Mamta Singh Devaa 445 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Mamta Singh Devaa 27 Sep 2020 · 1 min read " ढलती उम्र " ये अजीब सी उम्र है बिन बुलाये ही आ जाती है शान से अपना हक जता कर अपने बारे में बतलाती है , इस ढ़लती उम्र में भी मन पहले... Hindi · कविता 2 1k Share Mamta Singh Devaa 21 Sep 2020 · 1 min read " माया नगरी " माया नगरी की अद्भुत माया तो अंतहीन है इसके सामने बड़े से बड़ा जादूगर भी कौड़ी का तीन है , हमाम में सब नंगे हैं ये सब जानते हैं पर... Hindi · कविता 250 Share Mamta Singh Devaa 19 Sep 2020 · 1 min read बदलते रिश्ते वो स्वार्थ आसानी से समझ में आता है उसमें लिपटा मतलब का जब प्यार नज़र आता है कोई तो चाल है इसके पीछे नही तो भला कोई दुश्मन को गले... Hindi · कविता 2 2 297 Share Mamta Singh Devaa 19 Sep 2020 · 1 min read पूनम की रात सखी जरा तुम बताओ मुझे देखो यूँ ना सताओ मुझे , कैसी होती है ये पूनम की रात सुना है इसमें प्रेमी होते हैं साथ , चाँद सामने से सबको... Hindi · कविता 1 2 396 Share Mamta Singh Devaa 19 Sep 2020 · 2 min read सच क्या है ? सच क्या है ? वो जो सबको दिखलाया जाता है या वो जो पीछे छुपाया जाता है ? सच क्या है ? वो जो चिल्ला कर बताया जाता है या... Hindi · कविता 1 2 445 Share Mamta Singh Devaa 17 Sep 2020 · 4 min read " अम्माँ कल से मैं स्कूल नही जाऊँगीं " संस्मरण मैं क्लास फोर में थी रोज़ का नियम था स्कूल से घर के गेट में घुसती और स्कूल बैग बाउंड्री के बाहर ये बोलते हुये फेंक देती " अम्माँ... Hindi · कहानी 242 Share Mamta Singh Devaa 17 Sep 2020 · 3 min read " मान ऐसे भी रखा जाता है " बात बहुत पुरानी है हम पूरे परिवार के साथ हर त्योहार और शादियों में कलकत्ता से गांव ज़रूर जाते थे , इस बार भी गायत्री दीदी की शादी ( बड़के... Hindi · कहानी 404 Share Mamta Singh Devaa 17 Sep 2020 · 5 min read " किस्सा पहली यात्रा का " यात्रा वृतांत ( संस्मरण ) " किस्सा पहली यात्रा का " सन 1984 " बसंत महिला महाविद्यालय , राजघाट ,वाराणसी " ( जे० कृष्णमूर्ती जी का प्रथम फाउंडेशन ) में... Hindi · कहानी 1 2 728 Share Mamta Singh Devaa 16 Sep 2020 · 2 min read मुझे पुरूष नही बनना है.... कोई बताये क्या कमी है मेरे स्त्री होने में मैं खुश हूँ स्त्री का अस्तित्व स्वीकारने में , सृष्टि की सबसे सुंदर कृति सोने सी शुद्ध क्यों बनूँ मैं राम... Hindi · कविता 1 4 262 Share Mamta Singh Devaa 14 Sep 2020 · 3 min read " हिंदी को रुचिकर कैसे बनायें " हम सबके लिए विषय नया नही है हम सबने बचपन से घुट्टी के साथ हिंदी को भी पीया है लेकिन घुट्टी को तो स्वीकार लिया परंतु अपनी मातृभाषा हिंदी को... Hindi · लेख 1 2 436 Share Mamta Singh Devaa 14 Sep 2020 · 1 min read " हिंदी हमारी महान है " आज हिंदी दिवस पर ही नही बल्कि प्रतिदिन अपनी हिंदी का सम्मान किजिये और मान दिजिये.... सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं ??? " हिंदी हमारी महान है " किसी... Hindi · कविता 1 2 421 Share Mamta Singh Devaa 11 Sep 2020 · 1 min read " आंसा नही है आम आदमी होना " " आसां नही है आम आदमी होना " आम आदमी कितना आम सा शब्द है यही आम आदमी करता सबको निशब्द है , सब ख़ास अपनी ख़ास जिम्मेदारियां निभाते हैं... Hindi · कविता 1 4 371 Share Mamta Singh Devaa 11 Sep 2020 · 2 min read " डर " सांय - सांय सर्द हवा के साथ बारिश भी झमाझम हो रही थी महक को महसूस हुआ की मोहन ( सहायक ) की गलती से कहीं की खिड़की खुली रह... Hindi · लघु कथा 2 259 Share Mamta Singh Devaa 9 Sep 2020 · 1 min read " आत्मविश्वास " ज़िन्दगी के नकारात्मक पहलू हार मानने लगे हैं मेरे जबरेपन से डर कर अपनी आँख चुराने लगे हैं , हर छोटी - छोटी बात पर ये अकड़ने लगे थे अब... Hindi · कविता 2 269 Share Mamta Singh Devaa 9 Sep 2020 · 1 min read नक़ाब/चिलमन...एक अंतर अजीब कशमकश में घिरी बैठी हूँ समझ नही आता की मैं कैसे कैसों में नीरी बैठी हूँ , ये जो चेहरे हैं मेरे चारों तरफ पूरा यकीन है मुझे पूरे... Hindi · कविता 1 436 Share Mamta Singh Devaa 8 Sep 2020 · 1 min read लेखनी सच की लेखनी जब चलती है ना जाने कितनों की भवें चढ़ती उतरती हैं सच सामने आ रहा है ये देख कर जान सांसत में पड़ती है , उन्होंने कभी... Hindi · कविता 2 2 486 Share Mamta Singh Devaa 8 Sep 2020 · 1 min read नजर अपनी अपनी सबकी सोच की अपनी कहानी ग्लास आधा भरा है या आधा खाली सबके नजरिए की अपनी जुबानी , बेटी का दिल ससुराल में छलनी तो बहुत बुरा लगता है बहू... Hindi · कविता 2 2 320 Share Mamta Singh Devaa 6 Sep 2020 · 2 min read " ब्याज का बोझ " देखो निशाना चूकना नही चाहिए प्रमोद गीता से बोल रहा था...( गीता प्रमोद के बड़े पिता जी की बेटी जो कलकत्ते से गाँव आई थी ) , और निशाना भी... Hindi · लघु कथा 1 2 362 Share Mamta Singh Devaa 5 Sep 2020 · 1 min read " शिक्षक " शिक्षक दिवस पर मेरे सभी आदरणीय शिक्षकों के लिए...??? " शिक्षक " उम्र की हर दहलीज पर ना जाने कितने शिक्षक मिले कुछ कड़क कुछ नरम कुछ को मैं पसंद... Hindi · कविता 1 2 218 Share Mamta Singh Devaa 2 Sep 2020 · 2 min read " अपनी ही गरिमा खोती स्त्री " आज दोपहर के खाने पर रीदिमा की चाची सास अपने बेटी दमाद के साथ उसके घर आ रहे थे , आ तो वो मुंबई से दो दिन पहले ही गये... Hindi · लघु कथा 262 Share Mamta Singh Devaa 2 Sep 2020 · 1 min read " हम " तुम्हारे असंख्य शब्द शब्दों को जोड़ कर कितने वाक्य वाक्यों के अर्थ अलग - अलग पर सार यही कि तुम - मैं अधूरे पूर्ण होगें तब तुम - मैं से... Hindi · कविता 258 Share Mamta Singh Devaa 2 Sep 2020 · 1 min read " भरोसा " दोनों में इतना विश्वास तो ज़रूरी कि बिना बोले बिना देखे सब दे सुनाई और दिखाई , जिससे अंधेरे में चीखे़ बिना और बिना बजाए ताली डर से बढ़ा हुआ... Hindi · कविता 1 331 Share Mamta Singh Devaa 2 Sep 2020 · 2 min read मीडिया... मीडिया... मीडिया.... इस मीडिया ने तो ऐसा भरमाया है चारो तरफ बस इसी का सुर छाया है , कोई सच तो कोई झूठ दिखाता है कोई बकवास खबर से भरमाता है ,... Hindi · कविता 435 Share Mamta Singh Devaa 30 Aug 2020 · 1 min read " सपने बोरियों में " सपने....... कुछ बड़े कुछ छोटे कुछ मीठे कुछ तीखे कुछ सच्चे कुछ झूठे सब बंद इन बोरियों में आओ....... इन्हें खोले इन्हें जिये इन्हें सच करें एक - एक कर... Hindi · कविता 3 269 Share Mamta Singh Devaa 28 Aug 2020 · 2 min read " एहसास " राजीव को किसी काम से एक महीने के लिए दिल्ली जाना पड़ा , पहली बार एक साथ इतने लंबे समय के लिये घर से बाहर जा रहा था...दिल्ली में मौसेरे... Hindi · लघु कथा 2 368 Share Mamta Singh Devaa 28 Aug 2020 · 1 min read अदला - बदली मीता अपने पॉटरी की वर्कशाप के लिए दोनो बच्चों पति और बड़ी दीदी के साथ जयपुर जा रही थी लेकिन स्टेशन पहुँचने से पहले ही उसकी दीदी का फोन आ... Hindi · लघु कथा 1 334 Share Mamta Singh Devaa 24 Aug 2020 · 1 min read " कैसा विकराल ये कोरोना काल " क्या कहें कैसे कहें कोरोना के किस्से कितने कहें , ऐसा संक्रमण फैला पूरी दुनिया में दुबक बैठे सब अपने कोना कुनिया में , कोई ज्यादा सचेत तो कोई बेपरवाह... Hindi · कविता 3 2 247 Share Mamta Singh Devaa 24 Aug 2020 · 1 min read आवाहन... जब भी यशपाल जी की कहानी "पर्दा " पढ़ती थी तो मन अंत पढ़ने से डरता था ( आज भी लगता है ) कि कोई आ कर रोक ले उस... Hindi · लेख 1 393 Share Mamta Singh Devaa 24 Aug 2020 · 1 min read मेरी दूसरी माँ....मेरी दीदी मेरी दूसरी माँ....मेरी दीदी अपनी दीदी का नाम हम इसलिए जानते थे क्योंकि हमारे बाबू अम्माँ को " माधुरी की माँ " कह कर पुकारते थे मैं दीदी की भूरी... Hindi · कविता 359 Share Mamta Singh Devaa 23 Aug 2020 · 1 min read " अन्नपूर्णा " " अन्नपूर्णा " कभी देखा है धान रोपती औरतों को ? कैसे पानी से डूबे खेतों में रोपती हैं धान डूबा कर अपने पैरों को , इनके डूबे पैरो को... Hindi · कविता 1 2 271 Share Mamta Singh Devaa 19 Aug 2020 · 1 min read " बंधन " बंधन है ये ऐसा पवित्र है गंगा के जल सा , शिशुपाल के अंत को चलाया सुदर्शन वध को , तब ऊँँगली कटी केशव की लाल हुई धरा हस्तिनापुर की... Hindi · कविता 2 2 245 Share Mamta Singh Devaa 19 Aug 2020 · 1 min read अटूट बंधन/रक्षा बंधन आज याद उनकी आई है सीमा पर जो मेरे भाई हैं , हम बहनों की रक्षा को तान के रखा है सर को , ये रक्षा का जो धागा है... Hindi · कविता 2 4 419 Share Mamta Singh Devaa 19 Aug 2020 · 2 min read बहूरानी अरे नही...ये क्या कर रही हो ? सुमित्रा के विवाह को पंद्रह दिन हो चुके थे घर मेहमानों से खाली हो चुका था , उसने सोचा आज मम्मी ( सासू... Hindi · लघु कथा 2 2 797 Share Mamta Singh Devaa 19 Aug 2020 · 1 min read " हमारा हिन्दुस्तान " " हमारा हिन्दुस्तान " ये देश मेरा महान है ये हमारा हिन्दुस्तान है , आये बाहर से लूटेरे अत्याचार किए बहुतेरे , धरती इसकी लाल हो गई देश की जनता... Hindi · कविता 1 2 395 Share Mamta Singh Devaa 17 Aug 2020 · 1 min read " धोखा "...एक अलग तरह का खाना कोरोना काल हो या कोई और जंजाल हो कुछ बातें हमेशा अपने स्थान पर अडिग रहती हैं इनका हालत से कोई लेना - देना नही होता ये यथावत ऐसे ही... Hindi · कविता 4 2 293 Share Mamta Singh Devaa 16 Aug 2020 · 1 min read " आँचल भारत माँ का " ये जो मेरे चेहरे का नूर है वो कुछ और नही मेरे देशवासियों का गूरूर है , तनी है जो ये गर्दन मेरी इसकी वजह असंख्य औलादें हैंं मेरी ,... Hindi · कविता 3 2 459 Share Mamta Singh Devaa 14 Aug 2020 · 1 min read ऊपरी आवरण वो जब शिफ़ान की साड़ी पहन कर निकलती है सबको बड़ी कमसिन सी लगती है सब उससे रश्क़ करते हैं उसकी खिलखिलाती हँसी से उसकी तनी गर्दन से उसकी लचकती... Hindi · कविता 2 3 481 Share Mamta Singh Devaa 11 Aug 2020 · 1 min read " गिरिधर " मेरे गिरिधर अब तो आओ अपना मोहिनी रूप दिखाओ इस कलियुग में आने से देखो तुम यूँ ना कतराओ मेरे गिरिधर अब तो आओ । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता... Hindi · कविता 2 233 Share Mamta Singh Devaa 9 Aug 2020 · 1 min read कलाकार हूँ मैं.... अपनी कला की उसकी सोच की अपनी कृति की उसके सृजन की जानकार भी अदाकार भी निर्देशक भी निर्माता भी स्टोरी राईटर भी डायलॉग राईटर भी गीतकार भी संगीतकार भी... Hindi · कविता 464 Share Mamta Singh Devaa 9 Aug 2020 · 1 min read रघुवर की लीला प्रभु कैसी अजब - गजब लीला रचाते हो अपने ही घर में अपने मंदिर का भूमि पूजन कलियुग में पाप नष्ट करने की खातिर हमारे हाथों आप खुद ही करवाते... Hindi · कविता 1 416 Share Mamta Singh Devaa 9 Aug 2020 · 1 min read जय श्री राम हम सबका जनम सफल होगा अब प्रभु के पास अपना घर होगा स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा , 06/08/2020 Hindi · कविता 1 235 Share Mamta Singh Devaa 9 Aug 2020 · 1 min read प्रभु पाँच सौ सालों के वनवास के बाद इतिहास रच दिया राम भक्तों ने प्रभु के चरणों में प्रभु का घर रख दिया । स्वरचित एवं मौलिक ( ममता सिंह देवा... Hindi · कविता 1 374 Share Mamta Singh Devaa 8 Aug 2020 · 2 min read " मैं हूँ ना " रश्मि को समझ नही आ रहा था की क्या करे अभी अभी पति को लेकर उसका भाई हॉस्पिटल के लिए निकला था...लक्षण पूरे हार्टअटैक के थे , सुबह के छ:... Hindi · लघु कथा 1 4 707 Share Mamta Singh Devaa 8 Aug 2020 · 2 min read " सर गंदे हैं " कंचन की बड़ी दीदी की सात साल की बेटी रिया को एक ट्यूशन टीचर पढ़ाने आते थे , विचारों से बहुत पिछड़े हुये लेकिन उसकी दीदी को लगा की ठीक... Hindi · लघु कथा 371 Share Mamta Singh Devaa 8 Aug 2020 · 1 min read सोनपरी गुड़िया ( भोजपुरी लोरी ) ला ल ल ला...ला ल ल ला सोनपरी हमार गुड़िया निराली हऊ हमरे खातिर त तू खुशियन क ताली हऊ ला ल ल ला.... नन्ही चिरैया तू हमार जहान बा... Hindi · कविता 390 Share Mamta Singh Devaa 8 Aug 2020 · 1 min read " रोमांस बनाम लोरी " अभी कल ही की बात है एक सज्जन ने पूछा मुझसे आप रोमांस पर लिखती हैं ? झट मुँह से निकला मैं तो इससे भर पाई हूँ पहले इसका नफा... Hindi · कविता 229 Share Mamta Singh Devaa 6 Aug 2020 · 1 min read प्रभु श्री राम कल रात प्रभु सपने में आये थोड़ा मंद मंद मुस्काये , मैने पूछा प्रभु खुश तो हैं अब जानती हूँ आप ही का खेल है सब , प्रभु ये सुन... Hindi · कविता 1 2 262 Share Mamta Singh Devaa 6 Aug 2020 · 2 min read " प्यार की अपनी परिभाषा " (संस्मरण ) बात क़रीब 42 साल पहले की है मैं और मुझसे डेढ़ साल बड़ी बहन इलाहाबाद के क्रॉस्थवेट गर्ल्स इंटर कॉलेज के हॉस्टल में सबसे बड़ी बहन बी.एच.यू. के... Hindi · कहानी 319 Share Mamta Singh Devaa 6 Aug 2020 · 1 min read माँ...... इतना छोटा शब्द नही है जिसको विद्वानों के विद्वान भी स्वर - व्यंजनों के बंधन में बाँध पायें इस गूढ़ शब्द को शब्दों की सीमा में समां पायें , ब्रम्हाँ... Hindi · कविता 1 566 Share Mamta Singh Devaa 6 Aug 2020 · 1 min read " निर्मोही बरखा " ये कैसी निर्मोही बरखा है इसने सब मोह पानी में दे पटका है , कुछ दिन पहले ही तो छाई थी छत कैसे संभलेगी मूसलाधार में इस वक्त , जमीन... Hindi · कविता 379 Share Previous Page 5 Next