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राष्ट्र निर्माण के नौ दोहे
राष्ट्र निर्माण के नौ दोहे
Ravi Prakash
कर लो चाहे जो जतन, नहीं गलेगी दाल
कर लो चाहे जो जतन, नहीं गलेगी दाल
Ravi Prakash
*करिश्मा एक कुदरत का है, जो बरसात होती है (मुक्तक)*
*करिश्मा एक कुदरत का है, जो बरसात होती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*खाना लाठी गोलियाँ, आजादी के नाम* *(कुंडलिया)*
*खाना लाठी गोलियाँ, आजादी के नाम* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*छोटी होती अक्ल है, मोटी भैंस अपार * *(कुंडलिया)*
*छोटी होती अक्ल है, मोटी भैंस अपार * *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*मन के राजा को नमन, मन के मनसबदार (कुंडलिया)*
*मन के राजा को नमन, मन के मनसबदार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*भंडारे की पूड़ियॉं, हलवे का मधु स्वाद (कुंडलिया)*
*भंडारे की पूड़ियॉं, हलवे का मधु स्वाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सजे थाल में सौ-सौ दीपक, जगमग-जगमग करते (मुक्तक)
सजे थाल में सौ-सौ दीपक, जगमग-जगमग करते (मुक्तक)
Ravi Prakash
*बाद मरने के शरीर, तुरंत मिट्टी हो गया (मुक्तक)*
*बाद मरने के शरीर, तुरंत मिट्टी हो गया (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*तीजा दसवॉं तेरहीं, सब मन के बहलाव (कुंडलिया)*
*तीजा दसवॉं तेरहीं, सब मन के बहलाव (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बच्चों के मन भाते सावन(बाल कविता)
बच्चों के मन भाते सावन(बाल कविता)
Ravi Prakash
*ऐसा हमेशा कृष्ण जैसा, मित्र होना चाहिए (मुक्तक)*
*ऐसा हमेशा कृष्ण जैसा, मित्र होना चाहिए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*भरोसा तुम ही पर मालिक, तुम्हारे ही सहारे हों (मुक्तक)*
*भरोसा तुम ही पर मालिक, तुम्हारे ही सहारे हों (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*हमेशा साथ में आशीष, सौ लाती बुआऍं हैं (हिंदी गजल)*
*हमेशा साथ में आशीष, सौ लाती बुआऍं हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
स्वच्छ देश अभियान में( बाल कविता)
स्वच्छ देश अभियान में( बाल कविता)
Ravi Prakash
*अपनी-अपनी चमक दिखा कर, सबको ही गुम होना है (मुक्तक)*
*अपनी-अपनी चमक दिखा कर, सबको ही गुम होना है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*जब अंतिम क्षण आए प्रभु जी, बॉंह थाम ले जाना (गीत)*
*जब अंतिम क्षण आए प्रभु जी, बॉंह थाम ले जाना (गीत)*
Ravi Prakash
*जरा काबू में रह प्यारी,चटोरी बन न तू रसना (मुक्तक)*
*जरा काबू में रह प्यारी,चटोरी बन न तू रसना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*जमाना बदल गया (छोटी कहानी)*
*जमाना बदल गया (छोटी कहानी)*
Ravi Prakash
*तुलसी के राम : ईश्वर के सगुण-साकार अवतार*
*तुलसी के राम : ईश्वर के सगुण-साकार अवतार*
Ravi Prakash
परिंदे अपने बच्चों को, मगर उड़ना सिखाते हैं( हिंदी गजल)
परिंदे अपने बच्चों को, मगर उड़ना सिखाते हैं( हिंदी गजल)
Ravi Prakash
*राजा राम सिंह का वंदन, जिनका राज्य कठेर था (गीत)*
*राजा राम सिंह का वंदन, जिनका राज्य कठेर था (गीत)*
Ravi Prakash
*धन्य-धन्य वे वीर, लक्ष्य जिनका आजादी* *(कुंडलिया)*
*धन्य-धन्य वे वीर, लक्ष्य जिनका आजादी* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
समूचे साल में मदमस्त, सबसे मास सावन है (मुक्तक)
समूचे साल में मदमस्त, सबसे मास सावन है (मुक्तक)
Ravi Prakash
*उपजा पाकिस्तान, शब्द कैसे क्यों आया* *(कुंडलिया)*
*उपजा पाकिस्तान, शब्द कैसे क्यों आया* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*नौका में आता मजा, करिए मधुर-विहार(कुंडलिया)*
*नौका में आता मजा, करिए मधुर-विहार(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*परिस्थिति चाहे जैसी हो, उन्हें स्वीकार होती है (मुक्तक)*
*परिस्थिति चाहे जैसी हो, उन्हें स्वीकार होती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*सब पर मकान-गाड़ी, की किस्त की उधारी (हिंदी गजल)*
*सब पर मकान-गाड़ी, की किस्त की उधारी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*शाकाहारी भोज, रोज सब सज्जन खाओ (कुंडलिया)*
*शाकाहारी भोज, रोज सब सज्जन खाओ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*अग्रसेन को नमन (घनाक्षरी)*
*अग्रसेन को नमन (घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
*धन जीवन-आधार, जिंदगी चलती धन से(कुंडलिया)*
*धन जीवन-आधार, जिंदगी चलती धन से(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*जिसने भी देखा अंतर्मन, उसने ही प्रभु पाया है (हिंदी गजल)*
*जिसने भी देखा अंतर्मन, उसने ही प्रभु पाया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
अगर मेघों से धरती की, मुलाकातें नहीं होतीं (मुक्तक)
अगर मेघों से धरती की, मुलाकातें नहीं होतीं (मुक्तक)
Ravi Prakash
सारे सब्जी-हाट में, गंगाफल अभिराम (कुंडलिया )
सारे सब्जी-हाट में, गंगाफल अभिराम (कुंडलिया )
Ravi Prakash
आपत्तियाँ फिर लग गयीं (हास्य-व्यंग्य )
आपत्तियाँ फिर लग गयीं (हास्य-व्यंग्य )
Ravi Prakash
*भारत माता को किया, किसने लहूलुहान (कुंडलिया)*
*भारत माता को किया, किसने लहूलुहान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*सजती हाथों में हिना, मना तीज-त्यौहार (कुंडलिया)*
*सजती हाथों में हिना, मना तीज-त्यौहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*सोता रहता आदमी, आ जाती है मौत (कुंडलिया)*
*सोता रहता आदमी, आ जाती है मौत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*प्रेमचंद (पॉंच दोहे)*
*प्रेमचंद (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
*विभाजन-विभीषिका : दस दोहे*
*विभाजन-विभीषिका : दस दोहे*
Ravi Prakash
*चले भक्ति के पथ पर जो, कॉंवरियों का अभिनंदन है (गीत)*
*चले भक्ति के पथ पर जो, कॉंवरियों का अभिनंदन है (गीत)*
Ravi Prakash
*कभी जिंदगी अच्छी लगती, कभी मरण वरदान है (गीत)*
*कभी जिंदगी अच्छी लगती, कभी मरण वरदान है (गीत)*
Ravi Prakash
*न धन-दौलत न पदवी के, तुम्हारे बस सहारे हैं (हिंदी गजल)*
*न धन-दौलत न पदवी के, तुम्हारे बस सहारे हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*दूर देश से आती राखी (हिंदी गजल)*
*दूर देश से आती राखी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
छुट्टी का इतवार( बाल कविता )
छुट्टी का इतवार( बाल कविता )
Ravi Prakash
किया विषपान फिर भी दिल, निरंतर श्याम कहता है (मुक्तक)
किया विषपान फिर भी दिल, निरंतर श्याम कहता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
छुट्टी का इतवार नहीं है (गीत)
छुट्टी का इतवार नहीं है (गीत)
Ravi Prakash
*नदियाँ पेड़ पहाड़ हैं, जीवन का आधार(कुंडलिया)*
*नदियाँ पेड़ पहाड़ हैं, जीवन का आधार(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*सीखा सब आकर यहीं, थोड़ा-थोड़ा ज्ञान (कुंडलिया)*
*सीखा सब आकर यहीं, थोड़ा-थोड़ा ज्ञान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
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