Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2020 · 1 min read

डर लगता है

आज कल हर बात पे डर लगता है
कोयल के गाने से भी डर लगता है

मैं कब थी किसी और की जो
तेरी हो जाने से डर लगता है

तू है मेरे अंदर ही कहीं इस लिए
तेरे चले जाने से डर लगता है

तेरे यादों के नर्म दल दल में
धसते चले जाने से डर लगता है
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 451 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं तो महज इंसान हूँ
मैं तो महज इंसान हूँ
VINOD CHAUHAN
ऐसे नाराज़ अगर, होने लगोगे तुम हमसे
ऐसे नाराज़ अगर, होने लगोगे तुम हमसे
gurudeenverma198
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
आसमां पर घर बनाया है किसी ने।
डॉ.सीमा अग्रवाल
संवेदना मर रही
संवेदना मर रही
Ritu Asooja
सावन में तुम आओ पिया.............
सावन में तुम आओ पिया.............
Awadhesh Kumar Singh
विश्व कप-2023 फाइनल
विश्व कप-2023 फाइनल
दुष्यन्त 'बाबा'
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
Sumita Mundhra
फूल खिले हैं डाली-डाली,
फूल खिले हैं डाली-डाली,
Vedha Singh
कदमों में बिखर जाए।
कदमों में बिखर जाए।
लक्ष्मी सिंह
बिन परखे जो बेटे को हीरा कह देती है
बिन परखे जो बेटे को हीरा कह देती है
Shweta Soni
पशुओं के दूध का मनुष्य द्वारा उपयोग अत्याचार है
पशुओं के दूध का मनुष्य द्वारा उपयोग अत्याचार है
Dr MusafiR BaithA
हर राह मौहब्बत की आसान नहीं होती ।
हर राह मौहब्बत की आसान नहीं होती ।
Phool gufran
उन पुरानी किताबों में
उन पुरानी किताबों में
Otteri Selvakumar
"अन्दर ही अन्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
चँचल हिरनी
चँचल हिरनी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जोशीला
जोशीला
RAKESH RAKESH
* आस्था *
* आस्था *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आंगन महक उठा
आंगन महक उठा
Harminder Kaur
नीलेश
नीलेश
Dhriti Mishra
चिड़िया
चिड़िया
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बाकी सब कुछ चंगा बा
बाकी सब कुछ चंगा बा
Shekhar Chandra Mitra
😟 आज की कुंडली :--
😟 आज की कुंडली :--
*Author प्रणय प्रभात*
विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
"राहे-मुहब्बत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा..?
महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता क्यों कहा..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मुक्त्तक
मुक्त्तक
Rajesh vyas
बस तुम
बस तुम
Rashmi Ranjan
मुक्तक
मुक्तक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हिन्दी दोहा - दया
हिन्दी दोहा - दया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शक्ति शील सौंदर्य से, मन हरते श्री राम।
शक्ति शील सौंदर्य से, मन हरते श्री राम।
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...