डी. के. निवातिया 412 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next डी. के. निवातिया 15 May 2017 · 2 min read माफ़ कर देना माँ --- मातृ दिवस — माँ पर कविता — डी. के निवातिया माफ़ कर देना माँ तुझे मातृ दिवस पर याद नहीं किया मैंने शायद गुम गया कही मातृ दिवस तेरे निश्छल प्रेम की ओट में हर क्षण जो छायी रहती है... Hindi · कविता 1 1 1k Share डी. के. निवातिया 3 May 2017 · 1 min read फेल हो गया फेल हो गया सत्तर साल वालो का तो ख़त्म खेल हो गया। छप्पन इंच का सीना भी अब फेल हो गया । दुश्मन रोज़ जख्म पे जख्म दिये जा रहा... Hindi · मुक्तक 1 832 Share डी. के. निवातिया 3 May 2017 · 1 min read वो हमारे सर काटते रहे वो हमारे सर काटते रहे हम उन्हें बस डांटते रहे !! वो पत्थरो से मारते रहे हम उन्हें रेवड़ी बाटते रहे !! लालो की जान जाती रही हम खुद को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3k Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read इश्क़ बला क्या है इश्क़ बला क्या है ********************** तुमसे चाहत तो हमे भी बेपनाह है मगर क्या करे जताने का अंदाज नही आता खुदा ही जाने ये इश्क़ बला क्या है, अहसास तो... Hindi · शेर 496 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read मैं और तू मैं और तू *** शीर्ष लोम से चरण नख तक एक तेरे ही नाम से बंधी हूँ मैं अंग अंग किया अर्पण तुझ पर सौगंध के वचनों में सधी हूँ... Hindi · कविता 606 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read कतराने लगे है लोग कतराने लगे है लोग अब तो किसी को पानी पिलाने से भी कतराने लगे है लोग ! क्या कहे सामूहिक भोज भी मुँह देख खिलाने लगे है लोग !! दिखावे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 538 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read मौसम गर्मी का मौसम गर्मी का सूरज ने जब दिखलाई हेकड़ी तरबूज बोला फिर मुँह फुलाये तू करेगा जितना ज्यादा तंग भाव मेरा उतना ही बढ़ जाये ! ! खीरा, ककड़ी, और खरबूजा... Hindi · कविता 403 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read व्याकुल इंसान व्याकुल इंसान दरखत झूमे, सरोवर तीर, निर्झर निर्झर बहे बयार पर्ण:समूह के स्पंदन से, सरगम की निकले तान शीतल प्रतिच्छाया में, पंछी समूह करते विहार मानुष त्रस्त अविचल, अंत:करण धरे... Hindi · कविता 1 636 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read अलबेला हूँ अलबेला हूँ ! भीड़ में खड़ा हूँ, फिर भी अकेला हूँ कदाचित इसीलिए मै अलबेला हूँ ! ! शोरगुल में धँसा पड़ा हूँ आफतो में फँसा पड़ा हूँ रोता सा... Hindi · कविता 473 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read रांझे की हीर रांझे की हीर कल तक करते देखा था मुहब्बत कि खिलाफत जिनको। आज शिद्दत से करते पाया एक रांझे कि वकालत उनको । ऐसा क्या हुआ, फिजा-ऐ-मिजाज़ ही बदल गया... Hindi · मुक्तक 413 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read इरादे मजबूत रखना इरादे मजबूत रखना *** नफरत करनी है अगर हमसे तो इरादे मजबूत रखना ! लड़ना पड़ेगा मुकदमा इश्क कि अदालत सबूत रखना !! हुई जो जरा भी चूक तुमसे, मोहब्बत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 704 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read बड़ा अच्छा लगता है बड़ा अच्छा लगता है उगते सूरज की लालिमा को तकना बैलो के गले में घंटी का बजना डाल डाल चिड़ियों का फुदकना कोमल लताओं पर पुष्पों का खिलना झूमती शाखाओं... Hindi · कविता 868 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read सत्ता कितनी प्यारी सत्ता कितनी प्यारी मेरे देश के हुक्मरानो को सत्ता कितनी प्यारी है रोज़ मरे मजदूर किसान सैनिको ने जान वारी है आदि से अंत तक का इतिहास उठाकर देख लो... Hindi · मुक्तक 538 Share डी. के. निवातिया 29 Apr 2017 · 1 min read कोई नाराज नहीं चाहिये कोई नाराज नहीं चाहिये कितने अमन पसंद लोग है यहाँ किसी को कोई आवाज नही चाहिये। रसूख तो खुदा के फरिश्ते जैसा हो पर रोजा -ऐ- नमाज नही चाहिये। कहिं... Hindi · मुक्तक 597 Share डी. के. निवातिया 1 Apr 2017 · 1 min read नवदुर्गा के नौ रूप स्तुति नवदुर्गा के नौ रूप स्तुति शैलपुत्री शिखर वासिनी, त्रिशूल धारिणी वृषभ वाहिनी, शिव अर्धांगिनी सर्व प्रथम पूजा प्रतिस्ठायीनी शैलपुत्री यशस्विनम नमो नम:!! ब्रह्मचारिणी तपो आचरण, कमण्डलु धारण सराहना देवता, ऋषि... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 28 Mar 2017 · 1 min read सच्चाई दिखलाता हूँ नित्य कर्म की तरह सुबह कार्यशाला के लिए प्रस्थान करने से पहले तैयार होते हुए जीवन की व्यस्तता में टीवी पर खबरे देख सुन रहा था ! कितनी करते है... Hindi · कविता 510 Share डी. के. निवातिया 23 Mar 2017 · 1 min read सुसंगति - दोहे दोहे मोल तोलकर बोलिये, वचन के न हो पाँव ! कोइ कथन बने औषधि, कोइ दे घने घाव !!………..(१) दोस्त ऐसा खोजिये, बुरे समय हो साथ ! सुख में तो... Hindi · दोहा 657 Share डी. के. निवातिया 22 Mar 2017 · 1 min read मुहब्बत किस कद्र बदनाम हुई ना पूछो यारो मुहब्बत किस कद्र बदनाम हुई फ़ज़ीहत इसकी आजकल जमाने में आम हुई जिस्म के भूखे है जो दरिंदे वो प्रेम क्या जाने सुबह को मिले, शाम तक... Hindi · मुक्तक 570 Share डी. के. निवातिया 22 Mar 2017 · 1 min read जगाने आया हूँ न कोई हंगामा न कोई बवाल करने आया हूँ बिगड़े हुए हालातो से आगाह करने आया हूँ सोये हुए है आजादी के दीवाने कई बरसो से गहरी नींद से फिर... Hindi · कविता 609 Share डी. के. निवातिया 16 Mar 2017 · 1 min read सेहरा — शेरो शायरी लो सज गए वो फिर से पहनकर सेहरा भी, अरे कोई तो जाकर उन्हें हमारी याद दिलाये ! हम ख़ाक में मिल गए उनके एक इशारे पर और वो है... Hindi · शेर 1k Share डी. के. निवातिया 14 Mar 2017 · 1 min read रावण बदल के राम हो जायेंगे खुली अगर जुबान तो किस्से आम हो जायेंगे। इस शहरे-ऐ-अमन में, दंगे तमाम हो जायेंगे !! न छेड़ो दुखती रग को, अगर आह निकली ! नंगे यंहा सब इज्जत-ऐ-हमाम हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 588 Share डी. के. निवातिया 11 Mar 2017 · 1 min read मोहे प्रीत के रंग रंगना रंग से नही रंगना, सजन मोहे अपने रंग में रंगना ! कच्चे रंग दिखावे के, मोहे प्रीत के पक्के रंग रंगना !! ! बारह महीनो चढ़ा रहे, मोहे फाग के... Hindi · कविता 617 Share डी. के. निवातिया 8 Mar 2017 · 1 min read मैं नारी हूँ मैं नारी हूँ जग जननी हूँ, जग पालक हूँ मैं नारी हूँ, न किसी से हारी हूँ निःशेष लोक जन्मा मेरे उर से फिर भी मैं ही कोख में मारी... Hindi · कविता 984 Share डी. के. निवातिया 7 Mar 2017 · 1 min read हम बच्चे मस्त कलंदर हम बच्चे मस्त कलंदर एक मुट्ठी में सूरज का गोला एक में लेकर चाँद सलोना खेलने निकले हम अम्बर पे करके सितारों का बिछोना ! हम बच्चे है मस्त कलंदर,... Hindi · कविता 818 Share डी. के. निवातिया 1 Mar 2017 · 1 min read मन की बाते आवश्यक सूचना (यह राजनितिक हालातो के परिपेक्ष्य पर लिखी गयी है इसका किसी व्यक्ति विशेष से कोई सम्बन्ध नहीं है ) (मन की बाते) कभी जनता को मन की बातों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 1k Share डी. के. निवातिया 28 Feb 2017 · 1 min read मधुमास में इस बार मधुमास में फिर खेलेंगे होली हम तेरी यादो संग मोतियों से भी बेशकीमती शबनमी अश्रु जल में घुले होंगे अनेको अनूठे रंग कुछ प्रेम के, कुछ क्रोध के... Hindi · कविता 1 914 Share डी. के. निवातिया 24 Feb 2017 · 1 min read महादेव पाप पुण्य के युद्ध में जो खुद को मिटाता है। त्याग कर अमृत हलाहल विष अपनाता है। निस्वार्थ लोकहित में जीवन अर्पण कर दे। वो स्वयंशंभू, नीलकंठ, महादेव कहलाता है... Hindi · कविता 1 954 Share डी. के. निवातिया 22 Feb 2017 · 1 min read एहसास-ऐ-गैर मुहब्बत के नाम का पाठ वो दिन रात रटता है। जरा सा छेड़ दो तो ज्वालामुखी सा फटता है।। क्या हालात हो गये आज दोस्ताना-ऐ-जहाँ के जिसे मानो अपना एहसास-ऐ-गैर... Hindi · शेर 784 Share डी. के. निवातिया 21 Feb 2017 · 1 min read हमारे नेता—डी के निवातिया विकास की डोर थाम ली है हमारे नेताओ ने । अब नये शमशान और कब्रिस्तान बनायेंगे।। कही भूल न जाओ तुम लोग मजहब की बाते याद रखना इंसानियत को इसी... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 20 Feb 2017 · 1 min read मांझी लड़ाई गर मुद्दे पर हो तो लड़ने में मजा आता है उलझकर उलझनों में जीने का आनद आता है चिकनी सडको पर रफ़्तार आजमा लेते है सभी तूफानी लहरो में... Hindi · कविता 900 Share डी. के. निवातिया 17 Feb 2017 · 1 min read मेरा चमन...... जालिम बहुत है वो हर घर, गली , मुहल्ले में छुपे बैठे है उनसे अपना चेहरा छुपाये रखना, नजरे बचाये रखना, कही कर न जाए दागदार पाक दामन को, पाकर... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 15 Feb 2017 · 2 min read कलयुगी भक्ति में शक्ति कलयुगी भक्ति में देखि शक्ति अपार, तभी तो बन बैठे वो महान ! कितने मुखड़े छिपे इन चेहरो में, इससे विचलित है स्वंय भगवान !! लूट खसोट कर अमीर बन... Hindi · कविता 701 Share डी. के. निवातिया 6 Feb 2017 · 2 min read बसंत बहार --- डी. के. निवातिया बसंत बहार बागो में कलियों पे बहार जब आने लगे, खेत-खलिहानों में फसले लहलाने लगे ! गुलाबी धूप पर भी निखार जब आने लगे, समझ लेना के बसंत बहार आ... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 2 Feb 2017 · 1 min read बेटियाँ -- निवातिया डी. के. बेटियाँ घर आँगन की पहचान होती है बेटियाँ हर चेहरे की मुस्कान होती है बेटियाँ राम, कृष्ण भी लेकर आते है अवतार ममता का ऐसा भण्डार होती है बेटियाँ !!... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 19 Jan 2017 · 1 min read दिल कि खोली खाली है दिल कि खोली इसको भर दो कुछ दौलत अपनी हमे ईनाम कर दो नहीं चाहिये कुबेर या जमीं का टुकड़ा थोड़ी सी चाहत अपनी मेरे नाम कर दो... Hindi · कविता 891 Share डी. के. निवातिया 10 Jan 2017 · 1 min read मुझको मेरा हक दो --::---मुझको मेरा हक दो--::--- मुझको मेरा हक दो पापा बहुत कुछ कर दिखलाऊँगी ! लेने दो खुली हवा में सांसे बेटे से ज्यादा फर्ज निभाऊंगी !! मुझको मेरा ……………… कर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 4 14k Share डी. के. निवातिया 9 Jan 2017 · 1 min read आज का नवयुवक आज का नवयुवक अजीब हाल में दिखता है आज का नवयुवक जागा है मगर कुछ खोया खोया सा हँसता भी है पर कुछ रोया-रोया सा जीवन संघर्ष की इस दौड़... Hindi · कविता 1 850 Share डी. के. निवातिया 5 Jan 2017 · 1 min read सुनो सुनो, कुछ नही है तो यादो में आते क्यों हो पल - पल ख्यालो में आकर सताते क्यों हो न किस्मत अपनी, न जिगर तुममे इतना फिर सपने दीद के... Hindi · शेर 821 Share डी. के. निवातिया 4 Jan 2017 · 1 min read तैयार हो जाओ .... तैयार हो जाओ .... आया है मौसम चुनावी बरसात का, बरसाती मेंढक अब तैयार हो जाओ चल निकलेगी अब तुम्हारी लाटरी थाम झोला छतरी तैयार हो जाओ !! जम के... Hindi · कविता 710 Share डी. के. निवातिया 3 Jan 2017 · 2 min read अमीरी-गरीबी अमीरी-गरीबी बहस छिड़ गयी एक दिन अमीरी और गरीबी में !! नाक उठा ‘अमीरी’ बोली बड़े शान से काम बन जाते है सिर्फ मेरे नाम से हर किसी की चाहत... Hindi · कविता 1k Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 1 min read नया साल खड़ा हूँ दहलीज़ पर फिर एक नये साल की पोटली थामे, जिंदगी में हुए बर्बाद पलों की !! ! ! D. K Nivatiya____@@@ Hindi · शेर 690 Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 1 min read कुछ पल मुस्कुराये होते तुम अगर मेरी जिंदगी में आये होते तो हम भी कुछ पल मुस्कुराये होते !! न रहते जिंदगी में तुम भी यूँ तन्हा न अकेले में हमने आँसू बहाये होते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 570 Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 2 min read मुस्कान मुस्कान, मात्र एक नाम या शब्द नही ये पहचान है……………. !! किसी से प्रीत की मिली हुई जीत की चाहत के गीत की मिलन पे मीत की !! ! मुस्कान,... Hindi · कविता 1 1 744 Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 1 min read धीरे धीरे भोर की चादर से निकलकर शाम की और बढ़ रही है जिंदगी धीरे धीरे ! योवन से बिजली सी गरजकर बरसते बादल सी ढल रही है जिंदगी धीरे धीरे !... Hindi · कविता 758 Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 1 min read एक पथ और आओ चले एक पथ और छोड़ पदचिन्ह एक छोर ! नई उमंग ह्रदय धरे भोर कनखियों में ख़ुशी का शोर ! आओ चले एक पथ और !! चलना ही जीवन... Hindi · कविता 1 515 Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 1 min read जी लो हर लम्हे को न रोको जाते हुए लम्हो को न टोको आते हुए लम्हो को हार सुख दुःख के मनको का बस जी लो हर एक लम्हे को !! ! ! ! डी.... Hindi · कविता 2 4 571 Share डी. के. निवातिया 6 Dec 2016 · 1 min read नोट के तेवर—मुक्तक—डी. के. निवातिया नोट के तेवर क्या बदले, बहुत कुछ बदल गया ! छोड़ काम धाम इंसान लंबी कतार में ढल गया !! कल तक तिजोरी में बंद सर चढ़कर बोलता था वो... Hindi · मुक्तक 698 Share डी. के. निवातिया 6 Dec 2016 · 1 min read वाह रे नोट —हाइकु —डी. के. निवातिया वाह रे नोट कभी लगे तू प्यारा सबसे न्यारा । । कभी जग को दिखे तुझमे खोट वाह रे नोट । नोट बदले हाल बदल गये आम जन के !... Hindi · हाइकु 558 Share डी. के. निवातिया 6 Dec 2016 · 1 min read राज क्या है……… राज क्या है……… कर दूँ बयान अगर हकीकत तो लाज़ क्या है ! तेरी खूबसूरती के आगे, भला ताज़ क्या है !! अंदर भी कब्ज़ा और पहरा बाहर भी तुम्हारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 582 Share डी. के. निवातिया 6 Dec 2016 · 1 min read क्यों… (मुअद्दस मुसल्सल ग़ज़ल) माना के बदलाव के लिये बदलाव का होना जरुरी है ! पर क्यों इसमें आमजन को ही फ़ना होना जरूरी है !! ! क्यों नही जलते शोलो में हाथ आग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 491 Share Previous Page 6 Next