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25 May 2021 · 1 min read

आम की टोकरी

****आम की टोकरी****
***** बाल कविता *****
********************

टोकरी में रख मीठे आम,
गुड़िया बांटती है बिन दाम।

रसदार बहुत मधु से मीठे,
सुच्चे हैं ना बिल्कुल जूठे।

चाचा , ताया , रामू भाई,
नन्ही परी रसाल है लाई।

चलती की बजती है पायल,
जो खाता वो होता कायल।

कब हो जाती प्रात से शाम,
थोड़ा सा करती न आराम।

आम्र की गुठली है छोटी,
गूदा रसीली बहुत मोटी।

आम के मिलते जाते आम,
गुठलियों के भी मिलते दाम।

चुन्नू , मुन्नू , मुनिया आओ,
मनसीरत संग आम खाओ।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
4 Likes · 443 Views
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