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कल आप कोसोगे खुद को
Bhupendra Rawat
बस्ती जलाने तुम ही आगे आए थे
Bhupendra Rawat
हिंसा और परिणाम
Bhupendra Rawat
तुम्हें अपने ऊपर गुमाँ बहोत है तुम्हारे जैसे इंसा बहोत है
Bhupendra Rawat
ज़िन्दगी की दौड़ में
Bhupendra Rawat
हम तो ठहरे मुसाफिर
Bhupendra Rawat
लिबास ओढ़कर नया साल आ गया
Bhupendra Rawat
कोई झूठे वादें नही करता
Bhupendra Rawat
मैं जुगनुओं को पनाह देता हूँ
Bhupendra Rawat
तुझे पाकर खुद को भूल गया हूँ मैं देख अब तुझ सा हो गया हूँ मैं
Bhupendra Rawat
मशरूफ है वो अब उन्हें मशरूफ रहने दो
Bhupendra Rawat
वो अब सताने लगें है सपनो में भी आने लगे है
Bhupendra Rawat
दर्द था जख्म का पता भी नहीं
Bhupendra Rawat
तुझे देखने को चाह में
Bhupendra Rawat
जब देश के रक्षक खुद भक्षक बन जाते है
Bhupendra Rawat
ना ही था वो ना ही कोई मैं था
Bhupendra Rawat
एक सुंदर उपहार होती है बेटियां
Bhupendra Rawat
काश मैं भी होती पत्थर की मूर्त
Bhupendra Rawat
क्यों तुम दूर चली गई
Bhupendra Rawat
सदा तुम यूं ही मुस्कुराते रहना
Bhupendra Rawat
हां भारत देश बदल रहा है
Bhupendra Rawat
कविता बनाई नहीं जाती
Bhupendra Rawat
गुमसुम रहने की आदत हो गयी है
Bhupendra Rawat
रहने दे तू मेरे पास तो है
Bhupendra Rawat
आओ एक दूजे से कुछ सलाह मशविरा कर लेते है
Bhupendra Rawat
माँ मेरे साथ मेरा साया बना फिरती है
Bhupendra Rawat
तेरी यादे मुझे तेरे से रिहा होने नहीं देती
Bhupendra Rawat
मिलन तो दो रूह का होता है क्यों लोग जिस्म का खेल समझते है
Bhupendra Rawat
कितनी अजीब कहानी है प्यार उनका अब मेरे लिए निशानी है
Bhupendra Rawat
अब उस बेवफ़ा से दिल क्या लगाना
Bhupendra Rawat
बस माँ समझ पाती है
Bhupendra Rawat
अब वो पुरानी किताब मांगता है
Bhupendra Rawat
तन रही है बंदूके नेताओ की बोली पर
Bhupendra Rawat
अब दवाओं में भी वो बात नही
Bhupendra Rawat
आईने ने भी सच दिखाना छोड़ दिया
Bhupendra Rawat
लब मेरे अब मुस्कुराने लगे है नाम अब तेरा गुनगुनाने लगे है
Bhupendra Rawat
कांटो ने जीने का सलीखा नही सीखा
Bhupendra Rawat
गम की आंधियो से बाहार निकल आया हूँ
Bhupendra Rawat
बिन माँ इस सृष्टि का वजूद नही
Bhupendra Rawat
पढ़ते सब शौक से है ग़ालिब को मर कर भी जिंदा दास्तान बन बैठे है
Bhupendra Rawat
खामोशी एक ही सवाल पूछती है
Bhupendra Rawat
मत कुचलो दबे अरमानो को
Bhupendra Rawat
ये अपना ज़माना ना था दर्द उसे दिखाना नहीं था
Bhupendra Rawat
तेरे इश्क़ में गुमनाम हो गया
Bhupendra Rawat
तुम मेरी जान लेकर क्यों ऐसा करती हो
Bhupendra Rawat
कभी रोना तो कभी मुस्कुराना भी पड़ता है
Bhupendra Rawat
खुश रहे वो हर पल ज़िन्दगी में
Bhupendra Rawat
नहीं चाहिए वो दिन वो राते जिसमे तेरा एहसास ना हो
Bhupendra Rawat
अब खुद से अनजान बन बैठा हूँ
Bhupendra Rawat
तुम अब जलाते बहुत हो
Bhupendra Rawat