Bodhisatva kastooriya 172 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Bodhisatva kastooriya 6 May 2024 · 1 min read सबका साथ गली गली में चर्चा है इस बात की! दो शहजादे मिल बैठे किस बात पर? इक कहता आओ साईकिल पर बैठो, दूजा कहता है मुहर लगेगी हाथ पर !! मतदाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 15 Share Bodhisatva kastooriya 4 May 2024 · 1 min read कन्या कन्या शब्द नहीं,आधार है ! बिन जिस अपूर्ण परिवार है!! सनातन संस्कृति में देवी है! संपूर्ण परिवार की ये सेवी है!! हंसते हंसते उत्तरदायित्व निर्वहन् पर कभी शिकन नहीं देखी... Poetry Writing Challenge-3 13 Share Bodhisatva kastooriya 4 May 2024 · 1 min read चांद शेर बदला है मिजाज़ फ़िज़ाओं का! आसlर बारिश के बनने लगे हैं!! जब से वो ख्वाबों में आने लगे, हम भी स्वप्न नए बुनने लगे हैं!! बदल रही है जिंदगी की... Poetry Writing Challenge-3 · शेर 1 18 Share Bodhisatva kastooriya 3 May 2024 · 1 min read आशार कुछ बंदिशे यूं ही बन गई, मेरी कलम तो खामोश थी! आवारगी सरेशाम खुलगई, बस तमन्नाये सरफरोश थी!! दर्द के हर मुकाम से गुज़र गया, हो तुझमें सलाहियत नया दर्द... Poetry Writing Challenge-3 · शेर 1 16 Share Bodhisatva kastooriya 3 May 2024 · 1 min read जवानी तुम चाहतों का समंदर सजाते रहे! हम बिला वजह आंसू बहाते रहे!! खामोश हो गई आवाज़ टकराकर! हम रेत के घरोंदे बनाते मिटाते रहे!! सैलाब समंदर का शांत कब हुआ?... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 16 Share Bodhisatva kastooriya 3 May 2024 · 1 min read सोने की चिड़िया जब तक सूरज चाँद रहेगा! 'सत्य सनातन' राज रहेगा!! इक योगी ने ली अंगड़ाई है! अभि तोआगे और लड़ाई है!! भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाना है! किसान मजदूर आगे लाना है!!... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 12 Share Bodhisatva kastooriya 3 May 2024 · 1 min read गर्भपात जो डर और दब कर जिया,वो कब जिया है? ज़हन में शिगूफा बैठाले,फख्र से जिंदगी जिएंगे! गर्भ में हम क्यों मरे, ऐसा हमने क्या किया है? कभी माँ, बहन और... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 13 Share Bodhisatva kastooriya 2 May 2024 · 1 min read अतीत तुम जो आए जिन्दगी मे. सोचा न था प्रीत हो जाएगी! जिन्दगी झँझावतो सी गर्म थी, सोचा न था शीत हो जाएगी!! गद्य और पद्य मे ही डूबा रहा, सोचा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 17 Share Bodhisatva kastooriya 2 May 2024 · 1 min read दिल के रिश्ते कभी किसी से दिल के रिश्ते जोडना नही! गर जुड भी जाए कभी,तो फिर तोडना नही!! जुडने से ज्यादा, टूटने से तकलीफ होती है! चेहरे से दिखे न दिखे,फिर भी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 24 Share Bodhisatva kastooriya 2 May 2024 · 1 min read चमन कभी किसी से दिल के रिश्ते जोडना नही! गर जुड भी जाए कभी,तो फिर तोडना नही!! जुडने से ज्यादा, टूटने से तकलीफ होती है! चेहरे से दिखे न दिखे,फिर भी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 12 Share Bodhisatva kastooriya 2 May 2024 · 1 min read चाहत न मै तुम्है खोना चाहता हू! न तुमसे दूर होना चाहता हू!! बस की जो तुमसे बेबफाई, शर्मिन्दगी से रोना चाहता हू!! आज इकरार तुमसे यह करता हू! दिल औ... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 21 Share Bodhisatva kastooriya 2 May 2024 · 1 min read इंसान न मै तुम्है खोना चाहता हू! न तुमसे दूर होना चाहता हू!! बस की जो तुमसे बेबफाई, शर्मिन्दगी से रोना चाहता हू!! आज इकरार तुमसे यह करता हू! दिल औ... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 20 Share Bodhisatva kastooriya 2 May 2024 · 1 min read विश्वास गर उसे मेरे ज़ज्बात का जो अहसास होता! वो मेरे नज़दीक होती, मै उसके पास होता!! ख्वाबो की तामीर,हम कुछ इस कदर बनाते, गिरने की आहट पर भी उसे न... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 18 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read कविता मेरे मन की पीर है कविता! जो तुझे करे अधीर है कविता!! कभी मन को सहला जाए, कभी घाव करे गंभीर है कविता!! कभी कल-कल बहती नदिया, कभी समन्दर का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 18 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read न्याय यात्रा सत्ता मद मे जो चूर रहे है सत्तर वर्षो तक ! धूल फँ|क रहे कश्मीर से कन्याकुमारी तक!! न्याय नही किया शोषित-पीडित.मजलूमो से! संसद मे प्रश्न प्रहर पलायन करते कब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 18 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read आप लद गये दिन वंशबाद की बेल के! आये भ्रष्टाचारियों के दिन जेल के!! सत्ता पाने को क्या हथकंडे अपनlते? अब खुले राज मदिरा नीति खेल के!! लोकपाल बिल 15 दिन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 21 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read सहधर्मनी पाकर साथ तुम्हारा हूं मैं अति सौभाग्यशाली! बीते गए वर्ष 32 नहीं कभी कोई गुफ्ता गाली!! सहपाठी-सहधर्मिणी सा साथ निभाया तुमने, तुम हो उपवन मेरा, मैं हूं बस उस्का माली!!... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 18 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read सनातन संस्कृति अपना अपना धर्म निभाओ, जन्म दिवस पर दीप जलाओ! केक काटने की प्रथा मिटाओ अंधकार मन से दूर भगाओ!! अपना अपनो के कल्याण हेतु दीप जला कर देव बुलाओ!! मोमबत्ती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 16 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read दिल के दरवाज़े मैने अपने दिल के दरवाजे तो खोल रखे है! राहगीर भी देख सकता है कौन-कौन रखे है? इस्तकबाल हर उस शख्स का जो साफगोई, चेहरे से नही,आज़माकर दोस्त-दुश्मन रखे है!!... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 16 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read ध्रुव तारा नभ मे तारे अगणित है,पर ध्रुव की बात निराली है ! अमावस्या या पूर्णमासी उसकी स्थिति स्थिर वाली है!! पर मानव ने उसको कभी अपना आदर्श नही माना, बदले संदर्भो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 19 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read जीवन यादगार पल! बीत गया जो कल! वापस नहीं आएगा, केवल छवियों का छल!! पर स्मृतियाँ जिन पर- अधिकार नहीं होगा कल!! छन भंगुर जीवन का, क्या है कोई स्थिर हल?... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 15 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read होलिका दहन हिरण्यकश्यप अभिमानी स्वयं को दैव कहlता था,! पर उसके धर्मभीरु पुत्र प्रहलाद को को नहीं सुहाता था!! हिरण्यकश्यप की बहन होलिका अग्नि देव से वर पाया था! कभी अग्नि में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 14 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read प्रकट भये दीन दयाला चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को अयोध्या में इच्छवाकु वंश महाराज दशरथ की पत्नी कौशल्या ने सुत जायो! भगवान विष्णु ने लियो सप्तम अवतार,लंकापति , ब्राह्मण श्रेष्ठ की आसुरी प्रवृत्तियों... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 16 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read जिंदगी मैने यू ही नही जिन्दगी के 72 साल बर्बाद किए! किसी को दिल से निकाला,कुछ को आबाद किए!! परिन्दो को कब तलक कैद करके पिजंडे मे रखते? जब तलक उनका... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 18 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read राजनीति राजनीती आज कितनी बदहवास हो गई! कर्मठ कर्मयोगी छोड गुडो की दास हो गई!! कुछ करते है केवल पैत्रक व्यवसाय की तरह! प्रजातंत्र बेमानी,उनके परिवार की खास हो गई!! प्रधान... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 17 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read पृथ्वी दिवस इस पृथ्वी के हम सब ऋणी है! इसकी दक्षिणा क्या कभी गिनी है? देती है शुद्ध वायु,जल,फल-फूल, सुगंधित सुरम्य वातावरण धनी है!! बदले मे हम दे रहे मात्र उसे प्रदूषण!... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 18 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read पंचायती राज दिवस बूद बूद से भरे घडा, कयू तू अकेला खडा? एक और एक ग्यारह! पंचायती राज पौ बारह!! अपनी समस्या अपनो हल! जीवन भनो रहै सदा सरल!! कोर्ट कचहरी से निजात!... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read राजनीति राजनीती आज कितनी बदहवास हो गई! कर्मठ कर्मयोगी छोड गुडो की दास हो गई!! कुछ करते है केवल पैत्रक व्यवसाय की तरह! प्रजातंत्र बेमानी,उनके परिवार की खास हो गई!! प्रधान... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read पृथ्वी दिवस इस पृथ्वी के हम सब ऋणी है! इसकी दक्षिणा क्या कभी गिनी है? देती है शुद्ध वायु,जल,फल-फूल, सुगंधित सुरम्य वातावरण धनी है!! बदले मे हम दे रहे मात्र उसे प्रदूषण!... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read श्रमिक दिवस मई दिवस की हार्दिक शुभकामनाए! श्रमिक संताप से कुठित ममभावनाए!! आठ घंटे का मिलता है केवल वेतन! 10-12 घंटे कार्य करने की प्रताडनाए!! पँजीपति औ श्रम विभाग की साठगाठ, होती... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मई दिवस की हार्दिक शुभकामनाए! श्रमिक संताप से कुठित ममभावनाए!! आठ घंटे का मिलता है केवल वेतन! 10-12 घंटे कार्य करने की प्रताडनाए!! पँजीपति औ श्रम विभाग की साठगाठ, होती... Hindi · कविता 17 Share Bodhisatva kastooriya 30 Apr 2024 · 1 min read राजनीती राजनीती आज कितनी बदहवास हो गई! कर्मठ कर्मयोगी छोड गुडो की दास हो गई!! कुछ करते है केवल पैत्रक व्यवसाय की तरह! प्रजातंत्र बेमानी,उनके परिवार की खास हो गई!! प्रधान... Hindi · कविता 19 Share Bodhisatva kastooriya 22 Apr 2024 · 1 min read प्रदूषन इस पृथ्वी के हम सब ऋणी है! इसकी दक्षिणा क्या कभी गिनी है? देती है शुद्ध वायु,जल,फल-फूल, सुगंधित सुरम्य वातावरण धनी है!! बदले मे हम दे रहे मात्र उसे प्रदूषण!... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 16 Share Bodhisatva kastooriya 21 Apr 2024 · 1 min read सहधर्मिणी पाकर साथ तुम्हारा हूं मैं अति सौभाग्यशाली! बीते गए वर्ष 32 नहीं कभी कोई गुफ्ता गाली!! सहपाठी-सहधर्मिणी सा साथ निभाया तुमने, तुम हो उपवन मेरा, मैं हूं बस उस्का माली!!... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 29 Share Bodhisatva kastooriya 21 Apr 2024 · 1 min read कुर्सी अब हमे कही कोई पहचानता नही! क्या फर्क पडता ,कोई जानता नही? सब थी पद और कुर्सी की महिमा! लोग करते थे खुशामद,महानता नही!! दुनिया करती चमत्कार को नमस्कार! चमत्कार... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 24 Share Bodhisatva kastooriya 21 Apr 2024 · 1 min read दरवाज़े मैने अपने दिल के दरवाजे तो खोल रखे है! राहगीर भी देख सकता है कौन-कौन रखे है? इस्तकबाल हर उस शख्स का जो साफगोई, चेहरे से नही,आज़माकर दोस्त-दुश्मन रखे है!!... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 21 Share Bodhisatva kastooriya 21 Apr 2024 · 1 min read फसल बोई नही कोई अच्छी सी फसल मैने, उग आए खर-पतवार.तो सभालू कैसे? कश्ती जो तूफा मे ही ले निकल पडा, डूबने से बचू खुद,औरो को बचालू कैसे? मैने स्याह रातो... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 21 Share Bodhisatva kastooriya 21 Apr 2024 · 1 min read इल्म मैने यू ही नही जिन्दगी के 72 साल बर्बाद किए! किसी को दिल से निकाला,कुछ को आबाद किए!! परिन्दो को कब तलक कैद करके पिजंडे मे रखते? जब तलक उनका... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 23 Share Bodhisatva kastooriya 21 Apr 2024 · 1 min read आदर्श नभ मे तारे अगणित है,पर ध्रुव की बात निराली है ! अमावस्या या पूर्णमासी उसकी स्थिति स्थिर वाली है!! पर मानव ने उसको कभी अपना आदर्श नही माना, बदले संदर्भो... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 20 Share Bodhisatva kastooriya 20 Apr 2024 · 1 min read सब्र का फल मैने सबर का मीठा स्वाद चखा है! वक़्त बेवक्त जो साथ दे,वो सखा है!! बंद कमरे में खुली हवा,बात बेमानी है! खुल के जीने में मजा जिंदगी दिखा है!! होता... Hindi · ग़ज़ल 27 Share Bodhisatva kastooriya 20 Apr 2024 · 1 min read इल्म मैने यू ही नही जिन्दगी के 72 साल बर्बाद किए! किसी को दिल से निकाला,कुछ को आबाद किए!! परिन्दो को कब तलक कैद करके पिजंडे मे रखते? जब तलक उनका... Hindi · ग़ज़ल 20 Share Bodhisatva kastooriya 15 Apr 2024 · 1 min read यादगार यादगार पल! बीत गया जो कल! वापस नहीं आएगा, केवल छवियों का छल!! पर स्मृतियाँ जिन पर- अधिकार नहीं होगा कल!! छन भंगुर जीवन का, क्या है कोई स्थिर हल?... Hindi · कविता 30 Share Bodhisatva kastooriya 10 Apr 2024 · 1 min read कुर्सी अपनी -अपनी कुर्सी से चिपके रहो प्यारे! जिनका मर चुका हो ज़मीर,उन्हे कौन मारे? जनता तो है मरने के लिए,कभी आतंकवाद, कभी मँहगाई,और कभी प्रशासन के मारे!! अपनी -अपनी कुर्सी... Hindi · कविता 34 Share Bodhisatva kastooriya 8 Apr 2024 · 1 min read चुनाव 2024 सत्ता मद मे जो चूर रहे है सत्तर वर्षो तक ! धूल फँ|क रहे कश्मीर से कन्याकुमारी तक!! न्याय नही किया शोषित-पीडित.मजलूमो से! संसद मे प्रश्न प्रहर पलायन करते कब... Hindi · कविता 42 Share Bodhisatva kastooriya 6 Apr 2024 · 1 min read रुलाई पता नही यह ग़ज़ल है या कि रूबाई! शब्दो मे बँधी है,केवल मेरी ही रुलाई!! न मै छंद जानू.न जानू क्या कवित्त है? क्यो लोग दे रहे, कवि होने की... Hindi · कविता 29 Share Bodhisatva kastooriya 6 Apr 2024 · 1 min read मौसम मैने सबर का मीठा स्वाद चखा है! वक़्त बेवक्त जो साथ दे,वो सखा है!! बंद कमरे में खुली हवा,बात बेमानी है! खुल के जीने में मजा जिंदगी दिखा है!! होता... Hindi · ग़ज़ल 21 Share Bodhisatva kastooriya 6 Apr 2024 · 1 min read पिताश्री पितृ दिवस पर श्रद्धा सुमन पिता है पीपल की घनी छाव! जिनकी गोद ही था मेरा गाव!! अब न वो पीपल की घनी छाव! नाही ब्रह्म मुहूर्त उठने की काव... Hindi · गीत 30 Share Bodhisatva kastooriya 1 Apr 2024 · 1 min read खुशनसीब है खलिश सी एक बस इस सीने मे! कोई यार नही हो ऐसा क्या जीने मे? वो साथ भी न चल सके मयकदे तक, फिर मजा नही है पिलाने औ... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 1 1 52 Share Bodhisatva kastooriya 1 Apr 2024 · 1 min read राजनीति लोग न जाने क्या क्या कहते है! वो नेक है जो सब कुछ सहते है!! हम उन लोगो से कुछ अलग है! मन मर्जी के मालिक ही रहते है!! वो... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 43 Share Bodhisatva kastooriya 1 Apr 2024 · 1 min read बसंत आयो आयो रे ऋतु मनभlवन पर्व बसंत! मां वीणा वादिनी की ऋचायें हैं दिग-दिगन्त!! पीली-पीली सरसों फूली,खिले कुसुम अनंत! प्रेम-पपीहा कूके मन में,भूले समस्याये ज्वलन्त!! तृतीय विश्व युद्ध की मुडेर... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 34 Share Page 1 Next