Mugdha shiddharth 841 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Mugdha shiddharth 8 Aug 2020 · 1 min read अज़ल मैं आज कल अजल में अज़ल के बाॅंहों में इश्क की बस एक कहानी है हिज़्र के बाॅंहों में टपकता अश्के यार निशानी है ~ सिद्धार्थ दिन भागते निकल जाता... Hindi · मुक्तक 2 239 Share Mugdha shiddharth 8 Aug 2020 · 1 min read कान्हा छोड़ गए बृंदा वन को कान्हा छोड़ गए बृंदावन को क्या राधा उन्हें छोड़ पाएगी उनके याद बैठी वो क्या अंखियों से नीर बहाएगी प्रेम बड़ा सबल है कान्हा सारी उम्र प्रीत निभाएगी सूने क़दम... Hindi · कविता 1 331 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2020 · 1 min read कोढ़ कोढ़ छुपाने का प्रयास कहां कभी सफल हो पाया है हाय ... कोढ़ भला कब दुनियां से छुप पाया है सड़ गल के बदन का हिस्सा अक्सर ही जमीं पे... Hindi · कविता 2 537 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2020 · 1 min read कोई चाॅंद नहीं तकता मुझे कोई चाॅंद नहीं तकता मुझे कोई जां नहीं समझता मुझे तकते होंगे कईयों मेरे डीपी को पर रूह को मेरे कोई नहीं तकता है जलता कोयला कहां कोई पसंद करता... Hindi · कविता 2 1 231 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2020 · 1 min read मेरा भगवान ... राम मेरा भगवान ... राम प्यास मैं तो ... भागीरथी राम भूख मैं तो ... रोटी राम नंगा मैं तो ... लंगोटी राम बेघर मैं तो ... घर राम शाखा मैं... Hindi · कविता 4 2 410 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2020 · 1 min read चलो राम ... चलो राम ... हम आज ठहाके लगा कर हॅंसते हैं राम नामी चादर भूखों को ओढ़ा कर हम देखते हैं भूख से रोते बिलखते दीन - हीन अर्थ विहीन चिल्काओं... Hindi · कविता 4 2 580 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2020 · 1 min read रण्डी वो जो मेरे जिस्म से हर रात खेला करता है शौक है उसको वो माॅं जाई को रण्डी कहता है जले भी हम हम्ही वो फूल जो बिस्तर में कुचलेजाएं... Hindi · कविता 5 509 Share Mugdha shiddharth 5 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक हम अभी ठहरे हुए हैं झील के पानी जैसे साहिल से लड़ कर एक दिन नदी होंगे हम देखना ~ उसके दिए चोट को कच्ची माटी पे कुम्हार के हाथों... Hindi · मुक्तक 4 1 346 Share Mugdha shiddharth 5 Aug 2020 · 1 min read दर्द हम दर्द को पैरहन किए बैठे थे तुम मिले तो होठ हसने लगे थे अब जाके हमें होस आया है जना तुम तो दिल से दिलगी किए बैठे थे ~... Hindi · कविता 4 221 Share Mugdha shiddharth 5 Aug 2020 · 1 min read गाहे बगाहे गाहे गवाहे ही सही तुम मुझे भी याद कर लेना वो कौन सा मैं तुमसे लम्हों का हिसाब माॅंगुंगी बहुत शौक था आंखों को ख़वाब देखने की अब कि आंखों... Hindi · कविता 5 1 456 Share Mugdha shiddharth 5 Aug 2020 · 1 min read है मुहब्बत बड़ी बेकार सी चीज है मुहब्बत बड़ी बेकार सी चीज नज़र को जचता है कोई और दिल जिद कर के कर आती है चोरी चोरी आंखों के रस्ते यार का घर दिल दिल के... Hindi · कविता 5 2 554 Share Mugdha shiddharth 5 Aug 2020 · 1 min read क्या करें हम तुम्हें देखते मेरी जान मगर क्या करें पलकों ने मेरे अना के जेबर पहन लिए देखने को तुम्हें सौ तरीके संभाल रखे थे हमने दिल ने मगर मुहब्बत के... Hindi · कविता 4 1 205 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक वो ... क्या करते पांव मेरे उन्हें ठिठक ही जाना था यार की गली में वर्ना रूह को मेरे छूट जाना था ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 1 464 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read लूट कोई लूट रहा कोई लुट रहा कोई लुटते लुटते आँखों से फूट रहा गोदामों में मिलिक के लगाए ताले है बूढ़े - बच्चों का भूख से दम घूट रहा राम... Hindi · कविता 2 214 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read दुख दुख में हो ... तो वहीं बने रहो खुशियों की उम्र लंबी नहीं होती ~ सिद्धार्थ बांझ दरखतों पर फूल नहीं खिलते रेगिस्तानों में मोती झील नहीं मिलते उफ़ुक़ पे... Hindi · मुक्तक 4 1 247 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read व्यंग PM के विदेश यात्रा और विज्ञापन पर खर्च हुए 66 अरब रुपया ... 66 अरब होता ही कितना है ... वो तो चिल्लर है । मैं रोज अपने बेटे को... Hindi · लेख 5 3 325 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक वो अब भी मुझ में कुछ हिस्सों का किस्सा बन कर छूटा है कुछ उसके घर में मैं छूटी हूँ, कुछ मेरे घर में वो छूटा है ! ...सिद्धार्थ सभी... Hindi · कविता 4 379 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read स्त्रियाँ एक दिन उचक कर धीरे से तुम्हारे कान में कहेंगी स्त्रियां "स्त्री" देह के रंगभूमि से भी अलग कुछ है स्त्रियां कुछ नहीं बहुत कुछ हैं ... ~ सिद्धार्थ Hindi · कविता 2 1 205 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read बस तुम बेईमान हो तुम्हें उन लोगों से ख़ब्त की बू आती है जो बात करते हैं आजादी की शिक्षा की रोजगार की तुमने कभी सोचा है कितनों ने इसी आजादी, समता, समानता की... Hindi · कविता 3 2 509 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read तुम आना एक शाम तुम आना एक शाम अपने बालों को बादल कर जना उड़ती हवाओं के पंखों पे चढ़ खेतों में उतर जाना तुम आना आस के जैसे भूखा बच्चा तकता हो मां... Hindi · कविता 2 1 452 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read मीर ग़ालिब हमने मीर भी पढ़े और गालिब भी ये यार मगर ... तेरे अल्फ़ाज़ का गौहर सबसे अलग है ... ~ सिद्धार्थ पानी को थोड़ न पता होता की कंठ से... Hindi · मुक्तक 5 1 232 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read चाँद यूॅं तू चाॅंद को देखा न कर,तेरे देखे से चाॅंद जल जाएगा तेरे आँसूओं के गोद में वो कतरा कतरा पिघल जाएगा ~ सिद्धार्थ जाॅं हम तुम्हें देखें या चाॅंद... Hindi · कविता 3 2 394 Share Mugdha shiddharth 31 Jul 2020 · 1 min read हम कतरा थे क्या शिकायत करते हम उनसे उनके जहां में हम तो कतरा थे उनके रेशम जैसी दुनियां के लिए हम दाग बन लग जाने के खतरा थे देखा न पलट कर... Hindi · कविता 2 1 367 Share Mugdha shiddharth 31 Jul 2020 · 1 min read पतंग मुर्शिद हमारी पतंग कट गई बादल के गांव में मुर्शिद पतंग बह के गिरी है मेरे ही पांव में ~ सिद्धार्थ फलक को छू ले पतंग कागजी मांझे को जरा... Hindi · कविता 4 3 545 Share Mugdha shiddharth 31 Jul 2020 · 1 min read कोई वादा न हमने तुमसे था किया कोई वादा न हमने तुम से था किया कोई वादा न तुमने हमसे था किया पांव रुकता रहा मगर तेरी हर एक आहट पे भीड़ में भी अलग से तुझे... Hindi · कविता 5 3 311 Share Mugdha shiddharth 31 Jul 2020 · 1 min read डर लगता है आज कल हर बात पे डर लगता है कोयल के गाने से भी डर लगता है मैं कब थी किसी और की जो तेरी हो जाने से डर लगता है... Hindi · कविता 4 2 536 Share Mugdha shiddharth 30 Jul 2020 · 1 min read थोड़ा सा इश्क थोड़ा सा इश्क थोड़ी सी नादानी थोड़ा सा बचपन थोड़ी मनमानी बचपन का प्रेम यादों में करे मनमानी कहती थी मुझको हस कर मेरी नानी थोड़ी सी मस्ती थोड़ी अल्हड़... Hindi · कविता 3 2 278 Share Mugdha shiddharth 30 Jul 2020 · 1 min read सुनो ... कुछ कहूं क्या सुनो... कुछ कहूं क्या? मत जाओ... गांवों की तरफ़ मत बोओ मौत खुली वादियों में पेड़ पहाड़ नदी नाला, खेत खलिहान सब मर जाएंगे, सब खारे हो जाएंगे जाना चाहते... Hindi · कविता 3 1 427 Share Mugdha shiddharth 30 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक ऊपर तक भरा था अब धुआं हो रहा हूं मैं हर तरफ़ से फना हो रहा हूं ~ पुर्दिल मैं हर्फ हर्फ जुदा लिखूं , तू खुदा का उस में... Hindi · मुक्तक 3 1 275 Share Mugdha shiddharth 30 Jul 2020 · 1 min read अल्फ़ाज़ सब ने कहा जी भर जियो तुमने कहा हंस कर जियो दिल ने कहा... तुम से मिल कर जियो हम कहते हैं, देखा जाय... पहले तुम मिलते हो या मौत...... Hindi · कविता 1 222 Share Mugdha shiddharth 30 Jul 2020 · 1 min read ये इश्क क्या होता है ? दिन भर बेगार खटने के बाद जब शाम को घर की देहरी पे पैर पड़े और इंतजार में बैठी मेहरी उत्सुक निगाहों से चेहरे की थकान नहीं अंगोछे की गांठ... Hindi · कविता 4 1 377 Share Mugdha shiddharth 29 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक कभी मुझे भी रुह में तुम्हारे याद बन इतराने दो तुम तो मुझ में यादों का काफ़िला बने फिरते हो ! ...पुर्दिल 2. मन के कमरे की दीवार सीलन वाली... Hindi · मुक्तक 6 1 429 Share Mugdha shiddharth 29 Jul 2020 · 1 min read परस्तिश कौन करे परस्तिश उसकी खुदा हुजरों में कैद हुआ है हालत ए हाल थी ख़राब उसकी सो यार मेरा खुदा सा हुआ है ? ~ सिद्धार्थ ... बुतों की परस्तिश... Hindi · कविता 4 2 288 Share Mugdha shiddharth 29 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक खुशियों को चूम कर उठाओ, खुशी से फिर झूम जाओ दुखों को झटक कर बिठाओ, दुखी मन को ठेंगा दिखाओ ~ सिद्धार्थ 2. हिचकी हिचकती हुई आई तो थी लगा... Hindi · मुक्तक 2 2 398 Share Mugdha shiddharth 28 Jul 2020 · 1 min read देख रही हूं सूरज को ढह कर नदी में गिरते देख रही हूं मैं क्षितिज पर दिन को सांझ में ढलते देख रही हूं। बूढ़े बाबा के साथ में मुनिया, मुनियां के हाथ... Hindi · कविता 3 1 362 Share Mugdha shiddharth 28 Jul 2020 · 1 min read डायरी के पन्नों पे बुला कर देखते हैं बादशाह होगे तुम अपने घर में हम गलियों के शहजादे हैं रूखी सूखी खाकर भी खुशियां लूट लाते बहुत ज्यादे हैं । ~ सिद्धार्थ चाह कर किसी को हृदय से... Hindi · मुक्तक 3 2 546 Share Mugdha shiddharth 28 Jul 2020 · 1 min read शानदार हंसना रोना दोनों था शानदार हंसना रोना दोनों था मैंने हंसी को चुना चेहरे की दीवार पे गिरते मुस्कानों के परछाईं को मैंने कभी नहीं गिना ~ सिद्धार्थ जो गुजर गया वो ख़ाब था... Hindi · कविता 2 2 195 Share Mugdha shiddharth 28 Jul 2020 · 1 min read उम्र के स्याह सलेट पे उम्र के स्याह सिलेट पे हर लम्हा दर्ज होता रहता है … वस्ल की उम्मीदों वाला सुबह हंसता है ... तो हिज्र के दामन से लिपटा रात भी तो भीत... Hindi · कविता 2 1 292 Share Mugdha shiddharth 26 Jul 2020 · 1 min read भूत नाथ दिलों में गर दरारें पड़ गई हो तो बचा क्या रहा खंडहरों की मरम्मत तो नहीं होती न "भूत नाथ" *** कितनी चिकनी और तंग गलियां थी दिलों की आना... Hindi · कविता 5 1 280 Share Mugdha shiddharth 26 Jul 2020 · 1 min read बादल भी आज टूट कर रोया है गरज कर गिर पड़ी बिजलियां बादल भी आज टूट कर रोया है तुमने देखा नहीं तो क्या हुआ "जाना" हमने भी आंखों को खूब धोया है धूलि आंखो के सुर्ख... Hindi · कविता 4 1 219 Share Mugdha shiddharth 26 Jul 2020 · 1 min read बेजुबा ❤️ बेजुबां दिल को जबां मिल जाय हाल - ए - दिल पूछ के तो देख खिजां में शायद बहार आ जाय मेरे शौक़ ए जुनू की न पूछ यारा... Hindi · कविता 4 365 Share Mugdha shiddharth 26 Jul 2020 · 1 min read मेघ मेघ को किस ने बरसना सिखलाया मन को किस ने तरसना सीखलाया जाने भी दो वो कोई भी हो, रहता चाहे कहीं भी हो हर सर के लिए मगर कोई... Hindi · कविता 4 502 Share Mugdha shiddharth 25 Jul 2020 · 1 min read मैं सच कहूंगी ... मैं सच कहूंगी तुम उसे झूठ समझ लेना मेरे हर एक झूठ पे तुम एक चुम्बन धर देना मैं कहूंगी तुम मेरे साथी हो, दिया में जैसे बाती हो तुम... Hindi · कविता 4 1 445 Share Mugdha shiddharth 24 Jul 2020 · 1 min read उदास उदास रहना और उदासी को अपनी दासी रखना हुनर कोई खास नहीं जिंदगी के प्रभात में मन का कपाट बन्द कर अंधरे को चूम कर उठाना और चेहरे की खूंटी... Hindi · कविता 2 251 Share Mugdha shiddharth 24 Jul 2020 · 1 min read वो दिल में रहता है वो दिल में रहता है मेरे, बस जुबां है कि हिलता नहीं खुशबू सा घुला है हवाओं में बस जां कह गले मिलता नहीं। मैं सदियां गवाए से बैठी थी... Hindi · कविता 3 1 204 Share Mugdha shiddharth 24 Jul 2020 · 1 min read मेरे दिल में 1. मेरे दिल में तेरी याद ने अपनी फकत जगह बनाई है आंखों में नूर ए अश्क अधरों पे मुस्कान ने जगह पाई है खैर ... रहे खुशहाल तू गम... Hindi · कविता 3 456 Share Mugdha shiddharth 24 Jul 2020 · 1 min read मन सब के मन कि मैं क्या जानूं सब मुझमें ही बसते हैं अलग अलग कुछ भी नहीं अपने मुझ में ही तिरते हैं ~ सिद्धार्थ 1. मन के छोटे से... Hindi · कविता 4 2 361 Share Mugdha shiddharth 24 Jul 2020 · 1 min read रोटियां बड़ी बदनसीब होती है रोटियां बड़ी बदनसीब होती है रोटियों को वो रसोई नहीं मिलती जिस रसोई को उनकी कद्र और जरूरत होती है रोटियों को उस मुंह का पता नहीं दिया जाता जिस... Hindi · कविता 6 253 Share Mugdha shiddharth 21 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक प्रेम में मिलना पाना कुछ होता ही नहीं है "जान" प्रेम अपने अंदर की ऊर्जा है इसे ... किस से मांगोगी और किस से कहोगी प्रेम का करो दान ...... Hindi · मुक्तक 5 3 487 Share Mugdha shiddharth 21 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक बात में गर दम हुई तो बात फलक़ तक जाएगी इक गूंज के साथ बिजलियां उसे मेरे किस्से सुनाएगी *** हम दोनों अलग सही पर एक दूजे का हम हिस्सा... Hindi · मुक्तक 3 1 259 Share Previous Page 4 Next