कवि रमेशराज 337 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next कवि रमेशराज 3 May 2017 · 1 min read किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी- सरकारी कारण लुटौ खूब कृषक कौ धान रह गयौ बिना रुपैया, धान कौ हाय बुवैया | दरवाजे पे कृषक के ठाडौ साहूकार ब्याज के बदले भैया, खोलि लै जावै गैया... Hindi · तेवरी 880 Share कवि रमेशराज 3 May 2017 · 1 min read लोकशैली में तेवरी नारे थे यहाँ स्वदेशी के हम बने विदेशी माल , सुन लाल ! अपने हैं ढोल नगाड़े पर ये मढ़े चीन की खाल , सुन लाल ! हम गदगद अपने... Hindi · तेवरी 371 Share कवि रमेशराज 3 May 2017 · 1 min read वर्णिक छंद में तेवरी गण- [राजभा राजभा राजभा राजभा ] छंद से मिलती जुलती बहर –फ़ायलुन फ़ायलुन फ़ायलुन फ़ायलुन ................................................................... आपने नूर की क्या नदी लूट ली गीत के नैन की रोशनी लूट ली... Hindi · तेवरी 423 Share कवि रमेशराज 3 May 2017 · 1 min read लोकशैली में तेवरी सडकों पै मारपिटाई करते बर्बर आतताई होते सरेआम उत्पात दरोगा ठाड़ो देखै | हाथों में छुरी तमंचे जन को लूट रहे नित गुंडे गोदें चाहे जिसका गात दरोगा ठाड़ो देखै... Hindi · तेवरी 409 Share कवि रमेशराज 3 May 2017 · 1 min read रमेशराज की एक हज़ल बोलै मति हमकूँ ठलुआ, हमतौ चाकी के गलुआ, जै राधे की। प्रेम-बाँसुरी बजा रहे हम हमकूँ कहियो मत कलुआ, जै राधे की। बूँद-बूँद यूँ दिन-भर टपकें नैना सरकारी नलुआ, जै... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 401 Share कवि रमेशराज 3 May 2017 · 1 min read रमेशराज की तेवरी जनता की थाली बम भोले अब खाली-खाली बम भोले | श्रम जिसके खून-पसीने में उसको ही गाली बम भोले | इस युग के सब गाँधीवादी कर लिए दुनाली बम भोले... Hindi · तेवरी 709 Share कवि रमेशराज 2 May 2017 · 7 min read रमेशराज के कुण्डलिया छंद कुंडलिया छंद ------------------------------------------- जनता युग-युग से रही भारत माँ का रूप इसके हिस्से में मगर भूख गरीबी धूप , भूख गरीबी धूप, अदालत में फटकारें सत्ता-शासन इस भारत माँ को... Hindi · कुण्डलिया 1 1 874 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 3 min read रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद- ।। नदी है कितनी महान।। नदी सींचती है / खेत जलती हुई रेत नदी बूंद-बूंद रिसती है पेड़ पौधों की जड़ों में नदी गुजरती है पेड़ों के भीतर से... Hindi · कविता 372 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 8 min read रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद- ।। मेरे बारे में ।। पत्नी जानती है जानती है पत्नी यही कि- इस अभाव-भरे माहौल में मैंने बहुत चीजों में कटौती कर दी है मसलन अब सिरगेट की... Hindi · कविता 325 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 3 min read रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद-।। सच मानो होरीराम।। ------------------------------------------------- युग-युग से पीड़ित और शोषित होरीराम वक्त बहुत बदल चुका है, तुम भी बदलो। भूख, मजबूरी, शोषण, तिरस्कार, पशुओं सी जिन्दगी-- इनके अलावा कुछ और... Hindi · कविता 600 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 7 min read रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—1. -मुक्तछंद- || सुविधा-विष || कैसी बिडम्बना है कि हम सभी अक्सर व्यवस्था की आदमखोर तोंद पर मुक्का मारने से पहले उन सारी तनी हुई मुटिठ्यां को कुचल देना चाहते हैं... Hindi · कविता 554 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 7 min read रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2. -मुक्तछंद- ।। एक शब्द ।। आज यह होना ही चाहिए कि हम सब धीरे-धीरे भूख से विलखते हुए धुआ-धुआ होते हुए लोगों के बीच एक शब्द टटोलें / आग एक... Hindi · कविता 683 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 5 min read रमेशराज की माँ विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद- ।। बच्चा मांगता है रोटी।। बच्चा मांगता है रोटी मां चूमती है गाल | गाल चूमना रोटी नही हो सकता, बच्चा मागता है रोटी। मां नमक-सी पसीजती है बच्चे... Hindi · कविता 1 431 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 4 min read रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद- ।। जूता और बच्चा ।। जूते को लगातार चमकाता है उसे आईना बनाता है रंग और क्रीम के साथ जूते पर पालिश करता हुआ बच्चा। बच्चा गुनगुनाता है मीठी... Hindi · कविता 439 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 4 min read रमेशराज की पिता विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद- ।। ओ पिता ।। मैं तुमसे पूछना चाहता हूँ ओ पिता ओ पिता मैं तुमसे पूछना चाहता हूं मेरे इन निष्कंलक हाथों में अहिंसा का हनुमान चालीसा थमाकर इस... Hindi · कविता 312 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 4 min read रमेशराज की चिड़िया विषयक मुक्तछंद कविताएँ -मुक्तछंद- ।। बहरहाल ।। चिडि़या अब साफ पहचानने लगी है कि हर पेड़ के पीछे चिड़ीमार बहेलिया है बन्दूक या गुलेल के साथ। चिडि़या अब साफ जानने लगी हैं कि... Hindi · कविता 604 Share कवि रमेशराज 1 May 2017 · 11 min read रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ ।। बोखलाई हुई कुर्सी की भाषा ।। संविधान की ठीक नाक पर एक खूबसूरत चेहरा गिद्ध की तरह चुपचाप बैठ जाता है और फिर नोचने लगता है प्रजातन्त्र की मवाद... Hindi · कविता 570 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 1 min read रमेशराज के दो लोकगीत – लोकगीत-1. “ डिजीटल कर ले लांगुरिया “ ------------------------------------------------------ दाल डिजीटल हो गयी, उसके सँग में प्याज चकाचौंध में आ गये फल सब्जी भी आज, मुख पै आये दुःख के भाव... Hindi · गीत 458 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 2 min read नंगा चालीसा [ रमेशराज ] लुच्चे छिनरे सिरफिरे रहें तुम्हारे साथ, तुम घूमो हर नीच के डाल हाथ में हाथ | नमो नमो नंगे महाराजा, लाज सबै पर तुम्हें न लाजा ||1|| झूठ तुम्हारे पांव... Hindi · गीत 687 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 4 min read रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत धर्म का मतलब नहीं, ‘काटो गला’—1 -------------------------------------------- गोलियों से गात छलनी यूं न कर प्यार के जज़्बात छलनी यूं न कर। इस तरह तू दुष्ट मत चाकू चला धर्म का... Hindi · गीत 510 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 6 min read रमेशराज के समसामयिक गीत ।। आज हमारे चाकू यारो ।। ---------------------------------------- बिना ध्येय के रक्तपात को आतुर बन बैठे, आज हमारे चाकू यारो हम पर तन बैठे । हमने छुरियों को समझाया उनका कत्ल... Hindi · गीत 375 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 4 min read रमेशराज के विरोधरस के गीत -गीत- मैं नेता हूं +रमेशराज ------------------------------------------ कहीं तुम्हें भी चिपका दूंगा कोई पद भी दिलवा दूंगा एक लाख केवल लेता हूं। मैं नेता हूं।। मेरी सारी झूठी बातें जैसे मरुथल... Hindi · गीत 317 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 5 min read रमेशराज के 12 प्रेमगीत खेत गुलाबों के---1 ---------------------------------- फिर चाहे जीवन-भर मिलते किस्से घावों के एक उम्र तो जी लेते हम बिना तनावों के। मैने चाहा था वसंत का मीठा-सा सपना, जिस पर मैं... Hindi · गीत 493 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 4 min read रमेशराज के नवगीत वैरागीपन पास बुलाये---1 ---------------------------------------- अभिमन्यु की तरह लड़ा मैं प्रश्नों के हर चक्रव्यूह से, पहिया थाम हुए हाथ में टूटे विश्वासों के रथ का। आसमान छूने निकले यूं अंधे मरियल... Hindi · गीत 320 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 1 min read रमेशराज की कहमुकरियां || कहमुकरी|| होठों से मुस्कान ग़ुम , मन के भीतर टीस सखी क्या पास न प्रियतम? नहीं ये टीसे सिस्टम | +रमेशराज || कहमुकरी|| हो जातीं हैं आंख नम ,... Hindi · कविता 303 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 1 min read रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक 1. जिसने कहा उजाला दूँगी, सब तक नूर निराला दूँगी अंधकार जब आया फ़ौरन वही रौशनी मुकर गयी | हम बोले जब राम उठाले , हमें ज़िन्दगी रही सम्हाले अब... Hindi · मुक्तक 277 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 7 min read रमेशराज के विरोधरस दोहे फूल उगाने के लिए खुशबू के जल्लाद बना रहे हैं आजकल जनता को ही खाद | +रमेशराज जनरक्षा की ओर अब तू कविता को मोड़, आयी जो रुखसार पर लट... Hindi · दोहा 414 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 3 min read रमेशराज के शृंगाररस के दोहे नैन मिले ऐसे दिखी मुदित कपोलों लाज खिलें कमल की पाँखुरी धीरे-बेआवाज़ | +रमेशराज दियौ निमन्त्रण प्रेम का गोरी ने मुसकाय और लियौ मुख फिर तुरत घूँघट-बीच छुपाय | +रमेशराज... Hindi · दोहा 390 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 5 min read रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें || गीतिका छंद में ग़ज़ल || उर्दू में इसकी बहर ....फ़ायलातुन फ़ायलातुन फ़ायलातुन फ़ायलुन ...................................................................... सादगी पै, दिल्लगी पै, इक कली पै, मर मिटे दोस्ती की रोशनी पै, हम खुशी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 307 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 1 min read रमेशराज की तीन ग़ज़लें || ग़ज़ल ||--1 घनी उदासी अपने पास बुझी नहीं अधरों की प्यास। भले न ये दर्दालंकार मत दे घावों के अनुप्रास। अपनों से ये कैसी लाज? तेरे मेरे रिश्ते खास।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 731 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 1 min read ग़ज़ल उधर अगर लब पर मुस्कान इधर बसा अन्दर तूफान। मीत मोम-सा, अजब विलोम खींचे बनकर खंजर प्रान। वो छू ले तो हो झंकार पा जाते हैं पत्थर जान। देती एक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 277 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 5 min read रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें कहमुकरी संरचना में ग़ज़ल ---1 ------------------------------------------ प्यारा उसे लगे अँधियार, रात-रात भर करे पुकार मत करना सखि री संदेह, पिया नहीं, संकेत सियार। घायल है तन, मन बेचैन, घाव रिसें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 665 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 5 min read रमेशराज के वर्णिक छंद में मुक्तक || मुक्तक ||--1. --------------------------------------- थाने के सिपैयाजी की मूँछ को सलाम है श्वान जैसी आदमी की पूँछ को सलाम है, नेता अधिकारी चरें मक्खन-मलाइयाँ जनता के पास बची छूँछ को... Hindi · मुक्तक 553 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 1 min read रमेशराज के 7 मुक्तक केसरिया बौछार मुबारक होली का त्यौहार मुबारक | जो न लड़ा जनता की खातिर उस विपक्ष को हार मुबारक || +रमेशराज ------------------------- नेता बाँट रहे हैं नोट सोच-समझ कर देना... Hindi · मुक्तक 304 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 8 min read रमेशराज का हाइकु-शतक -----------------------------------------------------1. नाम लिखा था { 5 वर्ण , 8 मात्राएँ } हमने जल पर { 7 वर्ण , 8 मात्राएँ } खोये अक्षर | { 5 वर्ण , 8 मात्राएँ... Hindi · हाइकु 1 1 330 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 3 min read रमेशराज के दस हाइकु गीत 1.कैसे मंजर? -------------------- जुबाँ हमारी तरल नहीं अब कैसे मंजर? प्यारी बातें सरल नहीं अब कैसे मंजर? अहंकार के बोल अधर पर नये वार के, हमने भूले पाठ सुलह के... Hindi · हाइकु 1 385 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read इन रावणों को कौन मारेगा? क्वार सुदी दशमी को बेहद उल्हास के साथ मनाये जाने वाले उत्सव का नाम ‘दशहरा’ है। इसे ‘विजयादशमी’ के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन... Hindi · लेख 361 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध ‘श्राद्ध प्रकाश’ में बृहस्पति कहते हैं कि सच्चे मन और आत्म-पवित्रता के साथ तैयार किये गये शुद्ध पकवान, दूध, दही, घी, तिल, कुश, जल आदि का उचित पात्र को दिया... Hindi · लेख 1 1 385 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read नारी-शक्ति के प्रतीक हैं दुर्गा के नौ रूप ग्रीष्म ऋतु में चैत्रमास की अमावस्या के दूसरे दिन प्रारंभ होकर नौ दिन तक मनाए जाने वाले व्रत नवरात्र नवदुर्गा अर्थात न्यौरता में नारी-शक्ति की उपवास रखकर पूजा-अर्चना की जाती... Hindi · लेख 920 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read शिव ही बनाते हैं मधुमय जीवन शिव समस्त देवों के देव माने गये हैं, क्योंकि वे मनुष्य ही नहीं, प्राणी जीवन में जो भी व्यवधान, कष्ट या दुःख आते हैं, उनका निराकरण वे सहज भाव से... Hindi · लेख 289 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 4 min read शिव-स्वरूप है मंगलकारी शास्त्रों की मान्यतानुसार पावन गंगा को अपनी लटों में धारण करने वाले, समस्त देवों के देव, अन्यन्त निर्मल, भोलेभाले महादेव शिव जितने उदार, परोपकारी, सौम्य और दयाभाव से भरे हुए... Hindi · लेख 438 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read लक्ष्मी-पूजन कार्तिक मास की अमावस्या को पूरी धूमधाम से मनाये जाने वाले त्योहार दीपावली का सम्बन्ध भगवान श्री रामचन्द्र जी के वनवास के दौरान अत्याचारी रावण को मारकर अयोध्या लौटने से... Hindi · लेख 373 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read हर घर में नहीं आती लक्ष्मी दरिद्रता जीवन का सबसे बड़ा अभिशाप है। आदमी यदि दरिद्र हो तो उसे धन-प्राप्ति के लिये दूसरों के समक्ष याचना करनी पड़ती है। भिक्षा का सहारा लेना पड़ता है। धनहीन... Hindi · लेख 526 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read द्रौपदी ने भी रखा था ‘करवा चौथ’ का व्रत कार्तिक वदी चतुर्थी के दिन रखे जाने वाले व्रत का नाम ‘करवाचौथ’ है। यह भारतीय स्त्रियों का मुख्य त्यौहार है। इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां पति की रक्षार्थ परमपिता परमेश्वर का... Hindi · लेख 340 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 4 min read बड़ी मादक होती है ब्रज की होली तरह-तरह के गीले और सूखे रंगों की बौछार के साथ बड़ी ही धूम-धाम से मनाये जाने वाले त्योहार का नाम ‘होली’ है। होली का सम्बन्ध एक ओर गेंहू-जौ की पकी... Hindi · लेख 359 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read मस्ती का त्योहार है होली होली शरारत, नटखटपन, मनोविनोद, व्यंग्य-व्यंजना, हँसी-ठठ्ठा, मजाक-ठिठोली, अबीर, रंग, रोली से भरा हुआ एक ऐसा त्योहार है जो रंगों की बौछार के मध्य अद्भुत आनंद प्रदान करता है। कुमकुम और... Hindi · लेख 1 371 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read लक्ष्मी-पूजन का अर्थ है- विकारों से मुक्ति कार्तिक मास की अमावस्या को पूरी धूमधाम से मनाये जाने वाले त्योहार दीपावली का सम्बन्ध भगवान श्री रामचन्द्रजी का वनवास के दौरान अत्याचारी रावण को मारकर अयोध्या लौटने से है।... Hindi · लेख 1 411 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read धनतेरस जुआ कदापि न खेलें कार्तिक बदी त्रयोदसी मनाये जाने वाले त्यौहार ‘धनतेरस’ को ‘धन्वन्तरि जयंती’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन ही धन्वन्तरि वैद्य समुन्द्र से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए... Hindi · लेख 335 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read विष का कलश लिये धन्वन्तरि कार्तिक बदी त्रयोदशी को कृष्ण पक्ष में रात को घर की देहरी पर दीप प्रज्वलित कर अँधियारे पर प्रकाश की जीत का शंखनाद करने वाले त्योहार का नाम धनतेरस है।... Hindi · लेख 528 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read भगवान ने कहा-“हम नहीं मनुष्य के कर्म बोलेंगे“ नारदजी ने भगवान विष्णु से कहा कि, ‘‘प्रभु आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है। आज के दिन पृथ्वी लोकवासी साक्षात स्वर्ग प्राप्ति के लिये क्या-क्या उपाय कर रहे हैं,... Hindi · लेख 373 Share Previous Page 3 Next