pradeep kumar 71 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 pradeep kumar 27 Aug 2016 · 1 min read नहीं मिला इंसान यहां। बेहद दुखी मन से एक मुक्तक। खुद को खुदा समझता कोई, और कोई भगवान् यहाँ। इंसानों ने आज भुला दी, इंसानी पहचान यहाँ। कांधे लाश उठाये माँझी, आठ मील तक... Hindi · मुक्तक 1 515 Share pradeep kumar 27 Aug 2016 · 1 min read शस्त्र होती कलम है कलमकार की। है मुझे अब जरूरत न तलवार की। शस्त्र होती कलम है कलमकार की।। 1 लूट चोरी डकैती तथा अपहरण। हैं यही सुर्खियाँ आज अखबार की।।2 साथ सच का निभाना हमेशा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 266 Share pradeep kumar 24 Aug 2016 · 1 min read रूठा रुठा सा लगता है मुझको ये भगवान तभी। गजल ज्यादा पैसे की चाहत है, भूल गया मुस्कान तभी।। खुदा देवता बनना चाहा नही रहा इंसान तभी।। दया भावना बची न बिलकुल इंसां एक मशीन बना। अंदर से हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 364 Share pradeep kumar 7 Aug 2016 · 1 min read जिंदगी हर कदम आजमाती रही। मैं सँभलता रहा ये गिराती रही। जिंदगी हर कदम आजमाती रही।। हर कोई साथ मेरा गया छोड़, पर। मुफलिसी साथ मेरा निभाती रही।। जब मुझे ये लगा भूल तुझको गया।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 517 Share pradeep kumar 1 Aug 2016 · 1 min read अब सियासत ढल गई व्यापार में। जब सदा रहना नहीं संसार में। क्यूं उलझते हो भला बेकार में।। प्यार में ताकत यहाँ जो है सुनो। वो नहीं ताकत किसी तलवार में।। काम ज्यादा कर रही तलवार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 236 Share pradeep kumar 30 Jul 2016 · 1 min read खुद को इतना संत करो। हिंदुस्तानी गरिमा को अब अक्षुण्ण और अनंत करो। कोई गाली दे जाये मत खुद को इतना संत करो। जब अभियान चलाया है तो भारत स्वच्छ करो बिलकुल। जहरीली बेलें जो... Hindi · मुक्तक 471 Share pradeep kumar 30 Jul 2016 · 1 min read दुनिया मुझे जलाती है। रात दिन अब मुझे रुलाती है। याद अकसर तेरी सताती है।। मौत से क्या गिला करूँ यारों। जिंदगी जब ये आजमाती है।। चांद भी देखकर लगे जलने। रुख से परदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 424 Share pradeep kumar 23 Jul 2016 · 1 min read चंद्रशेखर आजाद। अमर शहीद महान क्रांतिकारी पं० चंद्रशेखर आजाद जी के जन्मदिवस पर कोटि कोटि नमन करते हुये कुछ पंक्तियाँ। जिसने बल पौरुष साहस को एक नया आयाम दिया। जिसने अंग्रेजी शासन... Hindi · कविता 1 383 Share pradeep kumar 21 Jul 2016 · 1 min read कवि अंगारे लिख डालो। सरहद पर जो खडे़ हुये हैं शेर हमारे लिख डालो। उठो सपूतों भारत माता के जयकारे लिख डालो। भारत माँ की महिमा गाकर जोश जगा दो जन जन में। इन... Hindi · मुक्तक 1 2 421 Share pradeep kumar 21 Jul 2016 · 1 min read मैं थका था पर मुझे चलना पडा़। इश्क में क्या क्या नहीं सहना पड़ा।। मैं थका था पर मुझे चलना पड़ा।। उस सितमगर से हुआ जब प्यार तो। हर घड़ी मुझको यहाँ जलना पड़ा।। की बहुत खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 539 Share pradeep kumar 18 Jul 2016 · 1 min read हम सबयकायर कहलायेंगे। *********************************** घर में घुस आये अरि को यदि सबक नहीं सिखलायेंगे। सिंहासन के साथ साथ हम सब कायर कहलायेंगे। आने वाली संतति हम पर थूकेगी, गाली देगी। इतिहासों के पन्ने... Hindi · मुक्तक 1 516 Share pradeep kumar 18 Jul 2016 · 1 min read बचाने श्याम आयेगा। तुम्हारे हाथ में जब भी छलकता जाम आयेगा। लबों पर तब हमारा ही सनम इक नाम आयेगा।।1 कहीं गीता में कृष्णा ने जो बातें सत्य हैं बिलकुल। करोगे जो बुरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 458 Share pradeep kumar 17 Jul 2016 · 1 min read मन उजला सा दर्पण हो। काम क्रोध का ढेर नहीं हो मन उजला सा दर्पण हो। उर में सत्य अहिंसा के सँग सेवा भाव समर्पण हो। मिला यहीं पर सब कुछ तुझको यहीं रखा रह... Hindi · मुक्तक 2 439 Share pradeep kumar 17 Jul 2016 · 1 min read बेटी सयानी हो गयी। इस जहाँ में इश्क की अदभुत कहानी हो गई। श्याम की वंशी को सुन राधा दिवानी हो गयी।।1 चांद तारे हँस रहे हैं देखकर अपना मिलन। आज की ये शाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 710 Share pradeep kumar 17 Jul 2016 · 1 min read गान तेरा सदा गुनगगुनाता रहूं। गीत तेरे लिखूं छंद तेरे लिखूं गान तेरा सदा गुनगुनाता रहूं। रक्त अपना बहा सरहदों पर ते'री, भारती कर्ज तेरा चुकाता रहूं।। शारदे दीजिये धार तलवार सी, नित कलम को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 338 Share pradeep kumar 16 Jul 2016 · 1 min read हाथ में इक खत पुराना आ गया। हाथ में इक खत पुराना आ गया। याद फिर गुजरा जमाना आ गया।। 1 प्यार से देखा उन्होने जब हमें। तो हमें भी मुस्कुराना आ गया।। 2 जल गया सारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 394 Share pradeep kumar 15 Jul 2016 · 1 min read सहिष्णु एक मुक्तक। कल तक तो इन सबको देखो होती चिंता भारी थी। बात बात पर जीभ सभी की पैनी छुरी कटारी थी। आज सहिष्णु चुप बैठे हैं घाटी के हालातों... Hindi · गीत 1 1 280 Share pradeep kumar 15 Jul 2016 · 1 min read लूट मुक्तक। राष्ट्रवाद का झंडा कुचला, नेताओं ने लातों में। जनता को ठेंगा दिखलाया, बस बातों ही बातों में। ख्वाब दिखाते रहे रात भर, भोली भाली जनता को। दिया लूट कर... Hindi · मुक्तक 1 1 304 Share pradeep kumar 15 Jul 2016 · 1 min read वतन की शान लगते हैं। एक गजल मापनी ---1222 1222 1222 1222 कभी हैवान लगते हैं कभी शैतान लगते हैं। नहीं इंसान अब लेकिन यहाँ इंसान लगते हैं।। उन्ही का हल नहीं मिलता जमाने में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 453 Share pradeep kumar 15 Jul 2016 · 1 min read लाहौर तिरंगा देखोगे। कश्मीर के ताजा हालातों से व्यथित होकर दिल से निकलीं कुछ पंक्तियाँ। शोर सुनाई देता है अब आदमखोर सियारों का। फिर वर्चस्व फैल रहा है घाटी में गद्दारों का।। जला... Hindi · कविता 1 3 365 Share pradeep kumar 15 Jul 2016 · 1 min read संविधान पर थूका है। भारत माँ की आन बान औ स्वाभिमान पर थूका है। अलगावी नेताओं ने अब संविधान पर थूका है। अपनी दिल्ली चुप है फिर भी जाने किस मजबूरी में। सिंह समक्ष... Hindi · मुक्तक 1 2 493 Share Previous Page 2