ईश्वर दयाल गोस्वामी 248 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next ईश्वर दयाल गोस्वामी 23 Feb 2021 · 1 min read ग़ज़ल अभी हाथ में असर नहीं है । अभी पाँव में सफ़र नहीं है ।। कितना अमन चैन है बरपा ? मग़र कोई भी निडर नहीं है ।। अँधियारा है चकाचौंध... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 6 329 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 10 Jan 2021 · 1 min read भारत-भारती हिंदी / मेरे प्रिय समस्त भारत वासियों व अप्रवासी भारतीयों को विश्व हिंदी दिवस की शुभकामना स्वरूप प्रस्तुत हैं कुछ काव्य-सुमन - भारत-भारती हिंदी / हृदय सरिता प्रवाहित है, नयन-तट पर खिले... Hindi · कविता 7 10 496 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 4 Dec 2020 · 1 min read सरस्वती वंदना / माँ ! मेरे निर्धन होंठों को, शब्दों का धनवान बना दे। खट्टी , कड़वी है ये जिव्हा, इसको रस की खान बना दे ।। स्वर अनुगुंजित हों वीणा के, मन... Hindi · कविता 8 14 496 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 8 Oct 2020 · 2 min read शील भंग की नई ख़बर है / (समसामयिक कविता) गरम-गरम है , ताज़ी-ताज़ी, शील भंग की नई ख़बर है । सच्चाई है या-कि झूठ है, कुछ तो है, जो इधर-उधर है ।। रेप हुआ है , टेप हुआ है,... Hindi · कविता 7 6 376 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 20 Apr 2020 · 1 min read पालघर हत्याकांड अब हम और बर्दाश्त नहीं करेंगे धर्म निर्पेक्षता की गंदी गाली ; अब हम और सुनना नहीं चाहते डरे हुए तथाकथित विद्वानों के मूर्खता भरे वक्तव्य ; अब हम और... Hindi · कविता 7 8 472 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 5 Jan 2020 · 2 min read कैसे कह दूँ , है नया वर्ष ? कैसे कह दूँ , है नया वर्ष ? प्रकृति में दिखता नहीं हर्ष । ये धुंध कुहासा छट जाए । बे-मौसम बादल हट जाए ।। ठिठुरन ये ज़रा मंद भी... Hindi · गीत 8 10 393 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 9 Nov 2019 · 1 min read राम यानि भारत, भारत यानि राम भारत की न्याय प्रक्रिया को कोटिशः साधुवाद करती हुई प्रस्तुत हैं स्वरचित कुछ पँक्तियाँ - भारत यानि राम, राम यानि भारत / "ये माना कुछ दिलों में कुछ भरम है... Hindi · कविता 6 4 305 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 Sep 2019 · 1 min read जीवन ही चंदन है बाबा (ग़ज़ल) फ़िल.-335 से हास़िल ग़ज़ल जीवन ही चंदन है बाबा । बचपन ही मधुवन है बाबा ।। बच्चे यदि आनंदित हैं तो, सावन ही सावन है बाबा ।। मात्र प्रेम ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 4 291 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 29 Aug 2019 · 1 min read अब भरोसा हो रहा है इस नयी सरकार पर (समसामयिक ग़ज़ल) गूँजती संसद में जो उस शेर की ललकार पर । अब भरोसा हो रहा है इस नयी सरकार पर ।। तीर तरकश से निकल जो चढ़ गया है धनुष पर,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 9 11 538 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 29 Jun 2019 · 2 min read ग्रीष्म और श्रम (समकालीन कविता) ग्रीष्म का स्पर्श अब, आनंद नहीं है अमराई का । तपती आशाओं पर छिड़का महँगाई का नमक है । कोई अवसर दिखता नहीं है आदमी की करतूत में ; कि... Hindi · कविता 9 8 498 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 29 Jun 2019 · 1 min read आन (दोहे) (1) आन बान औ' शान है, जीवन की पहचान । अग़र नहीं ये तीन तो , जीवन मरे समान ।। (2) बेटा है यदि शान तो, बेटी भी है आन... Hindi · दोहा 7 4 459 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 29 Jun 2019 · 1 min read श्रृंगार के दोहे (1) रूपसि तेरे रूप से , दर्पण भी शर्माए । किरणों के आवेग से, कहीं चटक न जाए ?? (2) सुंदर का श्रृंगार जब , सुंदरता से होय । हर... Hindi · दोहा 6 4 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 29 Jun 2019 · 1 min read ग़ज़ल फालतू की बात पर रोता है क्या ? दिल जो भी चाहे वही होता है क्या ?? मत लगा उम्मीद दौलत-ए-ग़ैर की, पुत्र है उसका या तू पोता है क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 265 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 24 May 2019 · 1 min read ग़ज़ल समसामयिक प्रस्तुत है वर्तमान जीत पर आधारित एक समसामयिक ग़ज़ल ग़ज़ल / दुनिया को नई राह बताने का शुक़्रिया । हर सिम्त जीत दर्ज़ कराने का शुक़्रिया ।। दाढ़ी को धन्यवाद... Hindi · कविता 4 2 287 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 May 2019 · 1 min read ग़ज़ल दम नहीं बात में , मुहब़्ब़त में । आज पाखण्ड है अक़ीदत में ।। आँख में लालिमा जो छाई है, रात बीती है तेरी फ़ुर्क़त में ।। जुल्फ़ का पेंच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 276 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 31 Jul 2018 · 1 min read प्यार तेरा न आया है (नवगीत) इस घर की चौखट पर अब-तक प्यार तेरा न आया है । चींटीं आईं , चींटे आए ; छिपकलियों की गश़्त भीत पर । दीमक लगते, बिच्छू आते ; मक्खी... Hindi · गीत 6 4 318 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 5 Apr 2018 · 1 min read फिर देखो ! उठने लगी नफ़रत बाली हूक ( सामयिक ग़ज़ल ) फिर देखो ! उठने लगी, नफ़रत बाली हूक । कुर्सी बाले कर रहे यहाँ चूक पर चूक ।। उल्लू भी बेख़ौफ़ निकलते उजियारे में । ज़ुगराफ़ी का इल्म़ कराते कूएँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 4 515 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 10 Feb 2018 · 1 min read मन अभी उलझा हुआ है मन अभी उलझा हुआ है । गीत का मुखड़ा हुआ है ।। रात अब तपने लगी है , दिन बहुत ठंडा हुआ है ।। फूट की बुनियाद गहरी , लूट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 8 600 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 23 Jan 2018 · 1 min read फूल, पत्ते जो डाली लगे फूल-पत्ते जो डाली लगे । ठंड उनको भी भारी लगे ।। ग़र सच्ची जो अरज़ी लगे । समझो उसकी ही मरज़ी लगे ।। कोई कंबल उड़ा दो इन्हें । बाहरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 558 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 15 Jan 2018 · 1 min read घटा-सी छा रही थी घटा-सी छा रही थी, छा गई क्या ? बरस जाएगी ये बदली नई , क्या ? चाँद छिपने के लिए तैयार बैठा ; घटा की आँख में आई ,नमी क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 834 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 15 Jan 2018 · 1 min read कजा से जो हमेशा ही लड़ा है कजा से जो हमेशा ही लड़ा है । उसी में फूल जीवन का खिला है ।। चलो,अमराई की ठंडक मिलेगी , नदी के पार कच्चा रास्ता है ।। हवा से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 4 756 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 31 Dec 2017 · 1 min read साल जाते हैं, तो आते भी हैं । साल जाते हैं, तो आते भी हैं । ग़र ये रोते हैं, तो गाते भी हैं ।। ग़म के सागर में डुबोया इनने, किन्तु अपने हैं, तो भाते भी हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 898 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 26 Nov 2017 · 1 min read त्रासदी (युवा मित्र के अकस्मात दुखद निधन पर अर्पित काव्य-श्रद्धांजलि ) त्रासदी/ उस क्षण कैसा लगता है ? जब वृक्ष बनने से पहले ही उखड़ जाए कोई रसीले फलों बाला पौधा... Hindi · कविता 4 2 996 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 Nov 2017 · 1 min read मित्रता कभी-कभी, ऐंसा लगता है; फुदक-फुदक कर, चहक-चहक कर, उड़ जाऊँ, गौरैया जैसा । गुनगुनाऊँ, गीत गाऊँ, आम्र की शाखा पर बैठी कोयल जैसा । थिरक-थिरक कर, नाच उठूँ मै ;... Hindi · कविता 4 3 986 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 12 Aug 2017 · 2 min read ज्ञान का भ्रम जो अज्ञानी व्यक्ति है वह ज्ञानवान व्यक्ति का शत्रु नहीं हो सकता बल्कि जो ज्ञान होने का दिखावा करता है कि मै ज्ञानी हूँ उसका यह भ्रम ही उसके ज्ञान... Hindi · लेख 6 7 8k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 26 Jun 2017 · 2 min read आव बैठ ले मजले कक्का (बुंदेली कविता) आव बैठ ले मजले कक्का हते कहाँ तुम ? तुमसें मिलें जमानों हो गव । ऊँसई सूके कुआ बाबरी , ऊँसई नदिया नारे । बिखरे हैं रसगुल्ला जलेबी, डरे करैया... Hindi · कविता 6 6 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 18 Jun 2017 · 1 min read श्रद्धांजलि आखिर! दाग ही दिए ग्रेनेड जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने सेना के शिविर में सोते हुए जवानों पर । 14 जवान ज़िन्दा जले 20 हुए घायल । फिर भी हम अभी... Hindi · कविता 4 2 935 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 16 May 2017 · 1 min read फिर से बचपन आ जाता गीत जाने क्यों लगता है मुझको ? फिर से बचपन आ जाता । खोई हुई ख़ुशी जीवन की और प्यार मैं पा जाता । रोज़ बनाना नये घरौंदे और मिटाना... Hindi · गीत 6 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 6 May 2017 · 1 min read सफ़र तीखा हुआ .(ग़ज़ल) सफ़र तीखा हुआ, मिर्ची मिले नींबू की तरह । दर्द़ घुलने लगा , इमली मिले काजू की तरह । ज़िन्दगी तैरती जाती है, हवाओं में यहाँ ; जैसे कि -... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 882 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 22 Apr 2017 · 5 min read रानगिर की हवा में शामिल हैं दक्षकन्या की स्मृतियाँ दिव्य-कन्या बन गई पाषाण-प्रतिमा- तीन रूपों में होते हैं हरसिद्धि के दर्शन रानगिर की फ़िज़ा में घुली हुई हैं दक्षकन्या सती की स्मृतियाँ ्् द्वारा-ईश्वर दयाल गोस्वामी । मध्यप्रदेश के... Hindi · लेख 6 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 17 Apr 2017 · 1 min read उठ मेरी बेटी बकरियाँ मिनमिनाती हुई जाने लगीं ज़ंगल की ओर ; रोज़ की तरह समझाती हुईं समय की पाबंदी का अर्थ । बजने लगे पहट से लौटती भैंसों के गले के घंटे... Hindi · कविता 6 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 11 Apr 2017 · 1 min read यह नगरी है (५) यह नगरी है , नेताओं की , आकाओं की । बस-स्टेंड इनके पापा का , जिसे बनाया इनने दफ़्तर । लंबी ऊंची पहुंच बताकर , ख़ुद ही ख़ुद को कहते... Hindi · कविता 4 2 923 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 9 Apr 2017 · 1 min read यह नगरी है (४) यह नगरी है , भक्तों की , परम विरक्तों की । बगुले जैसा ध्यान लगाते । फिर भी मछली पकड़ न पाते । यज्ञ कराते भजन कराते । रामायण का... Hindi · कविता 3 2 876 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 8 Apr 2017 · 1 min read यह नगरी है (३) यह नगरी है , संतों की , परम महंतों की । जटा-जूट लम्बे-चौड़े हैं । पर विचार इनके भौंड़े हैं । तिलक है लम्बा चिंतन छोटा । धर्म-कर्म सब इनका... Hindi · कविता 4 2 924 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 7 Apr 2017 · 1 min read यह नगरी है (२) यह नगरी है , सिद्धों की, परम प्रसिद्धों की । कान खड़े रहते हैं जिनके , परनिंदा हरक्षण सुनने को । नाक सदा जो पेंनी रखते , गंध घृणा की... Hindi · कविता 5 4 794 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 7 Apr 2017 · 1 min read यह नगरी है (१) यह नगरी है , बुद्धों की , परम प्रबुद्धों की । मुर्गे की जो टांग खींचते , सदा सत्य से आंख मींचते । वियर- बार में मंजन करते , कटुता... Hindi · कविता 4 2 912 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 1 Apr 2017 · 1 min read सापेक्षता (समकालीन कविता) तुम, आधे-अधूरे नहीं, परिपूर्ण हो, सम्पूर्ण हो । क्योंकि- तुम्हारे पास हाथ हैं , पांव हैं , नाक है, कान हैं, आंखें हैं । यहां तक कि- उन्नत कल्पनाओं को... Hindi · कविता 4 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 31 Mar 2017 · 1 min read लिख दूं (ग़ज़ल) आज मन की बात लिख दूं । दोस्तों का घात लिख दूं ।। दिन मेरे हो गये ठण्डे , गर्म होती रात लिख दूं ।। उमड़-घुमड़ कर आंख से ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 721 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 30 Mar 2017 · 1 min read बाल उमंग ( बाल कविता) आज गेंद-सा , मैं उछलूंगा । आगे बढ़ने को दौड़ूंगा । बड़ी खाईंयां , मैं लांघूंगा । जीवन को अब, मैं जानूंगा । पापा से यह , गेंद मंगाई ।... Hindi · कविता 4 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 30 Mar 2017 · 1 min read नहीं हुआ स्पर्श धूप का गीत नहीं हुआ स्पर्श धूप का , मेरे घर और आंगन में । किया न चुंबन रवि किरणों ने , झड़ती इन पंखुड़ियों का । अज़ब निराशा में है, जीवन,... Hindi · गीत 4 2 902 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 30 Mar 2017 · 1 min read आंगन को भी जरा लीप दो बिटिया ! रांगोली रचकर तुम , आंगन को भी जरा लीप दो । मुद्दत से उखड़ा-उखड़ा ये , वर्षों से उजड़ा-उजड़ा ये ; आंगन तुम्हें निहार रहा है. । कोमल... Hindi · गीत 3 4 852 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 29 Mar 2017 · 1 min read एम.ए.पास न होता (गीत) दिन भर करता काम-काज मैं, रात नींद भर सोता । कितना अच्छा होता जो मैं एम.ए. पास न होता ।। गांव छोड़कर क्यों मैं रहता इस शहरी माहौल में ?... Hindi · गीत 3 2 793 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 28 Mar 2017 · 1 min read नवरात्रि के आगमन पर आ रही हैं कल से मैया । प्यारी मैया , सबकी मैया । कल से होंगे रतजगे । भगतें होंगी , भजन भी होंगे । दारू बाले दारू छोड़ेंगे नवदिन... Hindi · कविता 3 2 975 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 27 Mar 2017 · 1 min read पीड़ा पीड़ा जब भी आई है , नहीं किसी को भाई है । हर्षित होकर कोई न उठता , अतिथि पीड़ा के स्वागत में , फिर भी पीड़ा करती रहती ,... Hindi · कविता 3 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 27 Mar 2017 · 1 min read ग़ज़ल मिले कहीं पर बात हो जो लाज़मी ले जाईये । खोजकर कोई भीड़ में से आदमी ले जाईये । श्याम-पट पर उकेरे जो अक्षरों-सा चमकता हो , ज़िंदग़ी का वह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 755 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 26 Mar 2017 · 1 min read शायद ! तुमने मुस्काया है. (नवगीत) स्वच्छंद गगन , सुरभित है चमन, शायद ! तुमने मुस्काया है । झरने का कल-कल,छल-छल ; जैसे- लहराता हो आँचल । ये झंकृत होता मंद पवन , संगीत हुआ मेरा... Hindi · गीत 3 2 754 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 26 Mar 2017 · 1 min read गीतिका अगर चाहता है तू खुशियाँ ,दुख तुझको सहना होगा । बैठे-बैठे कुछ न होगा , जतन तुझे करना होगा । । वज्राघात भले हो जाए , गिरे टूटकर पर्वत ऊपर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 785 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 26 Mar 2017 · 1 min read भजन (ग़ज़ल) """"""" ग़ज़ल """''"""'" तुम्हारा प्यार प्यारा है,जो मेरे दिल को भाता है । उसी के ही सहारे से, ग़ुजरता वक्त जाता है । । दिल-ए-नादाँ मैं तुझको अब,चलूँ ले दूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 26 Mar 2017 · 1 min read तन्हाईयां (ग़ज़ल) ज़िन्द़गी का हौस़ला , तनहाईयाँ । काव्य की सुंदर कला, तनहाईयाँ । उलझ जाता ज़िन्द़गी की भीड़ में, सुलझातीं वह मामला तनहाईयाँ । वक्त जो तैयार करता , दोस्तों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 959 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 25 Mar 2017 · 1 min read राष्ट्र-भक्ति गीतिका शस्य-श्यामला इस धरती को , बारम्बार प्रणाम है । हरे-भरे-से इन खेतों को । मरुस्थलों की भी रेतों को । पर्वत,सागरऔर नदियों को। बीती गौरव की सदियों को । मंदिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 820 Share Previous Page 4 Next