Tag: ग़ज़ल
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*खूबसूरत नक्श नहीं निगाहें हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*दो दिन की जिंदगानी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*प्रेम बूँद से जियरा ना भरता*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*आखिर वो आई है घड़ी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*बस मे भीड़ बड़ी रह गई मै खड़ी बैठने को मिली ना जगह*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*भला ये कैसी नौबत आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
उसके दर पर आज आना हुआ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*सामने वो आन खड़ी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
********* कुछ पता नहीं ********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कोरा दायरा तन मन छू लूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*समुद्र का वो हर पल निराला*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
******प्यारी मुलाक़ात*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**भीगी भीगी सी शाम**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मनभावन सा प्यारा मीत दे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*वो दिल के बहुत अमीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*यूँ ना जाओ हमें तन्हाँ छोड़ कर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*** साथ निभाया नहीं ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*प्यार भी मिलने लगा है लीज पर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
******* सब्जी मंडी का हाल *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दौलत जो भी कमाई है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*तुम से करनी दो बात बाकी है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*जीवन जीने का आधार हो गया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*जीवन की सुंदर लय है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
****मै से आगे हम****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* मन में आया एक ख्याल है *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जो कुछ भी है दिल में बताया कर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
***आंचल में सिर छुपाने की***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**** टुकड़ों के निशान ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बंद हुई हंसी की दुकान है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*हर कोना दिल का खाली*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* जीवन एक दरिया है *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*खुद ही खुद में खो गये लोग है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कमसिन हसीना सर्प नगीना
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सहर सुहानी चांदिनी दर पर आई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**कैसे सहूँ दरमियाँ दूरी मै*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मौत ती सस्ती हुई पर मंहगी रोटी है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**हक़ हम पर क्यों जताते नहीं**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दर्द ए दिल से दर्द निकलता है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
****होठों से होंठ मिलाते हैँ लोग****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्यारी बांहों की गिरफत है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कोई शिकावा कोई शिकायत नहीं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*सिर का है मान पिताजी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* दिल मे लिखा तेरा नाम *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**तेरे पैरों के निशान बाकी हैं**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**********चाहो तो हमें माफ कर दो***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
******** तुम जो कहो ********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*नशीले नैनों का निशाना है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*तरु की टूटी टहनी टहनी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मेरे मन में तेरा फ़िक्र है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
किसी नजर को तेरी तलाश है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत