सुखविंद्र सिंह मनसीरत Language: Hindi 2395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 22 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jun 2021 · 1 min read हसीं कोई नही हसीं कोई नही (ग़ज़ल) ** 2212 2212 ** ***************** तुम सा हसीं कोई नहीं, देखा उसे सोई नहीं। होश-हवासों में कहाँ, आपा ज़रा खोई नहीं। जब दूर नजरों से गए,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 364 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jun 2021 · 1 min read जुदाई तन मन खा रही *जुदाई तन मब खा रही (ग़ज़ल)* ************************** 2 1 2 2 2 2 2 2 2 1 2 *************************** तुम कहाँ पर हो मैं मरती जा रही। हूँ अकेली बैठी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 412 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jun 2021 · 1 min read विरह गीत ***** विरह गीत ***** ******************* छोड़ आई मैं घर परिवार। आ गई हूँ प्रीतम दरबार। लंबी है जुदाई तुम्हारी, प्रेम किया है खता हमारी, हुए चारों ओर बंद द्वार। आ... Hindi · कविता 2 215 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jun 2021 · 1 min read विद्यालय **********विद्यालय (बालगीत)******** ******** मात्रा भार-14/12 ********** ********************************** विद्यालय प्यारा हमारा,शिक्षा का दे उजाला, कोरे कागज पर लिखता,जीवन का उपराला। ज्ञान का महासागर है, ले तालीम विद्वान बने, भविष्य दिखे सुनहरा... Hindi · गीत 1 1 363 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Jun 2021 · 1 min read दुल्हन पिया घर चली ******** दुल्हन पिया घर चली (गीत)********* *************************************** लाल जोड़े में सज धज तैयार दुल्हन पिया घर चली, सूना कर के बाबुल का द्वार दुल्हन पिया घर चली। दुनिया सदियों से... Hindi · गीत 1 460 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Jun 2021 · 1 min read प्यार में मिला ऐसा सिला ***** प्यार में मिला ऐसा सिला (गज़ल) ***** ******वह्र:- 2212221222122212****** *****रदीफ़ :- कैसे कहूँ, क़ाफ़िया- (आ) ***** ************************************** मन में रहा कुछ भी नहीं अब हौसला कैसे कहूँ, बढ़ ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 216 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jun 2021 · 1 min read तेज हवा पौने चार वर्षीय बिटिया मनसीरत कौर की पहली दो पंक्तियों की तुकबन्दी ************************ तेज हवा तूफान चला, पापा मैं तो नहीं डरा। ****************** मनसीरत कौर Hindi · कविता 430 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jun 2021 · 1 min read रूठे लोग *** रूठे लोग ***** **212 122 221** ***************** मानते नहीं रूठे लोग, चरपरे बड़े मीठे लोग। काम पर नजर अंदाज, कामयाब हैं झूठे लोग। दो लम्हें नहीं आराम, बेफ़िक्री करे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 372 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jun 2021 · 1 min read शपथ ***********शपथ (रोला) ********** ******************************** शीश शपथ ली आज,प्रीत की रीत निभाऊँ। मिलो जो कहीं आप, प्रेम का राग सुनाऊँ।। तुम ही मेरे मीत , गले से तुम्हें लगाऊँ। तुम्हें न... Hindi · दोहा 2 316 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jun 2021 · 1 min read हमें गिला ही नही * हमें गिला ही नहीं (ग़ज़ल) * *********************** *** 1222 1212 212 *** ************************ जिसे चाहा कहीं मिला ही नहीं, मिला जो हैं हमें गिला ही नहीं। सभी कहते यहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 190 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jun 2021 · 1 min read चाची की बरसी *** चाची की बरसी *** ** मनहरण घनाक्षरी ** ****************** चाचा से थी प्यारी चाची, लाड़ लड़ाती थी चाची। कोरोना से हार गई, हुई स्वर्गवासी है।। साल बाद बरसी आई,... Hindi · घनाक्षरी 1 519 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jun 2021 · 1 min read मधु ***** विधा - सोरठा,शब्द - मधु ****** ******************************** मधु मोहक है मास,गीत गाती हैं सखियाँ। नैन से मिले नैन,लड़ जाती जवां अखियाँ।। मन को करती मुग्ध,मधुर मोहिनी सी महक। विकल... Hindi · दोहा 2 363 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jun 2021 · 1 min read मीन *मनहरण घनाक्षरी* ***** मीन ****** **************** ये दुनिया हसीन है, ज्यों चलती मशीन है। जगत की रीत देखो, क्यों ये मनु दीन है।। ताल का मलीन पानी, सागर सा नही... Hindi · घनाक्षरी 1 492 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jun 2021 · 1 min read वही चौखट वही घर वही चौखट वही घर (गजल) *********************** *** 1222 1222 122 *** *********************** वही चौखट वही दर है हमारा, वही खूंटा वही घर है हमारा। उदय हो गम भरा चाहे सवेरा,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 574 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jun 2021 · 1 min read श्री जयपाल कमान अधिकारी *****श्री जयपाल कमान अधिकारी****** ********************************** बहुत ही कर्तव्यनिष्ठ मिलनसार है अधिकारी, शीत, शालीन श्री जयपाल कमान अधिकारी। नाप तोल कर बोलते हैं मधु-मृदुल-अल्पभाषी, अपराधी तक मोम बना दें सूझवान अधिकारी।... Hindi · कविता 1 310 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jun 2021 · 2 min read प्रतिकार *************** प्रतिकार (लघु कथा)***************** ************************************************* रामू श्याम सेठ के यहाँ नौकर के रूप में ईमानदारी से कार्य करता था,जिस पर सेठ खुद से ज्यादा विश्वास करता था।सेठ के तीन लड़के... Hindi · कविता 1 501 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jun 2021 · 1 min read बीबी बिन घर नही होता ***** बीबी बिन घर नहीं होता ***** ***** 212 222 221 222 ****** ***************************** शोख बीबी बिन कोई घर नहीं होता, साथ शौहर हो तो बे घर नहीं होता। रोज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 489 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jun 2021 · 1 min read तुम्हारे प्यार से जुड़ा ****** तुम्हारे प्यार से जुड़ा (ग़ज़ल) ***** *********************************** **2 2 1 2 2 2 1 2 2 2 1 2 2 2 1 2** *****काफिया-आर,रदीफ-से तेरे जुड़ा**** हो चाहतों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 271 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jun 2021 · 1 min read सूखा शज़र ***** सूखा शज़र (ग़ज़ल) ***** ****** 2122 1212 22 ***** *************************** खास थी फिर दबी खबर क्यों है। खूब सूखा हरा भरा शज़र क्यों है। छोड़ झट है दिया अधर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 225 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jun 2021 · 1 min read सैनिक ********** सैनिक (मुक्तक) ********** ***** 1222 1222 1222 1222 ***** ********************************** गगन में चाँद के जैसे, चमकते वो सितारे हैं, बहाते खून है अपना, अमन के वो सहारे हैं। चमन... Hindi · मुक्तक 1 276 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Jun 2021 · 1 min read मय से रहता पूछता ***** मय से रहता पूछता **** **** 212 222 222 12 **** ************************* मयकशी मय से रहता है पूछता, मद्य में क्या कुछ पाया है पूछता। रात दिन दारू में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 180 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Jun 2021 · 1 min read सुमन ***********सुमन (दोहा)*********** ******************************** बाग में है सुमन खिले, रहते महक बिखेर। भिन्न भिन्न खुश्बू मिले, संध्या और सवेर।। रंग बिरंगे फूल हैं, उपवन का श्रृंगार। देख कर सदा मन खिले,कुदरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 280 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Jun 2021 · 1 min read जाम जोबन के ** जाम जोबन के (ग़ज़ल)** **** 2122 2212 22 *** *********************** वक्त रहते प्रिय आ गए होते, चार फेरे मन भा गए होते। प्यार हीरा अनमोल है समझो, मोल तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 273 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jun 2021 · 1 min read ओस बूँद * मनहरण घनाक्षरी* ***************** *****ओस- बूँद**** ओस की हैं बूँदे आई, धरा पर है बिछाई । रात रो रो है बिताई, जिंदगी अश्क बनी।। सूर्य किरण है आए, ओस है... Hindi · घनाक्षरी 326 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jun 2021 · 1 min read दो यार दीवाने **दो यार दीवाने (ग़ज़ल)** ***2212 2222 1 2*** ********************* महबूब ख्वाबों में आने लगे, वो नींद में भी बहकाने लगे। ढा के सितम हम से हैं जुदा, तेरी जफ़ा से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 224 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jun 2021 · 1 min read गुलाब **** गुलाब (बालगीत) **** ***** मात्रा भार-16 ****** गुलाब फूल बहुत मन भाता, खुशबू से बगिया महकाता। काँटों से भरी हुई डाली, रखवाली करता है माली, बगिया को हैं खूब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 266 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Jun 2021 · 1 min read फूलों सा खिला करो **** फूलों सा खिला करो (ग़ज़ल) **** बह्र 2 2 1 2 1 2 2 2 2 1 2 1 2=22 *रदीफ़ :- करो।**काफ़िया :- आ ******************************** हम हैं सजन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 208 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Jun 2021 · 1 min read धोखे बहुत हम खा गए ****धोखे बहुत हम खा गए***** ****काफिया-आ रदीफ़-गए**** **2122 2122 212 (गजल)** *************************** प्यार में धोखे बहुत हम खा गए, यार ओ दिलदार मन को भा गए। आप बिन ये दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 337 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Jun 2021 · 1 min read क्यों दूर हो **क्यों दूर हो (गजल) ** **** 2122 2212 *** ******************** पास आओ क्यों दूर हो, आप ही दिल की हूर हो। प्यार में पागल हो चुके, हिय जिगर का तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 227 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Jun 2021 · 1 min read नशीली नजर * नशीली नजर (गजल) * **** 221 221 22 *** ******************** मय सी नशीली नजर है, दिखता नशे का असर है। आँखें पिलाती सुरा को, खुद की नहीं कुछ खबर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Jun 2021 · 1 min read मानव मन चंचल सा *** मानव मन चंचल सा *** *********************** मानव मन चंचल नटखट सा, सागर लहरों सा लहराता है, फूल देखकर सुंदर गुलाब सा, जुबान सा फिसल जाता है। पुरुष प्रेम है... Hindi · कविता 598 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Jun 2021 · 1 min read जीत **********जीत (कुंडलियां) *********** *********************************** जिंदगी मे सदा मिले , हार के बाद जीत। हिय में मत चिंता करो , सुन लो मेरे मीत।। मन से हों सब काम, मन हताश... Hindi · कुण्डलिया 1 2 452 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Jun 2021 · 1 min read सखियाँ ***सखियाँ (तोटक छंद)**** 112 112 112 112-12 वर्ण ************************* मिलती पथ में बिछड़ी सखियाँ। मिलके बहती चहकी अखियाँ।। खिलती कलियां महकी बगिया। जगती बुझती रहती लड़ियाँ।। सहमी सहमी करती बतियां,... Hindi · कविता 462 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Jun 2021 · 1 min read मोर *****मोर (गीत) ******* ********************* कितना सुन्दर पक्षी है मोर, मनोरम छटा बिखेरे मोर। रंग बिरंगे पँखो वाला, नीली लंबी गरदन वाला, सिर पर कलगी रखे मोर। कितना सुन्दर पक्षी मोर।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 244 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2021 · 1 min read गजरा **** गजरा (चौपाई)***** ********************* केश में गूँथ गजरा आई, थोड़ा सा गोरी शरमाई। नैनो से था किया इशारा, मर गया नादान कुंवारा। दीवाने ने सुध - बुध खोई, विरह में... Hindi · कविता 519 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2021 · 1 min read मेरा घर ****** मेरा घर ****** ******************* मेरा घर सब से प्यारा है, सारे ही जग से न्यारा है। कच्ची माटी से बना हुआ, पक्के दिलों से सँवारा है। सारे रिस्ते घर... Hindi · कविता 1 247 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2021 · 1 min read गंगा *********** गंगा (दोहा) *********** ******************************** पावन सी बहती नदी,गंगा जिसका नाम। गोदी में जिस के बसे,निर्मल-सुन्दर धाम।। गोमुख से धारा बही, पहुंची बीच मैदान। गंगा नदी नाम है मिला,भारत की... Hindi · दोहा 1 1 442 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2021 · 1 min read जन जन बेसहारा **** जन जन बेसहारा ***** ************************ हाथों में लिया हुआ झोला, कहते सब जन उसको मौला। बातों से बना जगत भोला, विष जन गण मन अन्दर घोला। झूठ का भरा... Hindi · कविता 241 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2021 · 1 min read सास बहू **मनहरण घनाक्षरी** ***** सास-बहू **** ***************** बहु नहीं काम करो, जरा तो आराम करो। तुम भी तो इंसान हो, निलय की शान हो।। सास की ये मीठी गोली, सुन कर... Hindi · घनाक्षरी 282 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 May 2021 · 1 min read चाँदनी रात थी **** चाँदनी रात थी (ग़ज़ल) **** *************************** **** 212 212 212 212 **** *************************** खूब तारों भरी चाँदनी रात थी, हूर से यार पहली मुलाकात थी। रोज हम देखते थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 521 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 May 2021 · 1 min read अंगारे *मनहरण घनाक्षरी* **** अंगारे ***** *************** अंगारे बड़े गर्म है, पैर बहुत नर्म है। चलना हर हाल में, विजय की चाह है।। काँटों भरी डगर है, न अगर मगर है।... Hindi · घनाक्षरी 284 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 May 2021 · 1 min read कोशिश बेकार होती है **********कोशिश बेकार होती है********* *******1222 1222 1222 1222 ****** काफिया-आर रदीफ़-होती है ************************************* बदल दे भाग्य को काबिल वही सरकार होती है, हमेशा रंज हल को काबिज खड़ी तैयार होती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 411 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 May 2021 · 1 min read सितारे ********** सितारे (रोला) ********** ******************************** नभ में निकले आज,चाँद के संग सितारे। चाँदनी हुई रात , हो गए वारे न्यारे।। सिर पर शोभित ताज,अंबर है वो अवनि का। भूषण है... Hindi · कविता 1 376 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 May 2021 · 1 min read चंदा मामा **चंदा मामा (बालगीत)** ********************* कितना खूबसूरत है चाँद, देखते ही सब देते दाद। रात चाँदनी चंदा करता, श्याह अंधेरे को हरता। छोटे बच्चों का लगे मामा, पहनता नहीं कभी पजामा।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 504 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 May 2021 · 1 min read मेरा परिवार घर संसार *मेरा परिवार घर संसार* ******************* स्वर्गतुल्य मेरा परिवार है, मेरे जीवन का आधार है। मेरा मान और सम्मान है, खुशियों से भरा संसार है। कुछ नही है पहचान मेरी, मेरा... Hindi · कविता 2 2 277 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 May 2021 · 1 min read सितम ढा गई ***सितम ढा गई (गजल) **** *बह्र:- 122 122 122 12* रदीफ़-गई,क़ाफ़िया-आ,भा,छा, ************************* सजा प्यार की है सितम ढा गई, खुशी की घड़ी शोक में छा गई। बयारें चली है यहाँ... Hindi · कविता 2 254 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 May 2021 · 1 min read खगों में फिजा प्यार की आ गई *खगो में फिजा प्यार की आ गई* ****122 122 122 12****** **●★●★ (गजल) ●★●★●* खगों में फिजा प्यार की आ गई, बहुत ही खुशी है वहाँ भा गई। लड़ी चोंच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 247 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 May 2021 · 1 min read तूफ़ां फिर से कब आएगा तूफ़ां फिर से कब आएगा ******************** कभी सोचा न था, गुजर जाएगा, तूफ़ां यू पास से, छोड़ जाएगा, तन्हां सा जीवन में, पंछी प्यार का, बगल से उड़ा के, सोया... Hindi · कविता 1 187 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 May 2021 · 1 min read दहेज प्रथा ****** दहेज प्रथा ****** ********************* दहेज प्रथा घिनौना पाप है, कन्याओं हेतु अभिशाप है। जो बेटी चढ़े दाज की बलि, माँ बाप का बढ़े रक्तताप है। जब पैदा होती है... Hindi · कविता 333 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 May 2021 · 1 min read झूठा निशाना ****झूठा निशाना (ग़ज़ल)**** ***2122 - 2122 - 212*** *रदिफ : हो गया* ************************* झूठ भी अच्छा बहाना हो गया, प्रेम भी झूठा निशाना हो गया। प्यार में धोखा मिला है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 449 Share Previous Page 22 Next