Comments (11)
19 Nov 2016 11:23 PM
Energetic Poetry .
ईश्वर दयाल गोस्वामी
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28 Nov 2016 12:39 AM
धन्यवाद मित्रवर ।
19 Nov 2016 04:01 PM
Es geet ke madhm se aapne hr verg ko ek seekh dene ka behtreen pryas kiya hai…. Nice poetry.
ईश्वर दयाल गोस्वामी
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19 Nov 2016 04:02 PM
धन्यवाद मित्रवर।
18 Nov 2016 08:31 PM
Excellent.
ईश्वर दयाल गोस्वामी
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28 Nov 2016 12:39 AM
धन्यवाद बेटा
18 Nov 2016 01:41 PM
सुर न सधे, क्या गाऊँ मैं,
सुरेश के बिना जीवन सूना।
ईश्वर दयाल गोस्वामी
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28 Nov 2016 12:40 AM
वाह क्या बात है पाण्डेय जी ?
ईश्वर दयाल गोस्वामी
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18 Nov 2016 03:07 AM
यह गीत आज के मनुष्य की मनोदशा एवं व्यथा के चित्रण का मेरा एक प्रयास है जिस पर आप सभी प्रवुद्ध पाठकों की प्रतिक्रियाएँ अपेक्षित हैं ।
आशा का संचार करती रचना… बहुत खूब!
धन्यवाद मित्रवर