Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2022 · 1 min read

ग़ज़ल:- आदमी को आदमी अब कहाँ नज़र आता है।

दोस्तों,
एक ताजा ग़ज़ल आपकी मुहब्बतों की नज़र
मुलाहिज़ा फरमाऐं!!!!!

ग़ज़ल
====

आदमी को आदमी अब कहाँ नज़र आता है,
लगता है शायद शोहरत का ये असर आता है।
===========================

बदले मिज़ाज आदमी का, मौसम की तरहा,
उजड़ जाऐ जिंदगी जीवन मे वो अगर आता है।
===========================

मरना है सभी को इक दिन आया जो जहां मे,
कौन शख़्स है जीवन मे होकर अमर आता है।
===========================

मिलती है खुशियां अपार जिनको जिंदगी मे,
फितरत आदमी की उसे कहां सबर आता है।
===========================

सच कितना भी दिखाऐं हम चाहे किसी को,
आदमी है कि उसको सब, भ्रम नज़र आता है।
===========================

किस पर ऐतबार करे कोई अब यहां “जैदि”,
यहां हर शख़्स मे, फ्रेब दिखाई मगर आता है।
===========================

शायर-“जैदि”
एल.सी.जैदिया “जैदि”

440 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
VINOD CHAUHAN
23/100.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/100.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . .
माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . .
sushil sarna
मुस्कुराने लगे है
मुस्कुराने लगे है
Paras Mishra
ताप
ताप
नन्दलाल सुथार "राही"
दिखाना ज़रूरी नहीं
दिखाना ज़रूरी नहीं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*छोड़ा पीछे इंडिया, चले गए अंग्रेज (कुंडलिया)*
*छोड़ा पीछे इंडिया, चले गए अंग्रेज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
!!! नानी जी !!!
!!! नानी जी !!!
जगदीश लववंशी
काम,क्रोध,भोग आदि मोक्ष भी परमार्थ है
काम,क्रोध,भोग आदि मोक्ष भी परमार्थ है
AJAY AMITABH SUMAN
पतझड़ और हम जीवन होता हैं।
पतझड़ और हम जीवन होता हैं।
Neeraj Agarwal
दोहे तरुण के।
दोहे तरुण के।
Pankaj sharma Tarun
"लिख और दिख"
Dr. Kishan tandon kranti
फिर मिलेंगे
फिर मिलेंगे
साहित्य गौरव
बाल कविता: चूहा
बाल कविता: चूहा
Rajesh Kumar Arjun
“ जीवन साथी”
“ जीवन साथी”
DrLakshman Jha Parimal
दिल की बात,
दिल की बात,
Pooja srijan
Pahado ke chadar se lipti hai meri muhabbat
Pahado ke chadar se lipti hai meri muhabbat
Sakshi Tripathi
तानाशाहों का हश्र
तानाशाहों का हश्र
Shekhar Chandra Mitra
उसकी मोहब्बत का नशा भी कमाल का था.......
उसकी मोहब्बत का नशा भी कमाल का था.......
Ashish shukla
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
Keshav kishor Kumar
मेरा यार
मेरा यार
rkchaudhary2012
आपकी मुस्कुराहट बताती है फितरत आपकी।
आपकी मुस्कुराहट बताती है फितरत आपकी।
Rj Anand Prajapati
गरीबी और लाचारी
गरीबी और लाचारी
Mukesh Kumar Sonkar
हे!महादेव है नमन तुम्हें,
हे!महादेव है नमन तुम्हें,
Satish Srijan
पिता की याद।
पिता की याद।
Kuldeep mishra (KD)
अखबार
अखबार
लक्ष्मी सिंह
जीवन चक्र में_ पढ़ाव कई आते है।
जीवन चक्र में_ पढ़ाव कई आते है।
Rajesh vyas
अँधेरी गुफाओं में चलो, रौशनी की एक लकीर तो दिखी,
अँधेरी गुफाओं में चलो, रौशनी की एक लकीर तो दिखी,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
चाहता हे उसे सारा जहान
चाहता हे उसे सारा जहान
Swami Ganganiya
सुन मेरे बच्चे
सुन मेरे बच्चे
Sangeeta Beniwal
Loading...