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30 Jul 2023 · 1 min read

*दो दिन की जिंदगानी*

दो दिन की जिंदगानी
*******************

दो दिन की जिंदगानी है,
कुदरत की मेहरबानी है।

जी लो जीभर के जिंदगी,
पानी जैसी रवानी हैँ।

झूलो झूमों बाँह फैलाये,
कुछ दिन की जवानी है।

जिया पल में मचल जाए,
यादें मधुरिम निशानी है।

मनसीरत बातें अधूरी सी,
वो बन जाती कहानी है।
********************
सुखविन्द्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
168 Views
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