Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2023 · 1 min read

कविता पर कुछ दोहे

कविता ऐसी तुम लिखिए,सब को होवे ज्ञान।
सारे विश्व का हित हो,जग का हो कल्याण।।

कविता ऐसी चांदनी, चहु ओर हो प्रकाश।
प्रंशसा करने लगे, अवनि और आकाश।।

कविता कवि की शान है,डालत उसमे जान।
सुंदर स्वर्ण कविता की,यही होत पहचान।।

मन में जब हो वेदना, नयन बहे चुपचाप।
निर्मल मनवा से शब्द,कविता बनती आप।।

कविता में कवि के होते मन के भाव।
उनको ध्यान से पढ़िए,रखे न दुर्भाव।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
मछली रानी
मछली रानी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बेरंग दुनिया में
बेरंग दुनिया में
पूर्वार्थ
सर्दियों की धूप
सर्दियों की धूप
Vandna Thakur
उम्मीद
उम्मीद
Paras Nath Jha
दर्द आँखों में आँसू  बनने  की बजाय
दर्द आँखों में आँसू बनने की बजाय
शिव प्रताप लोधी
वक्त कि ये चाल अजब है,
वक्त कि ये चाल अजब है,
SPK Sachin Lodhi
निर्जन पथ का राही
निर्जन पथ का राही
नवीन जोशी 'नवल'
मैं स्वयं हूं..👇
मैं स्वयं हूं..👇
Shubham Pandey (S P)
"फसाद की जड़"
Dr. Kishan tandon kranti
एक मन
एक मन
Dr.Priya Soni Khare
शिक्षा तो पाई मगर, मिले नहीं संस्कार
शिक्षा तो पाई मगर, मिले नहीं संस्कार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।
जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
राम तेरी माया
राम तेरी माया
Swami Ganganiya
आम की गुठली
आम की गुठली
Seema gupta,Alwar
3020.*पूर्णिका*
3020.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
माना की देशकाल, परिस्थितियाँ बदलेंगी,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*A date with my crush*
*A date with my crush*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सन्यासी
सन्यासी
Neeraj Agarwal
खुद से मिल
खुद से मिल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जरूरत से ज़ियादा जरूरी नहीं हैं हम
जरूरत से ज़ियादा जरूरी नहीं हैं हम
सिद्धार्थ गोरखपुरी
विधाता का लेख
विधाता का लेख
rubichetanshukla 781
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
_सुलेखा.
हिंदू-हिंदू भाई-भाई
हिंदू-हिंदू भाई-भाई
Shekhar Chandra Mitra
मृदुलता ,शालीनता ,शिष्टाचार और लोगों के हमदर्द बनकर हम सम्पू
मृदुलता ,शालीनता ,शिष्टाचार और लोगों के हमदर्द बनकर हम सम्पू
DrLakshman Jha Parimal
"शिलालेख "
Slok maurya "umang"
दरवाज़े
दरवाज़े
Bodhisatva kastooriya
रिश्ता चाहे जो भी हो,
रिश्ता चाहे जो भी हो,
शेखर सिंह
*माँ : 7 दोहे*
*माँ : 7 दोहे*
Ravi Prakash
*मंगलकामनाऐं*
*मंगलकामनाऐं*
*Author प्रणय प्रभात*
ना अश्रु कोई गिर पाता है
ना अश्रु कोई गिर पाता है
Shweta Soni
Loading...