Ram Krishan Rastogi Tag: कविता 621 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Ram Krishan Rastogi 2 Jul 2022 · 1 min read पहले जैसे रिश्ते अब क्यों नहीं रहे उसने पूछा,पहले जैसे रिश्ते अब क्यों नहीं रहे ? मैने भी कहां,पहले जैसे आदमी अब कहां रहे।। उसने पूछा,घरों में खिड़कियां बनना बंद क्यों हो गई ? मैने कहां,अब पड़ोस... Hindi · कविता 4 7 667 Share Ram Krishan Rastogi 2 Jul 2022 · 1 min read वर्षा ऋतु में प्रेमिका की वेदना जब जब ये बादल बरसे, ये नैना तेरे लिए है तरसे। जब जब ये बिजली चमकी, मेरी माथे की बिंदिया दमकी। कैसे भुलाऊं साजन मै तुमको, मिलने को आ जाओ... Hindi · कविता 7 9 637 Share Ram Krishan Rastogi 30 Jun 2022 · 1 min read बुढ़ापे की कुछ सच्चाईयां बुढ़ापे में जवानी की बाते याद आयेगी। गुजरे जमाने की बाते तुम्हे याद आयेगी।। जवानी में जो इत्र लगाते थे खुश्बू के लिए, बुढ़ापे में तो आयोडेक्स की खश्बू आयेगी।... Hindi · कविता 1 1 135 Share Ram Krishan Rastogi 28 Jun 2022 · 1 min read मन की फितरत मन ही मन को जानता,मन को मन से प्रीत। मन ही मनमानी करे, मन ही मन का मीत।। मन झूमे,मन बांवरा,मन की है अद्भुत रीत। मन के हारे हार है,... Hindi · कविता 7 9 693 Share Ram Krishan Rastogi 25 Jun 2022 · 1 min read महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन बिछड़ रहे है सभी साथी धीरे धीरे। बढ़ रहा शनि का प्रकोप धीरे धीरे।। बदलेगी स्थिति महाराष्ट्र की धीरे धीरे। सत्ता छोड़नी पड़ेगी,पर जरा धीरे धीरे।। परिवर्तन आ रहा है,पर... Hindi · कविता · व्यंग्य 6 10 366 Share Ram Krishan Rastogi 22 Jun 2022 · 1 min read बरसात में साजन और सजनी आह ! लगी है आज बरसात, जैसे दिन में हो गई हो रात। फोन साजन को लगा रही हूं, हो रही नहीं उनसे मेरी बात।। चल रही है ठंडी ठंडी... Hindi · कविता 2 7 372 Share Ram Krishan Rastogi 20 Jun 2022 · 1 min read अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आओ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाये। इसको जन जन तक सबको पहुचाये।। योग से होगा स्वस्थ तन मन, स्वस्थ तन से मिलेगा धन। नित्य नियम से करे योग हम, चिन्ता फिकर... Hindi · कविता 4 5 373 Share Ram Krishan Rastogi 20 Jun 2022 · 1 min read बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं बुढ़ापे में अभी भी जवानी के मजे लेता हूं। रसीले आम को अभी भी मै चूस लेता हूं।। बुढ़ापे में भले ही मेरे सारे दांत टूट गए है। फिर भी... Hindi · कविता 8 12 1k Share Ram Krishan Rastogi 19 Jun 2022 · 1 min read पिता है तो परिवार है पिता है तो लगता परिवार है। वरना दुनिया में सब बेकार है।। पिता है तो सोने में सुहागा है। वरना सारा परिवार अभागा है।। पिता परिवार की धन दौलत है।... Hindi · कविता 5 4 290 Share Ram Krishan Rastogi 19 Jun 2022 · 1 min read चला कर तीर नज़रों से चला कर तीर नज़रों से,पूछते हो लगा कहां है। घायल करके पूछते हो मुझसे घाव हुआ कहां है।। दिल देकर पूछते मुझसे,दिल में धड़कन कहां है। तड़पा कर तुम मुझको,पूछते... Hindi · कविता 4 6 548 Share Ram Krishan Rastogi 18 Jun 2022 · 1 min read भगवान की तलाश में इंसान ढूंढ रहा है जंगल जंगल,मृग अपनी कस्तूरी को। देख पाया न अपनी नाभि,छिपी हुई कस्तूरी को।। ढूंढ रहा है मंदिर मंदिर,भक्त अपने भगवान को। मिल न पाया भगवान उसे इस... Hindi · कविता 3 10 895 Share Ram Krishan Rastogi 9 Jun 2022 · 1 min read ए ! जिंदगी तू काफी कच्ची है ए ! जिंदगी तू काफी कच्ची है, पेंसिल की तरह घिसती जा रही। रबड़ भी हर समय तुझको ही, यह पल पल घिसती है जा रही ।। मत कर गुबान... Hindi · कविता 3 3 310 Share Ram Krishan Rastogi 8 Jun 2022 · 1 min read आदमी की फितरत भावना में बह जाता है जब आदमी। दिल की बात कहता है तब आदमी।। परख लेता है जब किसी को भी आदमी। दिल में बसा लेता या बस जाता आदमी।।... Hindi · कविता 3 6 556 Share Ram Krishan Rastogi 8 Jun 2022 · 1 min read मां के समान कोई नही मां ने बनाया तुम्हे खुद को मिटाके, उसी के कारण लेते हो तुम चटाके। मां ना होती,तुम कभी भी ना होते, आज तुम इतने बड़े कभी ना होते।। मां का... Hindi · कविता 5 10 629 Share Ram Krishan Rastogi 7 Jun 2022 · 1 min read मर्द व नामर्द की पहचान डट जाए जो युद्ध के मैदान में,उसे मर्द कहते है। पीठ दिखाकर जो भाग आए,उसे नामर्द कहते है।। होता है जिसके दिल में दर्द,उसे मर्द कहते है। दिल होते हुए... Hindi · कविता 4 7 2k Share Ram Krishan Rastogi 5 Jun 2022 · 1 min read पर्यावरण दिवस अगर धरा के पेड़ कट गए, तुम स्वयं ही कट जाओगे। फिर इस पर्यावरण को तुम कैसे उज्ज्वल कर पाओगे।। सड़क मार्ग चौड़ा करने पर, हमेशा ही पेड़ काटे जाते... Hindi · कविता 6 10 562 Share Ram Krishan Rastogi 4 Jun 2022 · 1 min read जी रहे है तनाव अभाव दबाव प्रभाव और बेभाव में चाहे रह रहे हो आप शहर में या गांव में। हम सब जी रहे है,आज एक तनाव में।। मिल रहा है अशुद्ध जल व वायु इस संसार में। जी रहे... Hindi · कविता 1 1 208 Share Ram Krishan Rastogi 3 Jun 2022 · 1 min read शहरों के हालात शहरो मे भीड़ बहुत है, हर कोई यहां अकेला है। सुविधाएं यहां बहुत है, फिर भी जान को झमेला है।। शहरो में शोर बहुत है, पर आदमी है मौन खड़ा।... Hindi · कविता 3 4 396 Share Ram Krishan Rastogi 2 Jun 2022 · 1 min read दो जून की रोटी दो जून की रोटी,प्रभु सबको मिल जाए। छोटी हो या मोटी,ये सबको मिल जाए।। दो जून की रोटी,बड़ी किस्मत से है मिलती। मेहनत करता है मजदूर तब कही ये मिलती।।... Hindi · कविता 7 16 1k Share Ram Krishan Rastogi 1 Jun 2022 · 1 min read कुछ मनन योग्य बाते कुछ मनन योग्य बाते **************** कृपया निम्न बातो को दो बार ध्यान से पढ़े और उन पर मनन करे। पैर की मोच और छोटी सोच। कभी भी आगे चलने नही... Hindi · कविता 4 5 456 Share Ram Krishan Rastogi 31 May 2022 · 1 min read पति पत्नी पर हास्य व्यंग जब से तुम मायके गई हो,मन लगता नही। शाम सूनी सी लगती है रात तो कटती नहीं।। डाक्टर फोन पर पूछते है अब आते क्यो नही। शुगर व बी पी... Hindi · कविता 1 1 1k Share Ram Krishan Rastogi 28 May 2022 · 1 min read जेष्ठ की दुपहरी देख दुपहरी जेष्ठ की,हर कोई मांगत छाय। माह मास में देखत इसे,मन ही मन मुस्काय।। देख दुपहरी जेष्ठ की,कोरोंना भी परेशान। कुछ दिनों में टूटेगा ,इसका भी अभिमान।। देख दोपहरी... Hindi · कविता 2 3 484 Share Ram Krishan Rastogi 28 May 2022 · 1 min read मां बाप की दुआओं का असर ले लो दुवाये अपने मां बाप की, इससे बड़ी दौलत न है आप की। जो जीवन में इससे बंछित हो पाया, उसने जीवन में कभी सुख न पाया।। जैसा बोओगे,वैसा... Hindi · कविता 5 8 2k Share Ram Krishan Rastogi 27 May 2022 · 1 min read पत्नियों की फरमाइशें (हास्य व्यंग) सुबह सुबह उठकर मुझे जगाया करो। जग जाऊं तो चाय मुझे पिलाया करो।। आ रही नही बाई कोरोना में आज कल। चाय पिलाने के बाद झाडू लगाया करो।। लगा देती... Hindi · कविता 3 8 531 Share Ram Krishan Rastogi 26 May 2022 · 1 min read जूतों की मन की व्यथा पैरो की है हम असली ढाल, उनकी रखते हम रखवाल। चलते चलते हम घिस जाते, तब भी हम साथ निभाते।। हमको सब बाहर छोड़ जाते, अंदर वालो को तकते रहते।... Hindi · कविता 2 2 412 Share Ram Krishan Rastogi 26 May 2022 · 1 min read गर्मी जीव सभी अपने घरों में दुबके, सूनी पड़ी सभी गली व सड़के। बाहर हो रही आग की बारिश, सारे जीव पानी को है तरसे।। सूखे पड़े है सब ताल तलैया,... Hindi · कविता 5 7 414 Share Ram Krishan Rastogi 25 May 2022 · 1 min read बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में, उनको पूरा कर लो अब तुम। अब ना हाथ आऊंगी तुम्हारे, चाहे जितने जतन कर लो तुम।। बचे जो तीर तरकस में तुम्हारे, उनको... Hindi · कविता 5 7 410 Share Ram Krishan Rastogi 25 May 2022 · 1 min read दाने दाने पर नाम लिखा है दाने दाने पर नाम लिखा है जिसने जिसको खाया है। हर दाने पर मोहर लगी है जिसने जिसको उगाया है।। खाने वाले करोड़ों मिलेगे देने वाला बस एक ही राम।... Hindi · कविता 3 3 1k Share Ram Krishan Rastogi 22 May 2022 · 1 min read बताओ तो जाने जो कल थी,पर आज नही रहेगी, जो आज हैं, पर कल नही रहेगी। जो कल आयेगी वह परसो न आयेगी, पर दीवार पर टंगी सब घर मिल जायेगी। टर टर... Hindi · कविता 7 11 718 Share Ram Krishan Rastogi 22 May 2022 · 1 min read चिन्ता और चिता में अन्तर चिन्ता ही चिता समान है। चिता मौत का फरमान है।। चिन्ता जिंदे को जलाती है। चिता मुर्दे को जलाती है।। चिता ही अंतिम सच है। चिन्ता पहला ही सच है।।... Hindi · कविता 3 2 681 Share Ram Krishan Rastogi 21 May 2022 · 1 min read एक पनिहारिन की वेदना सुन सखा,मेरे कृष्ण कन्हैया, पूछ रही है मेरी सभी सखियां। कैसे फूटी तेरी जल की गगरिया, क्यो भीगी तेरी लाल चुनररिया। कर रही है सभी सखि ठिठोली, इन सबके पीछे... Hindi · कविता 6 8 854 Share Ram Krishan Rastogi 17 May 2022 · 2 min read पति पत्नी की नोक झोंक (हास्य व्यंग) मेरी पत्नी सुबह सुबह रामायण पढ़ती है। फिर तो सारे दिन वह महाभारत करती है।। वैसे तो रामायण पढ़कर, राम राम करती है। फिर तो सारे दिन गाली की बौछार... Hindi · कविता 9 16 1k Share Ram Krishan Rastogi 16 May 2022 · 1 min read बुद्ध पूर्णिमा पर मेरे मन के उदगार दे रहे है सभी बधाईयां आज, बुद्ध पूर्णिमा की एक दूजे को। कोई न चलता उनके मार्ग पर, आक्षेप लगा रहे एक दूजे को।। सत्य अहिंसा का मार्ग छोड़कर, झूठ... Hindi · कविता 4 7 348 Share Ram Krishan Rastogi 15 May 2022 · 1 min read माँ बाप का बटवारा सन्नाटा छा गया बटवारे के किस्से में । माँ ने पूछा, मै आई किसके हिस्से में ? कहते है सभी लोग आज माँ का दिन है। मै कहता हूँ,कौन सा... Hindi · कविता 3 3 1k Share Ram Krishan Rastogi 13 May 2022 · 1 min read आदमी कितना नादान है आदमी स्वयं ही बुरा है, दूसरो को बुरा बताता है। वह अपने स्वार्थ के लिए, दूसरो को खूब सताता है।। आदमी कितना नादान है, मंदिर में शंख घंटा बजाता है।... Hindi · कविता 7 9 1k Share Ram Krishan Rastogi 12 May 2022 · 1 min read परछाई से वार्तालाप पूछ लिया मैने परछाई से आज, क्यो तू चलती है मेरे साथ साथ। परछाई ने भी हंस कर पूछ लिया, बता,कौन चलता है तेरे साथ साथ।। चलती हूं सदैव निस्वार्थ... Hindi · कविता 2 3 517 Share Ram Krishan Rastogi 12 May 2022 · 1 min read अज़ीब हूनर हमने इस पैसे में देखा अज़ीब हूनर हमने इस पैसे में देखा। अपनो को अपनो से अलग होता देखा।। अज़ीब हूनर हमने इस माया में देखा। आज इसके पास कल दूसरे के पास देखा।। अज़ीब... Hindi · कविता 3 6 230 Share Ram Krishan Rastogi 11 May 2022 · 1 min read उम्मीदे तैरती रहती हैं उम्मीदें तैरती रहती है, कश्तियां डूब जाती है। कुछ घर सलामत रहते है, आंधियाँ जब भी आती है।। बचा ले जो हर तूफ़ान से उसे आशा हम कहते है। बड़ा... Hindi · कविता 4 6 356 Share Ram Krishan Rastogi 10 May 2022 · 1 min read आया तू यहां पर तन्हा आया तू यहां पर तन्हा, जाएगा तू यहां से तन्हा। जोड़ी है जो तूने दौलत, रह जाएगी ये यहां तन्हा।। बनाए थे मनसूबे रहने के यहां मकान बनाए पक्के तूने... Hindi · कविता 2 2 230 Share Ram Krishan Rastogi 7 May 2022 · 1 min read चुनाव व नेता नेता आज सत्ता के खातिर, अपना उल्लू सीधा कर रहे। वोटो के खातिर वे सब अब, मुफ्त चीजे खूब है बांट रहे।। कोई लैपटॉप फ्री में बांट रहा, कोई फ्री... Hindi · कविता 2 3 183 Share Ram Krishan Rastogi 7 May 2022 · 2 min read बचपन की यादों को यारो मत भुलाना शाम होते ही छतो पर चढ़ जाना, छतो पर चढ़कर पानी छिडकाना। पानी छिड़का कर गद्दे बिछाना गद्दे बिछाकर उसपर चादर बिछाना। बचपन की यादों यारो मत भुलाना।। आधी रात... Hindi · कविता 3 6 327 Share Ram Krishan Rastogi 5 May 2022 · 1 min read बुढ़ापे का दर्द आज अपने ही घर से,बे घर हो गए। जो कभी अपने थे,वे पराए हो गए।। अपना घर होते हुए,वृद्धाश्रम चले गए। कोई नही पूछता,वे वृद्ध कहां चले गए।। जो जिगर... Hindi · कविता 4 8 1k Share Ram Krishan Rastogi 3 May 2022 · 1 min read लाउड स्पीकर और हनुमान चालीसा (एक हास्य व्यंग) जय हनुमान ज्ञान गुण सागर। तुमने किए सबके दांव उजागर।। स्पीकर दूत अतुलित बल धामा। तुमने कराए सब जगह है ड्रामा।। मंदिर मस्जिद के लाउड स्पीकर उतरवाए। नही उतारे तो... Hindi · कविता 4 5 194 Share Ram Krishan Rastogi 1 May 2022 · 1 min read नयनों से तीर मत चलाओ नयनों से तीर मत चलाओ, हम भी पक्के धनुषधारी है। अगर हमने तीर चला दिया, तुमको पड़ेगा बड़ा भारी है।। नयनों से नीर मत बहाओ, हम भी दुःख से न... Hindi · कविता 1 1 422 Share Ram Krishan Rastogi 29 Apr 2022 · 1 min read तुम बिन लगता नही मेरा मन है तुम बिन लगता खालीपन है | लगता नहीं कही मेरा मन है || तुम बिन अब कहाँ जाऊ मै ? उजड़ गया मेरा उपवन है || दिल भी नहीं कहीं... Hindi · कविता 1 1 459 Share Ram Krishan Rastogi 29 Apr 2022 · 1 min read जवानी में तो तुमने भी गज़ब ढाया होगा जवानी में तो तुमने भी गज़ब ढाया होगा। एक से नही,दसियो से इश्क लड़ाया होगा।। चेहरे पर गेसू फैलाकर,सबको बहकाया होगा। अपने खूबसूरत चेहरे को जरूर छिपाया होगा।। जब तुमने... Hindi · कविता 2 2 477 Share Ram Krishan Rastogi 27 Apr 2022 · 1 min read गुजर रही है जिंदगी अब ऐसे मुकाम से गुजर रही है जिंदगी अब ऐसे मुकाम से, अपने भी दूर हो गए जरा से जुखाम से। पास रहकर भी हम ,कितने दूर हो गए, इस महामारी से हम सब... Hindi · कविता 3 3 799 Share Ram Krishan Rastogi 27 Apr 2022 · 1 min read जिंदगी की कुछ सच्ची तस्वीरें मुश्किल नही कुछ इस दुनिया में, तू जरा सी हिम्मत तो कर। तेरे ख़्वाब बदलेगे हकीकत में, तू जरा सी कोशिश तो कर।। अगर कर नही सकता भलाई, बुराई तो... Hindi · कविता 3 3 578 Share Ram Krishan Rastogi 25 Apr 2022 · 1 min read अगर सामने बैठो तुम वक्त कट जायेगा ये उदासी का कोहरा यूंही छट जायेगा। अगर सामने बैठो तुम वक्त कट जायेगा।। नयनों की खिड़की से तुम्हे देखता ही रहूं। तुम्हारे गेसुओ से सदैव ही खेलता ही रहूं।।... Hindi · कविता 5 6 381 Share Ram Krishan Rastogi 25 Apr 2022 · 1 min read गुलमोहर जब तुम यौवन पर होते हो, सारा जग भी खिल जाता है। तुम्हारा ऐसा दर्श देखकर तो, युवती यौवन भी शर्मा जाता है।। जेष्ठ आषाढ़ की तेज गर्मी में, तुम... Hindi · कविता 3 5 994 Share Previous Page 3 Next