सुखविंद्र सिंह मनसीरत Language: Hindi 2395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 23 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 May 2021 · 1 min read मनमोहिनी मूरत ********* मनमोहिनी मूरत (गीत)********* *मात्रा भार-1222 1222 1222 1222=28* ************************************* बलां की खूबसूरत देख कर ही दिल धड़कते हैं, कयामत ही बरसती यूं जवां मन भी मचलते हैं। जहां में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 414 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 May 2021 · 1 min read ऑंसू बह रहे हैं **ऑंसू बह रहे हैं(गजल)** ****222 222 122**** ********************** आँसू आँखों से बह रहे हैं, गाथा गम की वो कह रहे हैं। मन की पीड़ा कोई न समझे, व्यथा उर की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 229 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 May 2021 · 1 min read दिल की आवाज ****दिल की आवाज **** ********************* दिल से आई है आवाज, बज रहा है प्यारा सा साज। कोशिश कर ली बार हजार, नहीं बनता है प्रेम का काज। हो रहा है... Hindi · कविता 1 343 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 May 2021 · 1 min read बेटी घर संसार ** बेटी घर संसार ** *****घनाक्षरी***** घर मे है चहकती। फूलों सी हैं महकती।। आंगन हो सूना सूना। बेटी घर संसार।। नन्ही नन्ही चिड़िया हैं। खुशियों की पुड़िया है।। घर... Hindi · घनाक्षरी 747 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 May 2021 · 1 min read दोहे ************** दोहे *************** ********************************* बुरी बात का हो सदा,चहुँ ओर प्रतिवाद । अच्छे जन के साथ का ,मिलता है प्रसाद ।। रोज भक्ति आह्वान से,मिलती जग से मुक्ति । धन-माया-मोह-लोभ... Hindi · दोहा 255 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 May 2021 · 1 min read दिल की बात बताते रह गए **दिल की बात बताते रह गए (गजल)** ******************************** ****** 2122-2122-2122-212 **** ********************************* वो गए हैं भूल,दिल की बात बताते रह गए, पास आ कर दूर जा कर यूँ सताते रह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 226 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 May 2021 · 1 min read प्यार की बात जब से कही है *प्यार बात जब से कही है* *********गजल******** *बह्र :-2122122122* *काफ़िया :- सही-रदीफ़ - है ********************** यार दिलदार पीड़ा सही है, प्यार की बात जब से कही है। आप मुझको सदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 254 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 May 2021 · 1 min read भाई ***** भाई ***** ************** मैं और मेरा भाई, एक ही हमारी माई। दुख या फिर कष्टी, गले लगता है भाई। साथ साथ है खेलें, करते कभी लड़ाई। बचपन का साथ,... Hindi · कविता 1 409 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 May 2021 · 1 min read महबूब मेरा आता नहीं **महबूब मेरा आता नहीं (गजल)** 2 2 1 2 2 2 1 2 2 2 1 2 ***क़ाफ़िया:-ता *रदीफ़:-नहीं* **************************** महबूब मेरा क्यों यहाँ आता नहीं, उसके बिना कुछ भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 260 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 May 2021 · 1 min read मधुर *********** मधुर (दोहा) ********** ******************************** पिक सा मीठा बोलिए,मधुर गाइए गीत। मधुरिम मधु सी प्रीत से,बन जाओगे मीत।। बिन तोले मत बोलिए,मुख से कुछ भी बोल। नादानी से गर कहो... Hindi · दोहा 1 294 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 May 2021 · 1 min read बिगड़े हालात हैं *** बिगड़े हालात हैं (गजल)*** ****212-222-222-212**** ************************** आज बिगड़े सारे मेरे हालात हैं, साथ देते ना मेरे तो जज्बात है। चाँद मेघों की गोदी में है छिप गया, ये किधर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 252 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 May 2021 · 1 min read आम की टोकरी ****आम की टोकरी**** ***** बाल कविता ***** ******************** टोकरी में रख मीठे आम, गुड़िया बांटती है बिन दाम। रसदार बहुत मधु से मीठे, सुच्चे हैं ना बिल्कुल जूठे। चाचा ,... Hindi · कविता 4 502 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 May 2021 · 1 min read गुलाबी रुखसार का ** गुलाबी रंग रुखसार का (ग़ज़ल) ** ***** 122 212 212 221 2 ***** ******************************* गुलाबी रंग रुखसार का कातिल बहुत, रिझाना चाँद सी नार का कातिल बहुत। कभी तूफान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 243 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 May 2021 · 1 min read अंधेरी रात ***** अंधेरी रात (गजल) **** ************************* **** 212 222 222 12 **** ************************* छा गई जग में अंधेरी रात है, ईश की कैसी सुन्दर सौगात है। रात ने अंधेरे को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 339 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 May 2021 · 1 min read शिव महिमा ********* शिव महिमा (दोहे) ********* ********************************* शिव महिमा का तान से,करो सदा गुणगान। अंधकार दुख-दर्द का, होता रहे निदान।। शिव शंकर की आरती,जो जन गाए रोज। मन की इच्छा पूर्ण... Hindi · दोहा 583 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 May 2021 · 1 min read छलावा **मनहरण घनाक्षरी** ***** छलावा ****** प्यार नही छलावा है। दुनिया मे दिखावा है।। भरोसा कहीं न रहा। प्रेम अंधा ही रहा।। स्त्री करती मनमानी। कौन होगा दिलजानी।। अदा उसकी मस्तानी।... Hindi · घनाक्षरी 1 308 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 May 2021 · 1 min read आप सताने लगे **** आप सताने लगे ****** काफिया - बसाने रदीफ- लगे 212,212,212,212 ************************ प्यार में आप यूँ ही सताने लगे, राह में फूल हम हैं बिछाने लगें। छोड़ दी है डगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 260 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 May 2021 · 2 min read वचन भंग ************वचन भंग (लघु कथा)******************** ************************************************* बिरजू एक खुशहाल किसान था,जो कि अपनी जीवनसंगिनी संग खुशहाल जीवन जी रहा था। लेकिन दोनों की खुशहाल जिंदगी में कमी औलाद की थी।शादी के... Hindi · कहानी 1 590 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 May 2021 · 1 min read होठों पर नाम आ गया ***होठो पर नाम आ गया*** **** 222 222 1212 **** ********* गजल ********* होठों पर तेरा नाम आ गया, मिलने का है पैगाम आ गया। दिल मेरा तेरे बिन उदास... Hindi · कविता 1 255 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 May 2021 · 1 min read आम की टोकरी एक बाल कविता पर कोई विवाद हुआ है मैने उस कविता को ऐसे सोच और अपने मानस से ऐसे लिखने का एक छोटा सा प्रयास किया। ******************************** *********आम की टोकरी***********... Hindi · कविता 255 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 May 2021 · 1 min read जग बहुत सुन्दर है **जग बहुत सुन्दर है** ******************* गम का गहरा समंदर है, ये जग बहुत ही सुन्दर है। रंग बिरंगे रंगों से है रंगा ये कितना हसीन मंजर है। दुख सुख से... Hindi · कविता 296 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 May 2021 · 1 min read आग दिल मे लगाने लगे *आग दिल मे लगाने लगे* ********************* *** 212 212 212 *** ******* गजल ******** आग दिल में लगाने लगे, आप हम को सताने लगे। जान बुझ कर बुझाते नहीं, तेल... Hindi · कविता 272 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 May 2021 · 1 min read पहली नजर का प्यार ******* पहली नजर का प्यार ********* ********************************** पहली नजर का वो प्यार,मिलता नहीं दुबारा, दो से हुई आँखे चार , मिलता नहीं दुबारा। चुपके से देख उसका मंद मंद सा... Hindi · गीत 357 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 May 2021 · 1 min read देखकर तुम्हें जीने लगे ** देख कर तुम्हें जीने लगे *** *** 212 222 221 2 ***** ************************ देख कर हम तुम्हें जीने लगे, जाम मय के भर भर पीने लगे। आप भी देखो... Hindi · कविता 206 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 May 2021 · 1 min read नारी ******नीर (चौपाई)****** ********************** नारी नैनन से नीर बहे। हृदय में जब जब पीर रहे।। अकेली ही कष्ट दर्द सहे। निज मुँह से न दो शब्द कहे।। प्रेयसी नीर बहुत बहाती।... Hindi · कविता 1 1 558 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 May 2021 · 1 min read यार प्यार कर ******यार प्यार कर(ग़ज़ल)******* ****************************** *बह्र- 2 2 1 2 1 2 2 2 2 1 2 1 2 ********************************** *रदीफ़:-कर**क़ाफ़िया:-वार,एतबा, विचार,विहार,पार,प्यार,, उतार,निहार ****************************** आ कर हमें मिलो मेरे यार प्यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 327 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 May 2021 · 1 min read दादी माँ का प्यार ******** दादी माँ का प्यार ******* ****************************** भुलाए नहीं भूलता दादी माँ का प्यार, नसीबों से है मिलता दादी माँ का प्यार। याद आती रहती परियों की कहानियाँ, पास बस... Hindi · कविता 1 691 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 May 2021 · 1 min read माँ की मजबूरी माँ की मजबूरी ****************** खाना खाता हुआ, मासूम बेटा बोला माँ से, सुनो, माँ....। सबने खाना खा लिया, तुम कब खाओगी खाना, माँ ने पतीले के तल से, लगी बची... Hindi · कविता 482 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 May 2021 · 1 min read पेड़ लगाओ ******* पेड़ लगाओ ******** ************************* आओ मिल जुल कर पेड़ लगाएं, धरती को निर्मल,मनोरम बनाएं। तरुवर शीतल घनी छाया हैं देते, पग पग पर तरु लगाते ही जाएं। पेड़ बचाओ... Hindi · कविता 539 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 May 2021 · 1 min read आशियाना प्यार का ************ आशियाना प्यार का *********** **************************************** हरी भरी फुलवारी से है भरा आशियाना प्यार का, रंग बिरंगे फूलों से रहे महकता आशियाना प्यार का। लटकते झूमर में बना बसेरा चिडियों... Hindi · कविता 564 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 May 2021 · 1 min read लंकापति रावण बहुत था ज्ञानी *लंकापति रावण बहुत था ज्ञानी* ************************** लंकापति रावण बहुत था ज्ञानी, चारों वेद थे उसको याद जुबानी। शक्तिशाली नृप जग में कहलाया, शक्ति में अंधा बन बैठा अभिमानी। शिव की... Hindi · कविता 397 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 May 2021 · 1 min read वो चाँदनी बात ***** वी चाँदनी रात ****** *********************** याद आ गई वो चाँदनी रात, जब हुई थी मेरी चाँद से बात। देख कर बेसुध थे अंग हमारे, काम नहीं कर रहे थे... Hindi · कविता 1 357 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 May 2021 · 1 min read सफर जिंदगी का कट ही जाएगा सफर जिंदगी का कट ही जाएगा ************************** **** 122 122 222 22 ***** *************************** सफर जिंदगी का कट ही जाएगा, तमस जिंदगी का मिट ही जाएगा। पहेली सी बनी है... Hindi · कविता 1 502 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 May 2021 · 1 min read जिंदगी का सफर ********* जिंदगी का सफर ********* ******************************** आहिस्ता आहिस्ता यह सफर कट जाएगा, हमराही मिल गया तो ये हिज्र मिट जाएगा। सोचता हूँ कभी, यह क्यों, कब ,कैसे हुआ, जो भी... Hindi · कविता 1 259 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 May 2021 · 1 min read कमल ********** कमल (दोहा) ************ ********************************** कमल खिला है ताल में,फूल बहुत अनमोल। मधुर सुगंध बिखेरता,बिन कोई भी मोल।। भांति भांति के फूल हैं, सबकी है पहचान। जो कमल न पहचानता,... Hindi · दोहा 573 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 May 2021 · 1 min read मन की बात कर रहे हैं *मन की बात कर रहे हैं* ******************* *** 22 21 21 22 *** ******************** मन की बात कर रहे हैं, जन हर रोज मर रहे हैं। रग रग पर निशान... Hindi · कविता 322 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 May 2021 · 1 min read आंखें नम क्यों हैं **** आँखें नम क्यों है **** *********************** **** 222 222 22 **** *********************** जन जन की आँखें नम क्यों है, मन मे गहराया गम क्यों है। पग पग में काँटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 190 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 May 2021 · 1 min read मेरा सपना ****** मेरा सपना ****** ********************* मैंने भी देखा है सपना, वो सपना हो मेरा अपना। पलको में है ख्वाब सजाए, सच हो वो सोची कल्पना। चलता न कहीं कोई बहाना,... Hindi · कविता 445 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 May 2021 · 1 min read कली *प्रतियोगिता हेतु ****************** *मनहरण घनाक्षरी* *(शब्द-कली)के साथ* ******************* बागों में है कली खिली, दुनिया की खुशी मिली। अब न कोई है गिला, जान में जान आई।। हिय में बहार छाई,... Hindi · घनाक्षरी 517 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2021 · 1 min read जान में जान आ गई ***** जान में जान आ गई ***** *************************** कानों में मधु तेरी आवाज आ गई, मरते हुए की जान में जान आ गई। कोरोना ने बंद करवाई मुलाकाते, जीवन मे... Hindi · कविता 1 1 209 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2021 · 1 min read नैन तेरे मधु के प्याले *** नैन तेरे मधु के प्याले *** *********************** तेरे नैन मधु के भरे प्याले, पीते हैं भर भर मय मतवाले। झूम जाते देख कर दीवाने, जान कर देते तेरे हवाले।... Hindi · कविता 1 237 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2021 · 1 min read अंधेरा ********* अंधेरा ******* ********************** **** 222 222 122 *** ********************** छाया ये कैसा है अन्धेरा, कब होगा ना जाने सवेरा। सांसे जब तक मेरी चलेगी, तब तक जग में अपना... Hindi · कविता 1 251 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2021 · 1 min read मिले मेरी वफा तुमको ********* मिले मेरी वफ़ा तुमको ********** ************************************* 1 2 2 2 1 2 2 2 1 2 2 2 1222 ************************************* रहूँ तीरे नजर से यार देखूँ मैं सदा तुमको,... Hindi · कविता 394 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 May 2021 · 1 min read मेरी खामोशियाँ ***********मेरी खामोशियाँ************ *********************************** बिना कहे सब कुछ कह जाती है खामोशियाँ, चुपके से गहरे घाव कर जाती हैं खामोशियाँ। सीने में छिपा होता है सारे जहां का दिया दर्द, सीना... Hindi · कविता 267 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 May 2021 · 1 min read रग रग में रब्ब समाए ***रग रग में रब्ब समाए*** ********************** कभी मन्दिर में रब्ब न मिले, कभी मयखाने में मिल जाए। दर दर पर भटकता मानव यूँ, ईश मन मे सदा से है समाए।... Hindi · कविता 540 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2021 · 1 min read अंडा चोर मुलाजिम ***** अंडा चोर मुलाजिम****** *************************** पुलसिये के हाथ मे था मोटा डंडा, चोरी से जेब मे डाल रहा था अंडा। सोच रहा था वो सबसे नजरअंदाज, चोरी करने उसका अनोखा... Hindi · कविता 1 261 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2021 · 1 min read कोयल ******** कोयल ******* ********************* कोयल बैठी अमवा डाली। आम्र कर मीठे मतवाली।। मधु सा मीठा रस घोलती। कूक कूक कर बोल बोलती।। बाग बगीचे करती निवास। होता रहे पल पल... Hindi · कविता 1 336 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2021 · 1 min read विधवा नार विधवा-नार (हाइकु) **************** विधवा नारी समाज से दुत्कारी रहे बेचारी दुखों का बोझ ढ़ोती वो हर रोज है गमगीन घात आघात मिलते प्रतिघात सहे खामोश लज्जा-घूंघट सदा ओढ़े रहती रहे... Hindi · हाइकु 1 1 310 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2021 · 1 min read हो ईद मुबारक ***** हो ईद मुबारक ******* ************************* जन जन को हो ईद मुबारक, पुलकित मन से हो ईद मुबारक। , द्वेष किसी के हो न कभी मन में, हर्षित दिल से... Hindi · कविता 1 234 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 May 2021 · 1 min read मन मे रह गई ***मन मे सह गई**** ****************** दिल की दिल मे रह गई, मन ही मन में सह गई। सुनता आया तू सदा, बातें वो सारी कह गई। रहता जो तू था... Hindi · कविता 256 Share Previous Page 23 Next