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समीक्षा:- लहू के फूल
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
झाड़ू भंगी का
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
शरीफों को, सरगोशी अच्छी नही लगती
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
हिंदी हमारी शान है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मेरे मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
नफ़रत के बाजार में,,,
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
कल रात जंगल सोया नही,,,,
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
उठ रही है ज्वाला दिल में तेरे,,,,
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बदले बदले से रहने लगे सब लोग यहां
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
रात भर जागता रहा
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
उठ जाग तुझको दूर जाना है।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
#विषय:-गम छुपाते रहे,मुस्कुराते रहे
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
हिंदी हमारी शान है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल:-चला जाऐगा ये दौर-ए-आलम
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
साहिल पर, कस्तियां रोती है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
तिलिस्म तेरा मुझ पर चला धीरे-धीरे
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
देश चला किन हाथों मे
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
आज उदास मेरा घर है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
सेहरा मे लगी बजने शहनाईयां
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
भदन मे उनके अंगारे दहकने लगे है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मैं मुर्दों की आवाज़ था।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
दर्द-ऐ-दिल किसको सुनाऊँँ मैं।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
विनम्रता
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
कोटेशन
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
जरुरी नही मेरी हर बात को मान लिया जाए।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
!सावधान!
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल:- क्या करुं
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
पत्थर और पानी।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
तुम आओ मेरे दिल के गाँव मे।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
इक तूं ही है फ़कत मेरी इस नज़र मे।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
छीपा लेते अपना गुमान तो अच्छा होता।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
कोटेशन
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल:- जिंदगी और सारासच
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल:-पत्थर और पानी
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मैं जिंदा होकर मजार हूं
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ख़फा हूं तेरी बेरुखी से
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल:- राजन
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल:-सुन रे मनवा जिन्दगी इक मेला है।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल:- बेरुखी सी क्यूं है इतनी तेरे अल्फ़ाज़ो मे।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बे'सबब करने लगे लोग अदावत हमसे।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
सूखे शजर को छू कर हरा कर दिया।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल:- वजह हो तो बताऐ मुझको मुस्कुराने की।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल:- आदमी को आदमी अब कहाँ नज़र आता है।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल:- कहीं खुशियां, कहीं मातम।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल:- बुझे बुझे से चेहरे, बुझे से ख़्याल है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
ग़ज़ल
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'