Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 1 min read

खादी पर नित लग रहे , तरह तरह के दाग ।

खादी पर नित लग रहे , तरह तरह के दाग ।
लेकिन जनता के लिए , अच्छे दिन के राग ।।
अच्छे दिन के राग , लगा वाचाली साबुन ।
निर्मल करते वस्त्र , भले अंदर से जामुन ।
जुमलों की बरसात , हो गयी जनता आदी।
रोते गांधी रोज ,देखकर दूषित खादी ।।
सतीश पाण्डेय

38 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सतीश पाण्डेय
View all
You may also like:
तुम से सिर्फ इतनी- सी इंतजा है कि -
तुम से सिर्फ इतनी- सी इंतजा है कि -
लक्ष्मी सिंह
उम्र बढती रही दोस्त कम होते रहे।
उम्र बढती रही दोस्त कम होते रहे।
Sonu sugandh
जरूरी तो नहीं
जरूरी तो नहीं
Awadhesh Singh
भीगे-भीगे मौसम में.....!!
भीगे-भीगे मौसम में.....!!
Kanchan Khanna
राम रावण युद्ध
राम रावण युद्ध
Kanchan verma
बसंत बहार
बसंत बहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जीवनसंगिनी सी साथी ( शीर्षक)
जीवनसंगिनी सी साथी ( शीर्षक)
AMRESH KUMAR VERMA
तारीख
तारीख
Dr. Seema Varma
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
यह क्या अजीब ही घोटाला है,
Sukoon
"शायरा सँग होली"-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वोट का सौदा
वोट का सौदा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
-- प्यार --
-- प्यार --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
Neeraj Agarwal
2433.पूर्णिका
2433.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
Phool gufran
Dear Cupid,
Dear Cupid,
Vedha Singh
मेरे पांच रोला छंद
मेरे पांच रोला छंद
Sushila joshi
अपवाद
अपवाद
Dr. Kishan tandon kranti
عظمت رسول کی
عظمت رسول کی
अरशद रसूल बदायूंनी
आँखों में सुरमा, जब लगातीं हों तुम
आँखों में सुरमा, जब लगातीं हों तुम
The_dk_poetry
तुम्हारी याद तो मेरे सिरहाने रखें हैं।
तुम्हारी याद तो मेरे सिरहाने रखें हैं।
Manoj Mahato
जो बातें अनुकूल नहीं थीं
जो बातें अनुकूल नहीं थीं
Suryakant Dwivedi
खत
खत
Punam Pande
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क्रोध
क्रोध
Mangilal 713
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
*जागा भारत चल पड़ा, स्वाभिमान की ओर (कुंडलिया)*
*जागा भारत चल पड़ा, स्वाभिमान की ओर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कागज मेरा ,कलम मेरी और हर्फ़ तेरा हो
कागज मेरा ,कलम मेरी और हर्फ़ तेरा हो
Shweta Soni
आत्म बोध
आत्म बोध
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30  न
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30 न
Shashi kala vyas
Loading...