सतीश पाण्डेय 201 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read मन की मन में रह गयी , साध लिया व्रत मौन । मन की मन में रह गयी , साध लिया व्रत मौन । पाण्डे ऐसे दौर में , सच सुनता है कौन ।। सच सुनता है कौन ,समय की है बलिहारी... Poetry Writing Challenge 80 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read नफरत से इंसान का ,जग में हो उपहास । नफरत से इंसान का ,जग में हो उपहास । एकमात्र बस प्यार ही , भरता मन उल्लास ।। भरता मन उल्लास , हारती कटुता प्यारे । समरसता का सूत्र ,... Poetry Writing Challenge 40 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read खादी पर नित लग रहे , तरह तरह के दाग । खादी पर नित लग रहे , तरह तरह के दाग । लेकिन जनता के लिए , अच्छे दिन के राग ।। अच्छे दिन के राग , लगा वाचाली साबुन ।... Poetry Writing Challenge 42 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read समरसता दिखती नहीं, कलुषित है परिवेश। समरसता दिखती नहीं, कलुषित है परिवेश। मजहब पर नित बहस कर, तोड़ रहे हैं देश।। तोड़ रहे हैं देश, एकता घायल दिखती। मरते राम-रहीम, अमन की आह निकलती। रोग, आपदा,... Poetry Writing Challenge 106 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read कोई भी सुनता नहीं , अब जनता की बात । कोई भी सुनता नहीं , अब जनता की बात । मठाधीश इतने मगन , बिगड़ गये हालात । बिगड़ गए हालात , रहे कैसे खुशहाली । जेबें इनकी मस्त ,... Poetry Writing Challenge 93 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read आदर , थोड़ा समय , अरु , सबकी नित परवाह । आदर , थोड़ा समय , अरु , सबकी नित परवाह । अपनों की रहती सदा , अक्सर हमसे चाह ।। अक्सर हमसे चाह , करें सब मिलकर पूरी । थोड़ी... Poetry Writing Challenge 31 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read मन से ज्यादा है नहीं , उपजाऊ स्थान । मन से ज्यादा है नहीं , उपजाऊ स्थान । जैसा भी बोता मनुज , उपजे वैसा जान ।। उपजे वैसा जान , मधुरता या हो नफरत । उसी भाव की... Poetry Writing Challenge 48 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read जप-तप या पूजा करो, अथवा पढ़ो नमाज़ । जप-तप या पूजा करो, अथवा पढ़ो नमाज़ । धर्म नहीं कहता कभी , विघटित करो समाज ।। विघटित करो समाज , दिखे बस हिंसा , नफ़रत । खत्म हुआ सौहाद्र... Poetry Writing Challenge 38 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read मानव में अब है नहीं, सच सुनने का भाव । मानव में अब है नहीं, सच सुनने का भाव । जो भी मीठा बोलता , उससे करे लगाव ।। उससे करे लगाव , लोक परलोक नसाता । आत्म बोध की... Poetry Writing Challenge 25 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read कुंडलियां बुलबुल के हर नीड़ पर , करें बाज नित गश्त । तन के भूखे लालची , काम कूप में मस्त ।। काम कूप में मस्त , नोचते नारी काया ।... Poetry Writing Challenge 66 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read कुंडलियां माली ही जब बाग का , करे चमन वीरान । किसे दोष दें फिर भला , सोचे हिन्दुस्तान।। सोचे हिन्दुस्तान , समय की है बलिहारी । नहीं बचा विश्वास ,... Poetry Writing Challenge 37 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read कुंडलियां माली ही जब बाग का , करे चमन वीरान । किसे दोष दें फिर भला , सोचे हिन्दुस्तान।। सोचे हिन्दुस्तान , समय की है बलिहारी । नहीं बचा विश्वास ,... Poetry Writing Challenge 36 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read कुंडलियां थोड़ी सी तारीफ में , जो भूलें औकात । लिख लो ऐसे लोग ही , करते ओछी बात।। करते ओछी बात ,स्वयं मुग्धा ये रहते । रचते ओछे स्वांग ,... Poetry Writing Challenge 98 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read विडंबना तुलसी को जल दे रही , प्रियतम हित वह रोज । उधर पिया की चल रही , नव मृगनयनी खोज ।। नव मृगनयनी खोज , वचन अब टूटे सारे ।... Poetry Writing Challenge 87 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read कुंडलियां कविता आहें भर रही , वाणी पर प्रतिबंध । गूंगे रहकर लिख रहे , भावों के अनुबंध।। भावों के अनुबंध , समय की है बलिहारी । ठकुर सुहाती कहो ,... Poetry Writing Challenge 41 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read कुंडलिया समरसता दिखती नहीं , कलुषित है परिवेश। मजहब पर नित बहस कर , तोड़ रहे हैं देश।। तोड़ रहे हैं देश , एकता घायल दिखती । मरते राम रहीम ,... Poetry Writing Challenge 35 Share सतीश पाण्डेय 4 Jun 2023 · 1 min read कुंडलिया लिखता बुलबुल की चहक , लिखता कोयल कूक । लिखता पायल की झनक , लिखता पीड़ा मूक ।। लिखता पीड़ा मूक , लेखनी धर्म निभाता । लिखूँ समय की चाह... Poetry Writing Challenge 34 Share सतीश पाण्डेय 3 Jun 2023 · 1 min read कौन रहता होगा अब इस घर में अब इस घर में मानों कोई नहीं रहता इस घर के बच्चे ,जाने कब से बाहर रहने लगें हैं शायद कोई बैंगलोर,कोई पुणे कोई गुरुग्राम,पता नहीं कोई कह रहा था... Poetry Writing Challenge 1 184 Share सतीश पाण्डेय 2 Jun 2023 · 4 min read आज़ के दोहे कटी फसल खेतों पड़ी , ऊपर से बरसात। कृषक से ही पूछिए , कैसे सोए रात।।1 : ताजमहल की भव्यता , मजदूरों के नाम। धन्य धन्य उसकी कला , नित... Poetry Writing Challenge 312 Share सतीश पाण्डेय 2 Jun 2023 · 1 min read सागर गमगीन चुप हैं हवाएँ सागर गमगीन चुप हैं हवाएँ परिंदे उदास फूल परेशान हैं तितलियां निराश । ये मौसम कब बदलेगा ! पर मन कहता है बदलेगा ज़रूर । नीरव हवाएं निस्तब्ध सब कुछ... Poetry Writing Challenge 158 Share सतीश पाण्डेय 2 Jun 2023 · 1 min read निर्जीव षड्यंत्र झाड़ू लगायी जा जाये या कचरा समेटा जाये । इधर उधर भागते हैं धूल के कण और छोटे छोटे तिनके झाड़ू के हाथ नहीं आते छिप जाते हैं कहीं दूर... Poetry Writing Challenge 196 Share सतीश पाण्डेय 2 Jun 2023 · 1 min read दूर बैठा मजदूर दूर बैठा मजदूर तोड़ता पत्थर गढ़ता स्वप्न खुरदरे हाथों के साथ नजर पैनी हथौड़ा और छेनी शांत ,संतोष कह रहा केशव दुखी मत हो कहाँ है तुम्हारे पार्थ कहो मत... Poetry Writing Challenge 102 Share सतीश पाण्डेय 2 Jun 2023 · 1 min read गजल गजले दौर सन्देश कहीँ से अच्छा नहीँ आता। तबियत को आजकल कुछ भी नहीं भाता। सियासती जमाने का कैसा दौर है, नफरत की आंधियों को रोका नहीं जाता । माँ... Poetry Writing Challenge 176 Share सतीश पाण्डेय 2 Jun 2023 · 1 min read रिश्ते रिश्ते रिश्तों की परिभाषा बदल रही है रिश्ते पहले रिसते थे एक दूजे के लिए रिश्तो में रसक थी ,रिश्तो में गसक थी रिश्तो में ठसक थी बताने के लिए... Poetry Writing Challenge 159 Share सतीश पाण्डेय 2 Jun 2023 · 1 min read पथ भ्रमित युवा मित्रो युवाओ का एक बहुत बड़ा वर्ग दिशा हीन है ,,,मेरी पीड़ा ,,,,,, दिशा भ्रमित हैं युवा केवल झूठ के व्यवसाय में .... जी रहे जिन्दगी बस रोमान्स के क्रशकाय... Poetry Writing Challenge 264 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read दर्द से रिश्ता बनाने में जुटा था .. दर्द से रिश्ता बनाने में जुटा था .. आखिरी यही मार्ग बचा था । वर्षो उलझा , मचला ,, हर साँस में तुम्ही को लेकर पर तुम्हे पहचान नहीं पाया... Poetry Writing Challenge 1 212 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read दर्पण का सच दर्पण को दोष देना अच्छी आदत नहीं है ..... पहले चित्र अंकित करते हो ,, फिर उसे देखने से डरते हो ... दर्पण झूठ नहीं बोलते हैं ... दर्पण टूट... Poetry Writing Challenge 236 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read मेहनतकश मजदूरनी जेठ का आग उगलता महीना , जलती हुई दुपहरी तसला ढोती मेहनतकश मजदूरनी, पीठ पर बंधा हुआ नवजात , जिस्म से पसीना चुराती धूप , सीने से छाती चुराती उसकी... Poetry Writing Challenge 222 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read रंगमंच कोई बहुत ख़ुश है कोई हर तरफ से दुखी किसी के सपने अधूरे किसी के सपने पूरे किसी को स्वप्न देखने का नहीं मिला अधिकार क्या यही जीवन है? और... Poetry Writing Challenge 34 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read सौंप कर तुमको भावों की मंदाकिनी ,, सौंप कर तुमको भावों की मंदाकिनी ,, मैं तो बैठा रहा तट के उस और ही , भाव संयम नियम आज अवरोध हैं , मैं तो कहता रहा बात बदलाव... Poetry Writing Challenge 1 227 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read क्या लिख गयी है देश की तकदीर क्या लिख गयी है देश की तकदीर सुई में धागा पिरोए सूरदास , सत्य ताने सुन रहा है झूठ के शान्त जन सब हो रहे अधीर , गीत कोयल सीखती... Poetry Writing Challenge 245 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read दोहा अहंकार ,अज्ञान छल ,और अयोग्यता साथ। हाकिम में जब सब दिखें , समझो देश अनाथ ।। Poetry Writing Challenge 181 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read पिंजरा और पक्षी पिंजरे में कैद पक्षी , बहुत दिनों से नहीं बोला , जाने उसने अपना मुंह क्यों नहीं खोला , लगता है खामोश है , परिवेश से वाकिफ है , अगले... Poetry Writing Challenge 1 256 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read आदमी बेहद खौफजदा,अपने ही घर में ,क्या हुआ ? आदमी बेहद खौफजदा,अपने ही घर में ,क्या हुआ ? पता चला है ,लंबी साजिशों के बादल घूम रहे हैं , सुबह शाम उसकी ही छत के ऊपर , कुछ ऐसा... Poetry Writing Challenge 1 185 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read मात्र नपुंसक भाव रोज शहादत दे रहे,भारत मां के लाल। इधर नपुंसक भाव से सत्ता भरे उबाल।। सत्ता भरे उबाल ,हो रहीं सूनी गोदी । मांग पुछा सिंदूर ,बहन की राखी रो दी।... Poetry Writing Challenge 1 212 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read मुक्तक मृत्यु का हम बीज बोते जा रहे है। हर घड़ी खुद को डुबोते जा रहे है। ह्रदय सूखे ,नहीं है सम्मान बाकी । स्वयं का अस्तित्व खोते जा रहे है।। Poetry Writing Challenge 1 114 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read आज प्रकृति का दोहन तड़फ रही है व्याकुल धरती ,नित्य प्रकृति का दोहन। नयन नीर भर आए उसके , झुलसा है अवनि का तनमन। कंक्रीट के जंगल फैले , काट दिए पहाड़ सघन वन।... Poetry Writing Challenge 1 151 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read हम तुम दोनों साथ रहेंगे जीवन भर ... हम तुम दोनों साथ रहेंगे जीवन भर ... जीवन में सपनो के सज सजायेंगे .... सत्य शांति साहस के गीत सुनायेंगे ,,,, भर मन में उत्साह अमर निर्झर सा हम... Poetry Writing Challenge 1 45 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read संदेश गीत सन्देश गीत ............ पथ से विचलित मत हो राही राह बनाना ही जीवन है ............... मंजिल तेरे पावं पड़ेगी ,,बढ़ते जाना ही जवान है ,,,,,,,,,,, चलते जाना ही जीवन है... Poetry Writing Challenge 1 177 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read गाओ गीत अब केवल माँ भारती के सम्मान के ,,, गाओ गीत अब केवल माँ भारती के सम्मान के ,,, मत गाओ गीत श्रंगार और विहार के ,,,,,,,,,,,,,,,, हे कलाकार अब तक तो तुमने लिखा ,,,,,, चाँद पर रजनी पर... Poetry Writing Challenge 1 171 Share सतीश पाण्डेय 1 Jun 2023 · 1 min read नवगीत पंथ वीर सदा बढ़ता चलता है लक्षित पथ पर ,,अपने मन में निर्भय होकर जान धर्म की महिमा अद्भुत कर्म मार्ग में श्रद्धा रख कर मृत्युंजय हो चलता रहता ,,भावों... Poetry Writing Challenge 1 243 Share सतीश पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read मुक्तक किसी का दिल दुखाकर तुम , कभी भी खुश नहीं होना । छीन कर हक़ किसी का तुम , चैन की नींद मत सोना ।। प्रकृति में वापिसी की खुद... Poetry Writing Challenge 199 Share सतीश पाण्डेय 31 May 2023 · 3 min read नही चाहिए ऐसे बादल शीर्षक नही चाहिए ऐसे बादल अब बादल बरसते नहीं अब बादल फटते हैं कहर ढाते हैं जाने कबसे नहीं देखी वह सुहावनी रिमझिम सतत फुहार , प्रिय की मनुहार सावन... Poetry Writing Challenge 338 Share सतीश पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read चंद मिसरे गजले दौर सन्देश कहीँ से अच्छा नहीँ आता। तबियत को आजकल कुछ भी नहीं भाता। सियासती जमाने का कैसा दौर है, नफरत की आंधियों को रोका नहीं जाता । माँ... Poetry Writing Challenge 173 Share सतीश पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read मुक्तक एक मुक्तक नही इंसान से डर लग रहा है। आज की पहचान से डर लग रहा है । प्रीति की भाषा अपावन हो चुकी है । आज की मुस्कान से... Poetry Writing Challenge 238 Share सतीश पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read एक मुक्तक एक मुक्तक तुम्हारे बिन सताती है तुम्हारी याद की खुशबू । तुम्हारे बिन रुलाती है तेरे उन्नाद की खुसबू । लाख इंकार कर दो तुम मगर खुद जानते हो सच... Poetry Writing Challenge 231 Share सतीश पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read तुम्हारे बिन एक मुक्तक तुम्हारे बिन सताती है तुम्हारी याद की खुशबू । तुम्हारे बिन रुलाती है नित्य अवसाद की खुसबू । लाख इंकार कर दो तुम मगर खुद जानते हो सच... Poetry Writing Challenge 226 Share सतीश पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read दरिंदे इस कदर हावी बिना मतलब के पहरे हैं । दरिंदे इस कदर हावी बिना मतलब के पहरे हैं । कुचलते रोज कलियां जो उन्ही के सर पे सहरे हैं , चलाकर बात फांसी की चढ़ा किसको दिया फांसी। कहाँ... Poetry Writing Challenge 232 Share सतीश पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read मुक्तक आज का मुक्तक ईद होली सी दिखे दीपावली रमजान हो । हिन्दू मुस्लिम छोड़ के बस आदमी इंसान हो । सभी का हक बराबर है इसी माटी के जाये सब... Poetry Writing Challenge 146 Share सतीश पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read मुक्तक एक मुक्तक सिवा तेरे प्रिये सुन लो नहीं कुछ सूझता है अब । वही पोखर वही नीरज हृदय भी ऊबता है अब । तेरे बिन अब भला कैसे ख़ुशी दस्तक... Poetry Writing Challenge 57 Share Previous Page 2 Next