जगदीश शर्मा सहज Language: Hindi 132 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश शर्मा सहज 10 Jun 2024 · 1 min read कुछ सामयिक हाइकु 1.सूने शहर जेठ की दोपहर शिथिल स्वर 2. कान पकड़ दहकती हवा ने मारे थप्पड़ 3. सूरज दादा गुस्से से बौखलाए कौन बचाये 4. पक्षी विकल तपती धरा पर ढूँढ़ते... Hindi · हाइकु 15 Share जगदीश शर्मा सहज 10 Jun 2024 · 1 min read श्यामा चिड़िया तरुवर पर भोली सी चिड़िया, उड़-उड़कर कुछ कहती है। सूने पेड़ों की डाली पर, सूखे कण्ठ फुदकती है।। ढूँढा करती है वो छाया, कांटों के झंखाड़ तले। शहरों के काले... Hindi · नवगीत 15 Share जगदीश शर्मा सहज 10 Jun 2024 · 1 min read अभिनंदन इस लोकतंत्र के मंदिर में, विजयी नायक का अभिनंदन ! जनप्रतिनिधि जो निर्वाचित हैं, उनका भी सादर अभिवादन । भारत माता के चरणों में, रथ विजयी होकर आन खड़ा !... Hindi · गीत 17 Share जगदीश शर्मा सहज 29 May 2024 · 4 min read सामाजिक संस्कारों का पतन: कुछ नहीं बचा पाएंगे हमारे हाथ से सबकुछ निकल चुका है। ईसाई मिशनरियों के स्कूलों, पाश्चात्य अंधानुकरण, बामपंथी गुटों एवं नए मोबाइल युग ने आपके बच्चों के संस्कारों को बदल... Hindi · आलेख 27 Share जगदीश शर्मा सहज 29 Apr 2024 · 1 min read वोट डालने जाना है लोकतंत्र के महायज्ञ में, अपना फ़र्ज़ निभाना है, वोट डालने जाना है। हम भारत के भाग्य विधाता, संविधान का मान करें। जात-पात से ऊपर उठकर, शत-प्रतिशत मतदान करें।। पाँच वर्ष... Hindi · गीत 23 Share जगदीश शर्मा सहज 20 Jan 2024 · 1 min read यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे। यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे। यहीं प्रभु पादुकाओं से, भरत शासन चलाते थे।। महल यह सूर्यकुल का, कर्मवीरों की निशानी है। यहाँ शिवजी, गरुड़, नारद,अनेकों बार आते... Hindi · Quote Writer · भक्ति मुक्तक 87 Share जगदीश शर्मा सहज 28 Dec 2023 · 1 min read मत्तगयंद सवैया लालच ने किसको न ठगा किसको न कभी मद-मोह लुभाया। सुंदरता किसको न छली किसको न यहाँ पर काम सताया।। यौवन-बाण लगा न किसे किसको न भयानक क्रोध जलाया। शोक... Hindi · मत्तगयंद सवैया 133 Share जगदीश शर्मा सहज 28 Dec 2023 · 1 min read गीतिका चाहे जितना वैभव पा लो जीते जी, रुपयों का अंबार लगा लो जीते जी। काला चिट्ठा सबके सम्मुख आता है, कसमें झूठी जितनी खा लो जीते जी। किसको फुर्सत है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 118 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Nov 2023 · 1 min read गीत गीत गाना हमें भी तो सिखलाइए। स्वर मिलाना हमें भी तो सिखलाइए।। सुन रहे आपको मुस्कुराते हुए। हर्ष में डूबकर गुनगुनाते हुए।। आपके कीमती शब्द संसार में। डूब जाना हमें... Hindi · गीत 1 219 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Nov 2023 · 1 min read गजल भावनाओं को छुपाना आ गया, बे-जुबानों का ज़माना आ गया। शाम से ठण्डी हवा चलने लगी, सर्द मौसम भी सुहाना आ गया। नाविकों!तूफ़ां मचलकर थम गया, सामने देखो... मुहाना आ... Hindi · ग़ज़ल 3 2 147 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Oct 2023 · 1 min read देवीमहिमा सर्वेश्वरी , भूतेश्वरी, ममतामयी मातेश्वरी। चेतन तुम्हीं से सृष्टि है, ममता दया की वृष्टि है, सर्वांग में तुम हो बसी, ज्योतिर्मयी तपपुंज सी । आनंद की संचारिणी, तुमको नमन जगदीश्वरी।... Hindi · गीत 1 2 76 Share जगदीश शर्मा सहज 4 Oct 2023 · 1 min read 'मूक हुआ आँगन' अनुबंधों के बागानों में, रिश्ते रूखे रहते हैं। अपने ही पुश्तैनी घर में, अपने भूखे रहते हैं।। परिवर्तन की इस आँधी में, बोझ बने हैं घर सारे। मूक हुआ रंगीला... Hindi · गीत 1 117 Share जगदीश शर्मा सहज 25 Sep 2023 · 1 min read मुक्तक प्रतिज्ञा का समापन कर, सियापति राम घर आये। मिटाकर पाप धरती से, खलों का नाश कर आये ।। लखन,हनुमान, अंगद, रीछपति आरूढ़ थे रथ पर। गगन में देखकर पुष्पक, भरत... Hindi · मुक्तक 2 2 149 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Sep 2023 · 1 min read गीतिका पूजा तथा रसोई में अब शुद्धता कहाँ, पावन पुनीत वस्तु की उपलब्धता कहाँ। खाद्यान्न और नीर में अवशिष्ट घुल गया, मिष्ठान्न और दूध में संबद्धता कहाँ। बूँदें बरस उठी कहीं... Hindi · आध्यात्मिक हिंदी गजल/ गीतिका 1 245 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Sep 2023 · 1 min read श्री गणेश वंदना: श्री गणेश वंदना: गणनाथ दया करना हम पर, शुभ कार्य तुम्हारी ही दम पर। पथ पर कोई बाधा आये, दुःखों का बादल घिर आये। षटदोषों का उन्मोचन कर, करुणा बरसाना... Hindi · गीत 2 2 173 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Sep 2023 · 2 min read नकली नोट दूल्हा बग्गी पर शान से बैठा हुआ था बैंड बाजे और ढोल की थाप पर बाराती पूरे जोश के साथ थिरक रहे थे। छोटे-छोटे बच्चे रोशनदानों को सिर पर रखे... Hindi · लघुकथा 1 121 Share जगदीश शर्मा सहज 2 Sep 2023 · 1 min read आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान। आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान। भारत की धरती से निकला, आग्नेय अस्त्र अपना महान।। Hindi · Quote Writer 294 Share जगदीश शर्मा सहज 23 Jul 2023 · 1 min read महान क्रांतिवीरों को नमन उग्र क्रांति का घोष कर, कूदे बनकर गाज । देशभक्त 'आजाद' का, जन्मदिवस है आज ।। मातृभूमि की आन पर, किये प्राण न्यौछार । क्रांतिवीर को राष्ट्र का, वन्दन सौ-सौ... Hindi · दोहे 1 135 Share जगदीश शर्मा सहज 7 Jul 2023 · 1 min read ग़ज़ल सुहाना जब कभी मौसम रहेगा ख़ुशी का हर तरफ़ आलम रहेगा। हवा छूकर फ़िज़ा को तर करेगी वबा का डर न कोई ग़म रहेगा। फ़िकर को छोड़कर कसरत करे जो,... Hindi · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 3 249 Share जगदीश शर्मा सहज 7 Jul 2023 · 1 min read आधुनिक अपराध राजनीति के नशा में, मद्यपान की दशा में, देश को लजा रहे हैं,नीच कर्म के लिए। चेतनाएं खो चुके हैं, ज्ञानशून्य हो चुके हैं, फ़र्ज़ क्या निभाएंगे ये,राष्ट्र धर्म के... Hindi · घनाक्षरी 461 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jun 2023 · 1 min read किस दुनिया में खोजूँ तुमको किस दुनिया में खोजूँ तुमको, आभासी संसार बड़ा। किस सागर की परिधि नापूँ,सागर का आकार बड़ा।। मेरे मन में बिखरी थी जो, अब तक छूटी गंध नहीं। प्रेम वही होता... Hindi · गीत 3 2 92 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Feb 2023 · 1 min read ग्रीष्मऋतु बागों की बहार गई , फूलों की विसात गई, कृषको की साख गई , जीव जंतु त्रस्त है ! नदी ताल सूख गए , कुएँ सारे रीत गए, पंछी भी... Hindi · घनाक्षरी 190 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Feb 2023 · 1 min read जय महाशिव जय श्री राजराजेश्वर महादेव🙏 शिव के अनंत रूप, ज्योतिर्लिंग हैं अनूप। शिव रुद्र कालरूप, सृष्टि में अनंग हैं।। शिव से समस्त लोक, शिव की कृपा अमोघ। शिव के त्रिनेत्र, दूत,... Hindi · घनाक्षरी 135 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Feb 2023 · 1 min read जलधर बरसे जनहरण घनाक्षरी (पहले ३० वर्ण लघु,अंत में दीर्घ होता है) उमड़-घुमड़ कर, गिरि, नभ-तल, पर। झर-झर, रुचिकर, जलधर बरसे।। गगन विकटतम, नग-सम,अनुपम। अप्रकट रवि-शशि, तम दिवि भर से ।। सरस... Hindi · घनाक्षरी 145 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Feb 2023 · 1 min read जय अंजनिनन्दन रामचन्द्र जी से स्नेह, बज्र के समान देह। वीर हनुमान, माता अंजनी के लाल हैं।। बुद्धि के निधान हैं जो जानते हैं छन्दशास्त्र। काटते समस्त जाल, राक्षसों के काल हैं।।... Hindi · घनाक्षरी 139 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Feb 2023 · 1 min read प्रार्थना प्रार्थना करूँ पुकार, शब्द ज्ञान दो अपार। नित्य हों नए विचार, देवी माता शारदे।। कण्ठ से झरें सुगीत, भावना रहे पुनीत। लेखनी रहे सजीव, काव्य को सँवार दे ।। भावपुष्प... Hindi · घनाक्षरी 169 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2023 · 1 min read कर्तव्यपथ अपने-अपने कर्तव्यों का, निष्ठा से यदि पालन होगा। प्रेम हृदय में पुष्पित होगा, फुलवारी सा जीवन होगा।। उद्वेलित मन की चंचलता, कलुषित मन के कारण ही है। हठधर्मी बनकर हमने... Hindi · गीत 2 165 Share जगदीश शर्मा सहज 11 Jan 2023 · 1 min read तरही गजल लबों पर कोई मुस्कुराहट नहीं है, वो क्या दिल है जिसमें मुहब्बत नहीं है। खुदी बेचकर ख़ुशनुमा हो गया वो, उसे अब किसी से हिक़ारत नहीं है। खुलेआम तुम हमसे... Hindi · ग़ज़ल 1 159 Share जगदीश शर्मा सहज 8 Jan 2023 · 1 min read पौष की सर्दी/ तनुस कँप रहा हाड़-मांस का। उड़ रहा धुआँ गर्म सांस का ।। प्रखर सूर्य भी लापता हुआ । शिशिर में मनुज तापता हुआ।। ठिठुरती हुई पुष्प की कली। बिखरकर कहीं... Hindi · छंद काव्य 1 1 182 Share जगदीश शर्मा सहज 31 Dec 2022 · 1 min read नया साल -नन्हा बच्चा नए साल का नया दिन एक नन्हा सा बच्चा समझ से कच्चा सोचता है दुनिया मेरे स्वागत को खड़ी होगी जनवरी की पहली तारीख को मेरे आने की उत्सुकता बड़ी... Hindi · अतुकान्त कविता 1 210 Share जगदीश शर्मा सहज 20 Nov 2022 · 1 min read फोन पर बाल हैं सफेद, गाल पिलपिले हुए । एक अरसे बाद दोनों दिल मिले हुए ।। कर रहे हैं रात-रात भर ख़ुसरफुसर । उम्र की ढलान पर ये सिलसिले हुए।। Hindi · मुक्तक 93 Share जगदीश शर्मा सहज 20 Nov 2022 · 1 min read चमचागिरी चमचों को चमचागिरी, भाती है दिनरात। वैसे ही लतखोर को, समय समय पर लात ।। समय समय पर लात, संग मुक्के भी खाये। घरवाली भी डांट डपटकर, आँख दिखाये ।।... Hindi · कुण्डलिया 1 222 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Nov 2022 · 1 min read प्राइवेट अस्पताल प्राइवेट अस्पताल में घुसते ही वार्ड बॉय व्हील चेयर ले आया ,दादी को टैक्सी से उतारकर डॉक्टर कक्ष में ले जाया गया।डॉक्टर नब्ज देखते हुए "क्या हुआ है इन्हें?" अटेंडर... Hindi · लघुकथा 81 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Nov 2022 · 1 min read गज़ल चाँद माहिर है दिल लुभाने में, वक्त लेता है पास आने में। दो दिलों को सुकून मिलता है, चाँद के नूर में नहाने में । जिसके सीने में गम समाया... Hindi · ग़ज़ल 2 4 177 Share जगदीश शर्मा सहज 4 Nov 2022 · 1 min read बूढ़ा आदमी उम्र की ढलान पर जब, आदमी के दांत निकल जाते हैं, बाल सफेद होने लगते हैं; बूढ़ा लगने लगता है, घर वालों को भी कूड़ा लगने लगता है। खोया रहता... Hindi · अतुकान्त कविता 1 2 111 Share जगदीश शर्मा सहज 2 Nov 2022 · 1 min read गजल एक भी आंसू न बहना चाहिए, दर्द को चुपचाप सहना चाहिए। एक ओछी बात या तकरार को, चार लोगों में न कहना चाहिए। प्रेम की खुश्बू बिखर जाए मगर, नफरती... Hindi · गज़ल 2 1 286 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Oct 2022 · 1 min read लघुकथा- 'रेल का डिब्बा' खचाखच भरी रेल के सामान्य डिब्बे में मोहित जैसे ही ऊपरी सीट पर चढ़ा, निचली सीट पर बैठी लड़की तमतमाकर बोली -"अरे ! दिखाई नहीं देता क्या? यहाँ पहले से... Hindi · लघुकथा 3 273 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Oct 2022 · 2 min read दशानन 🧡 शुभ- विजयादशमी 🧡 ~~~~~~~~ अपने अंदर के रावण का, हमको आज दहन करना है। गुजरे जीवन की कमियों से, शिक्षा ले चिंतन करना है।। गल जाता अभिमान सभी का,... Hindi 4 2 359 Share जगदीश शर्मा सहज 14 Sep 2022 · 1 min read राष्ट्रगौरव हिन्दी देश का अभिमान हिन्दी, मातृभाषा ज्ञान हिन्दी। गर्व होता है हमारे, राष्ट्र की पहचान हिन्दी ।। है सभी की एक आशा, मान्य हो यह राष्ट्रभाषा । बोलियाँ हों क्षेत्रव्यापी, किन्तु... Hindi 3 161 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jun 2022 · 1 min read बिखरता बचपन शादी के दस साल बीत जाने के बाद भी राहुल और नम्रता के बीच अनबन कम होने का नाम नहीं ले रही थी। दोनों में से कोई भी किसी कीमत... Hindi · लघु कथा 2 2 182 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jun 2022 · 1 min read ग़ज़ल उनकी आँखों में ख़्वाब बाकी है, हल्का- हल्का शबाब बाकी है। दिल कई बार आरजू करता, उनको देना गुलाब बाकी है। ये नया वक्त ठहरता ही नहीं, वक्त से भी... Hindi 1 140 Share जगदीश शर्मा सहज 14 Jun 2022 · 1 min read बँटवारा विम्मी सारे परिवार की लाडली बच्ची है अबोध होने से उसको पता नहीं है कि घर के बीच दीवार उठ चुकी है ; दोनों भाइयों में बोलचाल बन्द हो चुके... Hindi · लघुकथा 1 136 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Jun 2022 · 1 min read धरती माँ धरती कहे मैं मौन हूँ, मैने किया विष का वरण। प्रत्येक प्राणी के लिए, मैंने दिया पर्यावरण।। धूमिल धुआँ मैंने पिया , जलता रहा मेरा हिया। मैंने सहा चिरकाल तक,बढ़ता... Hindi · छंद 4 8 332 Share जगदीश शर्मा सहज 28 May 2022 · 1 min read समय की चाल समय की चाल में बच्चे हमसे आगे निकल गए हम पीछे रह गए, प्रगतिशील युग में हम अपनी सोच, कल्पना शक्ति में जीते रह गए वक्त के आगे हम आंखें... Hindi · कविता 3 4 234 Share जगदीश शर्मा सहज 22 May 2022 · 1 min read चढ़ता पारा बढ़ता हुआ जो ताप है, यह आदमी का पाप है। चिरकाल से रूठे हुए, भू-देवता का शाप है। कटते हुए - जलते हुए, वनदेव का आलाप है। उद्योगवादी क्रांति से,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 228 Share जगदीश शर्मा सहज 13 May 2022 · 1 min read विदाई की बेला विवाह पांडाल में जैसे ही ननद माही की विदाई की बेला आई, अनुभा दहाड़ें मार-मारकर रोने लगी तभी आसपास उपस्थित महिलाएँ उसकी तरफ आश्चर्य से देखने लगीं।अब तक माही घर... Hindi · लघु कथा 181 Share जगदीश शर्मा सहज 4 May 2022 · 1 min read 20 साल बाद देश हो या हो विदेश, खत्म तेल, कोल,गैस, अन्न भी समाप्त होगा, बीस-तीस साल में । यंत्रों के बड़े कबाड़, चारों ओर मारधाड़, विश्व के अनेक देश , युद्धग्रस्त हाल... Hindi · कुण्डलिया 2 2 150 Share जगदीश शर्मा सहज 4 May 2022 · 1 min read जय परशुराम कर में परशु, सिर पर जटाएँ, वेद मुख से झर रहे। भृगुवंश के आराध्य की हम, आज पूजन कर रहे।। सत्कर्म का सद्धर्म का जब, लोप हो जाता कहीं ।... Hindi · छंद 1 2 152 Share जगदीश शर्मा सहज 2 May 2022 · 1 min read पिता हिमालय है पिता परिवार की खातिर, हिमालय सा अचल रहता। पिता का साथ है तो झोंपड़ी सा घर महल रहता ।। पिता की हर खुशी कुर्बान, बच्चों के लिए रहती । पिता... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 8 14 592 Share जगदीश शर्मा सहज 2 May 2022 · 1 min read मजदूर आपका घर तभी बना होगा। हाथ मजदूर का लगा होगा ll धूप से आप तब बचे होंगे। एक मजदूर जब तपा होगा।। दाम मजदूर को दिलाने से। एक मजदूर का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 137 Share Page 1 Next