Ranjana Mathur 479 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read सुहाग मेरे भारत की पावन नारी नारियों में श्रेष्ठ कहाती है ये अपने सुहाग की खातिर यम से भी लड़ जाती है। मांँ पार्वती ने सती रूप में पति अपमान न... Hindi · कविता 348 Share Ranjana Mathur 2 Dec 2018 · 1 min read कलम संग दवात का नाता कोरे कागज पर कभी कलम से लफ्ज़ थिरकते थे डूब डूब कर दवातों में स्याही संग निखरते थे। कागज़ संग कलम की दोस्ती बड़ी ही पुरानी है बिन कलम के... Hindi · कविता 1k Share Ranjana Mathur 18 Nov 2018 · 1 min read माँ ये माँ की दुआ का असर है ग़म क्या है मुझे ना ख़बर है। देखे जिस जगह सिर्फ ख़ुदा माँ की उस जगह भी नज़र है। जिसके सिर पर न... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 25 1k Share Ranjana Mathur 11 May 2018 · 1 min read थाह नहीं तेरा यह गांभीर्य, लिए है कितनी गहराई? है किसी को भी यह आभास नहीं। मांँ कहलाना हे वसुंधरे, क्या होता है आसान कभी? जगत् माता निज उर पर, तू सहिष्णुता... Hindi · कविता 249 Share Ranjana Mathur 11 May 2018 · 2 min read पछतावा लघुकथा ?पछतावा ? आज साहूकार रामधन व भोलाराम पक्के मित्र हैं।जरूरतमंदों की मदद व गरीबों से ब्याज न लेना अब रामधन अपना धर्म मानता है। किसी समय धूर्तता के लिए... Hindi · लघु कथा 484 Share Ranjana Mathur 11 May 2018 · 1 min read रोया किसान बंजर हो गयी धरती सारी हृदय हुआ तार तार है। फट पड़ा मांँ वसुधा का उर शुष्क भूमि दरार ही दरार है। न सरकारें करती चिन्ता न प्रकृति की कृपा... Hindi · कविता 1 436 Share Ranjana Mathur 11 May 2018 · 1 min read परिणय पहले मिलन फिर प्रणय का सामंजस्य के निर्णय का। प्रेम संपूरित जीवन का यह बन्धन है परिणय का। विवाह बंधन ईश उपहार साक्षी क्यों बने यह संसार बने साक्ष्य क्यों... Hindi · कविता 479 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read व्यथा औरत की संभालूंगी मैं खुद को खुद कोई कोशिश नहीं करना मुझे मजबूर इतना तुम बदलने पे नहीं करना। गरीबी होती अपने आप में खुद एक बीमारी इसे तुम दूर करने की... Hindi · कविता 373 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read हुई सुबह मधुर बयार चिड़ियों की चहक कोमल उष्ण रवि की रश्मियां छायी मंद-मंद शीतलता पादप पुष्प पर तितलियों का डेरा कुसुम सुवासित महका उपवन भोर की बेला मन प्रफुल्लित हृदय है... Hindi · कविता 1 289 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read हो जा तू अमर तू भारत माता का सपूत वीर सिपाही बनकर संवर। नहीं समय तू व्यर्थ गंवाना कलियों संग-संग बन भ्रमर। भारत माता पुकार रही है मेरे लाल कस ले तू कमर। उतर... Hindi · कविता 475 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read यात्रा वृत्तांत (मेरी अविस्मरणीय सर्वप्रिय यात्रा) ०४ मई २००३ को अजमेर से चलकर पूजा एक्सप्रेस ट्रेन द्वारा हम सपरिवार ०५ मई को अपरान्ह १२ बजे के करीब जम्मू पहुंचे। वहां से बस... Hindi · लेख 256 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read *डमरू-घनाक्षरी* (३२ वर्ण लघु बिना मात्रा के ८,८,८,८ पर यति प्रत्येक चरण में ) (१) नभ गरजत जल, छम छम बरसत, टप टप पड़ पड़, जल भर घर तर। बरबस जल... Hindi · घनाक्षरी 253 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read ये मेरा गांव है वो गोबर की लीपी ठंडी झोंपड़ी के मजे छत पर जिसकी थे खपरैल सजे। गइयों का शुद्ध दूध छाछ दही खाना बैलगाड़ी की घंटियों का मीठा गुनगुनाना वो खुली-खुली सी... Hindi · गीत 368 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read ग़ज़ल-क्यूं बागों को खंगाला जा रहा है गुनाह हमी पे डाला जा रहा है क्यूँ बागों को खंगाला जा रहा है। कली है नाज से पाली उसी के ख़ियाबाँ को न पाला जा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 337 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read कला जीने की जिन्दगी जीने की भी कला चाहिए। मर के भी याद आए वो अदा चाहिए । दो निवाले भी जिसके हलक न पड़े। स्वाद छप्पन भोगों का वो जानता। तुम अगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 232 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 2 min read ऐ मेरे वतन के लोगों.. ....… आज के विषय गद्य लेखन पर कवि प्रदीप जी पर मेरी प्रस्तुति। ऐ मेरे वतन के लोगों - - - - - मैंने इस महान कवि की जन्म स्थली पर... Hindi · लेख 1 529 Share Ranjana Mathur 24 Apr 2018 · 1 min read कृत संकल्प महान राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की ४४ वीं पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन वन्दन। मेरे श्रद्धांजलि शब्द रूपी प्रसून अर्पित हैं--- ?कृत संकल्प ? जो सीमा पर प्रहरी बनकर खड़े... Hindi · कविता 512 Share Ranjana Mathur 28 Mar 2018 · 1 min read आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी महान मूर्धन्य विद्वान से सुसज्जित हुआ हिन्दी साहित्य का प्रांगण। जब १९अगस्त सन् १९०७ को दुबे का छपरा ग्राम बलिया में पुत्र जन्मा अनमोल ज्योति जी के आंगन। आचार्य हजारी... Hindi · कविता 1 1k Share Ranjana Mathur 28 Mar 2018 · 1 min read बेटी यदि बेटा है आज का सूरज है तो बेटी है कल का संसार, बेटे के ही बराबर बेटी को भी जीने का है अधिकार। माँ भी नारी बहन भी नारी,... Hindi · कविता 1 440 Share Ranjana Mathur 28 Mar 2018 · 1 min read घर बोलती उसकी हरेक दीवार-ओ-दर है फकत ईंट पत्थर से होता न घर है। केवल चार दीवारों के भीतर बनाए गए कमरों का नाम नहीं घर है। कोने-कोने में रहती है... Hindi · कविता 202 Share Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 1 min read नव वर्ष चैत्र नवरात्रि प्रथमा शुभ दिवस है माँ का शुभ प्रवेश स्थापित कलश है नूतन वर्षाभिनन्दन है हिन्दू नव वर्ष आगमन पर सभी को वन्दन है सनातन नव संवत्सर २०७५ आज... Hindi · कविता 237 Share Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 2 min read मैं कविता हूँ "विश्व कविता दिवस" पर मेरे हृदय के सुरों को शब्दमाला में गूंथने वाली साहित्य जगत में मेरी सबसे चहेती विधा "कविता" को मेरी सस्नेह भेंट समर्पित है --- मुझे पहचानिए... Hindi · कविता 555 Share Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 1 min read भाव विभोर बन गयी मैं तो श्याम दीवानी करूं मैं प्रभु तेरी भक्ति अपार। ईशमय हो गया ये संसार प्रभुमय हो गया ये संसार। यमुना तीरे तेरी बाट देखती जल बीच अपना... Hindi · गीत 380 Share Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 2 min read क्या आज भी पुस्तकें हमारी मित्र हैं? ? "किताबी कीड़ा " जी हाँ बचपन में मुझे मेरी बहनें और सहेलियाँ इसी नाम से पुकारा करती थीं। मेरा ही नहीं हमारी आयु वर्ग के सभी लोग उन दिनों पुस्तकों... Hindi · लेख 1 1 235 Share Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 1 min read राम नाम की महिमा श्री राम जय राम जय जय राम हर सुख दुख में लूं तेरा ही नाम। तू ही है मेरा जीवन दाता तू ही हमारा भाग्य विधाता तू ही बनाए मेरे... Hindi · कविता 339 Share Ranjana Mathur 27 Mar 2018 · 2 min read हिन्दी साहित्य मंदिर की सरस्वती आज महान् कवयित्री महादेवी वर्मा जी के जन्मदिन पर महान् लेखिका के जीवन पर कुछ पंक्तियाँ लिखने का एक तुच्छ सा प्रयास - - - दिवस था वह २६ मार्च... Hindi · कविता 243 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 2 min read मुन्नी का सपना "निकाल पैसे मुझे दे वरना ".... "सारे पैसे तुम्हें दारू के लिए कैसे दे दूँ। अनाज पानी ईंधन कहां से लाऊँ" ...... माँ मार खाते हुए सिसक कर धीरे से... Hindi · लघु कथा 562 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 1 min read कुछ करो सुधार ????? भले कर्म अनमोल हैं बन्धु, बुरे कर्म सब मिट्टी-धूल। प्रभु के हाथ सब लेखा-जोखा, वह सब कर लेता है "वसूल"।। ????? नेकी का तुम सदा साथ दो, बदी को... Hindi · गीत 288 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 1 min read ? माँ तुझे नमन ? तू इस धरा पर बिखरा अप्रतिम प्यार है। तेरी ममता की छाया में पला संसार है। मेरी रग-रग में बसा तेरा दुलार है। तेरी बांहों में समाई हुई है सारी... Hindi · कविता 250 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 2 min read ?आंखें ? " सूरत और सीरत" जी हाँ इन दोनों को ही सर्वाधिक प्रभावित करने वाली अहम किरदार है हमारी आंखें। आंखें यानि नयन, चक्षु, नेत्र, अंखियाँ, नैना, निगाहें और न जाने... Hindi · लेख 325 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 1 min read जीवन का मर्म मानव जीवन मिला रे प्राणी कर नेकी कर कुछ सत्कर्म परोपकार करने में ओ बंधु न करना तू जरा भी शर्म। अरे भला करके दुखियों का तू कर ले कुछ... Hindi · कविता 527 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 1 min read मित्रता एक वटवृक्ष मेरे दृष्टिकोण से अच्छे और सच्चे दोस्तों का मिलना सौभाग्य की बात होती है। मित्रता वह वटवृक्ष है जिसके तले दो प्राणी दोस्त के रूप में पारस्परिक स्नेहिल अपनत्व की... Hindi · लेख 1 261 Share Ranjana Mathur 6 Feb 2018 · 1 min read गज़ल जिन्दगी ऊपर वाले की सौगात होती है उसकी मर्जी से ही दिन व रात होती है। चांद तो एक ही होता है नीले नभ के तले संग-संग सितारों ही की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 221 Share Ranjana Mathur 30 Dec 2017 · 1 min read विधा-वर्ण पिरामिड अभिलाषा ?????? हे दाता मन ने हमेशा ही स्नेह तलाशा साथ हों अपने यही है अभिलाषा। ?????? ऐ मेरे वतन तुझे न दूं कभी हताशा तुझ पे मिटूं मैं यही... Hindi · कविता 381 Share Ranjana Mathur 30 Dec 2017 · 1 min read ?? हाइकू ?? ? बुलंद सोच मजबूत हौसले ऊंची उड़ान। ? वादे के पक्के करते वही हैं जो देते जुबान। ? वतन पर न्योछावर है सब होंगे कुर्बान। ? जो चली हवा देखो... Hindi · हाइकु 293 Share Ranjana Mathur 28 Dec 2017 · 1 min read ? मीत मेरे ? ??? साथी तेरे लिए ही मैंने सारी दुनिया ठुकराई, मगर कभी तुझसे ओ मितवा न की बेवफाई। ??? सदा रहूंगी साथ तेरे ये कसम है मैंने खाई, दूर न जाऊँगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 232 Share Ranjana Mathur 18 Dec 2017 · 1 min read पंछी पिंजरे का पिंजरे में इक कैद था पंछी साथी था उसका आजाद। किन्तु सदा करता तैनाती बड़ा ही जुल्मी था सय्याद। साथी देता उसे दिलासा दिल छोटा मत करना तू। इक दिन... Hindi · कविता 374 Share Ranjana Mathur 14 Dec 2017 · 1 min read बदनाम क्यूँ ???? ये किस्सा जिन्दगी में हमने आम होते देखा है। हमने अच्छाइयों को नाकाम होते देखा है। शोहरतें उनको मिलीं जिनका न ईमान कोई सच्चे लोगों को हमने बदनाम होते देखा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 574 Share Ranjana Mathur 13 Dec 2017 · 1 min read ??मानव का दम?? ???? वीर हैं हम दमदार हैं हम, है हमारे बाहुबल में दम। हम न हारेगें मेहनत से, खुद हारेगा हम ही से श्रम। कुछ और नहीं मानव हैं हम।। ????... Hindi · कविता 308 Share Ranjana Mathur 8 Dec 2017 · 1 min read मेरा भगवान् इतनी ताकत मिली है मुझको रब की रहमत में। साथ खड़ा मिलता है वो मेरी हर मुसीबत में। कहो मिलता है भला क्या बदी और नफरत में क्यूँ न भर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 390 Share Ranjana Mathur 8 Dec 2017 · 1 min read ज़िद्दी मन नादां इंसान उड़ता न हौसलों की उड़ान न फहराता एवरेस्ट पर तिरंगा न छूता वह चांद न होती किसी लक्ष्य की सिद्धि यदि न होता यह मानव मन जिद्दी ।... Hindi · कविता 497 Share Ranjana Mathur 29 Nov 2017 · 1 min read शायद स्वप्न हो पूरा मात पिता के चरण दबाएं सुख पाएं आशीष कमाएं। दिव्यांगों को राह दिखाएं बांह पकड़ मंजिल पहुंचाएं। राह के पत्थर उठा कर फेंकें मार्ग के कंटक उखाड़ डालें। रोती अंखियों... Hindi · कविता 514 Share Ranjana Mathur 28 Nov 2017 · 1 min read न जाने क्यों उफ ये कारी बदरिया.... ऐसे मुझको क्यूँ रिझाए। देख इसे क्यूँ बार बार मुझे.... अपना कोई याद आए। झांकना भी चाहे मन.... यादों के झरोखों में। बह गये वो प्यारे... Hindi · गीत 623 Share Ranjana Mathur 25 Nov 2017 · 1 min read तू है शक्ति नारी वह शक्ति है बढ़ाती जो हर कुल हर वंश। त्याग मयी यह मूर्ति देकर अपने तन का अंश। करो प्रयत्न कि तुम्हारी ओर से कभी न उसको कोई दंश।... Hindi · कविता 486 Share Ranjana Mathur 21 Nov 2017 · 2 min read अन्तर्मन सहज मेरा दिल सहता है या इसकी एक विवशता है कभी किसी ने न समझा मेरा अन्तर्मन क्या कहता है। कोख से प्रादुर्भाव हुआ तो परख जांच पड़ताल हुई। जन्मदात्री... Hindi · कविता 1 1 395 Share Ranjana Mathur 21 Nov 2017 · 1 min read गज़ल न ही रवा कहिए न ही सज़ा कहिए जो हो रहा है वो उसकी रज़ा कहिए। हम तो हैं जी रहे रहमो करम पर उसके जिन्दगी को ऊपर वाले की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 285 Share Ranjana Mathur 15 Nov 2017 · 2 min read === खुशी === खुशी एक ऐसा अनोखा एहसास है जो व्यक्ति की आंतरिक इच्छा से जुड़ा होता है। यदि मन में उमंग है /ललक है/ जीने की चाह है /उत्साह है तो चारों... Hindi · लेख 610 Share Ranjana Mathur 12 Nov 2017 · 1 min read "क्योंकि तू एक माँ है" चाहे तन से झुक जाए तू लेकिन कभी मन होगा न कम। तू न करेगी कभी शिकायत चाहे निपूत हों क्यों न हम। मांँ विशाल है माँ अथाह है तेरे... Hindi · कविता 568 Share Ranjana Mathur 11 Nov 2017 · 1 min read कर्म - पोटली भौतिक सुख की उच्चाकांक्षा और अप्राप्य को प्राप्य में न बदल पाना है असंतोष। नश्वरता से शाश्वत में जाने की खुशी का नाम है आत्म संतोष। अंतिम विदाई में न... Hindi · कविता 265 Share Ranjana Mathur 7 Nov 2017 · 1 min read ** स्तुति ** अति रमणीक है हृदय का उपवन अधिष्ठाता जिसके प्रभु स्वयं आप। अन्तर्मन की वाणी तुम सुनते नहीं सुनते तुम मिथ्या आलाप। यदि हूँ मैं पथभ्रमित तो दाता दो परमेश्वर तुम... Hindi · कविता 504 Share Previous Page 7 Next