Mahatam Mishra 134 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "मुक्तक" "मुक्तक" नाच रही परियों की टोली, शरद पूनम की रात है। रंग विरंगे परिधानों में, सुंदर सी बारात है। मन करता है मैं भी नाचूँ, गाऊँ इनके साथ में- धवल... Hindi · मुक्तक 301 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 2 min read "चौपाली चर्चा में विकास और प्रकाश" "चौपाली चर्चा में विकास और प्रकाश" वसुधैव कटुम्बकम के आग्रही, नेक नियति के पथ पर चलने वाले झिनकू भैया न जाने कहाँ कहाँ भटकते रहते हैं और किसके कब कहाँ... Hindi · लघु कथा 570 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "चौपाई, अद्भुत रस" "चौपाई, अद्भुत रस" बाल्मीकि के आश्रम आई, अनुज लखन सिय साथ निभाई माँ सीता पर आँख उठाई, कोशल की चरचा प्रभुताई ।।-1 ऋषी महामुनि अचरज पाए, लखन लला को पास... Hindi · कविता 585 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “दोहा मुक्तक” “दोहा मुक्तक” भूषण आभूषण खिले खिल रहे अलंकार। गहना इज्जत आबरू विभूषित संस्कार। यदा कदा दिखती प्रभा मर्यादा सम्मान- हरी घास उगती धरा पुष्पित हरशृंगार॥-1 गहना हैं जी बेटियाँ आभूषण... Hindi · मुक्तक 540 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “दोहा मुक्तक” “दोहा मुक्तक” यह तो प्रति हुंकार है, नव दिन का संग्राम। रावण को मूर्छा हुई, मेघनाथ सुर धाम। मंदोदरी महान थी, किया अहं आगाह- कुंभकर्ण फिर सो गए, घर विभीषण... Hindi · दोहा 571 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “किसका घर कैसी पहचान” “किसका घर कैसी पहचान” वो गाँव का दशहरा मोटू की दुकान मिठाई तो बहुत है सजावट सहित है पर कहाँ है मचान रावण का निदान धूआं धूल गुमान किसका घर... Hindi · कविता 317 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" आया शुभ त्योहार, दशहरा खास रहे कटकुटिया की रात, गोबर्धन वास रहे जगमग है दिवाली, अवली दियों की हैं भैया दूज सुहाय, बहन मन आस रहे।। रावण का संहार,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 276 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" आया शुभ त्योहार दशहरा खास रहे कटकुटिया की रात गोबर्धन वास रहे जगमग है दिवाली अवली दियों की हैं भैया दूज सुहाय बहन मन आस रहे।। रावण का संहार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 362 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल” “गज़ल” गर दरख़्त न होते तो कदम चल निकल जाते यह मंजिल न होती तो सनम हम फिसल जाते तुम ही कभी जमाने को जता देते फ़साने तो - होते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 557 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 3 min read "झिनकू के चचा और दुर्गापूजा" "झिनकू के चचा और दुर्गापूजा" जी हाँ सर, मुझे आज भी याद है 1978 की वह शाम जब मैंने माँ दुर्गा जी का दर्शन कलकत्ता के आलीशान पंडाल में किया... Hindi · लघु कथा 484 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "रथपद छंद" "रथपद छंद" सकल अवध सिय रामा जी सुखद मिलन अभि रामा जी। दसरथ ललन चलैया हैं रघुवर अवध बसैया हैं।। अगर मगर मत जानों जी नगर मुदित रघु मानो जी।... Hindi · कविता 491 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read “मुक्तक” “मुक्तक” नमन करूँ माँ पद कमल, अर्चन बारंबार। नव दिन की नवरात शुभ, श्रद्धा सुमन अपार। धूप दीप नैवेद्य ले, ‘गौतम’ करता जाप- भक्ति भावना चाहना, माता के दरबार॥ महातम... Hindi · मुक्तक 249 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read “दुर्मिलसवैया” “दुर्मिलसवैया” शिव शंकर रूप अपार सखी, नर नारि निहार दुलार सखी। शिव धाम गणेश सुहाय रहे, सह मूषक वाहन प्यार सखी। इक देह शिवा शिव धारि लियो, भव के हित... Hindi · कविता 1 1 389 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "लटकी तस्वीर" "लटकी तस्वीर" विश्वविद्यालय के परिसर की हँसती खिलखिलाती भीड़ की और मेरा वहाँ से निकलना हुआ मेरे साथ थी उत्कंठा अनुज की किताबों की जिल्द नेताओं से अमीर थी वहाँ... Hindi · कविता 460 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read “दुर्मिलसवैया” “दुर्मिलसवैया” हिलती डुलती चलती नवका ठहरे विच में डरि जा जियरा। भरि के असवार खुले रसरी पतवार रखे जल का भँवरा । अरमान लिए सिमटी गठरी जब शोर मचा हंवुका... Hindi · कविता 274 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "गजल" "गजल" चाह गर मन की न होती तो बताते क्यों आह गर निकली न होती तो सुनाते क्यों आप भी तकने लगे अनजान बीमारी बे-वजह की यह जलन तपते तपाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 220 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "विचित्रा" "विचित्रा" झुँझला गई विचित्रा जब सरिता ने उसकी एक रचना पर अपनी अभिव्यक्ति कुछ इस प्रकार से कर दिया। अरे विचित्रा, तुम्हारे भाव तो बड़े सुंदर हैं पर वर्तनी कौन... Hindi · लघु कथा 578 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "चम्पकमाला छंद" "चम्पकमाला छंद" घाट बिना नौका कित जाए हाट बिना सौदा कित छाए। बात नही तो राहत कैसी भाव नही तो चाहत कैसी।। लोभ नचाये नावत माथा मोह बुलाये लाभन साथा।... Hindi · कविता 458 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "मुक्तक" "मुक्तक" अंधेरों ने कब कहा, दे दो मुझको दाद। बैठो मेरे संग तुम, होकर के बरबाद। इसी लिए तो दिन बना, और बनी मैं रात- लगी आँख पिय आप की,... Hindi · मुक्तक 220 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "मुक्तक" "मुक्तक" बधाई हो सबको सम्मान का यह दिन। हिंदी माँग बिंदी बहुमान का यह दिन। परस्पर का नाता है भाषा निराली- कोयली सी बोली पहचान का यह दिन।।-1 प्रवाह प्रखर... Hindi · मुक्तक 493 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "पिरामिड" "पिरामिड" (1) ये खून धब्बा है कलंक है परिसर में विधा का मंदिर करुणा कैसे मरी।। (2) ये दृश्य नृशंस हत्या है जी क्या है भविष्य स्कूल आँगन में रोती... Hindi · कविता 557 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" तकते मेरी राह, कहो कबतक भटकोगे रहते तुम चुपचाप, भला कैसे सुलझोगे हँसती कब दीवार, बिना खिड़की के खोले इतनी सी है बात, न जाने कब समझोगे।। मन में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 189 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "गज़ल" "गज़ल" ए जिंदगी तुझे अब सँवर जाना चाहिए अपने वजूद पर तो गुजर जाना चाहिए तुने इन दिक्कतों को महल बनाया कैसे गर उठी दीवार तो बिखर जाना चाहिए।। कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 387 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 3 min read "आज के दौर में इक माँ का डर" "आज के दौर में इक माँ का डर" माँ, अकारण चिंता करना छोड़ दो। मैं कोई वनवास को नहीं जा रहीं हूँ कि वहाँ जंगली जानवर मेरा शिकार करने के... Hindi · कहानी 245 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "वंशस्थ छंद" "वंशस्थ छंद" कुटेव का मोह जभी बिदा करें बिमार का जोड़ अभी जुदा करें बहार छाए हर मोड़ आप के चढ़े बुखारा तिन तोड़ तो करें।। सहाय कैसे भल आप... Hindi · कविता 524 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "दोहा मुक्तक" "दोहा मुक्तक" भर लो चाह बटोर कर, रख अपने भंडार। खड़ी फसल यह प्रेम की, हरियाली परिवार। बिना खाद बिन पान के, निधि अवतरे सकून- मन चित मधुरी भाव भरि,... Hindi · मुक्तक 498 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "कुंडलिया" "कुंडलिया" पानी भीगे बाढ़ में, छतरी बरसे धार कैसे तुझे जतन करूँ, रे जीवन जुझार रे जीवन जुझार, पाँव किस नाव बिठाऊँ जन जन माथे बोझ, रोज कस पाल बँधाऊँ... Hindi · कविता 274 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" मृदुता नहिं तापर खार धरो ममता नहिं वा पर प्यार धरो मन मान तरो यह बात बड़ी मरजाद लिए घर द्वार धरो।। समता अपनी तनि देखि चलो क्षमता रख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 347 Share Mahatam Mishra 8 Dec 2017 · 2 min read "वंदगी में गंदगी क्यों" "वंदगी में गंदगी क्यों" जिंदगी और वंदगी में गंदगी किसी की भी हो , कैसी भी हो, उसे स्वीकार करना उसको प्रसरय देना मानव हित में न आज तक हुआ... Hindi · लेख 363 Share Mahatam Mishra 7 Dec 2017 · 1 min read "गज़ल” "गज़ल” दिखे तो छा गए सपने, दिल लगाने की बात कर झिझक क्यूँ पग रुके तेरे, मुस्कुराने की बात कर बात दिगर हो तो कहना, गैरसमझ न छुपा रखना मित्र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" खुले गगन आकाश, परिंदों सा तुम उड़ना जब तक मिले प्रकाश, हौसला आगे बढ़ना भूल न जाना तात, रात भी होती पथ पर तक लेना औकात, तभी तुम ऊपर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 503 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "गज़ल" "गज़ल" देखता हूँ मैं कभी जब तुझे इस रूप में सोचता हूँ क्यों नहीं तुम तके उस कूप में क्या जरूरी था जो कर गए रिश्ते कतल रखके अपने आप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 466 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "दोहा मुक्तक" "दोहा मुक्तक" सच्चाई दिखती नहीं, डेरा तेरा भूत। राम रहीम के नाम पर, यह कैसी करतूत। ढोंगी की विसात यही, खुली आँख से देख- तार तार तेरा हुआ, रे पाखंडी... Hindi · मुक्तक 431 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "यशोदा छंद" "यशोदा छंद" पढ़ी पढ़ाई भली भलाई। कहा न मानो करो त जानो।।-1 लगी लगाई हल्दी सुहाई। छटा निराली खुशी मिताली।।-2 नई नवेली वहू अकेली। सुई चुभाए दिल घबराए।।-३ उगी हवेली... Hindi · कविता 1 601 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "दोहा मुक्तक" "दोहा मुक्तक" अमिय सुधा पीयूष शिव, अमृत भगवत नाम सोम ब्योम साकार चित, भोले भाव प्रणाम मीठी वाणी मन खुशी, पेय गेय रसपान विष रस मुर्छित छावनी, सबसे रिश्ता राम।।-1... Hindi · मुक्तक 983 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "गज़ल" "गज़ल" तुझे दर्द कहूँ या खुशी आंखों को चुभी बेवशी छुट हाथ ले लो तिरंगा अभी उम्र है, कि बदनशी।। भूख आजादी गरीबी आहत आँसू है कि हँसी।। भूख पक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 218 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read “हाइकु” “हाइकु” छूटा बंधन मुँह में मिठाइयाँ सत्य की जीत॥-1 घिनौना स्वार्थ हाय तोबा दुहाई वो शहनाई॥-2 बहाना बाजी राह मील पत्थर मोह मंजिल॥-3 वापस आई पटरी पर रेल सुखद यात्रा॥-4... Hindi · हाइकु 473 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read “गीतिका” “गीतिका” उठा कर गिन रहे टुकड़े जिसे तुमने गिराया है तुम्ही जिसमें ललक तकते रहे किसने डराया है छिटककर अब पड़ें है जो नुकीले हो गए कतरे किसी दिन उठ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 355 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read “कता” “कता” दिल की बातें कभी-कभी होंठों पर भी आ जाती हैं। मुस्कुराहट मन में खिल कभी लबो पर छा जाती है। गुजरे वक्त की नजाकत कभी गम गुदगुदा जाए तो-... Hindi · मुक्तक 261 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read "भाम छंद" "भाम छंद" सात पहाड़ा धाम शिवे, शिव का पहरा। पाल रहे आकार हरी, शुभदा भँवरा।। जो प्रभु जी का मान करे, तिन को भजता। पावक से वो पाक बने, मन... Hindi · कविता 548 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read “दोहा-मुक्तक” “दोहा-मुक्तक” नित मायावी खेत में, झूमता अहंकार। पाल पोस हम खुद रहे, मानों है उपहार। पुलकित रहती डालियाँ, लेकर सुंदर फूल- रंग बिरंगे बाग से, कौन करे प्रतिकार॥-1 पक्षी भी... Hindi · मुक्तक 484 Share Mahatam Mishra 6 Dec 2017 · 1 min read “कुंडलिया” “कुंडलिया” बैठी क्यों उदास सखी घिरी खुद के बिस्तर। सौंप हाथ को तूलिका ताक रही है ब-ख्तर। ताक रही हैं ब-ख्तर किससे तेरी लड़ाई। क्यूँ भागे तू दूर परस्पर प्रीत... Hindi · कुण्डलिया 315 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” ले रंग तिरंगा हरियाली केशर क्यारी शुभ्र नभ धानी लहराया बादल॥-1 वो उड़ा गगन प्यारा झंडा ध्वनि गुंजन चक्र सुदर्शन भारत उपवन॥-2 महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी Hindi · कविता 1 369 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" चौपाई छंद मापनी पर "गीतिका" बोलो सब जय हिंद शान से, शुभ गले लगाओ गैया रे वंदे मातरम जिह्वा बोले, मन हाथ मिलाओ भैया रे भारत माँ के घर आँगन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 267 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “कता” “कता” सुन रे गुलाब मैं तुझसे मुहब्बत पेनाह करता हूँ। पर ये न समझना कि निरे काँटों में निर्वाह करता हूँ। आकर देख तो जा तनिक मेरे हाथ भर बगीचे... Hindi · मुक्तक 1 287 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 5 min read "हलषष्ठी/ललही छठ" "हलषष्ठी/ललही छठ" हलषष्ठी छठ जिसे ललही छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह पुत्र पौत्रादि के कामना का पावन पर्व है। इस पूजन का आधार अति पुरातन है... Hindi · लेख 675 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read "सार छंद" "सार छंद" महिमा गुरु की हो जाये तो तट लग जाये नैया। शुद्ध ज्ञान गीता से आये जय हो कृष्ण कन्हैया।।-1 भगत भाव भगवान बहूते नाचे ताता छैया। वन बिन... Hindi · कविता 1 736 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “मुक्तक” “मुक्तक” रहती है खुशी किस गली में। खिलते हैं पुष्प भी कली में। कोई तो बताए वो खिली क्या- चहकी क्या हँसके भल भली में॥-1 कहते हैं अभी वो नादां... Hindi · मुक्तक 490 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “गीतिका” “गीतिका” उठाकर चल दिये सपने, बड़े अरमान आँखों में ठिठककर पग बढ़े आगे, डगर अंजान आँखों में दिखी मूरत तुम्हारी तो, न मन विश्वास रख पाया मिरे तो बोझिल हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 335 Share Mahatam Mishra 5 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” वो देखो पतन चित्त पट्ट शय औ मात अहं टकराया निशान छोड़ गया॥-1 क्या भाव सुझाव दबोच लो शिकार मिला जाल तैयार है धागे कमजोर हैं॥-2 ये दृश्य दर्शन... Hindi · कविता 456 Share Previous Page 2 Next