Language: Hindi
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चमकता है चाँद अँधेरे में तीरगी ए शब में तारे भी चमकते होंगे
Bhupendra Rawat
अब दिल लगा कर वो इश्क में सदा के लिए दूर जाना चाहता है
Bhupendra Rawat
जिंदगी नही मौत गले लगा ली हमने
Bhupendra Rawat
दिन में भी तुम रात में भी तुम हो मेरे अंदर छिपे जज़्बात में भी तुम हो
Bhupendra Rawat
आँखों में थोड़ा इंतज़ार होना चाहिए सन्म से थोड़ा प्यार होना चाहिए
Bhupendra Rawat
ज़िन्दगी जलती हुई सिगार बनकर रह गयी
Bhupendra Rawat
वो जीने की अब दुहाई दे रहा
Bhupendra Rawat
मेरी हर नज़्म की शुरुआत हो तुम
Bhupendra Rawat
अपना ऐसा मिजाज़ रहने दो खुद का खुद में राज रहने दो
Bhupendra Rawat
क़िस्मत जिसकी रूठ गयी होगी
Bhupendra Rawat
सँघर्ष तो ज़िन्दगी भर चलता ही रहेगा
Bhupendra Rawat
जो नारी का अपमान करेगा जग क्यों उसका सम्मान करेगा
Bhupendra Rawat
ज़िन्दगी में ऐतबार कौन करे
Bhupendra Rawat
दर्द है, आँखों से मोती बन निकल ही जायेगा
Bhupendra Rawat
ना पूछो तुम हाल मेरे दिल का हो गया हाल बेहाल इस दिल का
Bhupendra Rawat
ख़्वाबों में दुनिया अपनी, बनाए बैठे है
Bhupendra Rawat
लबों को सिना जरूरी है जाम दर्द का पीना जरूरी है
Bhupendra Rawat
बीते हुए पलों को याद कर मुस्कुराना ही तो ज़िन्दगी है
Bhupendra Rawat
लोग क़रीब बुलाते है क्यों
Bhupendra Rawat
जख्म आज भी ताजे हो जाते है
Bhupendra Rawat
ज़िंदगी भर उनकी निगाहों में रहा जैसे बहती हुई फ़िज़ाओं में रहा
Bhupendra Rawat
लोग हमेशा सताते रहे
Bhupendra Rawat
समा गयी है तू मेरे भीतर
Bhupendra Rawat
प्रक्रति ने हम सब पर उपकार किया है
Bhupendra Rawat
प्रकति से मत करो खिलवाड़
Bhupendra Rawat
हमारा शरीर भी प्रकृति का मिश्रण है।
Bhupendra Rawat
थोड़ा सा सुकूँ चाहिए हर शाम के बाद.
Bhupendra Rawat
वो मुलाकात भी मुलाकात क्या थी
Bhupendra Rawat
आज फिर यादों का जन्म हो गया
Bhupendra Rawat
ख़्वाबों को ही अब हम अपना बताते है
Bhupendra Rawat
दिल नदा बच्चा होता है तभी तो प्यार सच्चा होता है
Bhupendra Rawat
अभी चेहरे पर हिजाब रहने दो
Bhupendra Rawat
इंसानियत का हिज़ाब गायब है
Bhupendra Rawat
हम एक देश के वासी है ये हिन्दुस्ता हमारा है
Bhupendra Rawat
अब तुझे दिल की बात बतानी जरूर है
Bhupendra Rawat
ये कैसा हादसा हुआ है
Bhupendra Rawat
कभी धुप तो कभी छाव सी है ये ज़िन्दगी
Bhupendra Rawat
नेता जी को चढ़ा बुखार क्यूंकि चुनाव पड़े है अबकी बार
Bhupendra Rawat
जब तू ही अंजान बन बैठी है
Bhupendra Rawat
इश्क की गलियों में जनाब दिल सच्चा सा लगता है
Bhupendra Rawat
बदलते युग में शिक्षा के बदलते उद्देश्य और महत्व
Bhupendra Rawat
मैं तुम्हे नाम देती हूँ मुझे पहचान तुम देना
Bhupendra Rawat
अब वो यार हमारा है देखिये
Bhupendra Rawat
मरहम के नाम पर जख्म देकर कहाँ चल दिये
Bhupendra Rawat
इंसानियत सबकी मर गयी जग उठा शैतान
Bhupendra Rawat
नबी नही ज़ालिम वाइज वो
Bhupendra Rawat
खुद पर गुमान कैसा है
Bhupendra Rawat
दिल लगाना कब मना है
Bhupendra Rawat
इश्क़ में वफ़ा कीजिए
Bhupendra Rawat
अब इंतज़ार क्या करना
Bhupendra Rawat