Dushyant Kumar 114 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dushyant Kumar 15 Jun 2024 · 3 min read *पीता और पिलाता है* पीता और पिलाता है, दिन भर मौज उड़ाता है। ऐसे उसके होते हाल, लहरा लेकर चलता चाल। नशे में रहता मस्त मलंग, बेच दिए सब खाट पलंग। बके गालियां घूसे... Hindi · कविता 1 20 Share Dushyant Kumar 2 Jun 2024 · 1 min read *भारत नेपाल सम्बन्ध* चरण छुए सागर भारत के, हिमालय जिसका भाल है। रमणीक अनोखा प्यार सुन्दर, उत्तर में नेपाल है। नेपाल कभी न गुलाम हुआ, भारत को इस पर गुमान है। जहां अनेकता... Hindi · कविता 1 24 Share Dushyant Kumar 2 Jun 2024 · 1 min read *नर से कम नहीं है नारी* नर से कम नहीं है नारी, भविष्य की है ये तैयारी । नर अगर है देव तो, देवी का स्वरूप है नारी। दोनों से ही घर रिश्ते नाते, गूंजे बच्चों... Hindi · कविता 2 23 Share Dushyant Kumar 29 May 2024 · 1 min read *गर्मी पर दोहा* बढ़ रही है गर्मी, द्वार खड़ी है मौत। न जागे गर नींद से, मनाओगे रोज शोक।।१।। काट जंगल वनों को, बन गए खुद यमराज। फँसोगे अपने जाल में, वरना आ... Hindi · कविता · दोहा 2 56 Share Dushyant Kumar 16 May 2024 · 1 min read *शिक्षक हमें पढ़ाता है* शिक्षक हमें पढ़ाता है, हमको लाड़ लड़ाता है। जिस रास्ते से जाना हमको, उसको सरल बनता है। स्थान जिसका रब से ऊपर, बनाता हमको सूपर डूपर। जो हमसे नहीं आता... Hindi · कविता · गीत 1 43 Share Dushyant Kumar 12 May 2024 · 1 min read *किसान* करते हैं खेतों पर काम, जीतोड़ मेहनत नहीं आराम। काम उसका नहीं है आम, देते सबको अन्न किसान।। नहीं देखते जाड़ा गर्मी, नहीं देखते वो बर्षा। उसका साहस है अदम्य,... Hindi · बाल कविता 1 25 Share Dushyant Kumar 12 May 2024 · 1 min read *शिक्षक* शिक्षक मेरे कितने अच्छे, खुश रहते उनसे सब बच्चे। इतनी पढ़ाई उतना प्यार, शिक्षक ज्ञान के आधार।। रखो हमेशा आदर भाव, सीखो सहज नए-नए दाब। शिक्षक माता-पिता समान, न करना... Hindi · बाल कविता 1 30 Share Dushyant Kumar 6 May 2024 · 1 min read *रंगों का ज्ञान* दूध सफेद काले बाल, लाल सेब खाओ निहाल। हरी घास नीला आसमान, अंधेरी रात से पकड़ो कान ।।१।। बैंगनी बैंगन पीला आम, भीड़ होगी लगेगा जाम। जामुन जामुनी मीठे फल,... Hindi · बाल कविता 1 40 Share Dushyant Kumar 6 May 2024 · 1 min read *किताब* किताब हमारी कितनी सुन्दर, छिपा खजाना इसके अन्दर। सुन्दर कागज काला लेख, सुबह शाम किताबें तू देख।।१।। किताबें देतीं हमको सीख, पढ़ो लिखो न मांगों भीख। किताबें देतीं ऐसा ज्ञान,... Hindi · बाल कविता 1 44 Share Dushyant Kumar 9 Apr 2024 · 4 min read *मुर्गा की बलि* हमारा देश आस्था और धार्मिक रीति-रिवाज का देश माना जाता है। लोग इस देश में इतने आस्थावान हैं, कि पत्थर जिस पर लिखा होता है फलां गांव,शहर या कस्बा इतनी... Hindi · कहानी 1 82 Share Dushyant Kumar 9 Apr 2024 · 5 min read *दादी की बहादुरी(कहानी)* बात आज से लगभग 60-70 साल पहले गांव- तरारा, पोस्ट- उझारी, तहसील- हसनपुर, जिला- अमरोहा की है।उस समय गांव में अधिकतर कच्चे घर हुआ करते थे। कोई व्यक्ति जो अमीर... Hindi · कहानी 1 54 Share Dushyant Kumar 23 Mar 2024 · 1 min read *इन तीन पर कायम रहो* सोच समझ कर देना तीन, जवाब सलाह और उधार। नहीं तो मिलेगा पछतावा ही, घूम लो सारा संसार। ये तीन चीजें सबको प्यारी, दौलत औरत और औलाद। इनके लिए अडिग... Hindi · कविता 1 54 Share Dushyant Kumar 19 Mar 2024 · 1 min read अद्वितीय गुणगान तू अद्वितीय तू अनन्त अनन्य तेरी भक्ति, अंर्तयामी सबका स्वामी, इसमें ना कोई श्योक्ति। दीन दुखियों असहायों का रक्षक है तू, तू आदि है न कोई अन्त, ऐसी तेरी शक्ति।।१।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · मुक्तक 5 59 Share Dushyant Kumar 20 Feb 2024 · 2 min read *कुकर्मी पुजारी* एक पुरानी दास्ता है, एक लड़का था लालू। बहन श्यामा पिता कल्लू और भाई था डल्लू। सब परिवार मिलकर करता, पब्लिक सफाई। गरीबी और छुआछूत में, करते भी क्या भाई।।१।।... Hindi · कविता 1 84 Share Dushyant Kumar 20 Feb 2024 · 1 min read *हुस्न से विदाई* बाइक थी उसकी शौक सवारी, घूमने की थी फुल तैयारी। करतूतें थी उसकी न्यारी, यात्राएं लगती थी उसे प्यारी। ना पढ़ाई की थी तैयारी, भाड़ में जाए दुनियादारी। भीड़ खचाखच... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 84 Share Dushyant Kumar 20 Feb 2024 · 1 min read *पलटूराम* यह बात हो गई है आम, पलट रहे हैं पलटूराम। अपना सिक्का खुद ही खोटा, बेपेंदी के बने हैं लोटा। अपनों से विमुख होकर, गैरों के पियें चरण धोकर। पहले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 65 Share Dushyant Kumar 16 Feb 2024 · 1 min read *घर* प्यारे प्यारे होते घर, न्यारे न्यारे होते घर। मिलकर रहते सब अपने, यहां साकार होते सपने।। खिलाता पिलाता आराम दिलाता, हमारे स्वागत में बिछ जाता। ईंटों का यह नहीं है... Hindi · बाल कविता 1 106 Share Dushyant Kumar 15 Feb 2024 · 1 min read *पेड़* लगाओ पेड़ ना कटे माटी, पेड़ हमारे जीवन साथी। पेड़ों की है माया न्यारी, फर्नीचर मिले छाया भारी।। रोगों को ये दूर भगायें, घर आंगन में इन्हें उगायें। सुन्दर वातावरण... Hindi · बाल कविता 1 116 Share Dushyant Kumar 5 Feb 2024 · 1 min read *हुस्न से विदाई* बाइक थी उसकी शौक सवारी, घूमने की थी फुल तैयारी। करतूतें थी उसकी न्यारी, यात्राएं लगती थी उसे प्यारी। ना पढ़ाई की थी तैयारी, भाड़ में जाए दुनियादारी। भीड़ खचाखच... Hindi · कविता · मुक्तक 1 64 Share Dushyant Kumar 27 Jan 2024 · 1 min read *भ्रष्टाचार* आज है भ्रष्टाचार का युग हुआ, चारों ओर है भ्रष्टाचार। कोई क्षेत्र नहीं बचा है, राजनीति हो या व्यापार। राजनीति हो या व्यापार, इससे कोई बच नहीं पाया। भ्रष्टाचार के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 2 111 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 5 min read वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से) वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है। प्रेरणा है वो, मुझे प्रेरणा देकर जाती है। वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है। उसका गोल चांद सा चेहरा, मासूम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक · शेर 1 82 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 2 min read *यातायात के नियम* यातायात नियम बताता, हाथ जोड़कर तुम्हें समझाता। ये बात लो मेरी मान, यातायात पर दो सब ध्यान। करो यातायात नियम का पालन, मेरी बात लो मान। जीवन मूल्यवान है, हर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 138 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 1 min read *बेटी की विदाई* एक तरफ नजारा खुशियों का, रंग बिरंगे फूल मालाएं गलीचे, रंगभूमि आतिशबाजी का शोर, कहीं बाजे डीजे की झंकार। कहीं पायलों की छम छम,कही रंगों की बहार। चारों ओर खुशी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 85 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 1 min read *हम किसी से कम नहीं* हम किसी से कम नहीं, जवाब देना जानते हैं। दिल की गहराइयों को, हम समझना जानते हैं। आप ठहरे फिरंगी, तुम क्या जानो हमारी। तकदीरों की लकीरों को हम बदलना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 58 Share Dushyant Kumar 26 Jan 2024 · 1 min read *मानव शरीर* कोशिका ऊतक अंग, अंगतंत्र और अस्थि से बना शरीर। सभी प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ है, यह मानव शरीर। 639 पेशियां इसमें, 206 हैं अस्थियां। 12 जोड़ी होती हैं, मानव शरीर में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 76 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 3 min read *गरीबी में न्याय व्यवस्था (जेल से)* आजादी तो हक है मेरा, बेगुनाह को फांसा क्यों? रोम रोम में कपट तुम्हारे, देते क्यों दिलासा यूं? चोर उचक्के और लुटेरे, चारों ओर मिल जाएंगे। दया ईमान व सच्चे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 2 53 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 2 min read *कौन है इसका जिम्मेदार?(जेल से)* व्यवस्था पर सवाल उठाता, सब जन को यह बात बताता। ध्यान लगाकर पढ़ना सुनाना, झूठ सच्चाई की तुलना करना। इसमें कितनी है सच्चाई, जवाब दो क्यों मौन हो भाई? कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 36 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 1 min read *इन्हें भी याद करो* भुला दिया क्यों आज तुमने, ऐसे वीर शहीदों को। सींचकर अपने लहू से, जन्म दिया हम बीजों को। भीमराव चंद्र बोस भगत की, भूल गए क्यों आंधी को। क्यों आज... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 54 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 2 min read *क्या आपको पता है?* टपकता है छप्पर, आशियाना भी टूटा है। जाड़े गर्मी में रहते नंगे पैर, जूता भी टूटा है। अरे इन टूटे आशियानों की तुलना हमसे मत करिए, अरे! साहब खुद को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक · शेर 1 45 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 2 min read *आदर्शता का पाठ* प्रातः उठो, शौच करो व्यायाम। थोड़ा लो फिर आराम। बुरा न हो पकड़ो कान। मात पिता का कहना मानो, शिष्टाचार की भाषा जानों। अच्छे बुरे को तुम पहचानो। गुरु का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 61 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 1 min read *वोट की ताकत* पापा माता सुन लो भाई, वोट बनवाओ जाकर ताई। किसान बाबू और हलवाई, सरकार बनेगी वोट से भाई।।१।। हो गई उम्र अट्ठारह अब, वोट हमें बनवाना है। वोट की ताकत... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 57 Share Dushyant Kumar 25 Jan 2024 · 1 min read *ऐसी हो दिवाली* ऐसी न हो दिवाली, जिसमें दीप जले खाली। दीपों के साथ-साथ हृदय हो प्रफुल्लित, गरीबों की भरो थाली, ऐसी हो दिवाली।।१।। रद्द करो पटाखे, इत्यादि का प्रयोग। घर-घर कर लो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 55 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *देश का दर्द (मणिपुर से आहत)* आंँखें सबकी मिची हुई हैं, चारों ओर अंँधेरा है। अस्मत इज्जत तार-तार हुई, ऐसा नया सवेरा है। देश में कितनी घटनाएंँ ऐसी, संख्या गिनना भारी है। न्याय में देरी सजा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 73 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *पुरानी पेंशन हक है मेरा(गीत)* पुरानी पेंशन हक है मेरा, बुढ़ापे का सहारा है। अपने भी जब साथ छोड़ दें, यही है एक सहारा है। माननीय लेते कई-कई पेंशन। हमारे लिए क्यों नहीं है पेंशन।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत · मुक्तक 1 77 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read * तुगलकी फरमान* सोच रहा हूं बैठकर, कौन बनाता है यह, अजीबो गरीब तुगलकी फरमान? जिसमें न सहूलियत आम जनता की, न चिंता दुःख दर्द का एहसास, न जमीन से जुड़ी हकीकत, न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 68 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 4 min read *वकीलों की वकीलगिरी* रेप मर्डर चार सौ बीस, जब तक दो इनको फीस। बातें इनकी हवा- हवाई, करते क्या है सुन लो भाई। जमानत तुम्हारी सौ प्रतिशत, बाहर से बाहर होगी। चाहें केस... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 103 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *शादी के पहले, शादी के बाद* एक कॉलेज में पढ़ते थे, एक लड़का एक लड़की। आंखें हुई चार दोनों की, बात इस तरह भड़की। धीरे-धीरे एक दूसरे को, लगे दोनों चाहने। लड़का बोला चिंता न कर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 43 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 2 min read *लव इज लाईफ* माना कि हम रात को, एक बंद कमरे में होते। सब सोते, हम उसकी यादों में खोते। काश उस कमरे में, अंधेरा हो जाता। मैं उसे पहचानने में, भूल कर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 46 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई, फिर क्यों इन्सा बना कसाई। रिश्ते नाते सारे भूला, मद मस्ती में ऐसे झूला, करता घातक वार, रे इन्सा क्यों करता था तकरार।।१।। लूट बुराई रिश्वतखोरी,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत · मुक्तक 1 86 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *चाटुकार* साहब की हां में हां मिलाते, चरण पड़े आगे गिड़गिड़ाते, झूठ को ही सच बतलाते, मीठी झूठी बातें बनाते, खुद जय बोलें और बुलवाते, समय से करते हैं निज स्वामी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 98 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 1 min read *हमारा संविधान* डॉ.अम्बेडकर शत-शत नमन, दिया अमूल्य संविधान। मेरे लिए भी है यह, पवित्र ग्रंथ महान।।१।। संविधान है हम हैं, कर लो इसका पान। यह तुम्हें बचाएगा, कठिन घड़ी में आन।।२।। दुनिया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा · मुक्तक 1 59 Share Dushyant Kumar 24 Jan 2024 · 2 min read *मैं वर्तमान की नारी हूं।* मैं जन्म से पहले भी सताई, जन्म लिया इस जग में आई। सिलवटें देखीं माथे पर, सुने ताने फिर भी हर्षाई। शोषण अत्याचार कष्ट भी झेला, भेदभाव का मिला झमेला।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · मुक्तक 1 60 Share Dushyant Kumar 15 Jan 2024 · 1 min read * तुगलकी फरमान* सोच रहा हूं बैठकर, कौन बनाता है यह, अजीबो गरीब तुगलकी फरमान? जिसमें न सहूलियत आम जनता की, न चिंता, न दुःख दर्द का एहसास, न जमीन से जुड़ी हकीकत,... Hindi · कविता · मुक्तक 1 106 Share Dushyant Kumar 14 Jan 2024 · 4 min read *वकीलों की वकीलगिरी* रेप मर्डर चार सौ बीस, जब तक दो इनको फीस। बातें इनकी हवा- हवाई, करते क्या है सुन लो भाई। जमानत तुम्हारी सौ प्रतिशत, बाहर से बाहर होगी। चाहें केस... Hindi · कविता · मुक्तक 1 133 Share Dushyant Kumar 31 Dec 2023 · 1 min read *चाटुकार* *चाटुकार* साहब की हां में हां मिलाते, चरण पड़े आगे गिड़गिड़ाते, झूठ को ही सच बतलाते, मीठी झूठी बातें बनाते, खुद जय बोलें और बुलवाते, समय से करते हैं निज... Hindi · कविता · मुक्तक 2 2 185 Share Dushyant Kumar 29 Dec 2023 · 1 min read *रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई, *रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई, फिर क्यों इन्सा बना कसाई। रिश्ते नाते सारे भूला, मद मस्ती में ऐसे झूला, करता घातक वार, रे इन्सा क्यों करता... Hindi · गीत 5 122 Share Dushyant Kumar 29 Dec 2023 · 1 min read *रंगीला रे रंगीला (Song)* *रंगीला रे रंगीला (Song)* रंगीला रे रंगीला-२, कैरेक्टर है ढीला-२। दबंगाई का आदी हूं, डर नहीं किसी बात का। खतरों का खिलाड़ी हूं, मालिक हूं जज्बात का। पहचान मेरी है... Hindi · गीत 5 113 Share Dushyant Kumar 24 Dec 2023 · 1 min read *मेरे मम्मी पापा* *मेरे मम्मी पापा* मम्मी पापा प्यारे- प्यारे, हम उनके आंखों के तारे। सुख-दुख में वे साथ हमारे, चीज खिलौने लाते सारे।। हर बात पर ध्यान देते, दुख हमारे सब हर... Hindi · बाल कविता 5 173 Share Dushyant Kumar 14 Dec 2023 · 1 min read *गोल- गोल* *गोल- गोल* चंदा मामा गोल गोल, घर पर देखी थाली गोल। मम्मी पकाये रोटी गोल, सिक्का भी लगता है गोल।।१।। सूरज लगता गोल मटोल, गोल गोल होती बोल। सेब संतरा... Hindi · बाल कविता 6 201 Share Dushyant Kumar 7 Dec 2023 · 1 min read *सेब का बंटवारा* *सेब का बंटवारा* मामा लाये एक सेब, खाली हो गई उनकी जेब। दीदी के बच्चे थे चार, सेब देखकर करें विचार।।१।। घर में हम हैं चार भाई, मामा को क्यों... Hindi · बाल कविता 5 138 Share Page 1 Next