Jayanti Prasad Sharma Language: Hindi 128 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Jayanti Prasad Sharma 13 May 2020 · 1 min read मेरी बारी कब आयेगी? मेरी बारी कब आयेगी? लोग आते हैं करते है सिद्ध औचित्य अपनी त्वरितता का- और मै उन्हें अपने से आगे जाने का रास्ता दे देता हूँ। कुछ लोग कातर दृष्टि... Hindi · कविता 5 4 290 Share Jayanti Prasad Sharma 12 May 2020 · 1 min read जब वे आम थे जब वे आम थे हँसते थे, खिलखिलाते थे, चाहे जिससे मिलते, चाहे जिससे बतियाते थे। अब वे हो गये हैं खास, समाप्त हो चुकी है उनकी निजता- और हो गया... Hindi · कविता 4 4 262 Share Jayanti Prasad Sharma 12 May 2020 · 1 min read नहीं किया अपमान लिखा नहि किसी का विरद, नहीं किया गुणगान। नहीं किसी को खुश किया, नहीं किया अपमान।। नहीं किया अपमान, व्यर्थ ही रंजिश मानें। क्यों कर हुये चुटैल, बात यह प्रभु... Hindi · कुण्डलिया 4 441 Share Jayanti Prasad Sharma 12 May 2020 · 1 min read रहना था हमको साथ रहना था हमको साथ मगर दूर हो गये, किस्मत ने न दिया साथ मजबूर हो गये। हमने न की कोई जफा पर नहीं पाई बफा, बड़े अरमान से दिल हमने... Hindi · कविता 3 2 245 Share Jayanti Prasad Sharma 12 May 2020 · 1 min read सफलता के बाद कुछ अपनों के, कुछ परायों के कन्धों का लेकर सहारा- पहुँच चुका था वह सफलता के उच्चतम शिखर पर। आत्म गौरव से भर गया था वह, साथ ही बौरा गया... Hindi · कविता 4 359 Share Jayanti Prasad Sharma 11 May 2020 · 1 min read करोना वैश्विक महामारी हुआ करोना, क्या विकसित क्या विकासशील- पड़ रहा सब देशों को रोना । सोशल डिस्टेंसिंग एकल उपाय, बार बार रहे समझाय । उठते बैठते चलते फिरते छः फिट... Hindi · कविता 3 224 Share Jayanti Prasad Sharma 11 May 2020 · 1 min read मातृत्व सृजन के दौर से गुजरती हुई, पोषण करने के कारण गर्भस्थ शिशु का- तुम हो गई हो कृश-काय। रक्तल्पता से तुम्हारा मुख हो गया है पीताभ- अमलताश के पुष्प सा।... Hindi · कविता 4 4 294 Share Jayanti Prasad Sharma 11 May 2020 · 1 min read प्रदूषित नीर जबलों दुख आते नहीं, बनते रहते काम। नहीं भजन कोई करे, बिसरे रहते राम।। डाल गन्दगी नदी में, करें प्रदूषित नीर। छोटी सी यह बात है, लेकिन है गंभीर ।।... Hindi · दोहा 5 374 Share Jayanti Prasad Sharma 7 May 2020 · 1 min read भंवरे की फितरत अपने इर्द गिर्द भँवरे को मंडराता देखकर उसकी फितरत से अनजान वह सद्ध विकसित कली- भर गई गर्व से। उसे लगा उस जैसा रंग और गंध नही है– किसी और... Hindi · कविता 5 509 Share Jayanti Prasad Sharma 7 May 2020 · 1 min read चींटी के पर निकल आये हैं बड़ी मुद्दत के बाद वे मेरे पास आये हैं, आते ही बोले, ‘चींटी के पर निकल आये हैं’। मैंने कहा, ‘आप क्यों संतप्त हैं, उसके निकले पर ईश्वर से प्रदत्त... Hindi · कविता 6 2 277 Share Jayanti Prasad Sharma 7 May 2020 · 1 min read समय की फिक्र जिसको चलने का जनून है, वह चलेगा। न मिले मंज़िले मकसूद, कोई तो मुकाम मिलेगा। जो पल्लवित हुई है डाली, उस पर पुष्प खिलेगा। जो जमा हुआ है आज, कल... Hindi · कविता 6 1 449 Share Jayanti Prasad Sharma 6 May 2020 · 1 min read मुखौटा ये भी आये, वे भी आये, सभी ही उनके, जनाजे मे आये। आये करीबी, आये रकीबी, रोते थे बिसूरते थे सभी ही। उनमें से कुछ थे, मुखौटे लगाये। कुछ थे... Hindi · कविता 5 2 463 Share Jayanti Prasad Sharma 6 May 2020 · 1 min read बीती रात हुआ सबेरा बीती रात हुआ सबेरा, दूर हर गम। काली रात के गुनाह समेटे, भाग गया तम। लाल रंग उषा का, प्राची में झलका। हुई निराशा दूर, सूर्य आशा का चमका। मदहोशी... Hindi · कविता 4 280 Share Jayanti Prasad Sharma 6 May 2020 · 1 min read वक्त का मरहम है जन्म अनिश्चित मृत्यु शाश्वत सत्य है, नहीं कुछ भी स्थिर सब अनित्य है। जैसा जिसका भोग है रहता है वह साथ। जाने की बेला में चल देता है पैदा... Hindi · कविता 3 421 Share Jayanti Prasad Sharma 5 May 2020 · 1 min read पथिक पथिक तुम कौन देश से आये। रहे घूमते यों ही निष्फल– या कोई मंजिल पाये। .......................पथिक ..... । ठहरो पलभर लो विश्राम , थकित पगों को दो विराम। कहो हमें... Hindi · कविता 5 4 546 Share Jayanti Prasad Sharma 5 May 2020 · 1 min read मेरा भारत देश मेरा भारत देश! सुजल, सुफल, सुखद परिवेश। यहाँ गंगा यमुना बहतीं अविरल, निर्मल, शीतल, पवित्र इनका जल। रहते मनुष्य निर्लिप्त, वातावरण में गूंजते- गीता के उपदेश। मनों में धर्म का... Hindi · कविता 5 2 214 Share Jayanti Prasad Sharma 5 May 2020 · 1 min read गौरैया एक नन्हीं सी चिरैया, छोटी सी प्यारी सी गौरैया। उमर मेरी हो गई है पचपन, याद आता है मुझको बचपन। जब देखता हूँ आँगन में, एक नन्हीं सी चिरैया। ........................... Hindi · कविता 5 3 309 Share Jayanti Prasad Sharma 4 May 2020 · 1 min read सुख के रंग सबकी खैर मनाइये रहे न कोई तंग, सबको मनभाया मिले बरसें सुख के रंग। बरसें सुख के रंग सभी जन रहें प्रफुल्लित, नहि मलीन मुख होंय रहें मन में सब... Hindi · कुण्डलिया 3 3 360 Share Jayanti Prasad Sharma 4 May 2020 · 1 min read मित्रता समता निश्छलता और वत्सलता, हैं मित्रता के आधार। वे भाई तो नहीं होते, भाई से बढ़कर होता है उनका प्यार। निश्छल प्रेमी जन ही मित्र बन पाते हैं, निष्ठावान होकर... Hindi · कविता 3 2 522 Share Jayanti Prasad Sharma 4 May 2020 · 1 min read ऐसा कैसे माँ होता है? ऐसा कैसे माँ होता है? सदियों से हो रहा उत्पीड़न नारी का, उस संग बलात्कार होता है। ऐसा कैसे…...........................? वह पप्पू नामुराद आवारा, जिसने पकड़ा था हाथ तुम्हारा। लक दक... Hindi · कविता 3 2 456 Share Jayanti Prasad Sharma 3 May 2020 · 1 min read जैसे को तैसा शत शत नमन ???? कूट कूट कर भुस भर दो, नापाक निगोड़ों में। बिना पिटे नहीं आएगी अक्ल, इन हराम खोरों में। वर्षों से वे कर रहे छल छइयां, बहुत... Hindi · कविता 2 2 403 Share Jayanti Prasad Sharma 3 May 2020 · 1 min read माँ ममता का भण्डार माँ जीवन का आधार, माँ ममता का भण्डार। नहीं माँ जैसा कोई उदार, कैसा भी हो बच्चा करती प्यार। माँ सुख बच्चों को देती, बलायें उसकी ले लेती। नहीं माँ... Hindi · कविता 2 3 309 Share Jayanti Prasad Sharma 3 May 2020 · 1 min read खुशियों के पल चाँद-चाँदनी की अनुपस्थिति में, तारे खिलखिला रहे हैं। कभी कभी अमावस भी होनी चाहिये। बिलों से निकल कर चूहे- कर रहे हैं धमाचौकड़ी। आज पूसी मौंसी घर पर नहीं है,... Hindi · कविता 2 261 Share Jayanti Prasad Sharma 3 May 2020 · 1 min read पथ भी नहीं बुहारो मेरा पथ भी नहीं बुहारो मेरा, ठोकर दर ठोकर लगने दो। होने दो पैरों को लहू लुहान, कंटक उनमें चुभने दो। होने दो भूख प्यास से विह्वल, होने दो मजबूरी का... Hindi · मुक्तक 1 207 Share Jayanti Prasad Sharma 2 May 2020 · 1 min read तारे न तुम आना ज़मीं पर तारे न तुम आना ज़मीं पर, यहाँ बहुत दुश्वारियां हैं। कदम कदम पर धोखे हैं, कदम कदम पर मक्कारियां हैं। यह मतलब की दुनियाँ हैं, बिना मतलब कोई नहीं जानता।... Hindi · कविता 4 6 313 Share Jayanti Prasad Sharma 2 May 2020 · 1 min read भोर भई अब जागो लाल भोर भई अब जागो लाल! मुँह उठाय रँभाइ रही गैया, बाट देखि रहे ग्वाल। उदय भये रवि किरण पसारीं, अम्बर से उतराईं। चूँ चूँ करती चुगने दाना, चिड़ियाँ आँगन में... Hindi · कविता 3 2 457 Share Jayanti Prasad Sharma 2 May 2020 · 1 min read पोथी पढ़कर पोथी पढ़कर फैंक दी हुआ न कुछ भी ज्ञान। नहीं किया चिंतन मनन सोये चादर तान।। सोये चादर तान नींद में सभी भुलाने। नहि मिल पाया ज्ञान. अकिभी तक रहे... Hindi · कुण्डलिया 3 2 273 Share Jayanti Prasad Sharma 1 May 2020 · 1 min read अब सवाली हो गया हूँ मैं चुप था भला था, मुँह खोल कर बबाली हो गया हूँ। उनसे ही उनकी कर शिकायत, मैं मवाली हो गया हूँ। मैं प्यारा था दुलारा था, उनको अब एक... Hindi · कविता 6 3 368 Share Jayanti Prasad Sharma 1 May 2020 · 1 min read छत्र नहीं तानो सिर पर छत्र नहीं तानो सिर पर, मुझे धूप ताप में रहने दो। बहने दो मेरे तन से स्वेद, मुझे श्रमिकों सा दुख सहने दो। जयन्ती प्रसाद शर्मा Hindi · मुक्तक 5 226 Share Jayanti Prasad Sharma 1 May 2020 · 1 min read बेपीर इसी से बना हुआ हूँ मैं नाज़ों में पला हुआ हूँ, सुख के साँचों में ढला हुआ हूँ। कभी देखे नहीं दुख नहीं हुआ अधीर, बेपीर इसी से बना हुआ हूँ। जयन्ती प्रसाद शर्मा Hindi · मुक्तक 4 2 236 Share Jayanti Prasad Sharma 1 May 2020 · 1 min read गले लगाना चूमना गले लगाना चूमना बीते युग की बात, वर्तमान की माँग है नहीं मिलाओ हाथ। नहीं मिलाओ हाथ दूर से दर्शन कीजे, नहि लालच में आय भेंट ही कोई लीजे। हुये... Hindi · कुण्डलिया 5 2 527 Share Jayanti Prasad Sharma 30 Apr 2020 · 1 min read प्यार का मौसम बीत गया तू सँभालती रही अपने गेसू, प्यार का मौसम बीत गया। तेरे चेहरे पर छाप उम्र की, समय चितेरा चीत गया। कुंद हुई मुख मंडल की आभा, यौवन तेरा छीत गया।... Hindi · कविता 4 2 233 Share Jayanti Prasad Sharma 30 Apr 2020 · 1 min read जा री बिटिया जा री बिटिया अपने घर, यहाँ की छोड़ चिंता-फिकर। सूझ बूझ से घर बार चलाना, नहीं समस्याओं से घबराना। सोच विचार करने से दुश्वारी का रस्ता आता है निकर ...........।... Hindi · कविता 3 2 252 Share Jayanti Prasad Sharma 30 Apr 2020 · 1 min read उपेक्षा उसके गली में घुसते ही गली में पड़ा कुत्ता कान खड़े कर हुआ चौकन्ना देख कर आने वाला नहीं है अजनबी फिर सो गया। किसी के घर के बरामदे में... Hindi · कविता 3 409 Share Jayanti Prasad Sharma 29 Apr 2020 · 1 min read यही तो जीवन है भोर होते ही दैनिक क्रियाओं से निवृत होकर हल्का-फुल्का नाश्ता कर समस्याओं का टोकरा लेकर आदमी घर से निकल पड़ता है। उसमें होती हैं अनेक समस्याये रोजी की समस्या रोटी... Hindi · कविता 4 451 Share Jayanti Prasad Sharma 29 Apr 2020 · 1 min read धृतराष्ट्र थे जन्मांध धृतराष्ट्र थे जन्मांध, सुनयना थीं गांधारी। पटका बाँध बनीं निरंध, ओढ़ ली लाचारी। अविवेकी मन कुंठित बुद्धि ने, करी वंश वृद्धि। सौ पुत्रों को दिया जन्म, कुविचारों की हुई सृष्टि।... Hindi · कविता 3 440 Share Jayanti Prasad Sharma 29 Apr 2020 · 1 min read जग दुख का आगार है जग दुख का आगार है, नहीं रोइये रोज। रोना धोना छोड़ कर, सुख के कारक खोज।। सुख के कारक खोज, लगा लत नेक काम की। कर दुखियों की मदद, फिकर... Hindi · कुण्डलिया 3 2 228 Share Jayanti Prasad Sharma 28 Apr 2020 · 1 min read आँखें हमारी थीं आँखें हमारी थीं, सपने तुम्हारे थे। कैसे तुमको बतलायें, तुम हमको कितने प्यारे थे। हुआ तुमसे इश्क, यह खुशकिस्मती हमारी थी। नहीं हुआ वस्ल, बदकिस्मती यह भारी थी। आँखों में... Hindi · कविता 5 7 250 Share Jayanti Prasad Sharma 28 Apr 2020 · 1 min read कल्पना रहित कवि कल्पना रहित कवि लगें ज्यों नख रद बिन शेर, भाव हीन कविता लगे शब्दों का एक ढेर। शब्दों का एक ढेर मान नहि वे कवि पाते, बिना कंठ सुर ताल... Hindi · कुण्डलिया 5 1 626 Share Jayanti Prasad Sharma 28 Apr 2020 · 1 min read भला इन्सान तुष्टिकरण समाज में, पैदा करता भेद। बढ़ जाते हैं भेद से, आपस में मतभेद।। मैं चाहूँ मेरी बने, एक अलग पहचान। इनका उनका सा नहीं, बनूँ भला इन्सान।। साईं इस... Hindi · दोहा 5 234 Share Jayanti Prasad Sharma 27 Apr 2020 · 1 min read प्रजा तंत्र का दोष प्रजा तंत्र का दोष है, तंत्र रहे कमजोर। शाह झांकते है बगल, हावी रहते चोर।। बागी-दागी तंत्र को, कर देते कमजोर। शासन का इन पर नहीं, चल पाता है जोर।।... Hindi · दोहा 3 3 469 Share Jayanti Prasad Sharma 27 Apr 2020 · 1 min read ज़िन्दगी ज़िन्दगी! तेरी ज़िन्दगी मेरी ज़िन्दगी इसकी ज़िन्दगी उसकी ज़िन्दगी हम सबकी ज़िन्दगी। रोती है ज़िन्दगी रुलाती है ज़िन्दगी हँसती है ज़िन्दगी हँसाती है ज़िन्दगी सबकी मुस्कराती है ज़िन्दगी। सकाम होती... Hindi · कविता 3 2 188 Share Jayanti Prasad Sharma 27 Apr 2020 · 1 min read झूम कर आया सावन सावन सगुन मनाइये झूला झूलौ जाय, पैंग बढ़ाइ लेउ पकड़ बदरा उड़ नहि जाय। बदरा उड़ नहि जाय मेघ बरस पहले यहाँ , फिर चाहौ उड़ जाउ या बरसौ चाहे... Hindi · कुण्डलिया 3 358 Share Jayanti Prasad Sharma 26 Apr 2020 · 1 min read बसंत ठिठुरे थे वो तन गये हुआ शीत का अंत, सोये से तरुवर जगे आया जान बसंत। आया जान बसंत हुई रितु अति सुहावनी, भ्रमर करें गुंजार कलियाँ हुईं लुभावनी। मोहित... Hindi · कुण्डलिया 3 2 423 Share Jayanti Prasad Sharma 26 Apr 2020 · 1 min read देवदूत रक्त से लथपथ पड़ा वह युवक, देख रहा था अपने चारों ओर घिरे लोगों को- कातर दृष्टि से। उसके पास बैठी युवती कर रही थी गुहार- मदद के लिये। लोग... Hindi · कविता 3 2 407 Share Jayanti Prasad Sharma 26 Apr 2020 · 1 min read गाय महिमा है गाय हमारी अस्मिता, उसका धर्म-कर्म से नाता है। नहीं गाय को पशु मानो, वह हम सबकी माता है। माँ नहीं जिसको दूध पिला सकती है, वह गाय के दूध... Hindi · कविता 3 2 490 Share Jayanti Prasad Sharma 25 Apr 2020 · 1 min read पिय की छवि पिय की छवि ऐसी बसी, और न भावै कोय। मन रोवै दै हूकरी, जिस दिन दरश न होय।। प्रेम का पथ है अनन्त, नहि इसका है अंत। प्रेम बिना है... Hindi · दोहा 1 391 Share Jayanti Prasad Sharma 25 Apr 2020 · 1 min read हास्य-व्यंग्य-परिहास हास्य-व्यंग्य-परिहास, खुशी के अवयव हैं ख़ास। शिष्ट हास्य चिंतित मन को- बहलाता है। व्यंग्य चुटीला बिना तनाव के- लोगों की कमियां बतलाता है। होते हैं तन-मन प्रफुल्लित जब करे कोई... Hindi · कविता 1 775 Share Jayanti Prasad Sharma 25 Apr 2020 · 1 min read घिर घिर बदरा आबते घिर घिर बदरा आबते, बिन बरसें उड़ जांय। नीको जोर दिखावते, पर बरसत हैं नायँ। पर बरसत हैं नायँ, दया नहि दिखलाते हैं। गरजत चमकत खूब, नहीं जल बरसाते हैं।... Hindi · कुण्डलिया 2 490 Share Jayanti Prasad Sharma 24 Apr 2020 · 1 min read मुझे साजन के घर जाना है मुझे साजन के घर जाना है। आओ शीलू, नीलू आओ तुमने मुझे सजाना है। मुझे साजन....... करना मेरा षोडश श्रृंगार, जायें सजन दिल अपना हार। भूल जायें आंखें झपकाना- अनुपम... Hindi · गीत 3 569 Share Previous Page 2 Next