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*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मन का मीत छले*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
********* बुद्धि शुद्धि के दोहे *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*जीवन में हँसते-हँसते चले गए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चाँद सा मुखड़ा दिखाया कीजिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*चुप रहने की आदत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*तन्हाँ तन्हाँ मन भटकता है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*जिंदगी जीने का नाम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
******** रुख्सार से यूँ न खेला करे ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तंग अंग देख कर मन मलंग हो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*झूठा बिकता यूँ अख़बार है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*यूँ आग लगी प्यासे तन में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*जी रहें हैँ जिंदगी किस्तों में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कलियों से बनते फूल हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अलग अलग से बोल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*यह ज़िंदगी नही सरल है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल की बात बताऊँ कैसे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*सुनकर खबर आँखों से आँसू बह रहे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
******आधे - अधूरे ख्वाब*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गुरुपूर्व प्रकाश उत्सव बेला है आई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*प्रेम भेजा फ्राई है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*चारों और मतलबी लोग है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**** बातें दिल की ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*वो जो दिल के पास है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*हर शाम निहारूँ मै*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
******** प्रेम भरे मुक्तक *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
********* कुछ पता नहीं *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भैया के माथे तिलक लगाने बहना आई दूर से
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कंचन काया की कब दावत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*राज दिल के वो हम से छिपाते रहे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जग मग दीप जले अगल-बगल में आई आज दिवाली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कभी प्यार में कोई तिजारत ना हो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
यारा तुम बिन गुजारा नही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
********* हो गया चाँद बासी ********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*निकला है चाँद द्वार मेरे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हरियाणा दिवस की बधाई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*नींद आँखों में ख़ास आती नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आत्म चिंतन करो दोस्तों,देश का नेता अच्छा हो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* कैसे अपना प्रेम बुहारें *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*हम नदी के दो किनारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*देश के नेता खूठ बोलते फिर क्यों अपने लगते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मन में पर्वत सी पीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत