राजेश 'ललित' 153 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next राजेश 'ललित' 12 Nov 2017 · 1 min read "धुँध " प्रदूषण के चलते आज पृथ्वी के अस्तित्व पर ख़तरा मँडरा रहा है।हवा का स्तर इतना ख़तरनाक हो गया है कि साँस लेना मतलब ज़हर लेना है और हम हल ढूँढने... Hindi · कविता 4 675 Share राजेश 'ललित' 22 Oct 2017 · 1 min read "मजमा" चुनाव नज़दीक आते ही नेता "मजमा" लगाना शुरु कर देते हैं। विभिन्न वायदे फेंकते हैं,आश्वासन उछालते हैं;जो नेता लोगों को आकर्षित करता है जिस पर अधिक ताली बजती है वही... Hindi · कविता 4 612 Share राजेश 'ललित' 29 Sep 2017 · 1 min read लफ़्ज़ो में न दफ्नाओ दो क्षणिकायें अलग अलग संदर्भों में प्रस्तुत हैं आशा है पसंद आयेंगी। ------------------ लफ़्ज़ों में न दफ्नाओ --------------- लफ़्ज़ों में न दफ्नाओ मेरे जज़्बातों को कहना है अभी बहुत कुछ... Hindi · कविता 5 1 276 Share राजेश 'ललित' 29 Sep 2017 · 1 min read लफ़्ज़ो में न दफ्नाओ दो क्षणिकायें अलग अलग संदर्भों में प्रस्तुत हैं आशा है पसंद आयेंगी। ------------------ लफ़्ज़ों में न दफ्नाओ --------------- लफ़्ज़ों में न दफ्नाओ मेरे जज़्बातों को कहना है अभी बहुत कुछ... Hindi · कविता 5 1 275 Share राजेश 'ललित' 18 Sep 2017 · 1 min read बरस पड़ी आँखें "बरस पड़ी आँखें" "क्षणिका" ------------------- कल बादल भी नहीं थे तन्हा भी नहीं था सब थे आस पास मन भी नहीं था उदास ! फिर भी बेमौसम क्यों? बरस पड़ी... Hindi · मुक्तक 4 553 Share राजेश 'ललित' 10 Sep 2017 · 1 min read "मन की खिड़की" यह कोई कविता नहीं;मन से निकली आनायास एक आवाज़ है जो मन से निकलता गया;ढलता गया ;मैंने कविता मान लिया ;आप मानोगे तो ठीक नहीं तो यूँ ही पढ़ लेना।... Hindi · मुक्तक 4 382 Share राजेश 'ललित' 5 Sep 2017 · 2 min read सारोकार:-"शिक्षक दिवस"---प्राचीन शिक्षा सारोकार:---------"शिक्षक दिवस" ------------------------- "प्राचीन शिक्षा पद्धति-गुरुकुल"---भाग-(१) ------------------------------ भारत विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से है।यहाँ की परम्परायें भी उतनी ही पुरानी हैं।हमारी शिक्षा व्यवस्था भी परंपरा और संस्कृति से गहरे... Hindi · लेख 4 355 Share राजेश 'ललित' 5 Sep 2017 · 1 min read दो रचनायें प्रकाशनार्थ दो रचनायें पाठकों के सम्मुख हैं।प्रतिक्रिया चाहूँगा। ----------------- "रुँधे गले से" ----------------- रुँधे गले से मत बोल कौन सुनेगा? जो तू कहेगा ! वो दर्द वो वेदना दो शब्द जो... Hindi · मुक्तक 4 433 Share राजेश 'ललित' 3 Sep 2017 · 4 min read सारोकार:- "पत्रकारिता--गिरता स्तर" "पत्रकारिता--गिरता स्तर" -------------------- पत्रकारिता की शुरुआत भारत में उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम चरण में हुई थी।उन दिनों प्रिंट मीडिया प्रमुख रूप से समाचार पत्रों और ंपत्रिकाओं में देश की आज़ादी... Hindi · लेख 5 1 389 Share राजेश 'ललित' 24 Aug 2017 · 1 min read अपने अपने कृष्ण जब भी हम संकट में होते हैं तो हम माँ और भगवान को याद करते हैं।यदि उस घड़ी कोई सहायतार्थी मिल जाये तो वह सारथी कृष्ण जैसा लगता है। ------------------------... Hindi · मुक्तक 4 260 Share राजेश 'ललित' 19 Aug 2017 · 1 min read मुस्कुराती रहो मोनालिसा तेज़ी से बदलती हुई दुनिया में घटनाओं के प्रति हम उदासीन होते जा रहे हैं जैसे हमारे घर में लगी टी वी के उपर मोनालिसा की तस्वीर:- ------------------------- "मुस्कुराती रहो... Hindi · कविता 5 1 251 Share राजेश 'ललित' 12 Aug 2017 · 1 min read मरती धरती वैज्ञानिकों के बार बार चेतावनी देने के पश्चात् भी पर्यावरण में सुधार होने की बजाय हानि ही हो रही है ,जिससे धरती पर जीवन को ख़तरा हो गया है।पानी ,जंगल... Hindi · कविता 5 2 537 Share राजेश 'ललित' 8 Aug 2017 · 1 min read मन खट्टा "मन खट्टा" ----------------- मन खट्टा हो गया चल यार कैसी बात करता है मन कभी मीठा हुआ कभी सुना क्या? नहीं न यूँ ही जमी रहेगी दही रिश्तों की खटास... Hindi · मुक्तक 4 415 Share राजेश 'ललित' 4 Aug 2017 · 1 min read अकेलापन भी साथी अकेलापन भी साथी ----------------------- आज अकेलेपन को ही बना लेते हैं साथी फिर चलते हैं तन्हाईयों में फिर देखते हैं क्या कहती हैं ख़ामोशियाँ चुपके से उदासियाँ रहेंगी या लौट... Hindi · कविता 4 1 284 Share राजेश 'ललित' 3 Aug 2017 · 1 min read इंतज़ार मत करना "इंतज़ार मत करना" ------------------------- इंतज़ार मत करना अब मेरा थक गये हैं पाँव मुश्किल है चलना मोड़ अभी भी बहुत हैं ज़िंदगी के याद कर लेना कभी हो सके मेरे... Hindi · कविता 4 566 Share राजेश 'ललित' 23 Jul 2017 · 1 min read "दम लगा के हई शा" "दम लगा के हई शा" -------------------- दम लगा के हईशा हिम्मत न हार थक मत अब चल उठ जा चल उठ मत घुट घुट घुट कर मर जाएगा हाथ कुछ... Hindi · कविता 4 641 Share राजेश 'ललित' 5 Jul 2017 · 1 min read "जले हाथ" "जले हाथ" --------------- डालोगे ग़र हाथ पराई आग में हाथ फिर अपने ही जला करते है कितना लगाओ तुम गले दुश्मन को अपने भी यहाँ नहीं कम छला करते हैं... Hindi · कविता 4 1 582 Share राजेश 'ललित' 2 Jul 2017 · 1 min read उलझे धागे "उलझे धागे"मन की उलझन को धागों की उधेड़बुन की तरह सुलझाने का प्रयास कर रही है।कैसे आप पढ़ कर प्रतिक्रिया दें। ----------------------- उलझे धागे" --------------------- कभी खोले हैं उलझे धागे... Hindi · कविता 4 1 461 Share राजेश 'ललित' 23 Jun 2017 · 1 min read थका थका दिन अकेलेपन से व्यथित मन कोई साथी ढूँढ रहा है।पर जब उसे अपने आप से बात करने की फ़ुर्सत नहीं तो कोई दूसरा क्यों करे:- ------------------------ "थके थके दिन" ------------------ थके... Hindi · कविता 4 533 Share राजेश 'ललित' 14 Jun 2017 · 1 min read क्षणिका "क्षणिका" ------------------- पहले भी अजमाया था अब भी अाज़मा ले वैसे का वैसा हूँ जैसा पहले था अब भी वैसा हूँ क्या करूँ आदत से मज़बूर हूँ । बदले तुम... Hindi · कविता 4 310 Share राजेश 'ललित' 10 Jun 2017 · 1 min read प्रयोग करो:फेंक दो कभी कभी यूँ लगता है कि कुछ लोग आप के साथ आप को निजी स्वार्थ के लिये इस्तेमाल करते है और फिर भूल जाते हैं जैसे कोई पान कार्य चूस... Hindi · कविता 4 276 Share राजेश 'ललित' 30 May 2017 · 1 min read "बहेलिया" अभी उतर प्रदेश में एक बेटी के साथ छेड़खानी की घटना में जो कुछ सरेराह हुआ उसने अंत:कर्ण झझकोर दिया।उसी घटना का परिणाम;- ------------------------- "बहेलिया" हे रे बहेलिया मत पकड़... Hindi · कविता 4 299 Share राजेश 'ललित' 29 May 2017 · 2 min read "मन का चोर" "मन का चोर" दो भागों में रची कविता है जिसमें एक बाहरी चोर और दूसरी कविता में चोर भीतर का ही है पर एक बात जो दोनों में है वह... Hindi · कविता 4 469 Share राजेश 'ललित' 25 May 2017 · 1 min read "सच की गुंजाईश " आजकल सच को भी अपनी "सत्यता" की गवाही तलाशनी पड़ती है।सत्य के अवसर तलाशती कविता:- --------------------- "सच की गुंजाईश" ------------------------- जब भी झूठ बोलता हूँ पकड़ा जाता हूँ । ढूँढता... Hindi · कविता 4 308 Share राजेश 'ललित' 1 Apr 2017 · 1 min read ग़ज़ल "ग ज़ ल" ------------------------- घाव पर चोट बनाये रखिये; बेअसर न हो,दर्द बनाये रखिये। दुश्मन हो,दोस्ती,बनाये रखिये; कम हैं अभी नश्तर चुभाये रखिये। धूप है ग़र,साया बनाये रखिये; अंधेरे में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 245 Share राजेश 'ललित' 19 Mar 2017 · 1 min read "लघु कविता" "लघु कविता" ------------------- नये घाव की क्या है जल्दी पुराना तो भरने दो अभी उमर है जो भी बाकी मिल जायेगा नसीब में घाव ही तो है दे देना जी... Hindi · कविता 4 819 Share राजेश 'ललित' 13 Mar 2017 · 1 min read "हमदर्द" कभी कभी होता है हम किसी भी जानने वाले से हम अपना दु:ख दर्द बाँटना चाहते हैं कोई हमदर्द बनाना चाहते हैं। -----------------"हमदर्द"----------------- कुछ दर्द तुम हमसे कहो कुछ दर्द... Hindi · कविता 4 1 960 Share राजेश 'ललित' 4 Mar 2017 · 1 min read "झूठ" " झूठ" कलयुग का महत्वपूर्ण तत्व है।सत्य कितना संभाल कर रखना पड़ता है।देखें कैसा लगता है यह "झूठ" आप को; -------------------------------- "झूठ" ------------------------------- जा रहा हूँ कब लौटूँगा ? कह... Hindi · कविता 5 617 Share राजेश 'ललित' 25 Feb 2017 · 1 min read "फाग" हर त्यौहार हम सब अपनों के साथ मनाना चाहते हैं;जो बच्चे दूर हैं काम में संलग्न होने की वजह से नहीं आ पाते।माँ -बाप की इच्छा क्या है: --------------------- फाग"... Hindi · कविता 4 475 Share राजेश 'ललित' 18 Feb 2017 · 1 min read बचपन बचपन में बचपन खोना कौन चाहता है?कुछ बच्चों को रोज़ देखता हूँ ;मेहनत करके कमाते हुये बच्चे अच्छे नहीं लगते?स्कूल जाने और खेलने खाने की उम्र में ये सब करना---------?... Hindi · कविता 4 647 Share राजेश 'ललित' 5 Feb 2017 · 1 min read "बिजूका" "बिजूका" ------------------------- जानते नहीं , क्या होता, बिजूका? एक टाँग , पर खड़ा हुआ, बाँहें पसारे, मटकी का सिर लटकाये, सदा मुस्कराये, पराली का शरीर, चीथड़े लगा कोट, खेत जैसे... Hindi · कविता 4 1 1k Share राजेश 'ललित' 5 Feb 2017 · 1 min read "क्षणिका" "क्षणिका" ------------------------- अन्जान राहों का मुसाफ़िर हूँ न राह कटी न ज़िंदगी, पहुँचेंगे कहीं तो, कटे कटे, खरामा खरामा*। ----------------------- राजेश"ललित"शर्मा २८-१-२०१७ ---------------------- खरामा:-धीरे धीरे Hindi · कविता 4 366 Share राजेश 'ललित' 29 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" दोस्ती कभी नहीं मिटती;दबी रहती है,मन के भीतर मौक़ा मिलते ही छलक जाती है:- -------------------- "क्षणिका" ------------------------ दोस्त का संदेश आया कुछ ठहाके गूँज गये ज़हन में, कुछ गालियाँ उछलीं,... Hindi · कविता 4 1 474 Share राजेश 'ललित' 28 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" क्या कुछ कहने के लिये शब्द ज़रूरी हैं?नहीं न---! ------------------------- "क्षणिका" ---------------------- लिखनी थी चिट्ठी उनको; शब्द हो गये गुम, और मैं गुमसुम; कोरा काग़ज़ हूँ ; क्या भेजूँ ?... Hindi · कविता 4 1 298 Share राजेश 'ललित' 27 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" कभी कभी किसी के हँसने को या रोने को कोई वजह बता कर टालने की कोशिश करते हैं पर वस्तुस्थिति कुछ और होती है ,देखें कैसे:- —————————— "क्षणिका" ------------------------- मेरी... Hindi · कविता 4 281 Share राजेश 'ललित' 26 Jan 2017 · 1 min read "जंगलराज" आम नागरिक की परेशानियों को प्रतीकों के साथ गूँथ कर कुछ दोहे पिरोये हैं;आप भी पढ़िये और बताइये मेरा प्यास कैसा रहा:- ------------------------- "जंगलराज" "दोहे" ------------------------------------------- मूर्खों की बैठक सजी,... Hindi · दोहा 4 251 Share राजेश 'ललित' 25 Jan 2017 · 1 min read "वजूद" देखें क्या हाल हो गया आदमी का रोटी कमाने में।क्या मैनें ठीक कहा? पढ़िये और बताइये :- ------------------------- "क्षणिका" "वजूद" ------------------------- वजूद मेरा खा गया शहर यह तेरा; पत्थर सा,... Hindi · कविता 4 1 232 Share राजेश 'ललित' 24 Jan 2017 · 1 min read "अन्याय" न्याय की आशा में लाखों लोग न्यायलय के चक्कर लगाते रह जाते हैं।मैं समझता हूँ यह उन लोगों रे साथ "अन्याय"है जो ग़रीब हैं।आप भी राय दें:- ------------------------- "अन्याय" -------------------------... Hindi · कविता 4 281 Share राजेश 'ललित' 23 Jan 2017 · 1 min read "पोरस" "पोरस"रो नयी पीढ़ी शायद नहीं जानती,जिसने सिकंदर जैसे योद्धा का न केवल सामना किया अपितु हार के बावजूद उसकी आँखो में आँखे डाल कर उससे बराबरी का हक़ लेने में... Hindi · कविता 5 1 467 Share राजेश 'ललित' 20 Jan 2017 · 1 min read "बेटी की बेटी" प्रस्तुत कविता मेरी बेटी के यहाँ बेटी के जन्म के कुछ दिनों के बाद आनायास ही निकली क़लम से,उसकी निश्छल मुस्कान देख कर।आप भी पढ़िये:- ------------------------- "नातिन" देखी तुमने मेरी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 507 Share राजेश 'ललित' 20 Jan 2017 · 1 min read "दु:ख" दु:ख का मतलब सुख का जाना।दु:ख को किस प्रकार अभिव्यक्ति मिली है,बताईये ; ------------------------- "दु:ख" ------------------------- ढूँढ लिया मैंने अपना पता, हे,रे सुख! तू जा, रहूँगा, अब, मैं, सदा के... Hindi · कविता 4 263 Share राजेश 'ललित' 18 Jan 2017 · 1 min read "औक़ात" "औक़ात" ------------------------- मुझे है पता, मेरी औक़ात, तू बता ? क्या है तेरी जात* कितनी जायदाद ? है मेरे पास ! दो गज ज़मीन, कपड़ा दो हाथ। है तेरे पास,... Hindi · कविता 4 404 Share राजेश 'ललित' 7 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" "क्षणिका" ------------------------- हवाओं ने फैलायी, थी तेरी आने की, ख़ुशबु , इंतज़ार भी किया, ताउम्र मैंने , संदेश हवा का, बस झूठा निकला ---------------------- राजेश"ललित"शर्मा Hindi · कविता 4 560 Share राजेश 'ललित' 6 Jan 2017 · 1 min read "ग़ज़ल " दो पल संजो कर रख लिये थे; तुम्हारी याद के। आये तुम उनको उठा कर चले गये।। वक़्त ने फाहा रखा था ज़ख़्म पे। आये तुम बस खुरच कर चले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 279 Share राजेश 'ललित' 5 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" "क्षणिका" ---------------------- अब नहीं , बोलूंगा कभी, सत् । खुल जायेगा, झूठ सारा, परत दर परत। ------------------------- राजेश"ललित"शर्मा ------------------------ Hindi · कविता 4 526 Share राजेश 'ललित' 3 Jan 2017 · 1 min read "किताब" "किताब" ------------------------- आँख बंद, कर या न कर। खुली किताब हूँ , पढ़ या न पढ़ । यूँ ही समझ जाओगे, सफ़ा दर सफ़ा*। हर्फ़ दर हर्फ़ *। ------------------------- सफ़ा... Hindi · कविता 4 557 Share राजेश 'ललित' 3 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" "क्षणिका" ------------------------- अब नहीं , बोलूंगा कभी, सत् । खुल जायेगा, झूठ सारा, परत दर परत। ------------------------- राजेश"ललित"शर्मा Hindi · कविता 4 497 Share राजेश 'ललित' 31 Dec 2016 · 1 min read "दबे मज़दूर दबे" साल की अंतिम कविता थोड़ी दु:खद है;पर शायद साल को और उन लाचार मज़दूरों को श्रद्धांजली ही नव वर्ष को तर्पण है। ------------------------- "दबे मज़दूर दबे" ------------------------- दबे हुए मज़दूर... Hindi · कविता 4 237 Share राजेश 'ललित' 29 Dec 2016 · 1 min read "हिसाब" "हिसाब" ------------------- हिसाब----? क्या-------? मुझे सब है पता, हाशिये पर , होगा सिर्फ़ /मेरा नाम। देनदारियाँ होंगी सारी की सारी, सिर्फ़ मेरे /नाम ; भरे होंगे हाशिये । चुकाऊँगा सब;... Hindi · कविता 4 284 Share राजेश 'ललित' 28 Dec 2016 · 1 min read "हद" "हद " ----------- मुझे बता , कहाँ तक, है मेरी हद। तुम्हें भी, मालूम होनी चाहिये; तुम्हारी हद। तो तय है! बँटवारा ?हा----! देखना, लकीर में, वो जो, खींची गई,... Hindi · कविता 4 584 Share Previous Page 3 Next