सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2758 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 32 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 May 2021 · 1 min read आहें ************ आहें (रोला) *********** ********************************* 1 पिया मिलन की पीर,भभकती तन में आहें। मन में न रहे धीर , तरसती खाली बाहें।। प्यासे नीले नैन , ताकते रहते राहें। चित्त... Hindi · कविता 236 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 May 2021 · 1 min read एक सुहाना सफर 222 212 212 काफिया-ना रदीफ़-सफर *** एक सुहाना सफर *** ********************* जीवन प्यारा सुहाना सफर, दीवाना सा मस्ताना सफर। कटती ही ना अकेले कभी, साथी बिन हो विराना सफर। चलने... Hindi · कविता 254 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 May 2021 · 1 min read मांन सिंह राजा भैया को बधाई ** मान सिंह राजा भैया को बधाई *** ****************************** मान सिंह राजा को बधाई हो बधाई, जिला पंचायत चुनाव मे है विजय पाई। दुख की घड़ी में आगे ही खड़े... Hindi · कविता 276 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 May 2021 · 1 min read न कोई सहारा मिला 212 212 212 212 काफिया-आरा रदीफ़-मिला ***** न कोई सहारा मिला **** ************************** जिन्दगी में न कोई सहारा मिला, यार तेरे न जैसा दुबारा मिला। छोड़ दी आदतें जो नकारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 732 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 May 2021 · 1 min read कैसा रोग फैला हे!भगवान ***** कैसा रोग फैला हे!भगवान **** ******************************* न जाने कैसा रोग है फैला हे! भगवान, गली,बाजार , सड़के दिखती हैं सुनसान। कोई भी जन अब तक समझ नहीं पाया, कोरोना... Hindi · कविता 212 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 May 2021 · 1 min read माँ होती भगवान समान **माँ होती सदा भगवान समान** ************************** माँ से जग में मिलती है पहचान, माँ जननी का सदा करो सम्मान। अंगुली पकड़ कर चलना सिखाया, वृद्धावस्था में रखो सदा पूरा ध्यान।... Hindi · कविता 329 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 May 2021 · 1 min read बात ही बात में क्या कही है बात ही बात में क्या कही है ********************* बात ही बात में क्या कही है, बात सुन के लगा वो सही है। प्यार की नजर से देखता है, प्रेम की... Hindi · कविता 466 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 May 2021 · 1 min read जनता की घुन्दू जनता जाने जनता की घुंडी जनता जाने ********************** दीदी तेरा देवर नहीं माना, हारकर पड़ा है मुँह छिपाना। आसमानी बिजली सी बातें, पड़ा धरती पर मात खाना। जनता की घुंडी जनता जाने,... Hindi · कविता 184 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 May 2021 · 1 min read उम्मीदें जीवन का आधार हैं *उम्मीदें जीवन का आधार* ********************** उम्मीदें जीवन का आधार है, पल में हो जाता बेड़ा पार है। मन में छल कपट आ जाए, नहीं होता कहीं भी उद्धार है। सपनों... Hindi · कविता 2 1 439 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 May 2021 · 1 min read ये कैसा मजदूर दिवस ****** ये कैसा मजदूर दिवस ****** ****************************** कैसे मनाएं आया आज मजदूर दिवस, मजबूर को कैसे कह दें मजदूर दिवस। दिन भर खूब वो खून पसीना बहाता है, दो टूक... Hindi · कविता 2 2 245 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Apr 2021 · 1 min read सजल मेरे नैन हुए ********* सजल मेरे नैन हुए ********** ********************************** रिक्त हृदय को भर दिया सजल मेंरे नैन हुए, आतुर मन व्याकुल है मिलने को बेचैन हुए। बातों में गजब का जादू है... Hindi · कविता 1 2 263 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Apr 2021 · 1 min read वक्त तो वक्त है ********* वक्त तो वक्त है ********* ******************************* वक्त तो वक्त है आखिर गुजर जाता है, जख्म कितना भी हो गहरा भर जाता है। मलहम घाव भरने की न कहीं मिलती... Hindi · कविता 1 214 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Apr 2021 · 1 min read जीना नही है आसान ****जीना नही है आसान**** ************************ अब जीना नही रहा है आसान, लाशों से भरे पड़े हैं शमशान। क्या हो गया खुदा के संसार को, कोई भी रहा नहीं अब कद्रदान।... Hindi · कविता 1 303 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Apr 2021 · 1 min read जीवन हुआ है रूठा रूठा सा जीवन हुआ है रूठा रूठा सा *********************** जीवन हुआ है रूठा रूठा सा, सांसों का साथ टूटा टूटा सा। बंदिशों में है जीना कैद हुआ, सब्र का है बाँध टूटा... Hindi · कविता 1 2 259 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Apr 2021 · 1 min read सफेद हो गया लहू *** सफेद हो गया लहू *** ********************* सफेद हो गया तन का लहू, हाल ए दिल बयां कैसे कहूँ। हो गया है दामन दाग दाग, कैसे मन पर अवसाद सहूँ।... Hindi · कविता 1 1 225 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Apr 2021 · 1 min read मेरा मन क्यो भयभीत है **मेरा मन क्यों भयभीत है** *********************** मेरा मन क्यों भयभीत है, बेगानी सी लगे प्रीत है। खामख्वाह क्यों भय छा रहा, डर के आगे सदा जीत है। गम का भार... Hindi · कविता 258 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Apr 2021 · 1 min read दो पटरी के मेल से चलती रेल *** दो पटरी के मेल से चलती रेल *** ******************************* दो पटरी के मेल से,चल पड़ती है रेल। चलती तीव्र वेग से, घर पहुंचाती रेल।। कोरोना की मार ने, खूब... Hindi · कविता 343 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Apr 2021 · 1 min read कोरोना तूने घर का बजट बिगाड़ा *** कोरोना तूने घर का बजट बिगाड़ा ** ******************************** कोरोना तूने घर का है बजट बिगाड़ा, जन जन का घर जड़त्व से है खूब उजाड़ा। जिसने जो भी हमको है... Hindi · कविता 390 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Apr 2021 · 1 min read पूर्वज थे हमारे बहुत सयाने *पूर्वज थे हमारे बहुत सयाने* *********************** सुनिए पुराने अजब अफसाने, पूर्वज थे हमारे बहुत सयाने। घर मे जब होती मौत विशेष, तेरह चौदह दिन न हो प्रवेश, यही तो था... Hindi · कविता 233 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Apr 2021 · 1 min read कोरोना बख्श दो जिंदगी *कोरोना बख्श दो जिंदगी* ********************* कोरोना बख्श दो जिंदगी, अभी तो अरमान बाकी है। दे दो हमे साँसे उधारी, अभी कुछ सामान बाकी है। जी भर के जीना है जीवन,... Hindi · कविता 184 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Apr 2021 · 1 min read माँ बरसी आई पर तू कभी नहीं आई माँ बरसी आई पर तु कभी नहीं आई ****************************** कई साल बीत गए पर माँ तू नहीं आई, हमारी तुम्हें तनिक याद भी नहीं आई, दर दर फिरूँ देता मैं... Hindi · कविता 1 404 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Apr 2021 · 1 min read आवाम मांग रही है हिसाब ** आवाम मांग रही हिसाब ** ************************ आवाम मांग रही है हिसाब, कहाँ गुम हो गई खुली किताब। कहीं न दिखते पुराने तेवर, डूब गया है आज आफताब। वादे ,... Hindi · कविता 1 416 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Apr 2021 · 1 min read सुनी हो जाती हैं राहें ***** सूनी हो जाती हैं राहें ***** *************************** सूनी हो जाती हैं सारी ही राहें, छूट जाती हैं जब अपनों की बाहें। धूमिल हो जाती नसीबों की लकीरें, नही सुनती... Hindi · कविता 188 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Apr 2021 · 1 min read भीरू शौहर ******* भीरू शौहर ******* ************************ भारी बीवियों के हल्के हैं शौहर, हँसती हैं बीबियाँ रोते हैं शौहर। जलजले सा होता है रौद्र रूप, दबंग पत्नियों के भीरू शौहर। बांकी अदाएं... Hindi · कविता 204 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Apr 2021 · 1 min read कभी दिल जी कुंडी खोल तो माही कभी दिल की कुंडी खोल तो माही ************************** कभी दिल की कुंडी खोल तो माही, कभी तो दुख सुख तोल तो माही। घर मे भूखी प्यासी हूँ बैठी रहती, बंद... Hindi · कविता 182 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Apr 2021 · 1 min read पैर पग पग पर बहकने लगे **पैर पग पग पर बहकने लगे** ************************* देख कर हम तुम्हें चहकने लगे, फूलों की भांति हम महकने लगे। खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं, ऑंसू खुशी के है बरसने... Hindi · कविता 273 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Apr 2021 · 1 min read जिन्दगी न मिलेगी कभी दुबारा जिन्दगी न मिलेगी कभी दुबारा ************************* जिन्दगी न मिलेगी कभी दुबारा, यूँ न गलियों में घूमिये आवारा। आधे अधूरे काम करने है पूरे, खुलेगा खुशियों का भरा पिटारा। जो खो... Hindi · कविता 401 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Apr 2021 · 1 min read मिट्टी कहने लगी इंसान से *मिट्टी कहने लगी इंसान से* ********************* मिट्टी कहने लगी इंसान से, दिख रहे हो तुम परेशान से। कौन सी दिशा से आए हो, नहीं दिख रहे हैं निशान से। दशा... Hindi · कविता 1 351 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Apr 2021 · 1 min read जब जागो तभी है सवेरा *जब जागो तभी है सवेरा* ********************* घेरा कौवों ने बनेरा, छाया हर तरफ अंधेरा। कहाँ,किसे,क्या-क्या सुनाएँ, मन है स्वार्थों ने आ घेरा। कोई सुनता ही नहीं है, राग गाते मेरा... Hindi · कविता 241 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Apr 2021 · 1 min read मौसमी खाँसी जुखाम और बुखार मौसमी खाँसी जुखाम और बुखार ************************** मौसमी खाँसी, जुखाम , बुखार है, लगने लगे जैसे कोरोना प्रहार है। कितनी बदली समय की बेला है, लगता हर बन्दा हो गया बीमार... Hindi · कविता 249 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Apr 2021 · 1 min read प्यार की बदली नैनों से बरसती *प्यार की बदली नैनों से बरसती* ************************** हसीं चेहरे से नजर नहीं हटती, आँखें देखती हैं पर नहीं थकती। चाँद सा रोशन मुख है जुगनू सा, काली लटें मस्तक पर... Hindi · कविता 309 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Apr 2021 · 1 min read क्यों तुम दूर खड़े हो *** क्यों तुम दूर खड़े हो **** ************************ हट कर क्यों तुम दूर खड़े हो, आखिर किस बात पर अड़े हो। लगते हो खुद से खफ़ा खफ़ा, किस से किस... Hindi · कविता 263 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Apr 2021 · 1 min read गमों में हँसना मुझे आता है ******गमों में भी हँसना मुझे आता है**** *********************************** गम गर चाहे हो हजार हँसना मुझे आता है, भारी भीड़ बीच बाजार चलना मुझे आता है। चिंगारी भड़क कर धारती है... Hindi · कविता 258 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Apr 2021 · 1 min read मौत हर पल दर पर खड़ी मौत हर पल दर पर खड़ी ******************** मौत हर पल दर पर खड़ी, मुस्करा लो घड़ी दो घड़ी। क्या भरोसा है जीवन का, जी लो जिंदगी न कर तड़ी। खामोश... Hindi · कविता 465 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Apr 2021 · 1 min read गम पी कर मुस्कराता रहा **गम पी कर मुस्कराता रहा** ************************* खुद को उम्र भर मैं जलाता रहा, गम पी कर सदा मुस्कराता रहा। रात भर जुदाई में रोता रहा, आँसुओं का दरिया बहाता रहा।... Hindi · कविता 189 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Apr 2021 · 1 min read फौजी मेरे देश के ******** फौजी मेरे देश के ******* ****************************** सीमा पर खड़े फौजी मुस्कराते हैं, हँसते हुए वतन पर मर मिट जाते हैं। जान की बाजी खेलते हैं सरहदों पर, गम को... Hindi · कविता 360 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Apr 2021 · 1 min read कब होगी मुलाकात ******* कब होगी मुलाकात ******** ******************************* कब होगी मुलाकात किसी को नहीं पता, कब होगी शुरुआत किसी को नही पता। धक धक धड़कता है प्यासा दिल मेरा, कब होगी बरसात... Hindi · कविता 1 574 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Apr 2021 · 1 min read जख्म सीने में है ******* जख्म सीने में है ***** ************************* जो दिए थे जख्म वो सीने में है, फिर भी यारो मज़ा जीने में है। राहें प्रेम की बहुत है कठिन हुई, तन... Hindi · कविता 1 233 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Apr 2021 · 1 min read मेरे हमसफ़र **** मेरे हमसफर *** ****************** सुन लो, मेरे हमसफ़र, दिल में करते हो बसर। ले कर हाथों में हाथ, मिलते रहिए ,हर डगर। जो तुम कहो,वही करूँ, कभी ना हो... Hindi · कविता 293 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Apr 2021 · 1 min read गम पी कर मुस्कराते हैं ***गम को पी कर मुस्कराते हैं*** *************************** दर्द सह कर सदा गुनगनाते हैं, गम को पी कर भी मुस्कराते हैं। बयाँ हम क्या करें कोई बात नहीं, बस दिल ही... Hindi · कविता 220 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Apr 2021 · 1 min read किसान *********** किसान *********** ***************************** न सवेर देखते और न ही शाम देखते, किसान मेरे देश के सदा काम देखते। गर्मी,सर्दी,वर्षा की परवाह नहीं करते, दिन हो या रात न कभी... Hindi · कविता 1 242 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Apr 2021 · 1 min read माँ बाप हैं लाचार **** माँ बाप हैं लाचार **** ********************** माँ बाप हो गए हैं लाचार, संस्कार बिक रहे हैं बाजार। सीने बन जाते हैं फौलाद, औलादें नहीं करे दरकिनार। मतभेद सामने आ... Hindi · कविता 1 325 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Apr 2021 · 1 min read औलाद परिन्दों जैसी है **** औलाद परिन्दों जैसी है *** ************************** औलाद हो गई परिन्दों के जैसी है, बड़े हो कर उड़ जाती ही वैसी है। स्वप्न पूर्ण बच्चों के ही करते करते, माँ... Hindi · कविता 1 2 368 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Apr 2021 · 1 min read न निकाह न फेरे *** न निकाह न फेरे *** ******************** न निकाह न लिए हैं फेरे, हुए हैं हम दिल से तेरे। न बदला वादा न ईरादा, तुम दिल मे बस्ते ही मेरे।... Hindi · कविता 1 417 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2021 · 1 min read आर्यन स्कूल ********** आर्यन स्कूल ********* ****************************** कैथल शहर की शान है आर्यन स्कूल, हट के बनी हुई पहचान है आर्यन स्कूल। शैक्षिक सुविधाओं से सुसज्जित है बड़ा, बेमिसाल आकर्षण है आर्यन... Hindi · कविता 332 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2021 · 1 min read बस सरकारी ***** बस सरकारी ***** ********************* सरकारी बस की सवारी, कभी नहीं मिलती उधारी। खाली कंडक्टर का झोला, चालक बजाता है थाली। खिड़की पर लटकते रहते, सीट को तरसती सवारी। बस... Hindi · कविता 801 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2021 · 1 min read दियासलाई ओर मानव दियासलाई और मानव ****************** माचिस की डिबिया में, बंद तीलियों सा है, मानव चरित्रों का कर्म, जैसे एक ही डिब्बी में, बंद वो तीलियाँ, एक एक कर के, क्रियाशील हो... Hindi · कविता 1 246 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Mar 2021 · 1 min read बेअसर नीतियाँ बेअसर नीतियां ************ नहीं होता है, किसी सुझाव का, कोई असर, जब तक भूख का हो, पेट पर असर, सुकड़ रहा होता है, जन जन का जठर, कथनी और करनी... Hindi · कविता 388 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Mar 2021 · 1 min read गाँव की पुकार **देहात की पुकार** ***************** देहात की पुकार है, देहात की गुहार है, सूर्यास्त देहात का, देहात अब लाचार है। गाँव हैं बुझे बुझे से, शर्म से झुके झुके से, पलायन... Hindi · कविता 1 508 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Mar 2021 · 1 min read नदी किनारे छोटा सा गांव हो नदी किनारे छोटा सा गांव हो ************************ नदी किनारे छोटा सा गांव हो, तरुवरों की हरी भरी छांव हो। गांव में छोटा सा घर संसार हो, घर में बसता संपन्न... Hindi · कविता 575 Share Previous Page 32 Next