सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2758 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 31 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 May 2021 · 1 min read मेरा सपना ****** मेरा सपना ****** ********************* मैंने भी देखा है सपना, वो सपना हो मेरा अपना। पलको में है ख्वाब सजाए, सच हो वो सोची कल्पना। चलता न कहीं कोई बहाना,... Hindi · कविता 444 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 May 2021 · 1 min read कली *प्रतियोगिता हेतु ****************** *मनहरण घनाक्षरी* *(शब्द-कली)के साथ* ******************* बागों में है कली खिली, दुनिया की खुशी मिली। अब न कोई है गिला, जान में जान आई।। हिय में बहार छाई,... Hindi · घनाक्षरी 517 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2021 · 1 min read जान में जान आ गई ***** जान में जान आ गई ***** *************************** कानों में मधु तेरी आवाज आ गई, मरते हुए की जान में जान आ गई। कोरोना ने बंद करवाई मुलाकाते, जीवन मे... Hindi · कविता 1 1 208 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2021 · 1 min read नैन तेरे मधु के प्याले *** नैन तेरे मधु के प्याले *** *********************** तेरे नैन मधु के भरे प्याले, पीते हैं भर भर मय मतवाले। झूम जाते देख कर दीवाने, जान कर देते तेरे हवाले।... Hindi · कविता 1 236 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2021 · 1 min read अंधेरा ********* अंधेरा ******* ********************** **** 222 222 122 *** ********************** छाया ये कैसा है अन्धेरा, कब होगा ना जाने सवेरा। सांसे जब तक मेरी चलेगी, तब तक जग में अपना... Hindi · कविता 1 250 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2021 · 1 min read मिले मेरी वफा तुमको ********* मिले मेरी वफ़ा तुमको ********** ************************************* 1 2 2 2 1 2 2 2 1 2 2 2 1222 ************************************* रहूँ तीरे नजर से यार देखूँ मैं सदा तुमको,... Hindi · कविता 393 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 May 2021 · 1 min read मेरी खामोशियाँ ***********मेरी खामोशियाँ************ *********************************** बिना कहे सब कुछ कह जाती है खामोशियाँ, चुपके से गहरे घाव कर जाती हैं खामोशियाँ। सीने में छिपा होता है सारे जहां का दिया दर्द, सीना... Hindi · कविता 266 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 May 2021 · 1 min read रग रग में रब्ब समाए ***रग रग में रब्ब समाए*** ********************** कभी मन्दिर में रब्ब न मिले, कभी मयखाने में मिल जाए। दर दर पर भटकता मानव यूँ, ईश मन मे सदा से है समाए।... Hindi · कविता 539 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2021 · 1 min read अंडा चोर मुलाजिम ***** अंडा चोर मुलाजिम****** *************************** पुलसिये के हाथ मे था मोटा डंडा, चोरी से जेब मे डाल रहा था अंडा। सोच रहा था वो सबसे नजरअंदाज, चोरी करने उसका अनोखा... Hindi · कविता 1 259 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2021 · 1 min read कोयल ******** कोयल ******* ********************* कोयल बैठी अमवा डाली। आम्र कर मीठे मतवाली।। मधु सा मीठा रस घोलती। कूक कूक कर बोल बोलती।। बाग बगीचे करती निवास। होता रहे पल पल... Hindi · कविता 1 334 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2021 · 1 min read विधवा नार विधवा-नार (हाइकु) **************** विधवा नारी समाज से दुत्कारी रहे बेचारी दुखों का बोझ ढ़ोती वो हर रोज है गमगीन घात आघात मिलते प्रतिघात सहे खामोश लज्जा-घूंघट सदा ओढ़े रहती रहे... Hindi · हाइकु 1 1 310 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2021 · 1 min read हो ईद मुबारक ***** हो ईद मुबारक ******* ************************* जन जन को हो ईद मुबारक, पुलकित मन से हो ईद मुबारक। , द्वेष किसी के हो न कभी मन में, हर्षित दिल से... Hindi · कविता 1 233 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 May 2021 · 1 min read मन मे रह गई ***मन मे सह गई**** ****************** दिल की दिल मे रह गई, मन ही मन में सह गई। सुनता आया तू सदा, बातें वो सारी कह गई। रहता जो तू था... Hindi · कविता 255 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 May 2021 · 1 min read स्कूल की यादें ********** स्कूल की यादें ********* ******************************** भुलाए नहीं है भूलती स्कूल की यादें, दिल को है झकझोड़ती स्कूल की यादें। आज भी जब उस गली में से है गुजरते, याद... Hindi · कविता 898 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 May 2021 · 1 min read परमात्मा ने अवतार लिया *परमात्मा ने अवतार लिया** ***** मत्त सवैया छंद ***** *********************** जब जब हों कष्ट धरा पर, परमात्मा ने अवतार लिया। पाप का बोलबाला भू पर, जन जन का बेड़ा पार... Hindi · कविता 187 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 May 2021 · 1 min read ASI की करतूत *******ASI की करतूत ******** **************************** पंजाब पुलिस ASI की गंदी करतूत, महकमें की बदनामी खाने पड़े जूत। बठिंडा जिले का एक छोटा सा गाँव, मुलाजिम ने खेला विधवा पर दांव।... Hindi · कविता 414 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 May 2021 · 1 min read समा जाओ मेरी बाँहो में ******* समा जाओ मेरी बाहों में ****** ********************************* 2212 2222 2222 22 ********************************* अंगूर सी खुश्बू आती है तेरी सांसों में, झट से समा भी जाओ आ कर मेरी बाँहों... Hindi · कविता 1 241 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 May 2021 · 1 min read हरियाली हो गई ******** हरियाली हो गई ********* ****************************** फूल खिलें हैं अंगनवा हरियाली हो गई प्रसन्नता से रूह मेरी मतवाली हो गई। रंग बिरंगे फूल खूब उपवन में हैं खिले, खुशियों भरा... Hindi · कविता 1 1 225 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 May 2021 · 1 min read आपके दखस्वत हो गए ***** आपके दखस्वत हो गए ***** ****************************** दिल तोड़ करकहाँ तुम.रुख़सत हो गए, हमारी बही में आपके दखस्वत हो गए। दिल को आईना समझ कर तोड़ दिया, कहर बरसा कर... Hindi · कविता 1 204 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 May 2021 · 1 min read कीमत इंसान की ********* कीमत इंसान की ******** ******************************* किस तरह से घट रही कीमतें इंसान की, घट गई है अब यहाँ ईज्जतें कद्रदान की। भाईचारा खत्म हुआ अंत हुआ प्यार का, नफ़रतों... Hindi · कविता 252 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 May 2021 · 1 min read टी वी चैनल और अखबार टी वी चैनल और अखबार ********************* बंद कर दो पढ़ना अखबार, सुखमय रहेगा घर परिवार। बिकाऊ लगने लगा मीडिया, पथभ्रष्ट हुआ जन संचार। सच्ची ख़बरों हो गई लुप्त, झूठे हैं... Hindi · कविता 1 403 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 May 2021 · 2 min read सफलता की कुंजी सफलता की कुंजी (लघु कहानी) *********************************************८ रामू एक अनाथ बालक था,जिसके माता पिता बचपन में ही चल बसे थे और वह अपनी बुआ जी के पास रह रहा था।उसकी बुआ... Hindi · कहानी 1 1 380 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 May 2021 · 1 min read लाशों के लगे ढेर है ******* लाशों के लगे ढेर है ******** ******************************* जिधर देखता हूँ लाशों के लगे ढेर है, समय का यहाँ लगता शायद यही फेर है। जरा देखिए कितनी जोखिम भरी जान... Hindi · कविता 1 236 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 May 2021 · 1 min read कोई मुझे भाता नही ***** कोई मुझे भाता नहीं ****** **************************** *2 2 1 2 2 2 1 2 2 2 1 2* *रदीफ़:-नहीं* *क़ाफ़िया:- आता,जाता,भाता,नाता **************************** भय में यहाँ कोई कभी आता नहीं,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 262 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 May 2021 · 1 min read रोशनी में हमें तिमिर ही मिले **रोशनी में हमें तिमिर ही मिले** ************************** रोशनी में हमें तो तिमिर ही मिले, वो चले जो गए तो न फिर ही मिले। देख ली हर दिशा तुम कहीं ना... Hindi · कविता 1 226 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 May 2021 · 1 min read खर और नर ** खर और नर ** *************** खोते हंस रहे हैं, इंसां फंस रहे हैं। बोझ से हैं आजाद, हर्षित बस रहे हैं। मानव खूब थकाया, अब गधे बक रहे हैं।... Hindi · कविता 3 309 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 May 2021 · 1 min read खोई मुस्कान ******* खोई मुस्कान ******* ************************* जब से हुआ कोरोना मेहरबान, फीकी पड़ गई चेहरे की मुस्कान। लूटता है मानव मानव को आम, खुली सरेआम लुटेरों की दुकान। बेबसी को समझ... Hindi · कविता 1 243 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 May 2021 · 1 min read कब का छोड़ा गिद्धों ने नोचना ***कब का छोड़ा गिद्धों ने नोचना**** ****************************** शमशानों में हैं चिताएं ही जल रही, इंसानों की साजिशें पल पल चल रही। कब का छोड़ा है गिद्धों ने अब नोचना, खुद... Hindi · कविता 1 667 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 May 2021 · 1 min read माँ माँ (हाइकु) ********* 1 माँ है महान, सहती धूप छाँव, घर की शान। 2 पुत्र अभागा, छोड़ के वृद्धाश्रम, माँ को है भागा। 3 माँ का हो वास, स्वर्गतुल्य निवास,... Hindi · हाइकु 1 255 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 May 2021 · 1 min read माँ तो घर मे प्रेम की चादर है माँ तो घर मे प्रेम की चादर है ********************** अंबर में चमकते तारे है, माँ को बच्चे बहुत प्यारे हैं। फूल बागों में खूब में खिले, किस्मत से माँ का... Hindi · कविता 218 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 May 2021 · 1 min read माँ प्रेम का अथाह सागर *माँ:-प्रेम का अथाह सागर* ********************** माँ प्रेम का अथाह सागर है, मीठे शहद से भरी गागर है। माँ अनोखा है जग में रिश्ता, सारे रिस्तों का ये आधार है। औलादें... Hindi · कविता 1 2 439 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 May 2021 · 1 min read कर में पकड़ी है तलवार ************आल्हा छंद / वीर छंद* ********* ***********कर में पकड़ी है तलवार********** **************************************** नहीं किसी से कभी डरेंगे,कर में पकड़ी है तलवार। मर जाएंगे या मारेंगे, करते रहेंगे वार बार बार।।... Hindi · कविता 1 279 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 May 2021 · 1 min read हसीन रुत प्यार की *** हसीन रुत प्यार की *** ********************** आ गई हसीन रुत प्यार की, होने प्रेम में बीमार की। मस्तियों का शुरू सिलसिला, दिल लगाने के खुमार की। खोया खोया सा... Hindi · कविता 493 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 May 2021 · 1 min read बिन बात रुलाया न कर **बिन बात रुलाया न कर** ********************** तुम मुझे यूँ सताया न कर, बिन बात के रुलाया न कर। प्यार को कमजोरी न समझ, बात का पतंगा बनाया न कर। तोल... Hindi · कविता 215 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 May 2021 · 1 min read बात करो मत घोर घटा की ****बात करो मत घोर घटा की (मत्तगयंद सवैया)***** ******************************************* *211 211 211 211 211 211 211 22 ********************************************* भौर हुई उठ जाग मुसाफिर बात करो मत घोर घटा की। राह... Hindi · कविता 264 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 May 2021 · 1 min read मदर डे ******* मदर डे ******* ******************** ममा मेरी है बहुत प्यारी, लगे दिखने में राजकुमारी। रंग बिरंगी महक बिखेरे, सुंदर फूलों की है क्यारी। जी भर कर लाड़ लड़ाती, लगती मुझको... Hindi · कविता 542 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 May 2021 · 1 min read कौन हो तुम ****** कौन हो तुम ****** ********************** क्या हुआ इतने मौन हो तुम, दुनियादारी से गौण हो तुम। बता रहा मुखडे का उड़ा रंग, खुद से पूछ रहे कौन हो तुम।... Hindi · कविता 1 258 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 May 2021 · 1 min read बुद्धि और पर्दा पड़ा है बुद्धि पर पर्दा पड़ा है ******************* क्यों जिद पर तू अड़ा है, क्या सबसे तू बड़ा है। खुद को न समझ खुदा, सुना बेकदर तू बड़ा है। तेरी नाहक बदतमीजी,... Hindi · कविता 2 380 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 May 2021 · 1 min read गलतियाँ ****** गलतियाँ ***** ******************* डूब जाती है किश्तियाँ, होती हैं जब भी गलतियाँ। मात्र छोटी सी चिंगारी से, जल जाती सारी बस्तियाँ। सुनसान है आज मन्दिर, फिर भी बजती घण्टियाँ।... Hindi · कविता 1 183 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 May 2021 · 1 min read सोतों को जगाना है *सोतों को जगाना है* **************** काफिया-ना रदीफ़-है 222 122 22 ***************** सोतों को जगाना है, फर्जों को निभाना है। त्यागो मो ह सब सारे, जीवन ही खजाना है। मृत्यु आखिरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 216 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 May 2021 · 1 min read उसी तीर से हुआ नशा उसको बहर :- 1212 1122 1212 112/22 काफ़िया :- स्वर “ आ “ :::: रदीफ :- “उसको “ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ **** उसी तीर से हुआ नशा उसको ***** ********************************* लगा था तीर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 748 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 May 2021 · 1 min read बारिश बूँदे बरस रही *****बारिश बूंदें बरस रही**** ************************* मन में मोहब्बत बरस रही है, नजरें दर्शन को तरस रही हैं। कोई खुशी का ठिकाना नहीं, तस्वीर ख्वाबों में दर्श रही है। आलम दिल... Hindi · कविता 2 277 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 May 2021 · 1 min read क्या खाक मजा है जीने में *क्या खाक मजा है जीने में* ********************** कुछ दर्द छिपा है सीने में, क्या खाक मज़ा है जीने में। लाख कोशिश की कमाने की, बहुत श्रम छिपा पसीने में। हर... Hindi · कविता 1 826 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 May 2021 · 1 min read नैन कटारी **नैन कटारी (गोपी छंद)* ******************** आगोश में झट से आओ। मन अन्दर समा तो जाओ।। बदन में प्रेम तपिश भारी। न चला तीर नैन कटारी।। हम यहाँ पर तड़प रहे... Hindi · कविता 4 2 509 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 May 2021 · 1 min read मेरी परछाई ****** मेरी परछाई ***** ********************* तुम ही मेरी परछाई हो, बेशक हो गई पराई हो। तुम ही तो मौज बहारां हो, ख्यालों मे अब भी छाई हो। तुम्हीं सागर सा... Hindi · कविता 1 442 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 May 2021 · 1 min read निशा ********** निशा (घनाक्षरी) ********** ********************************** निशा काली जब आती ,हसीं सपने दिखाती। गम को जब बुलाती, जरा न नींद आती।। सजनी सँवरती है, बिन बात लड़ती है।। रोज वो झगड़ती... Hindi · कविता 1 202 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 May 2021 · 1 min read हम तुम्हारे हुए ******* हम तुम्हारे हुए ****** ************************* काफिया -रे रदीफ़-हुए 222 212 212 212 ************************* हम तुम्हारे हुए , तुम हमारे हुए। आँखो ही आँख से है इशारे हुए। तुमने यूँ... Hindi · कविता 647 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 May 2021 · 1 min read खास है पास् नही ***** खास है पास नही ***** ************************* 2221 2221 12 काफिया-आस रदीफ़-नहीं ************************* जिस पर आस थी वो पास नही, जिस पर आस है वो खास नहीं। किस से क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 230 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 May 2021 · 1 min read जिंदा यादें सदा रहती है 222 212 222 22 काफिया -दें रदीफ़-हैं *************************** **** जिंदा यादें सदा रहती है **** *************************** जिंदा यादें सदा से ही रहती हैं, मीठी बातें सदा मन में ही बहती... Hindi · कविता 205 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 May 2021 · 1 min read सजन आज हमारे सुहाने 1 2 2 1 2 2 1 2 2 1 2 2* *रदीफ़ :- सुहाने**काफ़िया :- रे ************************ ** सजन आज सुहाने हमारे ** ************************ खिलाए बहारें पुष्प सारे सुहाने,... Hindi · कविता 208 Share Previous Page 31 Next