डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम Tag: कहानी 65 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Sep 2017 · 5 min read बिरजू एवं शरणार्थी बिरजू और शरणार्थी उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की सीामा पर यह ग्राम पिछड़ा एवं पथरीला इलाका है । इसी पथरीले इलाके को मगंलमय करने पाकिस्तान से विस्थापित भारतीय नागरिकों... Hindi · कहानी 3 487 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Sep 2017 · 4 min read उदार हृदया अंकिता जी एवं आलोक का प्रायश्चित उदार हदया अंकिता एवं आलोक का प्रायश्चित जीवन के 35 बंसत देख चुके आलोक बाबू अपने जीवन से संतुष्ट न थे। उन्हे हमेषा षिकायत थी कि कामिनी ओर कंचन ने... Hindi · कहानी 3 393 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Sep 2017 · 4 min read मोनू की कहानी मोनू की कहानी समय अबाध गति से चल रहा था । कालचक्र अपने मे जीवन की विभिन्न घटनाए समेटे गति पकड़ रहा था । रात्रिकालीन प्रहर है । शनै :... Hindi · कहानी 3 388 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Sep 2017 · 5 min read मँझली बेटी मँझली बेटी बंजारों की दुनिया अद्भुत होती है । न भविष्य की चिंता न अतीत का दुख होता है , उन्हें । बस वर्तमान मे सुखी संसार गाता –बजाता ,... Hindi · कहानी 3 663 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Sep 2017 · 8 min read दुखी मन मेरे दुखी मन मेरे यह कहानी उन मानसिक रोगियों को सर्मपित है। जिन्होने अपनी जिन्दगी में खुषी का कोई क्षण अनुभव नही किया है। यह अजीब विडम्बना है कि जीवन में... Hindi · कहानी 409 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Sep 2017 · 5 min read दादा जी का अविस्मरणीय ऋण दादा जी का अविस्मरणीय ऋण बहुत समय पहले की बात हैं। वर्षा ऋतु का मौसम था। देापहर का वक्ता था मेरा ग्राम चारों तरफ पानी से घिरा हुआ था। चारों... Hindi · कहानी 331 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Sep 2017 · 3 min read अनहोनी अनहोनी अचानक सड़क पर एक चीख सुनाई पड़ती है । छ्ज्जे परखड़े दो छात्रआपस मे गुफ्तगू कर रहे थे । धुंधलका गहराने लगा था । सड़के सूनी हो गयी थी... Hindi · कहानी 1 364 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Sep 2017 · 6 min read अनंत की यात्रा --- अनंत की यात्रा गाँव के गलियरों मे बच्चो का शोर गुल थमने का नाम ही नहीं ले रहा था । जब कोलाहल ऊंचा होता गया एतो थल्ले पर बैठे बुजुर्गो... Hindi · कहानी 605 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Sep 2017 · 4 min read अतिथि तुम कब आओगे अतिथि तुम कब आओगेः शायं का समय था। मैं एक पक्के आलीषान मकान में उक्त प्रहर के बीत जाने का इन्तजार कर रहा था। काली डामर की सड़को पर तेज... Hindi · कहानी 365 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Sep 2017 · 4 min read प्रायश्चित प्रायश्चित शीतकाल प्रारम्भ है, रात्रीकी चादर सुबह का सूरज धीरेधीरे समेट रही है। उसकाप्रकाश दरवाजे की झिर्रीयों से छन-छन कर अंदर प्रवेश का अहसास करा रहा है।रात भर रज़ाई से... Hindi · कहानी 1 1 480 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Sep 2017 · 4 min read डिफ़ाल्टर डिफाल्टर प्रवीण कुमार हमारे गाॅव में एक परमानन्द जी का परिवार रहता था। षाम को जब मेहनतकष मजदूर,बटोही घर पहॅुच कर विश्राम की मुद्रा में होते थे तब परमानन्द जी... Hindi · कहानी 266 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 29 Aug 2017 · 5 min read मंझली बेटी. मँझली बेटी---डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव Quote Post by admin » Mon Aug 28, 2017 4:08 pm मँझली बेटी बंजारों की दुनिया अद्भुत होती है । न भविष्य की चिंता न... Hindi · कहानी 654 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 29 Aug 2017 · 6 min read जहाँ सुमति -------- जहां सुमति ................ गोधूलि की बेला थी , गाँव –गाँव दुधारू पशु धूल उड़ाते हुये अपने अपने निवास की ओर अग्रसर थे । सूरज की किरने धूल की धुन्ध मे... Hindi · कहानी 454 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Aug 2017 · 1 min read ग्रामीण सेवा का एक विहंगम दृश्य कृपया कहानी पढ़े Hindi · कहानी 797 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Aug 2017 · 1 min read अतिथि तुम कब आओगे कृपया कहानी पढ़े। Hindi · कहानी 516 Share Previous Page 2