Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2021 · 1 min read

बीबी बिन घर नही होता

***** बीबी बिन घर नहीं होता *****
***** 212 222 221 222 ******
*****************************

शोख बीबी बिन कोई घर नहीं होता,
साथ शौहर हो तो बे घर नहीं होता।

रोज बेगम लड़ती रहती मियाँ से है,
क्या पड़ोसन बिन कोई दर नहीं होता।

तीर नैनो से आशिक खेलता रहता,
ऑंख मलने से भी कम डर नहीं होता।

लूटते है तन मन को जालिम दरिंदे बन,
जिस्म का प्यासा भी मनहर नहीं होता।

अब भरोसा उठता ही जा रहा आमिर,
संग उड़ जाए गर क्षत पर नहीं होता।

रीत मनसीरत चलती आ रही धुर से,
प्यार जितना भी दो पर तर नहीं होता।
*****************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

1 Like · 466 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
कवि रमेशराज
विष्णु प्रभाकर जी रहे,
विष्णु प्रभाकर जी रहे,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
Praveen Sain
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
मित्रता मे १० % प्रतिशत लेल नीलकंठ बनब आवश्यक ...सामंजस्यक
DrLakshman Jha Parimal
अब तो ऐसा कोई दिया जलाया जाये....
अब तो ऐसा कोई दिया जलाया जाये....
shabina. Naaz
हे गुरुवर तुम सन्मति मेरी,
हे गुरुवर तुम सन्मति मेरी,
Kailash singh
तिरंगा
तिरंगा
लक्ष्मी सिंह
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
🌹पत्नी🌹
🌹पत्नी🌹
Dr Shweta sood
चल फिर इक बार मिलें हम तुम पहली बार की तरह।
चल फिर इक बार मिलें हम तुम पहली बार की तरह।
Neelam Sharma
गरीबी तमाशा
गरीबी तमाशा
Dr fauzia Naseem shad
मैं नारी हूं...!
मैं नारी हूं...!
singh kunwar sarvendra vikram
वैमनस्य का अहसास
वैमनस्य का अहसास
Dr Parveen Thakur
रामजी कर देना उपकार
रामजी कर देना उपकार
Seema gupta,Alwar
"आधी है चन्द्रमा रात आधी "
Pushpraj Anant
अनुभूत सत्य .....
अनुभूत सत्य .....
विमला महरिया मौज
सुप्रभातं
सुप्रभातं
Dr Archana Gupta
घबराना हिम्मत को दबाना है।
घबराना हिम्मत को दबाना है।
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हो जाती है साँझ
हो जाती है साँझ
sushil sarna
राख के ढेर की गर्मी
राख के ढेर की गर्मी
Atul "Krishn"
करगिल के वीर
करगिल के वीर
Shaily
ज्योति कितना बड़ा पाप तुमने किया
ज्योति कितना बड़ा पाप तुमने किया
gurudeenverma198
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
अनकही बातों का सिलसिला शुरू करें
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
चित्र कितना भी ख़ूबसूरत क्यों ना हो खुशबू तो किरदार में है।।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
#मंगलकांनाएँ
#मंगलकांनाएँ
*Author प्रणय प्रभात*
छोटी कहानी -
छोटी कहानी - "पानी और आसमान"
Dr Tabassum Jahan
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
SURYA PRAKASH SHARMA
कर्मठ राष्ट्रवादी श्री राजेंद्र कुमार आर्य
कर्मठ राष्ट्रवादी श्री राजेंद्र कुमार आर्य
Ravi Prakash
Loading...