Mugdha shiddharth Tag: मुक्तक 326 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक डूबने वाले ने डुबाने वाले का हांथ पकड़ा और चूम लिया डूबने वाले ने अपने हक में कयामत को भी बूचड़ का जलाल समझा और झूम लिया ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 196 Share Mugdha shiddharth 15 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक दिल ने एक पुकार सुनी है अभी – अभी क्या तुझ तक भी पहुंची है रुकी – रुकी सुनना मत इस को दिल की कानों से दर्द देगा ये सर्द... Hindi · मुक्तक 3 190 Share Mugdha shiddharth 15 Mar 2020 · 1 min read मेरे लिखे को मेरा बयान ही समझना मेरे लिखे को मेरा बयान ही समझना कब्र को मेरे, मेरा आरामगाह ही कहना जब जिंदगी है हिर्ज के शख्त हाथों में मौत को मेरी वस्ल की रात ही समझना... Hindi · मुक्तक 3 213 Share Mugdha shiddharth 15 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक इश्क हर जिंदा दिल में पलता है चालाकियों को बस ये खलता है तुम जो आते भूले से कहीं देखते सांस नहीं सीने में मेरे तेरे नाम का धड़का चलता... Hindi · मुक्तक 3 178 Share Mugdha shiddharth 15 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक जीने के होड़ में मर जाते हैं लोग खुदी की लाश लिए खुदी में उम्र भर जी जाते हैं लोग ~ सिद्धार्थ 2. गवाही दो कि तुम चुप बैठे थे,... Hindi · मुक्तक 5 217 Share Mugdha shiddharth 15 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक पागलों की बस्ती से पागल हुए बिना कैसे निकल पाओगे दिल मेरा किसी और का घर हुआ है किसी और के घर में किस तरह तुम रह पाओगे ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 196 Share Mugdha shiddharth 15 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक वक़्त के थपेड़े किश्ती को कहां टिकने देंगे शाहिल की मैज किनारे किशती कहां लगने देंगे कौन भला उठाए फिरे भंवर बाजुओं से भवर भला कीशती को किनारे कब लगने... Hindi · मुक्तक 3 370 Share Mugdha shiddharth 14 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक जाना तेरे शहर की खुशबू को हम दिल में लिए चलते है हम आज फिर एक और सफ़र पे तनहा ही निकलते हैं तेरे याद की अंगनाई में हम यूं... Hindi · मुक्तक 3 182 Share Mugdha shiddharth 14 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक अपने सपने मार दो / सपने और अपने मारने के लिए नहीं होते दिल को खंजर आंखों को तेजाब से कभी नहीं धोते... ~ सिद्धार्थ 2. अजी हमने तो महफ़िल... Hindi · मुक्तक 2 310 Share Mugdha shiddharth 14 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मैं रंग तुझे दे दूं, तू नूर उसे दे ये दिल्ली चल अब मुझे दूर जाने दे वो लौट कर जो लगे... सीने से तेरे तेरी गलियों में तलाशी मेरी... Hindi · मुक्तक 3 175 Share Mugdha shiddharth 13 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. हवा को कोन देखे, दिल रक्स करता रहता है दिलबर की याद में कुछ अक्स खींचा करता है 2. अजी हमने तो महफ़िल से उठते उठते भी झुकी पलकों... Hindi · मुक्तक 3 423 Share Mugdha shiddharth 13 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. मुझ में से मैं ही कभी झांक लेती हूं कोने कोने में तुझे ताक लेती हूं तू नहीं कहीं बाहर, मिले है मुझको मेरे अंदर खुद से उठ कर... Hindi · मुक्तक 3 299 Share Mugdha shiddharth 13 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. खुद अंतश के कुएं से खुद की लाश निकालूंगी मगर खुद में प्यार के पलाश को मैं न मारूंगी 2. हम सोच पाते बस खुदी के लिए तो हम... Hindi · मुक्तक 3 1 211 Share Mugdha shiddharth 13 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. तेरे शहर से जाना अब मेरा दाना पानी उठता है दिल को फुर्सत नहीं यादों से तेरी, कदम है जो उलझा उलझा उठता है ~ पुर्दिल 2. हम सोच... Hindi · मुक्तक 3 277 Share Mugdha shiddharth 13 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. तेरे पलकों से जो अब तक ढलके नहीं उन्हीं गर्म आशुओं का आगाज हुं मैं... दिल से एक आवाज लगा कर देख तेरे ही बेताब दिल की आवाज हूं... Hindi · मुक्तक 3 191 Share Mugdha shiddharth 13 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1 इतने जो खुश हुए तो पकड़े जाओगे दिल की वादियों के दस्यु खलाओगे.? 2. सर जो गर चढ़ा न तो वो इश्क न होगा प्रीत में अश्क न गिरा... Hindi · मुक्तक 4 181 Share Mugdha shiddharth 12 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. अभी अभी तो था यहीं पे अभी अभी गुजर गया ये जो उम्र था न यारा लम्हा लम्हा बिखर गया जीस्त की आजमाईश में थोड़ा थोड़ा निखर गया ~... Hindi · मुक्तक 3 206 Share Mugdha shiddharth 11 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. कितनी बातें कह दी उसको होठ सिल वो सुनता रहा मेरी अंतर के आघातो को चुप चाप वो तो गुनता रहा ~ सिद्धार्थ ,2. सब के हिस्से दिल मिले... Hindi · मुक्तक 3 212 Share Mugdha shiddharth 11 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक उठा लो मुझ को पलकों पे जाना की मेरा कोई नहीं अधरें रख दो मेरी पेशानी पे और कह दो मुझ से कोई नहीं तुम भी औरों के जैसे हो,... Hindi · मुक्तक 4 276 Share Mugdha shiddharth 11 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक तुम जागते रहते हो आंखो में मेरी क्या ख्वाबों में ही घर बनाना है अपने घर जाने का क्या लोगे जाना मुझे जल्दी ही उठ के मां के पास भी... Hindi · मुक्तक 3 340 Share Mugdha shiddharth 11 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक अबकी सखॆ तुम ऎसा करना मुझको अंको में भरना फिर मुझको तुम चंदन करना उस चन्दन से तिलक लगा कर फिर तुम शमर में उतरना महकुंगी मैं तेरे अंग संग... Hindi · मुक्तक 3 486 Share Mugdha shiddharth 11 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक तुम्हारी याद में जाना बहुत रोई हूं रात भर सुबह हो चली है चलो तुम गागर उठा लो मैं ढह रही हूं खुद में जर्रा ए दीवार की तरह सुनो... Hindi · मुक्तक 3 366 Share Mugdha shiddharth 10 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक उम्मीदें थकने नहीं देती मुहब्बत कहने नहीं देती ~ सिद्धार्थ 2. शहर की रौनकें गर हमारे दम से हैं तो बता दे हम इतने क्यूं बेदम से हैं ~ सिद्धार्थ... Hindi · मुक्तक 3 303 Share Mugdha shiddharth 10 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मेरे दिल की कीमत कोई क्या भला लगायेगा, बस एक तेरी मुस्कान है जो कौड़ियों के भाव ही दिल को मेरे ले जाएगा ~ सिद्धार्थ 2. उस जमीं पे ख़ाक... Hindi · मुक्तक 3 194 Share Mugdha shiddharth 10 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. ये किस की गली से गुजरी हूं मैं गुलाब हो गई उस ने देखा नहीं छुआ नहीं मैं रंग ए दोआब हो गई ~ सिद्धार्थ 2. आधे चांद से... Hindi · मुक्तक 3 182 Share Mugdha shiddharth 10 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक लगा दूं क्या ? तुम बेरंग हो क्या ? बुझे बैठे हो कब से तुम कहो तो रंगों की आग में जला दूं क्या...? ~ सिद्धार्थ 2. तनहाई को उठा... Hindi · मुक्तक 3 213 Share Mugdha shiddharth 8 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. दिल को ये आरजू है कि आप दिल से दिल को समझाइए हमारी दिल की उलझनों को जरा दूर तलक तो भगाइए हमारे सब्र को जाना अजी आप और... Hindi · मुक्तक 3 214 Share Mugdha shiddharth 6 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. कभी जो मिलना उस से तो कहना कोई तुझ को दिल में रखता है रोता है रातों को उठ उठ के और दिन भर हसता रहता है ~ सिद्धार्थ... Hindi · मुक्तक 3 253 Share Mugdha shiddharth 6 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मैं तेरे राह से न गुजरी बस तू यूं ही नज़र आ जाता है हर गली के मोड़ पे जाने क्यूं तेरा ही दर दिख जाता है। अबके गर मिला... Hindi · मुक्तक 3 197 Share Mugdha shiddharth 6 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. मैं अपनी कहती हूं, तुम अपना समझते हो इस कहने सुनने में तुम सब अपना लगते हो...? ~ सिद्धार्थ 2. किस हद से गुजरूं की मैं बेहद हो जाऊं... Hindi · मुक्तक 3 390 Share Mugdha shiddharth 6 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक भला क्यूं कर मैं तुम्हें याद करू कौन सा तुम मेरे यादों में बसते हो ये अलग बात है जाना तुम मुझ को मेरे जैसे ही थोड़े पागल दिखते हो... Hindi · मुक्तक 3 2 439 Share Mugdha shiddharth 5 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. बहुत नाराज़ हो क्या ? जिंदगी से बेजार हो क्या ? कोई नहीं ... किसी के मनाने के इंतजार में हो क्या ? बहुत चालाक है दुनियां तुम नादान... Hindi · मुक्तक 3 258 Share Mugdha shiddharth 5 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. हमीं हैं हिंदू हमीं वो मुसलमां हमीं से गुजरा है हर एक इंसा हमीं को चाहो तो तुम मार डालो हमीं मिलेंगे तुम्हें हर एक जगहा ~ सिद्धार्थ 2.... Hindi · मुक्तक 2 431 Share Mugdha shiddharth 5 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. सुबह के हाथों से रात का ख्वाब छूट जाता है दिन का उजाला जीवन के असबाब जुटाने में लुट जाता है ~ सिद्धार्थ 2. तुम रात न्योत के लाओगे... Hindi · मुक्तक 3 3 288 Share Mugdha shiddharth 23 Feb 2020 · 1 min read मुक्तक मैं तुम्हें ढूंढ़ती हूं ... अक्सर बिस्तर के चौपाल पे सैकड़ों जख्म लिए तनहा दिल के दीवाल पे नींद तो खैर आ ही जाती है आंखों के दरीचों में तुम... Hindi · मुक्तक 3 228 Share Mugdha shiddharth 23 Feb 2020 · 1 min read मुक्तक 1. स्त्रियां प्रेम करती नहीं, वो स्वयं प्रेम होती हैं जो हो वही हुआ नहीं जा सकता पानी को पानी आग को आग किया नहीं जा सकता ~ पुर्दिल 2.... Hindi · मुक्तक 3 2 291 Share Mugdha shiddharth 22 Feb 2020 · 1 min read मुक्तक 1. कौन मुंह को कराए यहां मयस्सर दाना जितने भी खैरख्वाह थे धर्म के ठेकेदार निकले ~ सिद्धार्थ 2. हमख्याल गर हम तुम हैं तो बबाल क्या है...? एक राह... Hindi · मुक्तक 3 195 Share Mugdha shiddharth 22 Feb 2020 · 1 min read मुक्तक 1. चलो हम हस के देखते हैं चेहरे के तबे पे हसी की रोटी सकते हैं दर्द को गालों पे ढलकने से रोकते हैं हम मिल के जिंदगी के गली... Hindi · मुक्तक 3 214 Share Mugdha shiddharth 21 Feb 2020 · 1 min read मुक्तक 1. तेरे लब्ज लब्ज़ के मैयार पर मैं तो इश्क तोलती हूं मैं तो होठों से कम अपने आंखों से ज्यादा बोलती हुं ~ पुर्दिल 2. मैं हर्फ हर्फ जुदा... Hindi · मुक्तक 5 294 Share Mugdha shiddharth 21 Feb 2020 · 1 min read मुक्तक 1. दिल फूंका, जज्बात फूंका, दिल में दबा ख्वाब फूंका सब फूंका - फूंका हुआ ही मुझ में रखा है सब फूंका चीज अक्सर राख नहीं होता सोना जले फिर... Hindi · मुक्तक 3 225 Share Mugdha shiddharth 21 Feb 2020 · 1 min read मुक्तक शाम का ही सोया सूरज शब भर का प्यासा था चिल्का के जगने से पहले वो प्यास बुझाने आया था नरम आग हांथों में लेकर धीरे धीरे गरमाने वाला था... Hindi · मुक्तक 2 398 Share Mugdha shiddharth 21 Feb 2020 · 1 min read मुक्तक शाम का ही सोया सूरज शब भर का प्यासा था चिल्का के जगने से पहले वो प्यास बुझाने आया था नरम आग हांथों में लेकर धीरे धीरे गरमाने वाला था... Hindi · मुक्तक 2 203 Share Mugdha shiddharth 21 Feb 2020 · 1 min read मुक्तक 1. सब्र की बात न कर ... हंस दूंगी मैं रिस्ते हुए जख्मों पे नमक मल लूंगी मैं ~ सिद्धार्थ 2. लिखदो मेरे हांथो पे, वतन के लिए मैं खतरा... Hindi · मुक्तक 3 222 Share Mugdha shiddharth 1 Jan 2020 · 1 min read मुक्तक 1. ये जो कुछ घंटे बचें हैं वो कैसे कटेगा... विश्व गुरु हुए तो देश शिष्य किस को धरेगा...?? 2. ख्वाहिशों के समंदर में दिसम्बर फिर से डूबने वाला है... Hindi · मुक्तक 2 451 Share Mugdha shiddharth 1 Jan 2020 · 1 min read मुक्तक 1. मुड़ के देखेंगे तो हमें साथ ही पाएंगे, हम दूर तलक आपका साथ निभाएंगे... नए साल में हम मिल के मुस्कुराएंगे... बधाई✨ ~ सिद्धार्थ 2. रेशम हूं उलझी हूं... Hindi · मुक्तक 2 1 390 Share Mugdha shiddharth 9 Dec 2019 · 1 min read मुक्तक १. मेरे उलझे हुए ख्वाबों की ताबीर में वो बस सगा सा दिखे अपनी ताबीर में वो ~ सिद्धार्थ २. बीते जून का झगड़ा था, मन से मन का रगड़ा... Hindi · मुक्तक 3 1 214 Share Mugdha shiddharth 9 Dec 2019 · 1 min read मुक्तक १. कुछ कुछ अपने कुछ पराये लगते हो तुम मुझे जिंदगी के सताये लगते हो ! ...सिद्धार्थ २. ये सूरज जल रहा है, या हम तुम जल रहे हैं या... Hindi · मुक्तक 2 421 Share Mugdha shiddharth 9 Dec 2019 · 1 min read मुक्तक १. नजर से दूर दिल से भी दूर जाओग क्या ? हमें अपने ख्याल से निकाल पाओगे क्या ? ~ सिद्धार्थ २. एक कहानी से कई और कहानी निकल आते... Hindi · मुक्तक 2 201 Share Mugdha shiddharth 8 Dec 2019 · 1 min read मुक्तक 1. सूरज ससुराल जा रहा है... रात के दामन में मुँह छिपा के रोयेगा सुबह सबेरे मैके आके अपना ओज बिखेरेगा ...सिद्धार्थ 2. दम है अगर तो इस नदी को... Hindi · मुक्तक 2 209 Share Mugdha shiddharth 25 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक 1. बेटियों को नंगा कर के गाय को कोट पहनाएंगे साहिब-ए- मुल्क जाने और क्या क्या दिखलायेंगे ! ~ सिद्धार्थ 2. ऐ दोस्त इस दहर में खुशी कम गम बहुत... Hindi · मुक्तक 4 357 Share Previous Page 3 Next