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धरा की प्यास पर कुंडलियां
Ram Krishan Rastogi
जूते व जूती की महिमा (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
आओ जाओ मेरी बाहों में,कुछ लम्हों के लिए
Ram Krishan Rastogi
सावन और साजन
Ram Krishan Rastogi
आओ तो सही,भले ही दिल तोड कर चले जाना
Ram Krishan Rastogi
विश्व पर्यावरण दिवस
Ram Krishan Rastogi
कह न पाई सारी रात सोचती रही
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वो इश्क किस काम का
Ram Krishan Rastogi
दो जून की रोटी
Ram Krishan Rastogi
ये दिल है जो तुम्हारा
Ram Krishan Rastogi
वो पहली पहली मेरी रात थी
Ram Krishan Rastogi
भगवान की तलाश में इंसान
Ram Krishan Rastogi
बिन मौसम के ये बरसात कैसी
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सोलह सुख
Ram Krishan Rastogi
पति पत्नि की नोक झोंक व प्यार (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
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मातृ दिवस पर कुछ पंक्तियां
Ram Krishan Rastogi
किसी को दिल में बसाना बुरा तो नहीं
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एक नारी की पीड़ा
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तोड देना वादा,पर कोई वादा तो कर
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मै भी हूं तन्हा,तुम भी हो तन्हा
Ram Krishan Rastogi
पतझड़ की कैद में हूं जरा मौसम बदलने दो
Ram Krishan Rastogi
बचपन की यादों को यारो मत भुलना
Ram Krishan Rastogi
दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
Ram Krishan Rastogi
बिन माचिस के आग लगा देते हैं
Ram Krishan Rastogi
आप तो गुलाब है,कभी बबूल न बनिए
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मन करता है अभी भी तेरे से मिलने का
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अंतराष्टीय मजदूर दिवस
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तुम मेरे बादल हो, मै तुम्हारी काली घटा हूं
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दिल ने दिल को पुकारा, दिल तुम्हारा हो गया
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तुझको मै अपना बनाना चाहती हूं
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आजकल की औरते क्या क्या गजब ढा रही (हास्य व्यंग)
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तुम्हारा दीद हो जाए,तो मेरी ईद हो जाए
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शादी शुदा कुंवारा (हास्य व्यंग)
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प्यार की स्टेजे (प्रक्रिया)
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किस के लिए संवर रही हो तुम
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हम इतने भी बुरे नही,जितना लोगो ने बताया है
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धुएं से धुआं हुई हैं अब जिंदगी
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ऐ दिल तु ही बता दे
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भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय
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कुछ क्षणिकाये आज के समय की
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कविता पर कुछ दोहे
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स्त्री और पुरषों के स्वभावो में अंतर
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तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो
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तुम्हारा साथ
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मै पैसा हूं मेरे रूप है अनेक
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तेरी गली से निकलते हैं तेरा क्या लेते है
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तेरी यादों की खुशबू
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फर्स्ट अप्रैल फूल पर एक कुंडली
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सुहाग रात
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