले रे बन्धु मनुज जीवन इक उपहार। कहते हैं कई-कई जन्मों के संचित पुण्य का है यह सार। देकर हमें मानव योनि प्रभु दिखलाता है यह संसार। सत्कर्मों... Hindi · कविता 1 344 Share Ranjana Mathur 25 Dec 2018 · 1 min read जोकर इंतजार के पल खत्म..... आ रहे है नाटक के प्राण ...... जी हाँ! मशहूर जोकर मधुकर जी.... " और मधुकर बने महेश के लिए नाट्य भवन तालियों की गड़गड़ाहट से... Hindi · लघु कथा 254 Share Ranjana Mathur 25 Dec 2018 · 1 min read भोर की चहक ऊषा नववधु ओढ़े लालिमा की चूनर टंका गोटा किरण रवि रश्मियों का जड़े हैं नगीने ओस के फैलाए आँचल सरिता रूपी जिसका न ओर-छोर सुर जल तरंगिणी का करता कल-कल... Hindi · कविता 612 Share Ranjana Mathur 25 Dec 2018 · 1 min read संघर्ष करके मंथन जीवन समुद्र का मथ कर गरल अन्तर्विरोध रूपी मंजुल अमिय ग्रहीत कर के प्राप्त कर ले मनुज तू उत्तुंग शिखर जीवन रूपी हिमाद्रि का। कभी सवार हो संघर्ष... Hindi · कविता 347 Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 1 min read सुन लो गुहार नष्ट कर दिये वन तूने मिटा दिए वृक्ष खत्म किया हरियाली का घेरा कहीं कटती रैन कहीं कटता सवेरा अब तो हर मकान की मुंडेरों पर हर छत बालकनी में... Hindi · कविता 1 403 Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 1 min read जन्मदिन मुबारक राजदुलारों ??????? ??????? तुम्हारा आना इस घर में जैसे ईश्वर की आशीषें। या परमेश्वर ने डाली हों मेरी झोली में बख्शीशें। छुओ क्षितिज की ऊंचाई हर खुशी तुम्हें हो हासिल। कामयाबी... Hindi · कविता 1 211 Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 1 min read नाम बड़े और दर्शन छोटे आज समाज में खूब चल रहे ऐसे नकली सिक्के खोटे जिनके के लिए कहा जा सकता नाम बड़े और दर्शन छोटे। हाथ जोड़कर वोट मांगते उस वक्त तो जुड़ जाता... Hindi · कविता 318 Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 1 min read भक्ति की शक्ति हे सृष्टा तेरी शक्ति ने, किया सदा जग का उद्धार। कृपा है तेरी अपरिमित, तेरी भक्ति की शक्ति है अपार।। जब-जब कष्ट भक्त पर आया, तूने बेड़ा पार लगाया। कण-कण... Hindi · कविता 1k Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 1 min read संकल्प विशाल पंडाल में लोगों की भीड़..."साथियों! भिक्षावृत्ति हमारे समाज का अभिशाप है".... "कई शिक्षित बेरोजगार भिक्षावृत्ति की ओर प्रवृत्त हैं। ऐसा व्यक्ति सामने आने पर हमें सही मार्गदर्शन देने का... Hindi · लघु कथा 488 Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 2 min read बर्थडे गिफ्ट बंटी प्रतिदिन स्कूल या बाहर कहीं आते जाते अपने उस हम उम्र बच्चे राजू को देखा करता था जो आते जाते बस एकटक बंटी की... Hindi · लघु कथा 1 1 293 Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 1 min read लघुकथा - गुरु दक्षिणा उसे सरकारी अस्पताल में कस्टमर काउंटर पर कार्य करते देख वृद्ध रामनाथ जी चौंक पड़े। "अरे! यह तो मेरा स्टूडेंट रहा है। चलो मिल लेता हूँ। वह भी खुश होगा... Hindi · लघु कथा 572 Share Ranjana Mathur 24 Dec 2018 · 3 min read भूल नहीं पाएंगे (सत्य घटना का रेखाचित्र) बात कुछ वर्ष पूर्व की सर्दी के मौसम की ही है। मेरे दो जुडवां बेटे हैं इनमें से एक बेटे की कोई प्रतियोगी परीक्षा थी। परीक्षा... Hindi · लघु कथा 344 Share Ranjana Mathur 21 Dec 2018 · 1 min read ओ माँ!! छल प्रपंच झूठ बेईमानी, है यह ज़माना दावों का। माँ का प्यार दावों से रहित है , पावन पुंज वह भावों का। वैद्य हकीम रोग को हटाएं, कर उपयोग दवाओं... Hindi · कविता 244 Share Ranjana Mathur 20 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल इब्तिदा ए इश्क अब होने लगी खुशनुमा सी जिन्दगी होने लगी। ढूंढती नज़्रें हमेशा ही तुझे हर इबादत बंदगी होने लगी। शबनमी इस नूर के जलवे बड़े तिश्नगी दीदार की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 233 Share Ranjana Mathur 20 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल ?? गुल चमन में खिलखिला रहे हैं फिर याद तेरी दिला रहे हैं। ?? जो दिल हमारा हुआ करे थे वो दिल हमारा जला रहे हैं। ?? जो थे मिरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 227 Share Ranjana Mathur 20 Dec 2018 · 1 min read बचपन डंगा डोली पकड़म पकड़ाई तू भाग कर छिप जा मैं आई। आओ कबड्डी खो खो खेलें नदी पहाड़ के भी मजे ले लें। पोसंपा भई पोसंपा डाकिए ने क्या किया।... Hindi · कविता 492 Share Ranjana Mathur 20 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल ? नहीं है होश ख़ुद का अब तेरा दीदार होते ही हुए मग़रूर तेरी ग़ज़ल का अश'आर होते ही। ? तुझे देखा तुझे चाहा तिरी ही की इबादत है न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 266 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 2 min read लघुकथा - सपनों का आशियाना सोनी अंकल के मकान निर्माण का कार्य तेज गति से चल रहा है । हम सब छोटे बच्चों की टोली इसी फिराक में हैं कि कब शाम हो कब काम... Hindi · लघु कथा 1 447 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read "रैन"पर हाइकु का प्रयास---- ?? रैन कहानी मयंक की रवानी भोर सुहानी। ?? उदित रवि पदचाप भोर की मुदित मन। ?? ब्रह्म मुहूर्त प्रफुल्लित प्रकृति उजली भोर। ?? भोर लालिमा है प्रदीप्त क्षितिज रंग... Hindi · हाइकु 280 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read वर्ण पिरामिड - दामन ??? क्यों नारी दामन कलुषित है आंका जाता नहीं कोई दोष पावन सदा नारी। ??? है माँ का दामन आशीषों की शीतल छाया करती संतान साक्षात्कार प्रभु से। ??? रंजना... Hindi · कविता 313 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read अतीत किसका नहीं अतीत जगत में अतीत तो है सदा का मीत चाहे जग से छुड़ा लो पीछा या तुम भागो वर्तमान से पर न कभी मुक्ति पा सकते तुम अपने... Hindi · कविता 332 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी जन्नत ये जिन्दगी है मोहब्बत बंदगी है प्यार में रवानगी है आप जब से मिले। फूल दामन में दिए कांटे ख़ुद झेल लिए बाग़ तूने पैदा किए फूल प्यार के... Hindi · घनाक्षरी 289 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read रिश्ते हो जाता है हृदय तार-तार सुन अन्तर्वेदना का करुण क्रंदन रोम-रोम में एक चुभती-गड़ती है अदृश्य अनछुई-सी पीर जो मिली अपनों से न ही व्यक्त की जा सके छिप भी... Hindi · कविता 278 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read कह मुकरियां मन अलसाया नयना सोए जब तक उसके दरस न होए उस बिना तनिक रहा नहीं जाय ऐ सखि साजन! न सखि चाय। बरसता पानी या हो धूप साथ है तेरा... Hindi · कविता 225 Share Ranjana Mathur 5 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल जो महलों में है जन्मा झोंपड़ी का दर्द जाने क्या। हैं धन की गर्मियांँ जिनको हवाएं सर्द जाने क्या। पगों में चुभते कांटे औ भरे हैं धूल से चेहरे ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 408 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2018 · 1 min read दरियादिली इस दिवाली याद आई वह लड़की दीये बेचने वाली याद है उसका भोला मुखड़ा आंखें कुछ समझाती करुणा अन्तर्मन की आकर उसके होठों पर थम जाती किया उसे जब उस... Hindi · कविता 350 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल 2212 1222 2121 22 रोते रहा करेंगे तुम्हें न कुछ कहेंगे। हम तो वफा करेंगे तेरी जफा सहेंगे। अश्फ़ाक तू हमारा तेरा ही है सहारा। तेरे बिना तो सांसें अब... Hindi · कविता 1 411 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2018 · 2 min read लघु कथा - मिलावट मोती बहुत बीमार चल रहा है। तपेदिक है उसे। काफी समय से मजदूरी पर न जा पाने के कारण घर की माली हालत खस्ता चल रही है। वैसे मोती सेठ... Hindi · लघु कथा 1 358 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2018 · 1 min read नकाब नकाब साधु के मुखौटे में शैतान ईश्वर बन कर खड़ा हुआ वेद पुराणों में था जो वर्णित वह कलियुग आ खड़ा हुआ। ईमान धर्म सब बने धूल मिट्टी संस्कार पग... Hindi · कविता 258 Share Ranjana Mathur 3 Dec 2018 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल ज़िन्दगी जीने का सिलसिला तो चले साथ ख़ुशियाँ न हों इब्तिला तो चले। चलने का ही दूजा नाम है ज़िन्दगी मैं अगर थक गया काफ़िला तो चले। ऐसी भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 190 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read "चाँद" चाँद की चाँदनी........ सुनाए शीतलता की रागिनी। चाँद का रूप........... निखारे निशा का स्वरूप। चाँद का राग........... बिखेरे प्रेम का अनुराग। चाँद का रंग........... खिलाए सृष्टि का अंग-अंग। चाँद के... Hindi · कविता 1 467 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read उत्साह उत्साह है इक प्यारी आशा निरुत्साह है मात्र निराशा। जिंदादिली से जीना है ही उत्साह की सही परिभाषा। यदि जीवन में तेरे है उमंग तो सब संसार है तेरे संग।... Hindi · कविता 1 546 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read "तर्पण " शीर्षक पर कुछ हाइकू ???? करो तर्पण आत्माएँ पितरों की पाएंगी तृप्ति ???? माह क्वांर का आ गये कनागत तर्पण कर ???? पितृ पाएंगे सादर श्रद्धांजलि तर्पण द्वारा ???? हरेक पुत्र देता स्नेह सम्मान... Hindi · हाइकु 211 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read आज कल बदली बदली फिज़ाएं क्यूँ हैं आजकल बेरुखी की हवाएँ क्यूँ हैं आजकल दिल में नफरतें भरी प्यार की है कमी बढ़ रही अब जफ़ाएं क्यूँ हैं आजकल। अपने भी कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 256 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 3 min read कैसे हो संस्कारों का हस्तांतरण?? हमें खूब अच्छी तरह से याद है कि मां हर बार होली या दीपावली आने के पांच या सात दिन पहले से ही पकवान बनाने का शगुन कर लेती थीं।... Hindi · लेख 393 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read आपको तो बस बहाना चाहिए इन निगाहों को बहाना चाहिए। आँसुओं को अब ठिकाना चाहिए। रोकने से भी न जो ठहरे कहीं बात पर खुद को मिटाना चाहिए। वो इक गुलशन खिल चमका था यहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 429 Share Previous Page 6 Next