Mohan Bamniya Language: Hindi 139 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Mohan Bamniya 8 Dec 2018 · 1 min read चैन पाते है तुम्हे हम देख चैन पाते है संग तेरे जीने के इरादे है तुम मेरी सांसो मे रम गये हो तुम्हे इस तरह हम चहाते है इनसे घायल हो गए है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 216 Share Mohan Bamniya 8 Dec 2018 · 1 min read नाम से तेरे हाय ये हम पे कैसी करामात हो गई जिसका था हमें डर वही बात हो गई सांसो मे थी जो उलझने अब भुल गये हम नाम से तेरे दिल को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share Mohan Bamniya 7 Dec 2018 · 1 min read फूले रंजिश के फिर मकारी बह चली है ये कहा अब भला ये आसमां कैसे थमा फूले रंजिश के बिखेरे है किसने देखनी है अब हमने उनकी सदा हो चला कैसा गुमान ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share Mohan Bamniya 7 Dec 2018 · 1 min read गीत गुनगुनाएंगे आप अपना जो हमे बनाएंगे आपके ही गीत गुनगुनाएंगे बेरूखी यूं ना तुम जताओ तुमसे दूर हम ना रह पाएंगे प्यार मे इतना तो हक देदो सनम कुछ तो हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 263 Share Mohan Bamniya 7 Dec 2018 · 1 min read दिल पागल उसकी नजर का कहर है क्या करू दिल पागल ये मगर है क्या करू दिल को कैसा लगा है रोग ये हर दवा अब बे-असर है क्या करू रहने लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 330 Share Mohan Bamniya 7 Dec 2018 · 1 min read कसूर हो गया नाजाने क्या ऐसा हमसे कसूर हो गया । जिसको गले लगा लिया वो दुर हो गया । मौसम के संग हम थे कभी खूब खिलते बाहार आई पतझड़ की बेनूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 261 Share Mohan Bamniya 7 Dec 2018 · 1 min read होश उड़ाये है हमने उन्ही से धोखे खाये है जिसको सीने से हम लगाये है पहले प्यारे बने रहे वो मेरे आज उन्ही ने होश उड़ाये है हे ये कैसी सियासते उनकी हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 307 Share Mohan Bamniya 7 Dec 2018 · 1 min read मेरा तू नही जिदंगी दे रही तो सजा तू नही के मुहब्बत है एकतेरफा तू नही प्यारे मजबूरी होती जुदा तू नही टहलते टहलते मै यहॉ तू नही दिल कहता करू तुझ पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 517 Share Mohan Bamniya 7 Dec 2018 · 1 min read आजमाना चाहते है जिन्दगी को आजमाना चाहते है । आज हम उनको बताना चाहते है। पल मे भूला कर सभी बेवफाई तेरी तुम्हे गले फिर अपने लगाना चाहते है। छोड़कर बंधन दुनिया के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 370 Share Mohan Bamniya 7 Dec 2018 · 1 min read उस मोड पर जिंदगी ले ही आई उस मोड पर जिस पल हमे अलग होना पड़ेगा घाव हो कितने भी इस दिल मे फिर भी हमे यू ही जिना पडे़गा मुस्कुराते रहो खुश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 439 Share Mohan Bamniya 7 Dec 2018 · 1 min read पिता मेरी जिंदगी मे रहा वो हर वक्त कभी दोस्त कभी गुरु के रूप मे मेरी हर ख्वाहिश उसने पुरी की भले जलता रहा हो वो धूप मे मुझे गिरते हुए... Hindi · कविता 226 Share Mohan Bamniya 7 Dec 2018 · 1 min read प्यार से आपके साथ बिता जो पल प्यार से छिन लेगे तुझे हम सारे संसार से जग के रिवाज हमे रोक सकेंगे नही ना है डर अब किसी भी हथियार से चल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share Mohan Bamniya 6 Dec 2018 · 1 min read प्रिय नजरो को यूं न चुराओ प्रिय अभी अभी मिले है इतनी जल्दी न जाओ प्रिय आओ एक-दूसरे को जाने दोनो कुछ वक्त संग तो बिताओ प्रिय कुछ हम पुछे कुछ... Hindi · कविता 240 Share Mohan Bamniya 6 Dec 2018 · 1 min read फूल तुम बगिया का वो फुल हो प्रिय जिसे लोग मंदिर मे रखते है मै बबूल का वो काटा हूँ जिससे लोग पैर का काटा निकाल फैंक देते है Hindi · मुक्तक 535 Share Mohan Bamniya 6 Dec 2018 · 1 min read जिम्मेदारियां जिम्मेदारीयां मुझ पर इस कदर है ए दोस्त सांस लेता हूॅ तो भी लगता है कर्ज अभी बाकी है Hindi · हाइकु 1 242 Share Mohan Bamniya 6 Dec 2018 · 1 min read कदम रखा आज फिर जैसे ही मैंने कदम रखा तेरे शहर मे यादो का वो सिलसिला फिर से शुरू हो गया Hindi · मुक्तक 209 Share Mohan Bamniya 6 Dec 2018 · 1 min read जीना जीना मै नही चाहता पर कैसी बेबसी है जालिम उम्र ये दिन प्रति दिन बढ रही है Hindi · मुक्तक 259 Share Mohan Bamniya 6 Dec 2018 · 1 min read मौत को भी हम जिदंगी को जीते ही इस हिसाब से है कि मौत को भी कोई बहाना ना मिले Hindi · मुक्तक 221 Share Mohan Bamniya 6 Dec 2018 · 1 min read कभी तो मुस्कुराया करो हर समय गलतियाँ ना गिनाया करो देखकर हमे कभी तो मुस्कुराया करो रात को तुम्हे डर लगे कभी अगर तो चुपके से तुम ख्वाबो मे आ जाया करो जन्म ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 207 Share Mohan Bamniya 6 Dec 2018 · 1 min read प्यारे ख्याल मै निकलना नही चाहता तेरे इन प्यारे ख्यालो से ऐसा नही है के मै डरता हूँ जिदंगी के सवालो से बेपरवाह सा जिया करता हूॅ अपनी खूब मस्ती मे उछलता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 237 Share Mohan Bamniya 6 Dec 2018 · 1 min read आज अच्छा लगा किसी का जिंदगी मे आना आज अच्छा लगा मिलने का करना वो बाहाना आज अच्छा लगा ये तो तय है कि मौत है एक सच जिदंगी का चाहत मे मौत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 196 Share Mohan Bamniya 6 Dec 2018 · 1 min read विचित्र संसार गैर बन गए रिश्तेदार देखिए यह विचित्र संसार देखिए सबको पडी अपनी ही अपनी लालची हुआ संसार देखिए छोटा परिवार सुखी परिवार रहे ना वो घर परिवार देखिए मार बैठे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 544 Share Mohan Bamniya 5 Dec 2018 · 1 min read मीठा जहर तुमसे लगा के दिल हमको पडा है पिछताना मीठा जहर है ये कोई ना यूॅ इसमे आना शुरआती दौर मे नजरो से नजर मिलाना लग रहा है जो ये अच्छा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 410 Share Mohan Bamniya 5 Dec 2018 · 1 min read शायरी शौक सब कहे आदत मुझे बुरी हो गई शायरी शौक से जिदंगी हो गई राते उलझी हुई यादो के जाल से मिले हुए भी हमे इक सदी हो गई प्यार इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 312 Share Mohan Bamniya 5 Dec 2018 · 1 min read तेरे शहर आज फिर जैसे ही मैंने कदम रखा तेरे शहर मे यादो का वो सिलसिला फिर से शुरू हो गया Hindi · मुक्तक 1 447 Share Mohan Bamniya 5 Dec 2018 · 1 min read सिंगार आज किया जो सिंगार किसके लिए सच बताओ ये है प्यार किसके लिए हल्की सी मुस्कुराहट है जो चेहरे पर बाल लहराते हरबार किसके लिए आज बेसब्री है आंखो मे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 411 Share Mohan Bamniya 5 Dec 2018 · 1 min read महंगा बडा महंगा पडेगा हमको प्यार देखना। सब करेंगे जजबातो पर वार देखना । जो पास हमारे है आज वो सभी ही लेकर सब खड़े होगें हथियार देखना। एक वक्त हौसला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 282 Share Mohan Bamniya 5 Dec 2018 · 1 min read अच्छा लगा तेरी गलियों से गुजरना अच्छा लगा है । तुझसे मिलकर जीवन बदला अच्छा लगा है । तुझ मे कुछ तो खास है ए मेरे रहबर ये बेजान दिल भी धड़का... Hindi · मुक्तक 510 Share Mohan Bamniya 5 Dec 2018 · 1 min read पागलपन एक उम्र गुजर जाने पर भी जिदंगी को ना समझ पाया बुजुर्गो से पूछा तो उन्होंने भी कुछ अलग ही समझाया छोड़कर दुनिया की फिक्र मस्ती को अपनाया सच बताऊं... Hindi · कविता 604 Share Mohan Bamniya 5 Dec 2018 · 1 min read हर गम जिंदगी मे सभी को हंसता हंसाता रहा हूॅ मै हर गम को हर दम अपने छुपाता रहा हूॅ मै ओर भी गम है जमाने मे मुहब्बत के सिवा सभी को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 192 Share Mohan Bamniya 4 Dec 2018 · 1 min read दिल की बाते कभी मिले गर फुर्सत तो हमसे भी मिलो दिल की बाते कुछ हम कहे कुछ तुम कहो हमने कभी ज्यादा कुछ मांगा ही कहा रब से चाहत है भी बस... Hindi · कविता 240 Share Mohan Bamniya 4 Dec 2018 · 1 min read झूठ से दामन यूँ ही अपना न बनाया किजिये झूठ से दामन बचाया किजिये दुनिया मजबूरी मे ढूंढे फायदा वक्त बेवक्त मुस्कुराया किजिये जन्म से ही सिख जाते है रोना दूसरो को भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 371 Share Mohan Bamniya 4 Dec 2018 · 1 min read बिखर गये अरमान इस तरह मेरे सारे बिखर गये । जब साथ छोड कर वो मेरा पहले मर गये। ज्यादा ख्वाहिशे भी कहा रखी थी हमने जो वो जाते जाते दिल को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 355 Share Mohan Bamniya 4 Dec 2018 · 1 min read मेरे मालिक ए मेरे मालिक सब तेरा है । जानता भी हूॅ । मेरी तो बस ये मै खत्म कर दे। Hindi · कविता 226 Share Mohan Bamniya 4 Dec 2018 · 1 min read गम नही मुझे गम नही किसी के जाने का ओर नही चाहिए सफाई कोई गर खले कभी भी कमी मेरी आ कर मिले मुझे उसी हक से । जहां बातो मे भी... Hindi · कविता 240 Share Mohan Bamniya 3 Dec 2018 · 1 min read रात भर पास बुलाए दूर जाती रही रात भर हमको पागल बनाती रही रात भर सारे अरमान चूर चूर होते देख जिदंगी गुनगुनाती रही रात भर चाह नई-नई रखी थी उडने की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share Mohan Bamniya 3 Dec 2018 · 1 min read बिन चाहे बिन चाहे भी कभी हमे तो मुस्कुराना होगा गर कठिनाई मिले पार ही पाना होगा पार साहिल को ऐसे ही नही करती कश्ती हौसला पल हर पल ही है बढाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share Mohan Bamniya 1 Dec 2018 · 1 min read बाकी है उड़ान के लिए सारा आसमान बाकी है । अभी तो वक्त की पूरी दासतान बाकी है। किताब जब जिदंगी की पलटे पेज अपना समझ ले फिर कोई इम्तिहान बाकी है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 359 Share Mohan Bamniya 19 Nov 2018 · 1 min read माँ ही जन्नत माँ जिसे जुबां से पुकारने मे ही मिले राहत है । माँ जिसके चरणो मे ही है मिले जन्नत है । माँ ममता का जीता जागता स्वरूप है । माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 38 966 Share Previous Page 3