Santosh Shrivastava Language: Hindi 724 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Santosh Shrivastava 10 Oct 2020 · 1 min read रिश्ते है जीवन अनमोल जिये हर पल हसीन बहुमूल्य है धरा हमारी है परिपूर्ण धन धान्य से करो मत इसका दोहन पालो माँ की तरह इसे हैं सबसे कीमती रिश्ते हमारे... Hindi · कविता 278 Share Santosh Shrivastava 8 Oct 2020 · 1 min read सतरंगी सपने है खुला गगन उड़ने के लिए नहीं देखते पंछी ऊॅचाईयां अम्बर की लहराये तिरंगा गगन में चाहत हर सैनिक की शहीद होता वह देश की खातिर है तिरंगा मान उनका... Hindi · कविता 2 287 Share Santosh Shrivastava 7 Oct 2020 · 1 min read वृद्धाश्रम सुनीता आज वॄध्दाश्रम में आई है । यहाँ सब वृद्ध जनों की अपनी अपनी दुःखद कहानियाँ है जिसे सुन कर सुनीता का दिल भर आया । एक तरफ सुनीता ने... Hindi · लघु कथा 1 473 Share Santosh Shrivastava 7 Oct 2020 · 1 min read जिंदगी रूक गये कदम रूक गयी जिंदगी रूक गयीं सांसे रूक गयी जिंदगी चलते रहे बढ़ते रहे पहुंचना है लक्ष्य तलक रूके कदम थम गयी जिंदगी है चलायमान प्राकृति नदी पंछी... Hindi · कविता 1 503 Share Santosh Shrivastava 5 Oct 2020 · 1 min read सच्चाई (लघु लेख) मरने के बाद और समय गुजरने के साथ इंसान के कार्यों का मूल्यांकन होता है और यही उसकी पहचान बनते हैं उसे मान - अपमान दिलाते है । पद और... Hindi · लेख 1 439 Share Santosh Shrivastava 4 Oct 2020 · 1 min read दृढ़ संकल्प दृढ़ स॔कल्प अटल विश्वास राष्ट्र प्रेम बंधन एकता का हर जगह पैनी नज़र लौह पुरुष तुम्हें नमन है आज हिन्दुस्तान एक है हर तरफ अनेकता में एकता चमत्कार है ये... Hindi · कविता 657 Share Santosh Shrivastava 1 Oct 2020 · 1 min read खुशियाँ है माँ के चरणों में जीवन का सुख सागर रहें परिवार में सब मिलजुल कर हो सौहार्द और हो सब खुशहाल है यही तो सुख सागर उठती लहरें समुन्दर में... Hindi · कविता 1 1 290 Share Santosh Shrivastava 30 Sep 2020 · 1 min read दरिन्दें गाँधी क्यों तुम पढ़ा गये अहिंसा पाठ हैवानियत चरम आ गयी लूट रही इज्जत खुले आम हो रही इन्सानियत तार तार कानून का करते एतवार बेइज्जत होती नारी आज न... Hindi · कविता 1 1 418 Share Santosh Shrivastava 29 Sep 2020 · 1 min read राहें है जीवन चलते रहने का नाम अनजान राहें अनजानी चाहें अनजान चालें अनजान यादें समेटे इन्हें मानस पटल धुंधले चेहरे धुंधले चित्र धुंधले पत्र कांपते हाथ कांपते साथ अंधेरी रातें... Hindi · कविता 2 288 Share Santosh Shrivastava 29 Sep 2020 · 1 min read दिल (विश्व दिल दिवस की शुभकामनाएं) "हम खुश, दिल खुश दिल खुश, जग खुश" खुश रहे स्वस्थ्य रहे स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 1 280 Share Santosh Shrivastava 28 Sep 2020 · 1 min read झोली *रहमतों की कमी नहीं मौला के दरबार में...*.। *बस रखना ध्यान इतना कहीं कोई 'सुराख' न रह जाये अपनी झोली में *.. ।। ? ? स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 2 446 Share Santosh Shrivastava 27 Sep 2020 · 1 min read लाश नहीं छोड़ती किस्मत पीछा मरने के बाद भी किसी को नसीब होते है कंधे चार कोई जलता है लावारिश लाश स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · शेर 2 550 Share Santosh Shrivastava 27 Sep 2020 · 1 min read सुख की खान - बेटी हमारी (बेटी दिवस की शुभकामनाएं) प्यार की मूरत दुलारी की सूरत हर कदम पर साथ हर मुश्किल में हाथ न कोई चाहत दे सिर्फ राहत संबंधों को दे मज़बूती घर परिवार संभालती संस्कारों की है... Hindi · कविता 2 262 Share Santosh Shrivastava 27 Sep 2020 · 1 min read नज़राना एक तरफ इश्क़ दूसरी तरफ फ़साना है फरेब और बेईमान का ज़माना है कब तलक लडेगी ये जिन्दगी गैरों से अब तो मौत ही एक नज़राना है स्वलिखित लेखक संतोष... Hindi · कविता 2 628 Share Santosh Shrivastava 26 Sep 2020 · 1 min read पिंजरा दरकते संबंध हैं मुट्ठी में रेत से संबंध फिसल जाते कब ? चलता नहीं पता बहुत नाजुक ये संबंध हुई घुसपेठ ग़ैर की दरकते संबंध ज्यों रेत से रखो विश्वास... Hindi · कविता 568 Share Santosh Shrivastava 19 Sep 2020 · 1 min read आवाजें है जन्म से आवाज का संबंध इन्सान का होते ही जन्म आवाज़ करता है रोने की अस्पष्ट आवाज निकालता है वो कुछ समझने समझाने के लिए माता पिता का हाथ... Hindi · कविता 3 537 Share Santosh Shrivastava 18 Sep 2020 · 2 min read जब नाचा बैंक अधिकारी (हास्य व्यंग्य लेख) एक हास्य प्रहसन में बैक कर्मचारियो को बैंक प्रवन्ध द्वारा दिये गये बैकिंग कार्यों के टारगेट को पूरा करते समय अपने आत्म सम्मान को ताख पर रख कैसे कैसे काम... Hindi · लेख 1 425 Share Santosh Shrivastava 17 Sep 2020 · 1 min read अपने अपनों का है मेरी इच्छा शहर के शौर-गुल से दूर गाँव के बीच बसे मेरी दादी के खपरैल और माटी की सुगंध से भरपूर घर जाने की है वहाँ इन्सानियत मानवता और... Hindi · कविता 1 1 245 Share Santosh Shrivastava 14 Sep 2020 · 1 min read हिन्दी महान हिन्द हिन्दी है मेरी शान है मुझको तूझ पर अभिमान जन जन की है भाषा हिन्दी बांधे एकता सूत्र में हिन्दी कश्मीर से कन्याकुमारी तक बुलंद है हिन्दी होगा जितना... Hindi · कविता 2 3 493 Share Santosh Shrivastava 12 Sep 2020 · 1 min read ज़िंदगी पड़ो मत पहेली के झमेले में दोस्तों है जिन्दगी लम्बी खींचती है ज्यो रस्सी आये जब जो पहेली पहले हल करो उसे जिन्दगी में है पहेली बिन जिन्दगी सूनी कभी... Hindi · कविता 1 233 Share Santosh Shrivastava 10 Sep 2020 · 1 min read यादें जीवन की याद आते हैं बचपन के वो दृश्य ठंड के दिन में चूल्हे के पास बैठ कर हाथ सेंकते हुए माँ के हाथ की गरमागरम रोटी खाना याद आता है वो... Hindi · कविता 1 3 390 Share Santosh Shrivastava 6 Sep 2020 · 1 min read मंजिल दुनियाँ इक फ़साना है है भटकाव राहों में एक ही मंजिल तलक पहुँचना है सब को जहाँ से वापस नहीं आना है स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 2 276 Share Santosh Shrivastava 5 Sep 2020 · 1 min read शिक्षक भूले नहीं भूलाये जाते ये फरिश्ते तराशते हैं देते हैं मूरत रूप ये जन्म देती माँ पिता दिखाता है दुनियाँ भविष्य बनाते हैं ये शिक्षक हैं आर्दश मार्गदर्शक हमारे हैं... Hindi · कविता 1 2 273 Share Santosh Shrivastava 4 Sep 2020 · 1 min read सज्जा (पिरामिड विधा) 1 दे सज्जा ओणम दिपावली है खुशहाली स्वास्थ्य प्रकाश शुभ मंगलकारी 2 ऐ रात अंधेरा समेटना शुभ उदय है आनन्दमय सज्जा ईश प्रार्थना स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · कविता 185 Share Santosh Shrivastava 3 Sep 2020 · 1 min read सम्मान ? दे कर प्यार, जो हमें विदा हुए संसार से, आओ करें स्वागत उनका हम। वो हुए पुरखो में शामिल जो कभी थे साथ हमारे आज सादर नमन उन्हें मन... Hindi · कविता 1 420 Share Santosh Shrivastava 3 Sep 2020 · 1 min read चिरैया है सूनी सूनी सी बगिया नहीं सुनाई दे चिं चिं चिं चिं चिरैया की आवाज सुबह सुबह है सूना सूना घर परिवार सुनाई नही दें आवाजे नन्ही बिटिया की बनाओ... Hindi · कविता 1 246 Share Santosh Shrivastava 1 Sep 2020 · 1 min read जीवन में है जीवन क्षणभंगुर कर्म प्रधान बनों जीवन में है सीमित जीवनधारा लक्ष्य पाओ जीवन में करों सेवा बेसहारों की बनों सहारा बुजुर्गों के है पूंजी उनका आशीर्वाद ही जीवन में... Hindi · कविता 1 275 Share Santosh Shrivastava 31 Aug 2020 · 1 min read रंगोली 1 मन झूमता मकान है सुन्दर प्रिय रंगोली 2 घर संस्कार भगवान मंदिर शुभ रंगोली 3 सूना त्यौहार बिन बने रंगोली जय गणेश स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · हाइकु 1 343 Share Santosh Shrivastava 27 Aug 2020 · 1 min read भटकाव निकला था मंजिल के लिए दोस्त मिले और बिछुड़ते गये आया जब चौराहा भटकाव आया जिन्दगी में बनते थे अपने गायब हो गये किधर है मंजिल नहीं बताया किसी ने... Hindi · कविता 2 527 Share Santosh Shrivastava 25 Aug 2020 · 1 min read याद याद आया वो बीता ज़माना कभी ठिठोली कभी आँख मिचौली कभी चिचौरी कभी चौरी कभी मस्ती खुशियों की बस्ती थी एक हस्ती ढूँढते हैं लोरी प्यार की डोरी वो अपना... Hindi · कविता 2 1 232 Share Santosh Shrivastava 23 Aug 2020 · 1 min read ईरादे हो जाते दफ़न, हम नफ़रत, इतनी तो की होती होते ईरादे साफ तो मुहब्बत, बदनाम नहीं होती स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · शेर 2 292 Share Santosh Shrivastava 21 Aug 2020 · 1 min read करीब (सत्य वचन ) एक बुरा वक्त ही ऐसा होता है, जो इन्सान को भगवान के करीब ला देता है । जय श्री कृष्णा राधे राधे Hindi · मुक्तक 1 1 429 Share Santosh Shrivastava 18 Aug 2020 · 1 min read तृष्णा मन की बात दिल में आस होती नहीं पूरी कभी तृष्णा इन्सान की भटकाती है जिन्दगी को रखती है खाली हाथ इन्सान को तृष्णा होती नहीं पूरी लो शिक्षा जीवन... Hindi · कविता 1 223 Share Santosh Shrivastava 17 Aug 2020 · 1 min read फूल गुलाब का काटों भरा है इनका शरीर, सुगंध, मुस्कान से हैं भरपूर है आदर्श ये गुलाब फूल हमारे दुःख में भी मुस्काय मन हमारे स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · मुक्तक 3 1 531 Share Santosh Shrivastava 16 Aug 2020 · 1 min read इन्सानियत स्वतंत्रता दिवस पर झंडा वन्दन के लिए मयंक तैयार हो कर आफिस जा रहा था । वह संचालक था , इसलिए झंडा वन्दन उसे ही करना था । मयंक अभी... Hindi · लघु कथा 2 591 Share Santosh Shrivastava 14 Aug 2020 · 1 min read तराना छेड़ो तुम कोई तराना मुझे गुनगुनाना है गाओ मंगल गान आज देशभक्ति का है दिन मुझे गुनगुनाना है है माँ को सादर नमन माँ की लोरी आज मुझे गुनगुनाना है... Hindi · कविता 3 407 Share Santosh Shrivastava 14 Aug 2020 · 1 min read देशप्रेमी होती सबसे प्यारी सबसे न्यारी माँ हमारी चलाती हाथ पकड़ वो सुनाती लोरी खिलाती हलुआ पूरी वो बजा है आज डंका स्वदेशी का है मौका कर्ज उतारने का अपनाना है... Hindi · कविता 1 1 267 Share Santosh Shrivastava 11 Aug 2020 · 1 min read किस्मत ढूँढते रहे ता जिन्दगी किनारे हम कभी मंझधार तो कभी तूफान सा मिला मंजर कहाँ है किनारा हम भटकते रहे होते हैं वो किस्मत वाले मिलती जिन्हें पतवार खैते रहे... Hindi · कविता 243 Share Santosh Shrivastava 8 Aug 2020 · 1 min read माँ का चूल्हा जोड़ता है चूल्हा परिवार को सुग॔ध रोटी की गोल गोल रोटी माँ का प्यार बैठे साथ बाबू जी भाई और बहन करता सब की चिंता माँ का चूल्हा है चौका... Hindi · कविता 1 703 Share Santosh Shrivastava 2 Aug 2020 · 1 min read मित्र है सूर बिन, गीत अधूरा अपनों बिन, परिवार अधूरा मित्र बिन, संसार अधूरा स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल (मित्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं) Hindi · मुक्तक 1 1 560 Share Santosh Shrivastava 2 Aug 2020 · 1 min read अहसास होती नहीं सहन अब उनकी खामोशियां महकी हैं फ़िजा में ख़ुशबू बाबजूद ख़ामोशियों के अहसास हो रहा सांसों का उनकी स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 435 Share Santosh Shrivastava 31 Jul 2020 · 1 min read जीवन चक्र जमीन में गिरी बूँद बीज को सींचती है , वृक्ष बनता है और बादलो सा घुमड़ घुमड़ कर बारिश कराता है फिर नयी बूँद जमीं पर गिरती है नया बीज... Hindi · कविता 2 1 244 Share Santosh Shrivastava 30 Jul 2020 · 1 min read चिट्ठी है बड़ा आत्मनीय शब्द खत दरवाजे पर खड़ी बाला इन्जार करती माँ खत नहीं तो दिखता नहीं कोई यहाँ वहाँ सुकड़ गया है आज संसार सुकड़ गये हैं आज संबंध... Hindi · कविता 1 587 Share Santosh Shrivastava 28 Jul 2020 · 1 min read झूला है जीवन झूला जैसा कभी ऊपर तो कभी नीचे जैसा है कभी चढ़ाव है जीवन में तो कभी है उतार जिन्दगी में देता है सबक झूला जीवन में कभी तेजी... Hindi · कविता 1 252 Share Santosh Shrivastava 23 Jul 2020 · 1 min read क्रान्ति है जरूरत हर युग में आजाद और आजादी की भाती नहीं पराधीनता न मानव न पंछी को झटपटाता है इन्सा आजादी के लिए पर भूल जाता है आजादी और आजाद... Hindi · कविता 2 1 379 Share Santosh Shrivastava 19 Jul 2020 · 1 min read संबंध करें मजबूत संबंध आपस में है नहीं भरोसा जिन्दगी का न करो बातें टूटने बिखरने की है मौला रखवाला सब का है फकीर समझाने वाला स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · कविता 3 1 426 Share Santosh Shrivastava 16 Jul 2020 · 1 min read जीवन-चक्र जमीन में गिरी बूँद फिर बीज को सींचती है , वृक्ष बनता है और बादलो को खींच कर बारिश कराता है फिर एक नयी बूँद जन्म लेती है नयी आशाओं... Hindi · मुक्तक 2 2 421 Share Santosh Shrivastava 7 Jul 2020 · 1 min read कसक जब अपने अपने न रहे तो उठती है कसक दिल में करते हैं वादे निभाने साथ का छोड़ जाते साथ बीच मंझधार में कसक उठती है दिल में हैं धोखेबाज... Hindi · कविता 1 538 Share Santosh Shrivastava 4 Jul 2020 · 1 min read जीवन का हैप्पी मंत्र रहना हर अवस्था में खुश है यही जिन्दगी का मूलमंत्र आते रहते सुख-दुःख चलता रहता जीवन अनन्त आती हैं जिन्दगी में अवस्था तीन बाल्य किशोर और वृद्ध बनों हर हाल... Hindi · कविता 1 337 Share Santosh Shrivastava 3 Jul 2020 · 1 min read उमर इतनी भी उमर मत दे मौला जब खुद ही नहीं अपने भी मरने की दुआ करने लगे Hindi · मुक्तक 1 378 Share Previous Page 2 Next