पंकज कुमार कर्ण 255 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2022 · 1 min read मुक्तक मुक्तक """"""""_""""""""""""""""" पावनी 'गंगा' सी पवित्र, 'हिंदी' हमारी। इसकी बोली है , जग में सबसे प्यारी। देवनागरी लिपि से,सदा ये सुसज्जित; इसे अपनाएगी एकदिन,दुनिया सारी। ____________________________ स्वरचित सह मौलिक; ....✍️... Hindi · मुक्तक 4 1 268 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Sep 2022 · 1 min read "शिक्षक तो बोलेगा" "शिक्षक तो बोलेगा" **************** शिक्षक तो बोलेगा ही अलबत्ता, सुनो, स्कूल व गुरु की गुणवत्ता; कैसे हावी है यहां शिक्षा पे सत्ता, स्कूल में, एक पाठ पढ़ाई जाती; सबको, जाति... Hindi · कविता 5 6 508 Share पंकज कुमार कर्ण 27 Jul 2022 · 1 min read "एक अत्याचार" "एक अत्याचार" *************** कौआ का कौआ खाए, तोते का भी सब कौआ। वो तोता जब भी राग गाए, कांव-कांव करे सदा कौआ। यहां पसरा ऐसा गणतंत्र है, ज्ञान से कुछ... Hindi 5 2 354 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Jun 2022 · 1 min read "पिता का जीवन" "पिता का जीवन" ************** कर्तव्य-पथ से,अडिग होते वो यदा-कदा; संघर्षशील रहते, अपने जीवन में सर्वदा। संकट भी होती है अगर,उनके चारों ओर; फिर भी उनका मन नाचे, जैसे वन-मोर। बचपन... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 8 11 497 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Jun 2022 · 1 min read "पिता की क्षमता" "पिता की क्षमता" ************** पिता हर-घर की शान-बान है, हर बच्चे की , वही पहचान है। हर पिता भी सदा, एक पुत्र है; वो परिवार का जीवन-सूत्र है। मां होती... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 8 7 703 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Jun 2022 · 1 min read 'बाबूजी' एक पिता 'बाबूजी' एक पिता ~~~~~~~~~~ ज्ञान न मिला,जितना 'गीता' व 'गुरु' से; 'बाबूजी' से ’'ज्ञान' पाया हमने,शुरू से। उंगली पकड़ , चलना सीखा जीवन में; सौहार्द से रहना सीखा , घर-आंगन... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 11 10 713 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Apr 2022 · 1 min read "ज़िंदगी अगर किताब होती" "ज़िंदगी अगर किताब होती" ********************** हमारी ज़िंदगी अगर किताब होती; पन्ने-पन्ने पे लिखी,कई ख्वाब होती। भूत, भविष्य व वर्तमान, तीनों की; बातें इसमें , लिखी बेहिसाब होती। कुछ पन्नों में... Hindi · कविता 6 2 565 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Apr 2022 · 1 min read घर हर कोई , निज 'घर' बनाना चाहे। हर रिश्तों से,सदा दूर जाना चाहे। ईंट व पैसों से , घर तो बन जाती; पर ऐसे घरों में बैठ,भरें सब आहें। Hindi · मुक्तक 2 869 Share पंकज कुमार कर्ण 24 Apr 2022 · 1 min read लिहाज़ लिहाज़ ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ 'लिहाज़' ज़रूरी है, ज़ीवन में। अप्रिय बोलो मत , जो मन में। सबका , आदर करना सीखो; ज़ियो जैसे,फूल हो उपवन में। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° #स्वरचित_सह_मौलिक; .........✍️पंकज 'कर्ण' ...............कटिहार।। Hindi · मुक्तक 3 2 529 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Apr 2022 · 1 min read बदलते रिश्ते "बदलते रिश्ते" ~~~~~~~~ मैं किस रिश्तों की, बात करूं; हर रिश्ते ही, अब तो सस्ते है। जहां कोई भी, नुकसान दिखे; नफा हेतु ही, बदलते रिश्ते हैं। रिश्तों में अब,... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 15 Apr 2022 · 1 min read भोर भोर धरा पे फैली है, सूर्य प्रभा चहुंओर; फुदके पपिहा,पंछी और नाचे मोर। लालिमायुक्त छटा, बिखरी है पूरब; जाग मुसाफिर तू भी,हो गई 'भोर'। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° स्वरचित सह मौलिक .....✍️पंकज 'कर्ण'... Hindi · मुक्तक 4 642 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Apr 2022 · 1 min read 🌷"फूलों की तरह जीना है"🌷 🌷"फूलों की तरह जीना है"🌷 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷 'मन'अनुरंजित, 'तन' अनुरंजित; सदा कुसूमित हो, जीवन अपना। हर कोई ही प्रफुल्लित हो, हमसे; आते ही पास,दूर हों निज गम से। खिला-खिला रहे, जीवन,मन... Hindi · कविता 4 4 526 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Apr 2022 · 1 min read 🌷मनोरथ🌷 🌷मनोरथ🌷 रंग-बिरंगे ही, मनोरथ बसे; हरेक प्राणी के , रग-रग में; हर मनोरथ सदा, पूरे होते; सबके कभी , यही जग में। कुछ मनोरथ , दिखावे की; कुछ है ,... Hindi · कविता 5 432 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Apr 2022 · 1 min read "एक नई सुबह आयेगी" "एक नई सुबह आयेगी" ~~~~~~~~~~~~ कल, एक नई सुबह आयेगी; संग में, नई शाम भी लाएगी; हर तरफ होंगी खुशियां,सह; खूबसूरत,पैगाम भी लाएगी। सबमें, नई उम्मीद जगाएगी; बदलेंगे , सबके... Hindi · कविता 3 765 Share पंकज कुमार कर्ण 7 Apr 2022 · 1 min read जुनून जुनून ~~~~~~~~~~~~~~~~ 'जुनून' जरूरी है, सदा जीवन में। इससे संशय न पले,कभी मन में। यह तो है,हर सफलता की सीढ़ी; सार्थक हो, दिखे जो अध्ययन में। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° स्वरचित सह मौलिक... Hindi · मुक्तक 1 262 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Apr 2022 · 1 min read माफ़ी/क्षमा माफ़ी/क्षमा °°°°°°°°°°° कभी कुछ गलती होती, सदा हरेक इंसान से, किंतु स्वयं को सुधारे वह, 'माफ़ी' व क्षमादान से। 'माफ़ी' जो कभी मांगे , उसका कल्याण करो, सामर्थ्य के अनुरूप... Hindi · कविता 2 2 303 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Apr 2022 · 1 min read सज़ा सज़ा '''''''''''''' हर 'सज़ा' हेतु,न्याय चाहिए; पर 'सज़ा', सजा है मेज़ पर; पाने व बचने वाले को , बस; सच्ची-झूठी , उपाय चाहिए। सज़ा तो देते हैं , ऊपर वाले;... Hindi · कविता 2 2 232 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Apr 2022 · 1 min read "मत लड़, ऐ मुसाफिर" "मत लड़, ऐ मुसाफिर" ~~~~~~~~~~~~ मत लड़, ऐ मुसाफिर,,, मंजिल तेरी आने वाली है, कुछ भी कर ले तू, नहीं मिलेगा कुछ भी, मंजिल पूरा खाली है, जबतक सफर में... Hindi · कविता 2 2 392 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Apr 2022 · 1 min read ज़िंदगी के रंग 🌷ज़िंदगी के रंग🌷 *****************" इंद्रधनुष सा , जीवन हो सतरंगी; बै_आ_नी_ह_पी_ना_ला , संगी। बैंगनी, जीवन में एकाग्रता लाए; भोग और विलासिता को बढ़ाए। आसमानी रंग, शीतलता समाए; सुख, शांति व... Hindi · कविता 2 2 217 Share पंकज कुमार कर्ण 1 Apr 2022 · 1 min read फ़ना फ़ना ____________________ जहां अना है, वहीं 'फ़ना' है; न कोई किसी का,अपना है; स्वार्थ ही , सबका सपना है; हर जीवन में,जरूरी स़ना है; स़ना में न ऊना, न 'फ़ना'... Hindi · कविता 2 218 Share पंकज कुमार कर्ण 27 Mar 2022 · 1 min read बोलतीआँखें 👁️ 👁️ बोलतीआँखें 👁️ 👁️ सदा कुछ, तो 'बोलती ऑंखें'; कई राज को , खोलती ऑंखें; ऑंखों से ही, खुशियां झलके; गम में भी , ऑंखें ही छलके। अपने भूले , रिश्तों... Hindi · कविता 2 354 Share पंकज कुमार कर्ण 24 Mar 2022 · 1 min read झिलमिल झिलमिल "झिलमिल-झिलमिल,करते तारे। आसमान में छाए हैं, बहुत सारे। दिवाकर ने छुपा रखा है,दिन में; पर रात में ये दिखते,प्यारे-प्यारे।" ⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ ©®✍️ पंकज कर्ण >>>>>>>कटिहार। Hindi · मुक्तक 2 1 175 Share पंकज कुमार कर्ण 18 Mar 2022 · 1 min read 'सम्मान' 'सम्मान' ___________________________________ "संस्कार के बगीचे में,सम्मान के फूल खिलते हैं; काबिलियत के टहनी पर ही , ये पुष्प मिलते हैं। पर यह सम्मानित पुष्प, हर कोई तोड़ नही पाते; नसीब... Hindi · कविता 2 577 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Mar 2022 · 1 min read 'रंगीलो फाग' ❗'रंगीलो फाग'(कुंडलियां छंद)❗ ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ १ देखो "रंगीलो फाग", 'होलिका' जली आग। हर कोई मग्न है आज, सुन लो फगुआ राग।। सुन लो फगुआ-राग , मस्ती में सब इसे गाए। घर... Hindi · कुण्डलिया 1 417 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Mar 2022 · 1 min read होली पर दोहे होली पर दोहे ~~~~~~~~ १ गाल रंगो गुलाल से , रंगो मन रंग से। 'होली'अगर खेलो तू,तो थोड़ा ढंग से।। २ रंग खेल 'रंगरसिया' , मारो रंग भर के। तोरे... Hindi · दोहा 1 366 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Mar 2022 · 1 min read दामन दामन ___________________________ "सबके दामन में, खुशियां भरा हो। किसी दामन में , ना दाग जरा हो। ढेर सारा प्यार छुपा हो , दामन में; हर माता का दामन,इतना बड़ा हो।"... Hindi · मुक्तक 1 480 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Mar 2022 · 1 min read "लाभ का लोभ" "लाभ का लोभ" _____________ नित्य बढ़ रहे, अब आबादी; मिली जबसे हमें , आजादी; होती , संसाधन की बर्बादी; सबमें, लाभ का ही लोभ है। फैला हुआ पूरा भ्रष्टाचार है;... Hindi · कविता 1 791 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Mar 2022 · 1 min read 'यायावर' 'यायावर' ?? "हर यायावर जिंदा होते। भटके जैसे परिंदा होते। निज किस्मत से, कभी; खुद ना ये,शर्मिंदा होते।" ~~~~~~~~~~~~~ ©®✍️पंकज कर्ण ...........कटिहार।। Hindi · मुक्तक 1 669 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Mar 2022 · 1 min read 'फागुन' ?फागुन? ••••••••••••••••• बीता पूस माघ, अब फाल्गुन आयेगा; अब बसंती कोयल, नित खूब गाएगा। हवा में रंग उड़ेंगे, खूब गुलाल बिखरेंगे; हर तन-मन को ही , ये फागुन भाएगा। ये... Hindi · कविता 1 513 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Mar 2022 · 1 min read 'आस्था' ?आस्था? आस्था तो सदा,एक प्रेमभाव है। जिस मन का, ईश्वर से लगाव है। ये बसे, उस निर्मल मन मंदिर में; जहां हमेशा , भक्ति का बहाव है। आस्था में,सदा आदर... Hindi · कविता 3 2 655 Share पंकज कुमार कर्ण 18 Feb 2022 · 1 min read वरदान "वरदान" ?? वरदान दो,हे!'विद्यादायनी'। हम बालक हैं तेरे, अज्ञानी। बिन तेरे दया के,ज्ञान कहां; दया कर दो,हे!'हंसवाहिनी'। सभी कहे तुझे , मां भारती। करे सब जन , तेरी आरती। जन-जन... Hindi · कविता 2 2 502 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Feb 2022 · 1 min read 'खुद किस्मत देखो' (दोहा.) 'खुद किस्मत देखो' खुद को पूरा छुपाते, पर निज किस्मत देखो। 'भारत की संस्कृति' से , सदा जीना सीखो।। स्वरचित सह मौलिक; .....✍️पंकज कर्ण Hindi · दोहा 1 420 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Feb 2022 · 1 min read "अगर तुम न होते"... "अगर तुम न होते"... ?????? अगर तुम न होते........ वतन के लोगों के आंखों में, आज पानी न होती। आज संगीत की ये कहानी ना होती। अगर तुम न होते........... Hindi · गीत 2 512 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Feb 2022 · 1 min read फ़ुर्क़त फ़ुर्क़त ______________________________________ 'फुर्क़त' में वेदना बसे; यही चपल-मन को डसे। विरह में कुछ न भाए; दर्शन ही बिछोह भगाए।। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°?°°°°°°°°°°°°°°°°°° #स्वरचित सह मौलिक; ........✍️ पंकज कर्ण ...............कटिहार। Hindi · कोटेशन 3 552 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Feb 2022 · 1 min read "मां बनी मम्मी" "मां बनी मम्मी" 'मां' बन गई है , जबसे मम्मी; बाबूजी भी, बन गए हैं पापा; सनातन में,ये शब्द परिवर्तन; किसने किया है, हे! विधाता। मम्मी में, मां सी वो... Hindi · कविता 4 2 663 Share पंकज कुमार कर्ण 27 Jan 2022 · 1 min read 'पतंग' 'पतंग' नाम है गुड्डी,कहलाती 'पतंग'। जब भी ये उड़े ,'हवा'करे तंग। ठंड 'मौसम'में,सदा खूब दिखे; बड़े भी झूमते ,'बच्चों के संग। कटे कभी भी,उसी की पतंग। जिसमें नहीं रहती है,... Hindi · कविता 1 502 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Jan 2022 · 6 min read "पूस की रात" "पूस की रात" (संस्मरण) पूस की उस काली रात को विस्मृत करना मेरे लिए कदापि संभव नहीं है। बात, २७ दिसंबर २०१४ की है, शनिवार का दिन था। स्कूल में... Hindi · संस्मरण 4 2 299 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Jan 2022 · 1 min read "गणतंत्र दिवस" "गणतंत्र दिवस" 'आजाद' होकर भी, जब 'गुलामी' थी; सन् पैंतीस की , वो विधान पुरानी थी; निज देश की, सदा बहुत बदनामी थी; हिन्दुस्तान को भी,पहचान बनानी थी। टिकी नजर,... Hindi · कविता 3 584 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Jan 2022 · 1 min read "नेताजी सुभाष चंद्र बोस अमर रहे" "नेताजी सुभाष चंद्र बोस अमर रहे" ************?************ 'आजादहिंद' के, तुम हो प्रणेता जी; कहते सारा जग, तुम्हें ही #नेताजी'। गुलाम 'भारत' के तुम ही थे , आस; जन-जन तुझको चाहे,... Hindi · कविता 3 673 Share पंकज कुमार कर्ण 20 Jan 2022 · 1 min read 'सलाह' 'सलाह' सबके साथ रहना सदा, किसी भी, भीड़ में; अकेले का, शौक ना रखना; किसी तस्वीर में। खुद भी, तस्वीर देखा करो; तेरा तस्वीर, सिर्फ दूसरे देखें; ऐसा न लिखा... Hindi · कविता 2 423 Share पंकज कुमार कर्ण 18 Jan 2022 · 1 min read 'हिंदी' 'हिंदी' •••••• सब सुनो!'हिंदी' की 'कहानी' सदा ये,'भाषा' की 'महारानी' खुद में ग्यारह 'स्वर' है समेटे; तैंतीस 'व्यंजन', यह है लपेटे; शामिल,अंत:स्थ' व 'उष्ण'हैं; 'वर्ण', फिर क्ष,त्र,ज्ञ,श्र जानो; चार है... Hindi · कविता 4 547 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jan 2022 · 2 min read "यादों के झरोखे से".. "यादों के झरोखे से".. °°°°°°°°°°°°°°°°°°°° "यादों के झरोखे से", मैं क्या-क्या बताऊॅं, क्या-क्या याद करूॅं और क्या भूल जाऊॅं। अपना बचपन था,जैसे समुंदर की हों लहरें; मस्ती थी, सस्ती; बगीचों... Hindi · कविता 6 3 1k Share पंकज कुमार कर्ण 7 Jan 2022 · 1 min read कल रहूॅं-ना रहूॅं... कल रहूॅं-ना रहूॅं... ----------------- 'पिता' कहे , सुन 'पुत्र' तू मेरा; तू देखे , नित ही 'नया-सबेरा'; चाहूॅं मैं,सुखद हो तेरी 'जिंदगी'; मैं हर-पल साथ रहूॅं ,सदा तेरा; हमेशा यही,निज... Hindi · कविता 4 530 Share पंकज कुमार कर्ण 4 Jan 2022 · 1 min read 'काव्य-शतक' 'काव्य-शतक' °°°°°°°°°°°° फिर आज , ऐसी बेला आई; काव्य जगत में खुशियां छाई; उत्कृष्ट लेखन की, मची होड़; कइयों ने दिया लिखना छोड़; कुछ कवि,भटके व भटकाए; कोई रोए ,... Hindi · कविता 5 3 741 Share पंकज कुमार कर्ण 3 Jan 2022 · 1 min read "धर्म से बड़ा कर्म" "धर्म से बड़ा कर्म" भले , धर्म से बड़ा कर्म है; हरेक धर्म का,यही मर्म है। पर , निजधर्म मत त्यागो; अपने धर्म से, तू न भागो। जो धर्म छोड़े... Hindi · कविता 3 842 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Jan 2022 · 1 min read "रईस का कुत्ता" "रईस का कुत्ता" वो 'कुत्ता',कितना खुशनसीब; जो रहता , रईस के ही करीब; ये 'कुत्ता' होता, कई नाम का; मिलता ये,लाखों के दाम का; मगर नहीं ये, किसी काम का;... Hindi · कविता 4 2 569 Share पंकज कुमार कर्ण 1 Jan 2022 · 1 min read "पप्पू का बकरा" "पप्पू का बकरा" डरा सहमा बैठा है , कोने में; लगा पिछला याद,संजोने में; बीते नववर्ष, बहुत छोटा था; जब उसका परिवार टूटा था। बड़ा होकर,इस चिंता में डूबा; टूटे... Hindi · कविता 4 479 Share पंकज कुमार कर्ण 1 Jan 2022 · 1 min read 'मुर्गे की गलती' ??? 'मुर्गे की गलती' ???? मुर्गे की, बस यही गलती; है ये एक, सीधा सा पक्षी; भरता नहीं , ऊंची उड़ान; और मुर्गा है,इसका नाम। सीखो, अब तू भी मुर्गे से;... Hindi · कविता 6 531 Share पंकज कुमार कर्ण 1 Jan 2022 · 1 min read सन् "बीस सौ बाईस" "बीस सौ बाईस" ^^^^^^^^^^^^^ ?२०२२? आया है , सन् 'बीस सौ बाईस'; पूरी होंगी अब,सबकी ख्वाईस; चांद पे अब, निज भारत होगा; हर क्षेत्र में , खुद महारथ होगा; बाइस... Hindi · कविता 4 698 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Dec 2021 · 1 min read 'पहचान' 'पहचान' °°°°°°°° आया,'पहचान' जानने का वक्त; 'पहचान' जानो अब,तुम हमारी; हमको है , अपनी ही राष्ट्र प्यारी; हम निज भारत के हैं,'राष्ट्रभक्त'; आया, पहचान जानने का वक्त। सबकी होती है,... Hindi · कविता 5 540 Share Previous Page 2 Next