Saraswati Bajpai 231 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Saraswati Bajpai 3 Mar 2022 · 2 min read क्या युद्ध इस सदी में विकास साक्ष्य है? इक्कीसवीं सदी में हम सब जी रहे साक्ष्य हम वैश्विक प्रगति के बन रहे । किन्तु ये क्या प्रगति जो ? बस संसाधनों तक व्याप्त है । मानसिक प्रगति के... Hindi · कविता 1 520 Share Saraswati Bajpai 2 Mar 2022 · 1 min read कुछ स्मृति विस्मृति के पार कुछ स्मृति विस्मृति के पार मन जोहे है उनकी बाट कुछ मीठी सी कुछ तीखी सी कुछ संग अपने है अविराम । समय नहीं रुकता पल भर भी उसके पथ... Hindi · कविता 1 225 Share Saraswati Bajpai 1 Mar 2022 · 1 min read हे चन्द्रशेखर गंगमौलि हे चन्द्रशेखर गंगमौलि जगत के अभयंकर । सृष्टि के संचालक जगकर्त्ता जगहर्त्ता । शरण में अपनी गहो संयमन की सीख दो। हे नीलकण्ठ महादेव भूत पति उमापते । किया पावन... Hindi · कविता 1 426 Share Saraswati Bajpai 28 Feb 2022 · 1 min read विष का प्याला हे शिव विष का सघन ज्वार है मन में भी अति द्वन्द्ध अपार है। विष का प्याला मेरे कर में निश्चय ही ये पीना होगा । किन्तु साथ ये शर्त... Hindi · कविता 1 378 Share Saraswati Bajpai 27 Feb 2022 · 1 min read ये वक्त है ये वक्त है, ये वक्त है । कहीं छांव है दरख्त सी कहीं धूप की शिकस्त है ये वक्त है, ये वक्त है। लगता कभी अपना सा है पल में... Hindi · कविता 1 243 Share Saraswati Bajpai 25 Feb 2022 · 1 min read पापा मैं तेरी बिटिया हूं पापा मैं तेरी बिटिया हूं तुमसे ही पहचान मिली । आंख खुली मां की गोदी में पढ़ी बढ़ी मैं यहीं खिली । सब कर्तव्य निभाये तुमने सघन प्रेम की छाया... Hindi · कविता 1 252 Share Saraswati Bajpai 20 Feb 2022 · 1 min read प्रकृति का मिलन आज आंख खुलते ही मेरी कुछ अद्भुत अहसास हुआ। प्रात आज आनन्दमयी है देखा बाहर उल्लास हुआ। धरती की वो सघन प्रतीक्षा वारिद से मिल पूर्ण हुई । महक उठी... Hindi · कविता 1 262 Share Saraswati Bajpai 20 Feb 2022 · 1 min read बदरी चली है पिय मिलन को देखो वो बदरी चली है पिय मिलन को । तन में सिहरन मन मिलन की धुन में गुम छोड़कर पीहर चली है पिय वरण को। देखो वो बदरी चली है... Hindi · गीत 1 580 Share Saraswati Bajpai 19 Feb 2022 · 1 min read कुछ पाना आसान नहीं यूं ही नहीं आंखें अब भींगती हर बात पर सब अहसास समेटे है तब ज़िन्दगी सजाई है । संभले हाथों का सफर है पाषाण से प्रतिमा होना मौन घुटे जब... Hindi · कविता 1 421 Share Saraswati Bajpai 19 Feb 2022 · 1 min read हृदय का स्पन्दन संगीत हो मन ये गाये जिसे तुम वही गीत हो इस हृदय में स्पन्दन का संगीत हो मन की उद्भावना वत्स मानस मेरे मेरी पूजा का फल प्रीत की रीत हो ।... Hindi · कविता 1 260 Share Saraswati Bajpai 18 Feb 2022 · 1 min read तुम शब्द मैं अर्थ बनूं तुम बनो शब्द सा यदि प्रवाह, मैं अर्थ की धारा बनूं । तू एक पग आ तो सही मैं चार पग आगे बढूं । तुम साथ दो मेरा अगर न... Hindi · कविता 1 368 Share Saraswati Bajpai 18 Feb 2022 · 1 min read कैसे मैं खुशियां पिरोऊं ? बरस सोलह जिन्दगी के संग तेरे है रचे। जाने कितने शीत ताप संग में हमने सहे। हम कभी विचलित हुए और कभी तुम भी थके। किन्तु सब नैराश्य तज फिर... Hindi · कविता 1 349 Share Saraswati Bajpai 16 Feb 2022 · 1 min read लॉक डाउन पर मरीचिका के पीछे बहुत भागे अब थोड़ा आराम करते हैं । वक्त की भी नज़ाकत यही वक्त के संग संग चलते हैं । चलो अब बस कुछ दिन घर पर... Hindi · कविता 1 233 Share Saraswati Bajpai 16 Feb 2022 · 1 min read कोरोना वैश्विक आपदा पर यह विश्व विजन सब स्थिर सा वैश्विक व्याधि जब है समक्ष । सामर्थ्य, शक्ति, चहुं और प्रगति है सब निस्सार निष्फल प्रयत्न। है भान सभी को व्याधि बड़ी अन्तर के... Hindi · कविता 1 296 Share Saraswati Bajpai 16 Feb 2022 · 1 min read एक राष्ट्र है एक ताल है। प्रस्तुत कविता वैश्विक आपदा कोरोना काल की प्रथम लहर के समय लॉकडाउन की स्थिति में जब हम सब डरे सहमे से असमंजस की स्थिति में थे, तब हमारे माननीय प्रधानमंत्री... Hindi · कविता 2 316 Share Saraswati Bajpai 15 Feb 2022 · 2 min read कर्ण -एक अप्रतिम योद्धा कर्ण एक अप्रतिम योद्धा अति दानवीर व शीलवान जिसे नियति ने सदा छला स्वर्णिम इतिहास वो युग प्रधान। सूर्य पुत्र कौन्तेय था वह सूत पुत्र बन गया । देयता ही... Hindi · कविता 1 505 Share Saraswati Bajpai 14 Feb 2022 · 1 min read मेरे सहचर मेरे प्रियवर जीवन डगर के ओ सहचर, पहचान मेरी तुमसे प्रियवर। मेरे सिर की छत तुमसे है, मैं तेरी ही छाया सहचर। प्रीति से अपनी बना ये घर, मेरे सहचर मेरे प्रियवर... Hindi · गीत 1 308 Share Saraswati Bajpai 13 Feb 2022 · 1 min read प्रेम यहां कण - कण में है राधा कृष्णा की भूमि है ये, प्रेम यहां कण-कण में है। प्रेम यहां की मिट्टी में तरुवर में और जल में है। है कृष्ण यशोदा प्रेम यहां जो अमर सूर... Hindi · कविता 1 366 Share Saraswati Bajpai 13 Feb 2022 · 1 min read बसंत मेरे हिस्से का बसंत बस अब अंत कर दो। झर रहे सब पात का, हो रहे उत्पात का, मन के हर आघात का। है सुना सबसे ही मैंने और खुद जाना भी है... Hindi · कविता 1 383 Share Saraswati Bajpai 12 Feb 2022 · 1 min read Who are you? If you care for human being, If you believe In God's reign. If you know; Time is great You are educated Or else literate. English · Poem 445 Share Saraswati Bajpai 12 Feb 2022 · 1 min read Terrorism Tyrany, terrorism and terror, all the world is full with ferror. where you God? and your scepter; All souls want now Peace in your Kind shelter. English · Poem 492 Share Saraswati Bajpai 12 Feb 2022 · 1 min read Dowry Till the creation; of all human being, often, I saw; animal's purchaser, But never men's Purchasers seen. English · Poem 1 224 Share Saraswati Bajpai 11 Feb 2022 · 1 min read मेरा जीवन बंजारा मेरा ये जीवन बंजारा, मेरे मन को भाता है। फूलों के संग शूलो सा, सुख दुःख से अपना नाता है। सुख की है परवाह किसे संघर्ष ही अपने साथी हैं।... Hindi · कविता 1 245 Share Saraswati Bajpai 11 Feb 2022 · 1 min read मैं पुकारूंगी सदा मैं पुकारूंगी तुम्हें, हर बोल में बोलो न बोलो। साधना हो तुम्हीं मेरी, संग में ले लो न ले लो। मेरे जीवन का तुम ही , आगाज़ हो व अन्त... Hindi · कविता 1 228 Share Saraswati Bajpai 10 Feb 2022 · 1 min read श्वेत पद्मासीना मां शारदे श्वेत पद्मासीना मां शारदे वीणा के स्वर आज फिर से संवार दे। जागृति हो मन की दिशा हो प्रकाशित, ज्ञान कुञ्ज महके देश हो सुवासित। कलुषता मिटे मन की मृदुलता... Hindi · कविता 1 222 Share Saraswati Bajpai 9 Feb 2022 · 1 min read सब तुम्हारी राह में .... चुन रहे थे पुष्प हम बस सब तुम्हारी राह में, किन्तु ये क्या? कांटो से सब बिंध गये है हाथ मेरे। तुम मगर बस देखते हो पुष्प की मालिन्यता, रक्त... Hindi · कविता 1 268 Share Saraswati Bajpai 9 Feb 2022 · 1 min read मैं दिया बन जल उठूंगी रात्रि के काले अंधेरे और अमावस के दिनों में, मैं तेरे आंगन की देहरी में दिया बन जल उठूंगी। भरूंगी आलोक पथ में सहचरी बन संग चलूंगी। दौड़कर जा पथ... Hindi · कविता 1 309 Share Saraswati Bajpai 8 Feb 2022 · 1 min read क्या संग मेरे आओगे? सुनो मेरी राह में बहुत गिरि कानन खड़े है, ऐसी दुर्गम राहों में, क्या साथ तुम चल पाओगे? क्या संग मेरे आओगे? वेदना से तप्त हो मन ये मरूभूमि हुआ... Hindi · कविता 1 332 Share Saraswati Bajpai 8 Feb 2022 · 1 min read स्वप्न थे कुछ और हासिल कुछ है स्वप्न थे कुछ और हासिल कुछ हैं बिखरा बिखरा अन्तर्मन है ये पीड़ा बस मात्र न मेरी ये पीड़ा हर मन का धन है। कुछ स्वप्नों को तो प्रयत्न लाघव... Hindi · कविता 1 443 Share Saraswati Bajpai 6 Feb 2022 · 1 min read लता दीदी को श्रद्धाञ्जलि सामवेद की आराध्या वो स्वर साम्राज्ञी स्व लोक गईं । दे अमिट छाप इस जग को निज स्वर मन्दिर का नैवेद्य हुईं । वीणापाणि की सुता वो प्रिय शायद थी... Hindi · कविता 2 2 333 Share Saraswati Bajpai 6 Feb 2022 · 1 min read संक्रमण का दौर सुधी पाठकों आप सब से मिल रहे प्रेम व उत्साह के लिए आभार। इस कविता में संक्रमण से तात्पर्य जीवन में दुर्भाग्य के काल चक्र से है जो हमारे पूरे... Hindi · कविता 1 499 Share Previous Page 5