दिनेश एल० "जैहिंद" 287 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next दिनेश एल० "जैहिंद" 16 Dec 2021 · 1 min read ग़ज़ल: हद है ! बे-बहर ग़ज़ल : हद है ! //दिनेश एल० "जैहिंद" बार बार की है जुमले बाजी, हद है कितना समझाए उसे काजी, हद है ना माने कभी वो मन की करता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 294 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 Dec 2021 · 1 min read इंसान ही रब है, जहां कुछ भी नहीं ग़ज़ल: इंसान ही रब है, जहां कुछ भी नहीं // दिनेश एल० "जैहिंद" काफ़ : आँ स्वर रदीफ़ : कुछ भी नहीं वज्न : २२१२_२२१२_२२१२ ईमान से ज्यादा यहाँ कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 408 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 Dec 2021 · 1 min read चुनाव: कुछ दोहे चुनाव: कुछ दोहे // दिनेश एल० " जैहिंद" राजनीति से चिढ़ हुई, खत्म हुए हैं चाव / पाँच वर्ष की चोट ले, सहलाए अब घाव // नेताओं की आँख में,... Hindi · दोहा 1 2 749 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 22 Oct 2021 · 10 min read दुर्गोत्सव दुर्गोत्सव // दिनेश एल० "जैहिंद" दशहरे के दिन चल रहे थे। दुर्गोत्सव अपने चरण पर था। आए दिन लोग मेला घूमने की प्लानिंग करते हुए नज़र आ रहे थे। कोई... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 6 630 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 16 Oct 2021 · 4 min read अंतहीन उत्सव अंतहीन उत्सव //दिनेश एल० "जैहिंद" चोटिल विमला चौकी पर लेटी हुई थी। वह सिर दर्द और चोट की पीड़ा से परेशान थी। सिर में ६ टांगे लगे थे। उसका चेहरा... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 12 11 998 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jul 2021 · 4 min read {{{{लालूजी का ब्रह्म पिशाच}}}} ## लालूजी का ब्रह्म पिशाच ## लेखक: दिनेश एल० "जैहिंद" जीत की खुशी में कुछ इतने मगन हुए लालूजी कि मत पूछिए ..! कुछ ज़्यादा ही रोहू मछली और मिठाइयाँ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 756 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jul 2021 · 4 min read [[[गप्पू काका]]] कथा : #गप्पू_काका गप्पू काका के बड़े भाई के तीन बच्चे शहर से गाँव अपने घर स्कूल की गर्मी की छुट्टियों में आए हुए थे ! यहाँ भी मझिले भैया... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 702 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jul 2021 · 9 min read "तीन चरित्रहीन पत्ते" कहानी: तीन चरित्रहीन पत्ते लेखक: दिनेश एल० "जैहिंद" ब्लू ह्वेल सभागार मेहमानों, आगन्तुकों व श्रोताओं से खचाखच भर चुका था । विशेष कर महिलाओं व उनके साथ आए हुए बच्चों... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 560 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 May 2021 · 1 min read वर्षागमन वर्षागमन //दिनेश एल० "जैहिंद" गर्मी के दिन बीत जाते हैं,, बारिश के दिन तब आते हैं। प्यासी धरती प्यास बुझाती,, चहुँ ओर हरियाली लहराती।। उमड़-घुमड़ कर आते हैं,, गरज-गरज कर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 8 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 May 2021 · 1 min read बरसात के प्यारे गड्ढे "बरसात के प्यारे गड्ढे" (हास्य क्षणिकाएँ) // दिनेश एल० "जैहिंद" (१) गाँव के फेक छोरों से नकचढे होते बरसात के ये बरसाती गड्ढे अगर तुम घुस के जाओगे तो ठीक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 3 523 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 18 May 2021 · 1 min read वर्षागीत वर्षागीत // दिनेश एल० "जैहिंद" कौन है ऐसा जिसे मेघा नहीं सुहाता,,,,,, बाल-गोपाल शोर मचाते हैं, युवा-नर-नारी मौज़ मनाते हैं | सजनी यादों में खो जाती है, कुँवारे सपनों में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 2 4 561 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 1 Feb 2021 · 1 min read #प्रेम में पल-पल# प्रेम में पल-पल // दिनेश एल० "जैहिंद" बार-बार तेरी याद आने का क्या राज़ है। सुहानी बरसात के वो दिन मुझे याद हैं।। यादकर क्षण काटना तेरे प्यार में, पल-पल... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 32 103 777 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 15 Dec 2020 · 1 min read #कोरोना दोहे# कोरोना दोहे //दिनेश एल० "जैहिंद" अब दो हज़ार बीस तो, बन बैठा यमराज, ज़िंदगी तो ठहर गई, ठप्प पड़े सब काज,, साँस रुके अरु दम फुले, हिया बड़ा घबराय, मौत... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 38 97 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Sep 2020 · 2 min read ** वो साइकिल ** वो साइकिल //दिनेश एल० "जैहिंद" चावल से सफेद कंकड़ बीनते हुए रामदीन की पत्नी ने कहा- "बीस रूपये दे जाते तो थोड़ी दाल व कुछ आलू मँगा लेती। चावल के... Hindi · लघु कथा 7 4 328 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 26 Jul 2020 · 5 min read आज़ादी के बाद महिलाओं की स्थिति आज़ादी के बाद महिलाओं की स्थिति //दिनेश एल० "जैहिंद" पृथ्वी पर रह रहे सभी जीवधारियों की अपनी-अपनी जन्म गाथा है ! क्या थलचर हो, क्या जलचर हो, क्या नभचर हो,... Hindi · लेख 3 392 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Sep 2019 · 1 min read ..... जिगर में कहीं तो छुपालो मुझे ! वज्न - २१२__२१२__२१२__२१२ खो न जाऊँ कहीं मैं बुलालो मुझे !! यार इन जुल्मियों से छुडा़लो मुझे !! मैं फँसी हूँ अकेली भँवर बीच में,, डूब जाऊँ कहीं मैं निकालो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 308 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Sep 2019 · 1 min read पी के माँ का दूध कुछ....... काफिया : आर वज्न : २१२२_२१२२_२१२२ मैंने ढूढ़ा एक कई सरकार निकले // पी के माँ का दूध कुछ गद्दार निकले // छिप के पल्लू में जो रहते थे सुकूं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 347 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Sep 2019 · 1 min read [[[ ग़ज़ल ]]] तेरी क्यूँ नींद में गुम है जवानी वजन -- १२२२/१२२२/१२२ कथा भारत की है बर्षों पुरानी ! नयी पीढ़ी से अब ये है बतानी !! हमारे बच्चे ये क्या सीखते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 306 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Sep 2019 · 1 min read उँगलियाँ यूँ ना सब पर..... उँगलियाँ यूँ ना सब पर उठाया करो २१२__२१२__२१२__२१२ तुम कभी यूँ ना दिल अब दुखाया करो ! छत पे मेरी कभी आ भी ...जाया करो !! है बदी से नेकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 492 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 2 Sep 2019 · 1 min read जैहिंद, ले कभी-कभी २२१२_१२१२ रदीफ - कभी-कभी वो तो मिले कभी - कभी !! करते गिले कभी - कभी !! डर है.......पड़ोसियों से ही,, मुँह को सिले कभी - कभी !! कुर्सी मिले.......... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 348 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 1 min read हाइकु : नैहर हाइकु : नैहर //दिनेश एल० "जैहिंद" छूटा मायका बचपन की यादें टूटे वायदे // मायका प्रिय महिलाओं के हिय नैहर नेक // पत्नी का घर बच्चों का ममहर जमाई बाड़ी... Hindi · हाइकु 551 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 1 min read हाइकु : मार्ग हाइकु : मार्ग // दिनेश एल०" जैहिंद" मिला ये रास्ता रख सबसे वास्ता सुंदर राह // प्रेम डगर संसार का अधर अक्षुण्ण जग // ग्रह सितारे हैं पथ के सहारे... Hindi · हाइकु 302 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 1 min read हाइकु : प्रतीक्षा #प्रतीक्षा // दिनेश एल० "जैहिंद" सब्र प्रतीक्षा आवाम की है इक्छा बड़ी अपेक्षा // अभिनंदन वीरों का है वंदन मिट्टी चंदन // आगामी पल लौह मर्दों का कल वही सफल... Hindi · हाइकु 458 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 1 min read हाइकु : माँ सरस्वती माँ सरस्वती // दिनेश एल० "जैहिंद" हंस वाहिनी तू वीणापाणि हे माँ विद्यादायिनी माता भारती जन कल्याण कर करूँ विनती हे सरस्वती नमन तुझे मेरा प्रकाश दात्री तू ज्ञानेश्वरी हे... Hindi · हाइकु 533 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 4 min read भुलक्कड़ हूँ मैं भुलक्कड़ हूँ मैं // दिनेश एल० "जैहिंद" कहते हैं कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे ये स्मरण-शक्ति आदमी के पल्ले से ठूँठ के पेड़ की तरह धीरे-धीरे गायब हो जाती... Hindi · लेख 325 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 2 min read नानी के घर नानी के घर // दिनेश एल० "जैहिंद" इहे कवनो तीन-चार साल के रहल होखेम | हम अपन घर के आस-पास, द्वारे या अँगना में खेलते होखेम | हमार बार-बार नजर... Hindi · लेख 607 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 3 min read दाम्पत्य में नोक-झोंक दाम्पत्य में नोक-झोंक //दिनेश एल० "जैहिंद" जीवन का ये सफर अकेले नहीं कटता | एक साथी की जरूरत होती है | महिला को पुरुष की तो पुरुष को एक महिला... Hindi · लेख 583 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 2 min read [[[ युद्ध ]]] युद्ध // दिनेश एल० "जैहिंद" धांय.. धांय... धांय ..... , तड़... तड़.... तड़.... , धडाम... धड़ाम.... की कर्कश आवाजों के साथ पहाडियों व जंगली मैदानों का वातावरण गूँज उठा था... Hindi · लघु कथा 742 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 3 min read ××अप्रैल फुल×× अप्रैल फुल //दिनेश एल० "जैहिंद" विट्टू एक दस वर्षीय बालक था | वह पाँचवी कक्षा में गाँव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ता था | माँ-बाप का एकलौता बेटा होने... Hindi · लघु कथा 300 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 3 min read रिश्तों में कैंची ++रिश्तों में कैंची++ @दिनेश एल० "जैहिंद" स्स्स्सा..... ! कैंची भी गजब की चीज है ! जहाँ घुसती है, वहाँ जोड़ नहीं सकती, काटती है | तोड़ना कितना आसान है और... Hindi · लेख 407 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 10 Aug 2019 · 3 min read एक फ़रिश्ता : गुलशन कुमार एक फ़रिश्ता : गुलशन कुमार #दिनेश एल० "जैहिंद" मुझे मेरा कोई फरिश्ता नहीं मिला | लेकिन मैं एक ऐसे शक्स को दूर से जानता हूँ, जो फरिश्ता ही नहीं फरिश्ते... Hindi · लेख 273 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 1 min read [[[ ग़ज़ल ]]] ग़ज़ल / दिनेश एल० "जैहिंद" "इरादे को मकसद बनाकर तो देखो" बहर - १२२__१२२__१२२__१२२ कभी भी नजर तुम मिलाकर तो देखो ! किसी हुस्न से दिल सटा कर तो देखो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 287 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 4 min read ℅℅ माँ : एक ईश्वरीय भेंट ℅℅ माँ : एक ईश्वरीय भेंट / दिनेश एल० "जैहिंद" हरेक बेटों की तरह मैं भी खुद को अपनी माँ के बहुत करीब पाया | यद्यपि हर बेटों के साथ कुछ... Hindi · लेख 254 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 1 min read $$ कुंडलिया छंद $$ दो कुंडलियाँ / दिनेश एल० "जैहिंद" (१) धर्म पाखंड छोड़ दे, ......कर इंसानी कर्म | कर्म से नसीब सँवरे, ..... यही ईश्वरी मर्म || यही ईश्वरी मर्म, ......जान ले तू... Hindi · कुण्डलिया 611 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 1 min read {{{ तीन गपोड़ी }}} "तीन गपोड़ी" @दिनेश एल० "जैहिंद" तीन गपोड़ी गल्प लगाते, करते उल्टी-सीधी बात !! गप्पबाजों को ध्यान नहीं, गप्प लगाते गुजरी रात !! लिये सबने ठेली वाले से, खाने को छह... Hindi · कविता · बाल कविता 643 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 2 min read ~ बच्चों की शैतानी ~ संस्मरण : बच्चों की शैतानी @दिनेश एल० "जैहिंद" बच्चे गजब के शैतान होते हैं | कोई-कोई बच्चे तो शैतानी की हद पार कर जाते हैं | मगर कुछ-एक बच्चे बड़े... Hindi · कहानी 1 1k Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 1 min read नया साल : एक नज़र #नया_साल : #एक_नजर @दिनेश एल० "जैहिंद" हर बार ऐसा होता है एक साल जाता है, दूसरा साल आता है तुम्हीं दिल पर हाथ रखकर कहो - इसमें नया क्या होता... Hindi · कविता 262 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 1 min read ## निर्लज्ज पुरुष ## निर्लज्ज पुरुष @दिनेश एल० "जैहिंद" नारी माता, नारी बेटी, नारी भार्या है हमारी व तुम्हारी !! फिर जलती क्यों, मरती क्यों, क्यों फिरती मारी-मारी !! बैठ आज एक मंच पर... Hindi · कविता 1 1 301 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 1 min read [[[ ग़ज़ल ]]] [[[ ग़ज़ल ]]] काफिया -- अट रदीफ -- रहे हैं बह्र -- २२१_२१२२_२२१_२१२२ नेता हमारे कर के वादे पलट रहे हैं ! ये तो हमें भी जैसे-तैसे सलट रहे हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 270 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 1 min read [[[ ग़ज़ल ]]] ग़ज़ल --- "मगर वह दबदबा जाता रहा बाजार होते ही" १२२२_१२२२_१२२२_१२२२ काफिया -- बाजार रदीफ -- होते ही अकेले हूँ... गये बेटे.... मिरे लाचार होते ही ! दिखेंगे दिन भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 274 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 8 Jul 2019 · 1 min read [[सावन]] [[सावन]] @दिनेश एल० "जैहिंद" झूल झूल झूला झुलूँ, झूले झुलनिया मोरी ।। झूलत झूलनिया देख, हिया जले काहे तोरी ।। सावन सखी सब दिन, सब मास नाहिं सावन ।। सखी... Hindi · कविता 506 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 9 Apr 2019 · 1 min read मूँछें : मर्दों की शान मूँछें : मर्दों की शान // दिनेश एल० “जैहिंद” मूँछों पर मैं क्या कहूँ, मूँछें मर्दों की हैं शान !! एक वक्त था मूँछों पर, छोरियाँ दे देती थीं जान... Hindi · कविता 453 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 9 Apr 2019 · 1 min read **अंधविश्वास** ** अंधविश्वास ** // दिनेश एल० “जैहिंद” आशा और निराशा के बीच ये दुनिया झूलती है | विश्वास औ अविश्वास पर ही ये दुनिया चलती है || पास की आशा... Hindi · कविता 529 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 9 Apr 2019 · 1 min read तुम मेरी हो तुम मेरी हो // दिनेश एल० “जैहिंद” हो-न-हो पर तुम मेरी हो ! अच्छी हो या बुरी हो पर तुम मेरी हो !! दूर हो या पास हो पर तुम... Hindi · कविता 459 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 9 Apr 2019 · 1 min read ]][[ जीवन/मृत्यु ]][[ जीवन/मृत्यु // दिनेश एल० “जैहिंद” जीवन -- सृष्टि ईश की परिकल्पना है ! जीवन तो उसकी संरचना है !! जीवन को केवल भेंट मान तू,, जीवन अपना जिते चलना है... Hindi · कविता 385 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 9 Apr 2019 · 1 min read क्यूँ माँ के दूध को लज्जित किया ?? क्यूँ माँ के दूध को लज्जित किया ? // दिनेश एल० “जैहिंद” खींच कर तूने स्त्री के आँचल को,, क्यूँ माँ के दूध को लज्जित किया ? खल-क्रीड़ा कर नारी-अस्मत... Hindi · कविता 469 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 5 Jan 2019 · 1 min read गीत : तू जाग कविता गीत: तू जाग कविता छोड़ लज्जा, उतार घूँघट, ले हाथों में तलवार । तू जाग कविता इस भारत का कर कुछ उद्धार ।। कबतक रहेगी सुस्त बनी । अब ना... Hindi · गीत 1 1 472 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 5 Jan 2019 · 1 min read शौर्य गाथा - वीर कुँवर सिंह शौर्य गाथा- वीर कुँवर सिंह भारत के सैकड़ों सेनानियों में वीर कुँवर सिंह एक सेनानी था । लोहा लिया जमकर अँग्रेज़ों का वीर महान योद्धा तूफानी था ।। अँग्रेजों से... Hindi · कविता 350 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 5 Jan 2019 · 2 min read ननकू की वीरता बाल कविता -- #ननकू_की_वीरता सुनो बच्चो, तुम्हें मैं बताऊँ । ननकू की मैं कथा सुनाऊँ ।। ननकू था एक वीर बहादुर । समझदार था बालक चातुर ।। अपनी माँ के... Hindi · कविता · बाल कविता 344 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 5 Jan 2019 · 1 min read नारी : तू अतुलनीय है ! नारी: तू अतुलनीय है ! नारी, तू अतुलनीय, वन्दनीय है || नारी, तू धरनीय है, तू वरणीय है || शारदे रूप में ज्ञान ने तुझे चुना,, नारी, तू ईश्वरीय है,... Hindi · कविता 287 Share Previous Page 2 Next