Varun Singh Gautam 217 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Varun Singh Gautam 23 Sep 2021 · 1 min read क्यों लौट रहें नभ ? मधुर - मधुर विकल के तन कौन कहें तन्हां इसे ? बेला अंतिम कहाँ चली पतवार भी नहीं तम के शून्य भव ? कल के पन्थ - पन्थ में कौन... Hindi · कविता 1 451 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read सान्ध्य क्षितिज पलट गयी करवटें जीवन के उस पन्नों के इतिवृत्त भी किसका सार देखो कल के कर में ? दर - दर में बिखरा मिलिन्द मधु के भार कहाँ ? झख़... Hindi · कविता 267 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 11 min read मँझधार ०६ 1. मेसोपोटामिया सभ्यता दजला और फरात नदियाँ माँझ मेसोपोटामिया सभ्यता का इराक अर्द्धुक सभ्य शिष्ट वृहत साहित्य अंक खगोल विद्या का प्रसार सुमेर अक्कद बेबीलोन असीरिया सुमेरी अक्कदी अरामाइक भाषा... Hindi · कविता 540 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 9 min read मँझधार ०२ 1. पितृ परमेश्वर गिरिराज होते जहाँ नतशिर जगन्नियन्ता के हैं जो अरदास महारथी हैं वों , सारथी भी ख़्वाहिशों के हैं सरताज ख़्वाबों के हैं चिन्त्य कायनात मशरूफ़ियत मकुं फौलाद... Hindi · कविता 374 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 11 min read मँझधार ०४ 1. इन्तकाम मत देख उस भुजङ्ग को , गरल का घड़ा भरा है । ह्रदय की वेदना समझों मारुत की बवण्डर है । मत पूछ उस लालिमा को , उनकी... Hindi · कविता 670 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read ख़ामोशी गोधूलि बेला थी आसपास चहल - पहल - सा था कहीं लोगों की भीड़ कहीं तो गाड़ियों की गड़गड़ाहट वहीं घड़ी जब मैं.... आदर्श सखा का स्मरण आया मिथ्या ही... Hindi · कविता 204 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read विपत्ति का तान्ता जलसा ही जीवन विपत्ति का तान्ता अंकाई अंगारा - सा अंग सौष्ठव का आकर्षण अब तव दोषारोपण तासु अपजस बाता - सा बाबे - गुनाह हई सजायाफ़्ता आलमे - हुस्नो... Hindi · कविता 615 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read स्वतन्त्रता की बजी रणभेरी एकता - अखण्डता - समरस भारत भारतीय जन की स्वप्न निराली एकता की अंदरूनी शक्ति ही अदब अगाध अनुयायी तृण - तप्त - तिमिर - सा दर्प - दीप्त देवाङ्गना... Hindi · कविता 290 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read देश की धरा पवन - धरा - नीर - हरियाली प्रातः कालीन का अनातप में , सागर - नदी - झीलों का सङ्गम पारितन्त्रीय अन्योन्याश्रय सम्बन्ध हो । जैविक - अजैविक सङ्घटको का... Hindi · कविता 341 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read हयात इन्तकाल दुनिया का हयात इन्तकाल क्यों कर रहें हाहाकार ? क्या कोरोना की महामारी ? या कृतान्त का साम्राज्य पवन का पवनाशन प्रकोप प्राणवायु माहुर - सा इसका उत्तरदायी कौन !... Hindi · कविता 220 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read ओ मेरी माँ माँ तेरी महिमा अपरम्पार संसार की जननी है तू सब दुख - दर्द हर लेती है तू तू ही पालनकर्ता सर्वेश्वर तेरी छाया तरुवर की छाया तेरी चरणों में ब्रह्माण्ड... Hindi · कविता 186 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read सब भारत एक हो भारत देश की आजादी शहीदों के शहादत कुर्बानी वीर - वीराङ्गना की अटूट कहानी अमर है , अमर है , अमर है । भारत सोने की चिड़िया नालन्दा जैसा विश्वविद्यालय... Hindi · कविता 253 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read आम मञ्जरी मौसम है बड़ा सुहाना खेतों में सरसों की डाली जहाँ है आम मञ्जरी का बहाना कितना कोमल कितना सुन्दर ! मधुकर कर मधुमय निराली जहाँ है सुन्दर - सुन्दर हरियाली... Hindi · कविता 1 206 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read ऐ नर्स स्वास्थ्य क्षेत्र की भूमिका जनमानस का कल्याण है और मिलता बहनों का प्यार जहाँ साहस है उनकी गाथा मानवता कर रही चित्कार व्याकुल हो रहे मन तेरे हैं न कोई... Hindi · कविता 267 Share Varun Singh Gautam 22 Sep 2021 · 1 min read विधान जीवन का राग सङ्गीत है , जीवन का अस्तित्व अतीत है । प्रकृति रूपी अपना धरा , सम्पदा जहाँ भरपूर है । मानवता का जीवन ही , मानव कल्याण का... Hindi · कविता 208 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 12 min read मँझधार ०१ 1. मेरे गुरुवर शिक्षा दायिनी मेरे गुरुवर प्रभा प्रज्वलित हो तिमिर में मैं छत्रछाया हूँ आपके अजिर के पराभव अगोचर आपके चरण में पथ - पथ प्रशस्त रहनुमा हमारे कुसीद... Hindi · कविता 253 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read शृङ्गार अलङ्कृत प्राण तरुवर को अलङ्गित अहर्निश स्पृहा मेरी लोकशून्य में क्या व्युत्सगँ , क्यों भृश ब्योहार ? इस तरस आहु कराह रहा अपराग हुँकार क्यों जग को ? तन - मन... Hindi · कविता 1 187 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read विकल पथिक हूँ मैं मैं चला शून्य के स्पन्दन में हिम कलित स्वर्ण आभा स्वर में न्योछावर हो चला इस जग से प्रतिबिम्बित हूँ प्रणय के बन्धन से क्षितिज आद्योपान्त विस्मृत - सी उऋण... Hindi · कविता 208 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read अकेला मैं अकेला रह गया हूँ बस हताश भरी ज़िन्दगी व्यर्थ मेरे पूछता नहीं कोई इस खल में मोहताज भरी मैं अवलम्ब स्नेही के फूट - फूट तीर रहा रूदन मेरी... Hindi · कविता 206 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read साँझ हुईं साँझ होने को है , हुईं तम तिमिर में ढ़कती जाती हौले - हौले वक्त भी लुढ़कते विलीन में मचल - मचलकर होते तस्वीर ऋजुरोहित सप्तरङ्गी अचिर में छँटी प्रस्फुटित... Hindi · कविता 211 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read क्यों है तड़पन ? क्या तृष्णा टूट पड़ी यहाँ ? इस भिखमङ्गों के बाजारों में कोई अट्टालिका खड़ा करता जाता किसी की अँतड़ियाँ अंगारो में पथ - पथ पर क्या कुर्बानी है ? त्राहि... Hindi · कविता 217 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read मैं हूँ निर्विकार पथिक हूँ उस क्षितिज के कर रहा जग हुँकार मेरी लौट आया हूँ उस नव स्पन्दन से कल - कल कलित कुसुम धरा पथ - पथ करता मेरी स्पन्दन होती... Hindi · कविता 220 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read एक पैग़ाम ( ग़ज़ल ) मैं चल दिया इस दुनिया छोड़ के पता नहीं मुझे , कहाँ जाऊँ मैं ? कोई पूछा भी नहीं , मुझसे भी ठिकाना तेरा कहाँ है , कबसे ? मेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 203 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read पवित्र बन्धन इबादत करूँ मैं अल्लाह की रात की चान्दनी देखूँ तबसे मुकम्मल दास्तां की धरोहर में ख़्वाबों के सपनों मैं , सजाऊँ कैसे ? प्रेम भाव के आलिङ्गन में समाऊँ तन... Hindi · कविता 290 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read विजयपथ रेल - रेल सी ज़िन्दगी में क्या धोखा ? , क्या दीवानी हो ? पथ - पथ तिनका बिछाता मन में हो रहा वसुन्धरा सङ्कुचित काया बन बैठी मशक्कत मेरी... Hindi · कविता 653 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 1 min read मेरे गुरुवर शिक्षा दायिनी मेरे गुरुवर प्रभा प्रज्वलित हो तिमिर में मैं छत्रछाया हूँ आपके अजिर के पराभव अगोचर आपके चरण में पथ - पथ प्रशस्त रहनुमा हमारे कुसीद में साँवरिया आपके... Hindi · कविता 234 Share Varun Singh Gautam 21 Sep 2021 · 2 min read राह यूँ डगमगा जाते राह यूँ डगमगा जाते करते - करते चहुँओर यह ओट में क्या छिपा खोज रहा है कौन ? तम भी कहाँ देती पथ के वों मलिन धूल शशि भुजङ्ग रन्ध्र... Hindi · कविता 188 Share Varun Singh Gautam 13 Sep 2021 · 1 min read क्यों मै अपरिचित ? सागर चीर- चीर के नभ नतमस्तक घेर – घेर रहा स्वप्निल दरवाजा के बुलन्दी फौलादी बढ़ चला शिखर अमरता के जो तपता आया तन – तन जिसके प्रचण्ड बढ़ चला... Hindi · कविता 363 Share Varun Singh Gautam 13 Sep 2021 · 3 min read यह गाथा है मेरे प्यारें राजस्थान की बलिदानों की भूमि है राजस्थान, कला और संस्कृतियों की भूमि है राजस्थान । धरोहरों की भूमि है राजस्थान, मरुस्थलों की भूमि है राजस्थान । बाईस देसी रियासत की भूमि है... Hindi · कविता 283 Share Varun Singh Gautam 13 Sep 2021 · 1 min read गणतंत्र दिवस गणतंत्र दिवस आया भाई, गणतंत्र दिवस आया । सबका प्यारा, सबका न्यारा, हमारा गणतंत्र दिवस आया । हमारा संविधान आया, भारत का कानून व्यवस्था आयी । इसी से हमारी पहचान... Hindi · कविता 400 Share Varun Singh Gautam 13 Sep 2021 · 1 min read नरेंद्र मोदी की गाथा नरेंद्र मोदी सब के साथी सबके चहेते , सबके अंदर गुजरात में जन्मे नरेंद्र मोदी तृतीय पुत्र कहलाये । चाय बेचकर सेवा की अपने पिता की अब दूसरी बार प्रधानमंत्री... Hindi · कविता 296 Share Varun Singh Gautam 13 Sep 2021 · 3 min read संस्कृति का सार बिहार है संस्कृति का सार बिहार है गौरव अपार बिहार है यें धर्म भूमि महान की चंद्र विहार बिहार है बिहार में हीं जन्मी सीता यहीं अहिल्या का उद्धार हुआ श्री कृष्ण... Hindi · कविता 400 Share Varun Singh Gautam 13 Sep 2021 · 1 min read संविधान दिवस इस संविधान का आविर्भाव हुआ 1949 ईस्वी ( नीति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी संवत 2006 विक्रमी ) को एतद् द्वारा करते हैं, इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित संविधान दिवस... Hindi · कविता 336 Share Varun Singh Gautam 13 Sep 2021 · 1 min read गुब्बारा गुब्बारा , गुब्बारा सबसे अच्छा गुब्बारा गुब्बारा गुब्बारा दिल का प्यारा गुब्बारा कभी आती है , दुर्गा मेला में तो कभी मेला ठेला में दिल को भाती , बच्चों को... Hindi · कविता 507 Share Varun Singh Gautam 12 Sep 2021 · 2 min read संचार जीवन की निशानी सञ्चार जीवन की निशानी , विल्वर श्रैम की अनुभव की साझेदारी । अपना अभिव्यक्ति अपना भरोसा , यही है आपना सोशल मीडिया । स्त्रोत – सन्देश – माध्यम – प्राप्तकर्ता... Hindi · कविता 1 684 Share Varun Singh Gautam 5 Sep 2021 · 1 min read हुँकार मेरी भव में छाया कहाँ माँगू कब और कहाँ से ? कौन पूछ रहा है किनको किन्तु अकिञ्चन ? मिलता हर सुख जहाँ हुँकार मेरी भव में स्वर शङ्खनाद हूँ मैं गुरुदेव के... Hindi · कविता 1 188 Share Varun Singh Gautam 28 Aug 2021 · 1 min read चल मुसाफिर मुश्किल भरी जिंदगी में, संघर्षरत का दुनिया है। अभिजय का है सरताज, जो महासमर का अर्जुन है। चल मुसाफिर, अभ्यस्त हो जा, चंद्रहास का अब वक्त आया है। कोयला से... Hindi · कविता 1 2 232 Share Varun Singh Gautam 28 Aug 2021 · 1 min read विश्व दर्शन हूँ जो देश है वीर कुर्बानी की विश्व दर्शन हूँ मैं वहां की जिस देश में गंगा बहती है खेत खलियान हरी-भरी रहती है सभी सम्प्रदायों की एकता यहां करते अखंड... Hindi · कविता 197 Share Varun Singh Gautam 27 Aug 2021 · 1 min read शोणित धार दिन - दिन बितते तिरते - तिरते तिमिर को कोई आमद तो कोई होता निर्वाण जीवन क्षणभङ्गुर - सी न रहता तन को फिर भी होता हीन क्यों मानव इस... Hindi · कविता 214 Share Varun Singh Gautam 26 Aug 2021 · 61 min read कल्पित 1. मेरे गुरुवर शिक्षा दाहिनी मेरे गुरुवर प्रभा प्रज्ज्वलित हो तिमिर में मैं छत्रछाया हूँ आपके अजीर के पराभव अगोचर आपके चरण में पथ - पथ प्रशस्त रहनुमा हमारे कुसीद... Hindi · कविता 1k Share Varun Singh Gautam 26 Aug 2021 · 1 min read वाह रे चीन....! वाह रे चीन....! दुनिया कोरोना से कराह रही कोरोना का पैदाइश वुहान जश्न मना रहा मुफलिस की मृत्यु की तादाद कलेवर अंत्येष्टियां हो रही कहीं ऑक्सीजन नहीं कहीं देने पर... Hindi · कविता 2 383 Share Varun Singh Gautam 26 Aug 2021 · 1 min read कहर कब थमेगा कोरोना का कहर जग कर रही है हाहाकार कहीं पर गाड़ रहे ढेर भरी लाशें कहीं हो रही दाह संस्कार कोरोना के देवारि से आखिरी साँसे गिनता भरोसा... Hindi · कविता 1 386 Share Varun Singh Gautam 26 Aug 2021 · 1 min read आखिर क्यों ? इंसान की मुसीबत क्या है ? धन - बीमारी - मृत्यु सम्पदा के दोहन से अपनी पेटी क्यों भर रहे लोग ? लोग क्यों धन के लिए तड़प रहे ?... Hindi · कविता 1 167 Share Varun Singh Gautam 26 Aug 2021 · 1 min read अन्तिम बेला चल दिया अन्तिम बेला तट के यहाँ महफिल भी जल उठी पन्नग व्याल में अधम लहू दृग धो रही चिरते - चिरते चिर को अवपात मै , चाल भी मेरी... Hindi · कविता 262 Share Varun Singh Gautam 26 Aug 2021 · 1 min read चिर - चिर होते दिवस पूछा मै किसी से भव कहाँ तेरा ? न जाने क्या भार लिए , कबसे ? पीड़ा भी घूँट - घूँट के पी रहे थे मै विस्मित - सा ,... Hindi · कविता 1 233 Share Varun Singh Gautam 26 Aug 2021 · 1 min read स्पन्दन उन्मद के मेरा क्या ! इस शून्य भव जल के आया बहुरि पुनः दीपक द्युति के चल... आज इस , कल उस समर के कुन्तल कहाँ छिपा मकरन्द हयात केतन के ?... Hindi · कविता 1 203 Share Varun Singh Gautam 24 Aug 2021 · 1 min read दिवस क्या लौट गई ? देखा जब समय की पङ्क्ति को चल चल चलाचल जैसे... ऊपर - ऊपर , ऊपर होते बढ़ते कदम सब बँधे है बिछाता इसमें तरणि क्या वों बटोरती राह ? यह... Hindi · कविता 1 450 Share Varun Singh Gautam 23 Aug 2021 · 1 min read मेघदूत चलूँ मैं कहाँ पतवार भी नहीं परवाह नहीं पन्थ को अवज्ञा ही भुजङ्ग राही को राह नहीं दिखाता कोई पलको में पड़ा आँशू भर - भरके विस्तीर्ण अथ लौट चला... Hindi · कविता 1 369 Share Varun Singh Gautam 22 Aug 2021 · 1 min read नव्य रङ्ग कैसे सुनाऊँ मैं अपनी तफ़सीर ? एकान्त जिन्दनी मेरी न कोई तन्हां विषाद भरी पीड़ा दर्द कराह रही सहचर भी कहाँ मंशा नहीं मुझसे दर – दर भटक रहा वों... Hindi · कविता 487 Share Varun Singh Gautam 22 Aug 2021 · 1 min read राखी मुझे भी कलाई में धागा दो पवित्र बन्धन राखी महापर्वों का बहन नहीं, भाई भी नहीं जिसके कैसे वों भी इस पर्व को मनाएँ बाजार में पड़ी है कबसे राखी... Hindi · कविता 1 401 Share Previous Page 3 Next