सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' Tag: मुक्तक 80 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read लावणी छंद आधारित मुक्तक सुबह शाम सुतला जगला में, अँखिया में दिलदार रहल। कुछऊ नाहीं नीमन लागे, बस ऊहे संसार रहल। बाबूजी के खबर भइल तऽ, पीठी पर पैना टूटल- फिर भी दिल में... Bhojpuri · मुक्तक 589 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read मेरा कुछ अधिकार नहीं तुम ही साँसें तुम ही धड़कन, तुम बिन यह संसार नहीं। छोड़ दिया मैं सबकुछ अपना,फिर भी कहते प्यार नहीं। बिंदी चूड़ी कंगन पायल, सिंदुर सर पे तेरा है- इच्छाएँ... Hindi · मुक्तक 1 310 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read जख्म चुपके से सहल जाई हाल केसे अब कहल जाई। आदमी पल में बदल जाई। नून मुठ्ठी में हवे सबके- जख्म चुपके से सहल जाई। (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · मुक्तक 243 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read लोग बस आपन कहावे के हवे दुख कवन के से सुनावे के हवे। हाल खुद के का बतावे के हवे। वक्त पर ना साथ देला आदमी। लोग बस आपन कहावे के हवे। (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · मुक्तक 237 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Jul 2021 · 1 min read नेह वासना लिपटी हुई है नेह में। ढूंढते हो क्या न जाने देह में। है वचन झूठा तुम्हारे प्रेम का- मर रही मैं आँसुओं के गेह में। 'सूर्य' (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Hindi · मुक्तक 1 488 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read अभी उतना नहीं लिखता हृदय में दर्द है जितना अभी उतना नहीं लिखता। बनावट के वुसुलों पर कोई रिश्ता नहीं टिकता। दिखावे के लिए सब लोग कहते हैं तुम्हरा हूंँ। मुसीबत में यहाँ कोई,... Hindi · मुक्तक 347 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read मास्क मत छोड़ो रहे दो गज भले दूरी मगर मुखड़ा नहीं मोड़ो। रहो घर में ही अपने और कोविड चेन को तोड़ो। सुनो यह रोग भारी है इसे हल्के में मत लेना। अगर... Hindi · मुक्तक 1 239 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read चलो अब गाँव चलते हैं जहाँ सबके दिलों में प्रेम के हीं दीप जलते हैं। मटर सरसो के फूलों पर जहाँ भँवरे मचलते हैं। यहाँ की मखमली बिस्तर से सुंदर गाँव की माटी। शहर में... Hindi · मुक्तक 1 490 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read बताईं रूप ई सुंदर खुदा कइसे सँवारे नी कबो बिंदी कबो काजल, कबो नैना निहारे नी। कबो लाली कबो बाली, निरखि जिनगी गुजारे नी। बड़ी मासूम बा मुखड़ा, नजर तनिको हटट नइखे- बताईं रूप सुंदर ई, खुदा कइसे... Bhojpuri · मुक्तक 1 1 388 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read बरखा पर के घाम लागल बाटे रोपनी, जरे देह के चाम। अन्न क दाता हऽ कृषक,कइसे करी अराम। माथे बीज कुदार धर, चलल खेत की ओर- लागे ला मरिचा नियन, बरखा पर के घाम।... Bhojpuri · मुक्तक 572 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read प्रभु से कर लीं प्रीत कर लीं प्रभु के वंदना, सुबह-सुबेरे मीत। हृदय बसा लीं राम के, गायीं उनकर गीत। जग उद्धारक राम प्रभु , करीं सदा कल्याण- सुखमय जीवन चाह बा, प्रभु से कर... Bhojpuri · मुक्तक 462 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read रिश्ता रिश्ता में आवत हवे,जबसे कुछ प्रतिरोध। बाति-बाति पर होत बा, देखिं आज विरोध। लालच में आन्हर भइल, लाभ-हानि के फेर- समझे ना देला कुछो, दिल में भरल किरोध। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · मुक्तक 394 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Jul 2021 · 1 min read तरुवर आधार छंद- लावणी(मापनी युक्त, मात्रिक) विधान-30 मात्रा,16,14 पर यति, अंत में वाचिक गा लावणी-(30)=चौपाई (16)+मानव +(14)गा ध्रुव शब्द-तरूवर ***************************************** वृक्ष धरा का गहना होता, आओ उनसे प्यार करो। प्राणवायु देते... Hindi · मुक्तक 1 2 352 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read कामना अब तऽ खुशी से हर घड़ी होखत रहो, जी सामना अब तऽ। कि आइल जिंदगी में गम जुदाई, बा मना अब तऽ। मुहब्बत में कटे हर पल, कबो आवे न गम आंँसू-... Bhojpuri · मुक्तक 339 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read बीमार कमर में दर्द चालू बा, तनिक धुधला नजर होता। सभे बोले करऽ संयम, सुनऽ अब तऽ उमर होता। रहल शूगर भइल पिलिया समझ आवे न बीमारी- सुनाईं हाल का आपन... Bhojpuri · मुक्तक 179 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read साधन सावन में साजन नहीं, नैन करे बरसात। हरपल विरह वियोग में, कटते हैं दिन-रात। साजन सुधि लेते नहीं, तड़प रहा मन मोर- मिले नहीं संदेश कुछ, होती है ना बात।... Hindi · मुक्तक 1 2 369 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक नौकरी के साथ घर परिवार बा। जे अकेले बा उहे लाचार बा। गोंदिये में हर घड़ी बबुनी रहें।- बंद सब कवितागिरी अब यार बा। बनि गइल जबसे पड़ोसन प्यार बा।... Bhojpuri · मुक्तक 387 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक नींदक औषधि नीम सम, कड़वी है तासीर। कमी हमारी देख वह, होता बड़ा अधीर। करता भले आलोचना, देता हमको सीख- अपनी कमियों के लिए , बने रहो गंभीर।२ निंदक... Hindi · मुक्तक 1 2 226 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक सरक जाइत अगर चिलमन, त हमरो काम हो जाइत। जहाँ नफरत से' लेतू नाम, हमरो नाम हो जाइत। नजर के बान लागल बा, हृदय घायल भइल हमरो- दिवाना दिल भइल... Bhojpuri · मुक्तक 180 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक विधा- मुक्तक (सादर समीक्षार्थ) *************************** साँस जाती रही आश जाता रहा। मौत के संग मैं गुनगुनाता रहा। लोग अपने खड़े थे मुझे घेर कर- मैं तुझे याद कर तड़फड़ाता रहा।... Hindi · मुक्तक 2 236 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read दोहा मुक्तक माँ की कर आराधना, कर में लेकर फूल। जन्मदात्री मातु हैं, मत जाना यह भूल। माँ के आशिर्वाद से, जीवन हो उजियार- चंदन सम माथे धरो, माँ चरणों की धूल।... Hindi · मुक्तक 297 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read तो क्या ******************************************* सतरंगी है जीवन यारों, गम खुशियों की थाली होगी। कहीं खुशी, गम, दर्द मिलेगा, रात कहीं कुछ काली होगी। पतझड़ का मौसम कुछ पल का, तो क्या बंद चहकना... Hindi · मुक्तक 1 216 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read ऐ खुदा आह! गम का आज जो हलचल मचा है। जिंदगी में दर्द तुम ने ही रचा है। अब नजर आती नहीं है राह कोई- ऐ खुदा तेरा सहारा ही बचा है।... Hindi · मुक्तक 1 388 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मैं सपनों में आऊँ कैसे द्वार हृदय का बंद पड़ा है, मैं सपनों में आऊंँ कैसे। इश्क मुहब्बत दुनिया दुश्मन, तुमको गले लगाऊंँ कैसे। हुआ मरुस्थल जीवन तुम बिन, पुष्प बिना उपवन हो जैसे- सांसें,... Hindi · मुक्तक 1 208 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Jul 2021 · 1 min read भोजपुरी मुक्तक सनसन सनसन पुरुआ डोले, रिमझिम बरसे सावन। हरियाली आच्छादित धरती, लागे सुंदर पावन। याद सतावे हरपल तहरो, मनवा नाहीं लागे- घर आजा परदेसी बालम, मौसम बा मनभावन। बात न तनिको... Bhojpuri · मुक्तक 313 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 8 Jul 2021 · 1 min read मौसम बा मनभावन सनसन सनसन पुरुआ डोले, रिमझिम बरसे सावन। हरियाली आच्छादित धरती, लागे सुंदर पावन। याद सतावे हरपल तहरो, मनवा नाहीं लागे- घर आजा परदेसी बालम, मौसम बा मनभावन। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · मुक्तक 375 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Jul 2021 · 1 min read माँ माँ की कर आराधना, कर में लेकर फूल। जन्मदात्री मातु हैं, मत जाना यह भूल। माँ के आशिर्वाद से, जीवन हो उजियार- चंदन सम माथे धरो, माँ चरणों की धूल।... Hindi · मुक्तक 250 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक सदा खुशियांँ नहीं रहती, सदा गम भी नहीं रहते। जिगर पत्थर बना डाला, नयन अब नम नहीं रहते। समय के साथ बदला है, जमाना भी अजी अब तो- मुसीबत लाख... Hindi · मुक्तक 1 2 180 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Jul 2021 · 1 min read अपने लगा हुआ यह दर्द खुशी का, कैसा मेला है। कहने को सब ही अपने पर, मनुज अकेला है। कोई हँसता कोई रोता, दुख-सुख है जीवन- अपने-अपने कर्मों का सब, साथी... Hindi · मुक्तक 2 231 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक न मन्दिर से न मस्जिद से, न गीता से बसर होई। रही जब पेट में दाना, तबे कुछऊ असर होई। गुजारिश बा करऽ चाहें, सराफत भा सियासत तूँ- उदर खाली... Bhojpuri · मुक्तक 2 4 209 Share Previous Page 2