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Comments (18)

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अत्यंत मर्म स्पर्शी

मेरी कविता माँ :जीवन का पर्याय को वोट कीजिए मुझे कृतार्थ कीजिए

19 Nov 2016 03:54 PM

Excellent.

धन्यवाद मनीष जी ।

18 Nov 2016 08:39 PM

Excellent.

धन्यवाद मनीष जी
धन्यवाद बेटा।

रामनाम मणि दीप धर, जीह देहरी द्वार।
तुलसी भीतर बाहरौ, जो चाहत उजयार।

धन्यवाद मित्रवर।

गंभीर रचना।

धन्यवाद मित्रवर।

15 Nov 2016 06:59 PM

Very beautiful lines sir

धन्यवाद बेटा ।

धन्यवाद बेटा।

बहुत ही शानदार रचना।

शानदार गोस्वामी जी

धन्यवाद मित्रवर।

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