ईश्वर दयाल गोस्वामी 250 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 ईश्वर दयाल गोस्वामी 26 Mar 2017 · 1 min read तन्हाईयां (ग़ज़ल) ज़िन्द़गी का हौस़ला , तनहाईयाँ । काव्य की सुंदर कला, तनहाईयाँ । उलझ जाता ज़िन्द़गी की भीड़ में, सुलझातीं वह मामला तनहाईयाँ । वक्त जो तैयार करता , दोस्तों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 25 Mar 2017 · 1 min read राष्ट्र-भक्ति गीतिका शस्य-श्यामला इस धरती को , बारम्बार प्रणाम है । हरे-भरे-से इन खेतों को । मरुस्थलों की भी रेतों को । पर्वत,सागरऔर नदियों को। बीती गौरव की सदियों को । मंदिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 869 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 25 Mar 2017 · 1 min read ग़ज़ल ज़मानें ये जब भी ज़मानें न होंगे । तराऩें ये तब भी पुरानें न होंगे ।। अभी से न रोको क़लम का सफ़र तुम दिलक़श ये आगे बहानें न होंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 982 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 25 Mar 2017 · 1 min read वक्त आ गया है जबाव का वक्त आ गया है, जब़ाब का । हुए बहुत दिन घिसते-पिसते , वेईमानी का जीवन जीते । अब यह ढर्रा नहीं चलेगा , सही माल ही यहाँ गलेगा । लेख-जोख... Hindi · गीत 3 2 768 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 22 Mar 2017 · 1 min read ग़ज़ल एक नेता ने कहा है, आएंगे अब दिन अच्छे । प्यार के गीत ही गाएंगे, अब दिन अच्छे ।। अब न खाएगा कोई दर-ब-दर की ठोकर , ठांव सबके ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 870 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 17 Mar 2017 · 1 min read फाग गीत आओ मिलकर गाएं फाग । छेड़ें समरसता का राग । । हुए बहुत दिन लड़ते-लड़ते , बात-बात पर खूब झगड़ते । लेकिन बात बनी न अब तक, फिर क्यों ?... Hindi · गीत 3 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 21 Feb 2017 · 1 min read वसंत का स्पर्श वसंत का स्पर्श अब आनंद नहीं है आदमी की आँखों में । 'जले पर छिड़का गया नमक है ।' कोई आशा बाकी नहीं है आदमी के भीतर सोये आदमी के... Hindi · कविता 3 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 31 Jan 2017 · 1 min read अपने बेटे के लिए ( समकालीन कविता ) बेटे ! मेरी रफ़्तार के लिए तब्दील होते थे दुनियाँ की तमाम रफ़्तारों में मेरे पिता । कई बार सुख का तमाम आनंद महसूस करने के बाबजूद दुख के महासमुद्र... Hindi · कविता 4 4 3k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ दो नदियों का मेल कराती हैं बेटियाँ । प्यार की धारा ही बहाती हैं बेटियाँ । संजीदगी से करती हैं कठनाईयों को पार सहयोग का दस्तूर चलाती हैं बेटियाँ ।... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 4 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 1 Jan 2017 · 1 min read ग़ुजरा साल पुराना नई-नई सौगातें देकर, ग़ुजरा साल पुराना । नोटों को भी बंद करा कर , बाजारों को मंद करा कर । नयी व्यवस्था की कोशिश में, तुगलकी फ़रमान दिला कर ।... Hindi · गीत 3 4 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 31 Dec 2016 · 1 min read आदमी (नवगीत) नवगीत श्याम-पट पर अक्षरों-सा नहीं चमकता आदमी । अक्षरों पर श्याम-पट-सा काला दिखता । ज़हर ज़माने का काग़ज पर है यह लिखता । अंधकार में जुगनू जैसा नहीं दमकता आदमी... Hindi · गीत 3 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 28 Dec 2016 · 1 min read हवा बह रही अंदर हवा है । चल रही बाहर हवा है । वक्त के द्वारा जो चलतीं, आँधियों का डर हवा है । एक हवा से दूसरी तक, दिख रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 25 Dec 2016 · 1 min read नोट-बंदी हर तरह से हर गति अब आज मंदी हो गई । जब से मेरे देश में ये , नोट-बंदी हो गई । मिट्टी के भाव से बिकता है किसानों का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 12 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 20 Dec 2016 · 1 min read नवगीत शिशिर अब, रोमांस नहीं , गुनगुनाती धूप में । आँख की गहराई में आँसुओं का जलधि है । ज्वार- जैसा उछल जाना सदा इसकी. नियति है । वर्जना की काई... Hindi · गीत 3 6 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 16 Dec 2016 · 1 min read ज़िंदग़ी सिगरेट का धुआँ (नवगीत) ज़िंदग़ी सिगरेट का धुआँ । कहीं खाई, कहीं कुआँ । ज़रदे जैसी यह ज़हरीली , लाल - हरी और नीली-पीली । बढ़ती देख सदा जलती है , जैसे जले रुआँ... Hindi · गीत 4 11 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 14 Dec 2016 · 1 min read कचरे का ढेर कमाया , ठीक कमाया और बहुत कमाया ; नाम भी , धन भी । अपनी कला से किया लोगों का मनोरंजन भी । नगर-नगर गलियों-गलियो में खूब मचाई धूम ।... Hindi · कविता 3 6 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 12 Dec 2016 · 1 min read जंगली और पालतू कुत्ते की मित्रता (व्यंग्य- कविता) जंगल से इक आया कुत्ता । बूटी मुँह में दाबे कुत्ता । उसे देखकर भौंका कुत्ता । जंगल के फिर उस कुत्ते को, इस कुत्ते ने मित्र बनाया । मालिक... Hindi · कविता 4 8 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 11 Dec 2016 · 1 min read आज दुनियाँ बन गई बाजार है. (गीतिका) गीतिका छंद-आनंद-वर्धक, मापनी- २१२२,२१२२,२१२ । (गालगागा,गालगागा,गालगा) सीमान्त- आर, पदान्त- है । गीतिका आज दुनियाँ बन गई बाजार है । आदमी को लाभ की द़रक़ार है । भाड़ में जाए धरम,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 8 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 8 Dec 2016 · 1 min read यश के पाँवों में छाले हैं जो भी घर के रखवाले है, उनके होंठों पर ताले हैं । धूल सभ्यता की आँखों में, यश के पाँवों में छाले हैं । कल तक हम जिन पर थे... Hindi · गीत 4 14 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 7 Dec 2016 · 1 min read अपनी बिटिया के लिए । चौपाई आधारित गीतिका । 16,16 मात्राओं की यति पर चार चरण। अतिप्रिय मेरी चपल बालिका । अंक-गणित की अंक-तालिका। उचित रसायन यह जीवन का , यही भौतिकी मनोभाविता । हिन्दी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 12 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 5 Dec 2016 · 1 min read लेखनी. (हिंदी ग़ज़ल) कर्तव्य का ही बोध , कराती है लेखनी । इस देह को मनुृष्य , बनाती है. लेखनी । अंतर की वेदना न कवि क्यों मुखर करे ? पथ-पथ पै नेह-पुष्प... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 8 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 30 Nov 2016 · 1 min read ग़ज़ल द्वेष-भाव के काफ़िले हैं । मज़बूरी में प्राण हिले हैं । अकिंचन की वेदना में , आशाओं के ग़ुल खिले हैं। धैर्य मानव में नहीं अब , त्याग के ढहते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 14 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 25 Nov 2016 · 1 min read मेरा हर्ष मनाया जाए (शाश्वत-गीत) जिस दिन मैं दुनियाँ से जाऊँ, मेरा हर्ष मनाया जाए। हुए बहुत दिन जिंदा रहते, अब तो मरना ही होगा । साँसों के आने-जाने को, अब तो थमना ही होगा।... Hindi · गीत 3 14 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 21 Nov 2016 · 1 min read समझौता लड़की, बीड़ी की टोकरी लिए जाती है, कारख़ाने रोज़-ब-रोज़ । ठेकेदार घूरता है उसे श्वान की तरह, ताकता है, उसकी देहयष्टि । जैसे कि- लड़की बीड़ी है, या बीड़ी ही... Hindi · कविता 3 4 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Nov 2016 · 1 min read ग़ज़ल ख़ूब़सूरत ग़ुनाह हो जाए। दिल ये उन पै तब़ाह हो जाए। फ़लसफ़े छोड़ दो अरे वाइज़, द़ीद की जो पनाह़ हो जाए । मेरा तेरे सिवा नहीं कोई , इसका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 6 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Nov 2016 · 1 min read अपेक्षायें भाईयों-बहिनों को चाहिए, भाई ज़िम्म़ेवार। माता-पिता को पुत्र पूरा। समाज को इंसान जो जिए दूसरों के लिए । देश को चाहिए सच्चा देशभक्त । मित्रों को चाहिए मित्रता अनपेक्षित सहयोग... Hindi · कविता 2 10 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 18 Nov 2016 · 1 min read रचा नहीं कोई गीत नया हुए बहुत दिन सुनो दोस्तो, रचा नहीं कोई गीत नया । किसी साँप की तरह रेंगता, ग़ुजर रहा है , दिन मेरा । विच्छू जैसा डंक उठाये , अस्थिर है... Hindi · गीत 2 11 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 17 Nov 2016 · 1 min read सरस्वती वंदना वीणावादिनी तू जन-मन में देशभक्ति भर दे । दुर्बल आत्मनिर्भर हो जाएँ ऐंसी शक्ति भर दे। नई-नई कोमल कलियों को खिलने का पूरा अवसर हो । राष्ट्र बने मजबूत विश्व... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 10 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 16 Nov 2016 · 1 min read तुम और पक्षी तुम्हें अच्छी नहीं लगती, पक्षियों की स्वच्छंद उड़ान, क्योंकि-तुम उड़ ही नहीं सकते। तुम्हें भाता नहीं है, पक्षियों का निडर होकर चहकना । क्योंकि-तुम जहाँ गंभीर हो, वहाँ महज़ दिखावा... Hindi · कविता 2 6 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 15 Nov 2016 · 1 min read किवाड़ या भय ये केवल किवाड़ नहीं हैं । ये जब बोलते हैं , तो सहम जाती है माँ । ये जब हिलते हैं तो ठिठक-से जाते हैं पिता । इनका बंद रहना... Hindi · कविता 5 18 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 14 Nov 2016 · 1 min read जीने का ढंग जब कभी भी देखता हूँ , इस फैले आकाश में करते हुए स्वच्छंद विचरण पक्षियों के झुण्ड को । तो,मन कुछ चाहता है,सीखना , मसलन एकता , या केवल एकता... Hindi · कविता 2 4 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 13 Nov 2016 · 1 min read आदमी से हटकर यदि हम , कुछ पाना चाहते हैं तो वह यह कि- हम पाना नहीं चाहते अपने ही भीतर खोया हुआ आदमी. । यदि हम कुछ करना चाहते हैं, तो यह... Hindi · कविता 2 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 13 Nov 2016 · 1 min read आदमी (3) राशन ख़रीदने किसी कठारख़ाने की दूकान पर, जो लगी हो लम्बी-सी कतार । किस चीज की है वह कतार , यह कुछ-कुछ समझ में आने बाली बात है । प्रमाणपत्र... Hindi · कविता 2 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 13 Nov 2016 · 1 min read आदमी (2) भूगोल पर धुआँ फूँकता ले जाना चाहता है विज्ञान को , एक सख्स़़ आकाश तक। जिसे हम आदमी के नाम से जानते हैं । और वह आदमी बेख़बर है पूरी... Hindi · कविता 2 4 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 13 Nov 2016 · 1 min read आदमी (1) श्याम-पट पर अक्षरों की तरह चमकदार नहीं है आदमी । आदमी अब अक्षरों पर श्याम-पट की तरह काला और उपयोग के बाद दीवाल पर किसी कील के सहारे टाँगे गए... Hindi · कविता 2 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 12 Nov 2016 · 1 min read हरे रामा , हरे कृष्णा उम्र ज्यों-ज्यों बढ़ रही है। वुद्धि-सी कुछ आ रही है। यूँ लगे जैसे कि- मुरली , कान में कुछ गा रही है । कर्म-पथ की राह कान्हा , मन को... Hindi · कविता 2 6 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 12 Nov 2016 · 1 min read मुक्तक कहना मेरा मानो , तो कोई बात बने । कुछ करने की ठानो, तो कोई बात बने। यूँ तो पहचानते हैं,लोग यहाँ लोगों को , पर तुम खुद को जानो,तो... Hindi · मुक्तक 2 4 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 10 Nov 2016 · 1 min read प्रधानमंत्री या सेवक मेरे नहीं है कोईआगे। मेरे नहीं है कोईपीछे। भारतमाता की रक्षा में, इसीलिए हूँ आगे-आगे । पीछे केवल प्यार आपका, जो मुझको संबल देता है, यही भरोसा , यही प्यार... Hindi · कविता 3 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 10 Nov 2016 · 1 min read कभी-कभी कभी-कभी ढोना पड़ती है पृथ्वी अपने ही कंधों पर । अपने लिए नहीं, समाज की रक्षा के लिए । कभी-कभी बाँधना पड़ता है आकाश को भी सीमाओं में । क्षितिज... Hindi · कविता 4 4 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 9 Nov 2016 · 1 min read कुण्डलिया (समसामयिक) मोदी के फ़रमान पर ,बंद हुए जो नोट । यू.पी.मेें फीके पड़े , अग्र चुनावी वोट । अग्र चुनावी वोट, शिकस्त़ जो हमने खाई । तिल-तिल सड़ने लगी,हमारी काली सभी... Hindi · कुण्डलिया 2 4 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 8 Nov 2016 · 1 min read खाँसी खाँसी वास्तव में खाँसी नहीं है, प्रतीपगमन है भावनाओं का । यानि - सिर्फ़ आगे बढ़ना , या सिर्फ़ पीछे मुड़ना । खाँसी,खाँसी नहीं प्रकार है , जैसे- मेरी खाँसी... Hindi · कविता 2 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 8 Nov 2016 · 1 min read प्रेम (3) कितना ज़रूरी है, किसी कली को पनपने के लिए, किसी और कली का फूल बनना , फिर मुरझाना और फिर डाली से विलग होकर भूमि पर गिर, नष्ट कर देना... Hindi · कविता 2 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 8 Nov 2016 · 1 min read प्रेम (2) तुम्हें पाना ही सब नहीं है । जीवन सार्थक भी नहीं होता मात्र तुम्हें पाने भर से । बल्कि-बहुत कुछ त्यागना ,सहना और खोना पड़ता है, तुम्हें पाने के बाद... Hindi · कविता 2 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 8 Nov 2016 · 1 min read प्रेम (1) बात कविता की हो, या जीवन के किसी भी पहलू की । हर क्षण की शुऱुआत से पहले ज़िक्र तुम्हारा होता है। तुम्हें पाये बिना या तुम्हें खोजे बिना ,... Hindi · कविता 3 4 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 8 Nov 2016 · 1 min read संघर्ष जब , गहरी ख़मोशी में तब्द़ील होती है, बच्चों की किलकारी । जब , गिरने लगता है स्वेद, माँ के शांत माथे से । जब , गीला करती हैं धरा... Hindi · कविता 2 6 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 7 Nov 2016 · 1 min read क्षणिकाएँ (1) मानव-जीवन , ज्यों-सरिता है। आँसू त्यों- पूरी कविता है। (2) मानव-जीवन सागर है । भरी ज्ञान की गागर है। गोता लेते गोता-खोर । बाकी चोरी करते चोर । (3)... Hindi · कविता 1 8 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 7 Nov 2016 · 1 min read वेदना वीणा-सी झंकृत होती, आवाज माँ की , अब सहमी हुई है,दो बरस से । माथे से बहता स्वेद, और पैरों में पड़े हुए छालों के साथ, पच्चीस कोस पर होता... Hindi · कविता 2 6 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 7 Nov 2016 · 1 min read लापरवाह माली बेशक ! जिस तरह खिलना चाहिए उस तरह अब नहीं, खिल रही हैं कलियाँ । फूलों की मधुर गंध से वंचित हैं, आज गलियाँ। इसलिए-नहीं कि-बाग में कोई माली नहीं... Hindi · कविता 2 4 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 6 Nov 2016 · 1 min read कवि और पाठक अन्वय,अर्थ है आपका , लिखना अपना काम । श्रवणभक्ति-फल आपका, अपने केवल राम । विश्लेषण है,आपका, अपनी केवल बात । दिन पूरा है,आपका, अपनी केवल रात । दुनियाँ सारी आपकी,... Hindi · कविता 2 6 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 6 Nov 2016 · 1 min read आँसू दृगों से छलकता नीर ही परिचय नहीं है,तुम्हारा । त्रासदी के क्षणों में निकले जल-बिंदु भी नहीं बता सकते, तुम्हारा रूप व सौंदर्य । प्रसन्नता की स्वर-लहरी में तुम निकलते... Hindi · कविता 2 7 1k Share Previous Page 5