जगदीश शर्मा सहज Language: Hindi 135 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 जगदीश शर्मा सहज 4 Mar 2021 · 1 min read अश्रु तुम पानी नहीं हो आँसुओं!तुम आत्मबल खोना नहीं। जीर्ण होकर व्यर्थ में रोना नहीं।। आँसुओं, तुम तो सदा निष्पाप हो। वेदना का गूँजता आलाप हो।। तुम कमलदल का सरोवर शांत सा। दैन्य दुख में... Hindi · गीत 1 1 233 Share जगदीश शर्मा सहज 4 Mar 2021 · 1 min read त्रासदी जनसंख्या और बेरोजगारी ले डूबेगी यदि नहीं रुकी तो भीषण त्रासदी फूटेगी। बेतहाशा बढ़ते वाहनों का शोर जीते जी कहीं रुला न दे, धू - धू जलता वायुमंडल वायु में... Hindi · कविता 1 1 496 Share जगदीश शर्मा सहज 20 Feb 2021 · 1 min read 'प्रिये, तुम प्रण निभाना' ढले जब शाम की लाली, उजाला चंद्रमा का हो। नुपुर झंकार करके तुम, सदन मेरे चली आना ।। मदन बनकर करूँ विचरण, तुम्हारे रूप यौवन में । फिरे ज्यों मृग... Hindi · गीत 1 409 Share जगदीश शर्मा सहज 17 Feb 2021 · 1 min read जय माँ शारदे शुभदा, अनुकोष हृदय भर दे । स्वर, अक्षर का, मति का वर दे ।। नव गीत, नया विश्वास जगे, उत्साह जगे, अभिलाष जगे। अणिमा, लघिमा, अभिधा बरसे, नव हर्ष, नया... Hindi · गीत 1 1 547 Share जगदीश शर्मा सहज 10 Feb 2021 · 1 min read 'संगमरमर के जैसी तराशी हो तुम' "ग़ज़ल" तेरा आँचल बदन से जो लहरा गया इन अदाओं से बादल भी बदरा गया. आग दरिया में जैसे लगी हो मगर मैं जमीं पर किनारों से टकरा गया. संगमरमर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 12 309 Share जगदीश शर्मा सहज 9 Feb 2021 · 1 min read कुछ हाइकू वसंतागमन के पूर्व १. नई कोपलें निपूते ठूँठ पर रोजाना फलें २. झूमा आँगन मौसम सुहावना हरा बिछौना ३. नूतन वर्ष ऋतुराज वसंत सर्दी का अंत ४. माघ महिना वसंत आगमन शुक्ल पंचमी... Hindi · हाइकु 3 3 249 Share जगदीश शर्मा सहज 9 Feb 2021 · 1 min read चॉकलेट डे इज़हारे मोहब्बत में लेट हो गए , वो चाय की केतली हम प्लेट हो गए। घर-गृहस्थी की गाड़ी में ऐसे उलझे, हम बबलगम वो चॉकलेट हो गए।। जगदीश शर्मा सहज Hindi · मुक्तक 2 3 276 Share जगदीश शर्मा सहज 4 Feb 2021 · 1 min read 'मधुवन जैसा तेरा यौवन' सुनकर कंगन नूपुर की धुन, मदहोश न अब मैं हो जाऊँ। तुम गीतों की आशा मेरी, जीवन की अभिलाषा मेरी। तुम खिलती धूप सुबह की हो, मैं प्रियदर्शन मैं खो... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 36 480 Share जगदीश शर्मा सहज 4 Feb 2021 · 1 min read किस बात की नाराज़गी अपनी ज़मीं अपना वतन अपनी कसक ईमान की । किस बात की इतनी क़वायद, गर्मजोशी शान की ।। किस बात की तल्ख़ी बढ़ी किस बात की घबराहटें। किस बात की... Hindi · मुक्तक 2 3 441 Share जगदीश शर्मा सहज 3 Feb 2021 · 1 min read "सुबह की धूप आशा है" विधान :- विजात छंदाधारित गीत मात्राभार :- १२२२ १२२२ सुबह की धूप आशा है। विवशता ही निराशा है।। सुखों की आश जीवन में। न होती काश जीवन में।। न होती... Hindi · गीत 2 4 262 Share जगदीश शर्मा सहज 31 Jan 2021 · 1 min read "अपना वतन" आसमानी रंग भर के, ग़म-खुशी के गीत गाता लाड़ला अपना वतन । पावनी धरती वतन की, दूर तक जिसकी महक। एक भारत का तराना, गूँजता है दूर तक। हूक देते... Hindi · गीत 2 4 574 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read चूहे जी बाल्य कविता ( चूहे जी ? ) नटखट प्यारे चूहे जी, लाड़ हमारे चूहे जी। बिल्ली से डरकर रहते, राजदुलारे चूहे जी ।। दिल से जिनको थाम रखा, ध्यान सबेरे... Hindi · कविता · बाल कविता 324 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "रेल" छुक-छुक करती चलती रेल। सिग्नल देख निकलती रेल । नानी के घर हमें उतार, फिर रफ़्तार पकड़ती रेल । छुट्टी के दिन रहते चार, नाना नानी करते प्यार । रोज... Hindi · कविता · बाल कविता 232 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "चंदा मामा" मेरे प्यारे चंदा मामा- सँग-सँग मेरे चलते जाना । उजियारा मुझको दिखलाना, पैदल पथ पर जब भी जाऊॅं छुपकर मेरे पीछे आना। तारों से बातें करवाना, नभ की सारी सैर... Hindi · कविता · बाल कविता 419 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "दशहरा" धूम मची थी आज सुबह से,भुवन पटाखे लाया था। आज दशहरे का अवसर था, चंदा खूब उगाया था ।। माही आरू और अमन ने, मिलजुलकर यह ठाना था। पुतला दहन... Hindi · कविता · बाल कविता 277 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "चिड़ियाघर" चैत का महिना उमस से रोज तपता दिन, ग्रीष्म के अवकाश में तुम ज़ू कभी जाओ। शेर, हाथी, तेंदुआ, चीतल, चिकारा मृग, अश्व, सॉंभ्ार,रीछ को तुम पास में पाओ ।... Hindi · कविता · बाल कविता 411 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Jan 2021 · 1 min read "मिठ्ठूराजा" छत पर आया मिट्ठू राजा। मन को भाया मिट्ठू राजा ।। रंगत से वह हट्टा-कट्टा । उसके कंठ मढ़ा था पट्टा ।। कुछ दिन से रूखा-रूखा था। शायद वह सच... Hindi · कविता · बाल कविता 229 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jan 2021 · 1 min read "लाल किला" जो किला गणतंत्र का प्रतिवर्ष ही साक्षी हुआ। क्रांतिकारी राष्ट्रभक्तों ने विनत होकर छुआ ।। जिस किले ने राष्ट्रभक्ति का सबब पैदा किया। आज कुछ उद्दंडियों खूब शर्मिंदा किया।। किंतु... Hindi · कविता 3 4 423 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jan 2021 · 1 min read गणतंत्र दिवस आज दिवस गणतंत्र का, प्यारा भारत-पर्व । अपने हिन्दोस्तान पर, हम सबको है गर्व ।। हम सबको है गर्व, सदा इसकी धरती पर। भारत की पहचान, विश्व में सबसे ऊपर... Hindi · कुण्डलिया 1 2 392 Share जगदीश शर्मा सहज 23 Jan 2021 · 1 min read जय वीर सुभाष गर्म अंगारा लहू फ़ौलाद सा था तन तुम्हारा ! कर रहा है आज सारा राष्ट्र अभिनंदन तुम्हारा !! हे महा-रणधीर सैनिक राष्ट्र का सम्मान हो तुम ! याद में बांकी... Hindi · कविता 1 2 228 Share जगदीश शर्मा सहज 23 Jan 2021 · 1 min read 'तुम महकता कमल' तुम महकता कमल खूबसूरत हसीं | तुम किसी की ग़ज़ल खूबसूरत हसीं || क्युँ मैं चाहूँ तुम्हें दिल- ज़िगर से मेरे | तुम किसी का महल खूबसूरत हसीं || क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 224 Share जगदीश शर्मा सहज 22 Jan 2021 · 1 min read "क्रंदन" नाश करता नशा धूम्र का कण यहाँ, मौत बन डस रहा जहर भीषण यहाँ ! चिकित्सक ले रहा सँभलकर धन यहाँ, किन्तु वह कर रहा जान रक्षण यहाँ ! वायु... Hindi · कविता 2 250 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read बेशर्म रात गुलों का बिछोना बड़ा नर्म है। अलावों भरी ये हवा गर्म है ।। तुम्हारे लवों की हँसी से लगा। मुलाकात की रात बेशर्म है।। -जगदीश शर्मा Hindi · मुक्तक 3 453 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read भिखारन कड़ाके की सर्दी में खुले आसमान के तले बैठी एक भिखारन। ओढ़कर कम्बल,रजाई दान में मिले कपड़े ईंटों का चूल्हा प्लास्टिक की एक बोतल बस यही था उसका धन। सुबह-सुबह... Hindi · कविता 1 4 239 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read 'प्रेम' मानव जीवन नीरस होता , प्रेमसुधारस पास न होता । नीड़ज भी उन्मुक्त न होता, भोजन भी रसयुक्त न होता। प्रेम बिना यह सृष्टि न होती, और कहीं उल्लास न... Hindi · गीत 3 4 312 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read शीतल हवा बर्फ़ की सफेद ओस, ओढ़कर हवा चली। आग के जले अलाव, धुंध के उठे गुबार ।। शांत सुंदरी सुबह, विभावरी विलासिनी। बाग में वसन्त सम,फूल की खिली बहार।। इंदु सा... Hindi · घनाक्षरी 1 6 398 Share जगदीश शर्मा सहज 20 Jan 2021 · 1 min read ब्रज की चाह जय प्रेममयी वृषभानुलली। निधिवृन्द बसी मृदु कुंजकली।। मन-मंदिर से मधुभाव भरूँ । चरणों में अर्पित पुष्प करूँ ।। मनमोहन से अब प्रीत लगी। प्रभुदर्शन की अभिलाष जगी।। ब्रज की धरती... Hindi · कविता 1 4 240 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2021 · 1 min read 'कामचोर मट्टू' चौराहे पर बैठा हुआ घर-परिवार से बेफिक्र मैले-कुचैले कपड़े पहने हुए, बीड़ी के कस लगाता हुआ कामचोर एवं हँसोड़ा, बातों का धुनी कुपढ़, मट्टू । फुर्सत का पहाड़ नशे का... Hindi · कविता 1 2 332 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2021 · 2 min read "दिल के बंधन" प्रस्तुत गीत के चार महत्वपूर्ण पड़ाव हैं, जिन्हें गीत के माध्यम से चार बन्धों में चरणबद्ध करने का प्रयास किया है। 1-प्रथम चरण में नायिका के घर पर शादी की... Hindi · गीत 438 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2021 · 1 min read भोर की लाली विधा- गीतिका 2122 2122 2122 212 भोर की सुषमा जगी है व्योम में कलरव हुआ | नभ हुआ रक्तिम दिवाकर ने धरातल को छुआ || तटतड़ागों में नवोदक कमलदल अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 304 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Jan 2021 · 1 min read "अपराधबोध" आज भाईदूज पर सुधारानी समय से पहले ही अमोल से मिलने जेल पहुंच गई थी। वह अपने साथ मिठाई का पैकेट एवं दीपावली पर बनाए पकवान साथ में लेकर गई... Hindi · लघु कथा 2 329 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Jan 2021 · 1 min read "कर्मशीलता" सूरज- "मैं धरती पर धूप व उजाला भेजता हूँ, मैं बड़ा हूँ ।" बादल- "मैं जल बरसाता हूँ ,अन्नजल की पूर्ति करता हूँ, मैं बड़ा हूँ" चंद्रमा- "मैं अपनी शीतल... Hindi · लघु कथा 2 494 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Jan 2021 · 1 min read चाहतों के मेले चाहतों की महफिल में,दूर तक अँधेरे हैं। दुश्मनों के कूचे में, टूटे सपने मेरे हैं ।। धड़कनों की डोरी से, तुमको मैंने बॉंधा था, वे-वफा नहीं था मैं,हद से तुमको... Hindi · गीत 3 2 367 Share जगदीश शर्मा सहज 17 Jan 2021 · 1 min read साँझ की लाली छुप रहा सूरज गगन में, सॉंझ के दामन तले। ये जमीं दुल्हन बनी है, दीप तारों के जले।। एक तो अंजान पथ है, आपका यह साथ है। मैं तुम्हारी सांस... Hindi · गीत 2 2 361 Share जगदीश शर्मा सहज 17 Jan 2021 · 1 min read गीत :- प्रियतमा सुनकर कंगन नूपुर की धुन, मदहोश न अब मैं हो जाऊँ। तुम गीतों की आशा मेरी, जीवन की अभिलाषा मेरी। तुम उपवन की हरियाली हो, मैं प्रियदर्शन मैं खो जाऊँ... Hindi · गीत 1 2 262 Share Previous Page 3