Dheerja Sharma Language: Hindi 53 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dheerja Sharma 14 Oct 2024 · 1 min read कामकाजी औरतें लौट कर काम से लग जाती है काम पर बिस्तर पर लेटे-लेटे बनाती हैं लिस्ट अगले दिन के काम की सपने में देखती हैं खुद को खौफ में दाल में... Hindi 26 Share Dheerja Sharma 30 Aug 2024 · 1 min read समझो अपने आप को मिल जाता है अपनी हर समस्या का हल अपने हर प्रश्न का उत्तर जरूरत है तो मौन की ।। दुनिया के शोरगुल से हट अपने भीतरी शोर को शांत कर... Hindi 33 Share Dheerja Sharma 11 Aug 2024 · 1 min read सख्त बनो जिंदगी कठिन है नुकीली है टेढ़ी है सख्त है तुम नरम रहे तो लहुलुहान हो जाओगे टूट फूट जाओगे। अगर अस्तित्व बचाना है सख्त बनो सबल बनो.. **धीरजा शर्मा** Hindi · कविता · जिंदगी 58 Share Dheerja Sharma 31 Jul 2024 · 1 min read एक दीया जलाया मैंने आज खुद को हंसते हुए पाया मैंने दिल के अंधेरे में एक दीया जलाया मैंने। जिंदगी की राहें आसान लगने लगी जब खुद को मंजिल के करीब पाया मैंने। Hindi 45 Share Dheerja Sharma 12 Jul 2024 · 1 min read वक्त को पीछे छोड़ दिया वक्त ने बहुत उठा पटक की तोड़ा मरोड़ा पर मैं स्त्री थी ना हौंसला नहीं छोड़ा। बहुत दौड़ी तेज रफ्तार वक्त के साथ। वक्त का मैंने मुंह मोड़ दिया और... Hindi 50 Share Dheerja Sharma 22 May 2024 · 1 min read घर पिता हो जाता है नींव मिट्टी गारा दीवारें। मां हो जाती है रसोई आंगन,पेड़,छाया। बच्चे हो जाते हैं खुशबू फूल, चिड़िया,रोशनी तब ईंट सीमेंट का मकान घर बनता है !... Hindi 85 Share Dheerja Sharma 22 May 2024 · 1 min read मां मां सिर्फ स्त्री नहीं थी वह आंगन थी चूल्हा थी भोजन की थाली थी । वह पेड़ थी छाया थी खुशी थी खुशहाली थी **धीरजा शर्मा*** Hindi 1 112 Share Dheerja Sharma 16 May 2024 · 1 min read परिवार पिता हो जाता है नींव मिट्टी ,गारा, दीवारें। मां हो जाती है रसोई आंगन,पेड़,छाया। बच्चे हो जाते हैं खुशबू फूल, चिड़िया,रोशनी तब ईंट सीमेंट का मकान घर बनता है !... Hindi 52 Share Dheerja Sharma 1 Apr 2024 · 1 min read सत्य की खोज सत्य शाश्वत है और शाश्वत के अस्तित्व पर संशय करना स्वयं को धोखा देना है। बिल्कुल वैसे ही जैसे सूर्य चंद्र वायु जल के अस्तित्व पर संशय करना। सत्य वहीं... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 141 Share Dheerja Sharma 1 Feb 2024 · 1 min read खो गई हो मै जानती हूँ चीज़े कभी नही खोतीं । उनका अस्तित्व सदा रहता है वहीँ कहीं जहाँ हम रख कर भूल जाते हैं या खो देते हैं। मुझे पता है ,माँ... Hindi 134 Share Dheerja Sharma 30 Jul 2023 · 1 min read होड़ ये निश्चित है कि मंज़िल है सभी की वहीं... उस पार। बस निश्चित नहीं कि कौन पहुंचेगा पहले ...मेरे यार! सबको जाना उस छोर फिर यहां... कैसी प्रतिस्पर्धा ! कैसी... Hindi · आपसी होड़ · कविता · रेस 96 Share Dheerja Sharma 11 Jun 2023 · 1 min read अब अग्नि परीक्षा न होगी कलियुग की नारी ने ठाना वो अग्नि परीक्षा न देगी। स्वाभिमान की खातिर अब वो अपने वर को त्यज देगी। नर राम कहो कब बन पाया? मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाया ?... Hindi · अग्निपरीक्षा · कविता · स्त्री 1 1 335 Share Dheerja Sharma 11 Jun 2023 · 1 min read फिर भी मैं परायी हूँ आंगन दीवारों में बरामदे , चौबारों में भीतर तक समायी हूँ और दादी तुम कहती हो फिर भी मैं परायी हूँ। अचार ,दाल ,भात में कटोरी, चम्मच परात में भीतर... Hindi · कविता · परायी · बेटी 1 204 Share Dheerja Sharma 3 Jun 2023 · 1 min read बूढ़ी माई के बाल भूरी आंखें, पिचके गाल उलझे उलझे बेतरतीब बाल। वह छोटा सा लड़का, मेरे पास आकर रोज़ दार्शनिक अंदाज़ में कहता लो आंटी जी बूढ़ी माई के लाल बाल कल हरे,... Poetry Writing Challenge · कविता · बालश्रम 1 379 Share Dheerja Sharma 31 May 2023 · 1 min read महाभारत जारी है अपने अपने कुरुक्षेत्र में हर एक खड़ा है। फ़र्क़ नहीं छोटा है या वो बड़ा है। कोई शहसवार है कोई पैदल तैयार है। किसी के साथ हैं भीष्म किसी का... Poetry Writing Challenge · 27 युद्ध · कविता 295 Share Dheerja Sharma 31 May 2023 · 1 min read गुरुदक्षिणा सुनो मेरे बच्चों जितना ज्ञान है मेरे पास बांटती रही हूं तुम लोगों में। और तुम इस अर्जित ज्ञान का प्रयोग करोगे आजीविका अर्जन में। एक ऊंचाई पर पहुंच कर... Poetry Writing Challenge · 26 गुरुदक्षिणा · कविता 196 Share Dheerja Sharma 29 May 2023 · 1 min read पिता,पिता होता है पिता, पिता होता है, माँ नहीं होता। उसके पास होते हैं दो विशाल कंधे••• जिस पर बिठा अपने बच्चों को दुनिया घुमाना चाहता है। एक पहाड़ जैसा सीना••• जिसमें वो... Poetry Writing Challenge · 25 पिता · कविता 234 Share Dheerja Sharma 29 May 2023 · 1 min read परिवर्तन नहीं फर्क पड़ता अब तानो का उलाहनों का शब्दों के बाणों का रुठने और मनाने का। नही सताती अब मुझे मायके जाने की इच्छा नही रुलाती अब मुझे घर वालों... Poetry Writing Challenge · कविता 2 371 Share Dheerja Sharma 29 May 2023 · 1 min read बेटियां माखन सी नर्म और स्निग्ध होती हैं बेटियां। पाकर ज़रा सी उष्णता पिघलती हैं बेटियां। ज्यूँ पंखुड़ी गुलाब की ऐसा है इनका स्पर्श हल्की सी चोट मन पे लगे कुम्हलाती... Poetry Writing Challenge · कविता 1 185 Share Dheerja Sharma 29 May 2023 · 1 min read सूरज और दीया डूबते सूरज ने कहा मैं भी आराम चाहता हूँ मेरे अभाव में कौन ? प्रश्न जटिल था हर कोई मौन !!! कुछ देर सन्नाटे में रहा पूरा संसार फिर कांपती... Poetry Writing Challenge · कविता 1 263 Share Dheerja Sharma 29 May 2023 · 1 min read लम्हे खर्च हो गए ज़िन्दगी से लम्हे चुरा पर्स मे रखती रही फुरसत से खरचूंगी बस यही सोचती रही। उधड़ती रही जेब करती रही तुरपाई फिसलती रही खुशियाँ करती रही भरपाई। इक दिन फुरसत... Poetry Writing Challenge · 21 लम्हे · कविता 1 321 Share Dheerja Sharma 29 May 2023 · 1 min read तमन्ना मैं खुद के पास आने चाहती हूं गमों से दूर जाना चाहती हूं अंधेरा बढ़ गया है मेरे भीतर सितारे तोड़ लाना चाहती हूं। छुपी है घर में इक डरपोक... Poetry Writing Challenge · 20 तमन्ना · कविता 1 203 Share Dheerja Sharma 29 May 2023 · 1 min read खुशी तो तेरे पास रे मोको कहाँ ढूंढे रे बंदे मैं तो तेरे पास रे आस पास मैं फैली तेरे काहे भया उदास रे।। कल आयी थी मैं घर तेरे बारिश बन कर बरसी थी... Poetry Writing Challenge · कविता 291 Share Dheerja Sharma 29 May 2023 · 1 min read गुल्लक यादों की मेरी गुल्लक है मेरी डायरी जिसमें जमा की हुई हैं मैंने ढेर सारी खुशियां, मुस्कुराहटें कुछ दस्तक, क़ुछ आहटें। कुछ उदासी और दर्द भी कुछ गर्म, कुछ सर्द भी। मेरा... Poetry Writing Challenge · 18 गुल्लक · कविता 280 Share Dheerja Sharma 29 May 2023 · 1 min read आओ अहं को परे रख दें आओ अहं को परे रख दें किसी ताक पर। पिघला दें बर्फ जैसे मौन को संवादों की गर्मी से। थोड़ा तुम बढ़ो थोड़ा मैं और पहुंच जाएं वहीं पर जहां... Poetry Writing Challenge · 17 अहंसंदेह · कविता 1 283 Share Dheerja Sharma 29 May 2023 · 1 min read मुझे गाँव याद आता है बरसों बीत गए शहर में रहते पर जाने क्यों अब भी मुझे शहर अच्छे नहीं लगते। नादानी बेफिक्री की उम्र में जबरदस्ती समझदार बना दिये गए बच्चे , बच्चे नहीं... Poetry Writing Challenge · 16 शहर- गाँव · कविता 148 Share Dheerja Sharma 28 May 2023 · 4 min read पक्की सहेलियाँ रिया गुज़र गयी? कब कैसे? क्या हुआ?" मैंने लगभग चीखते हुए अंकल जी से पूछा। " आज एक साल हो गया, करुणा।उसके सास ससुर के विवाह की पचासवीं वर्षगाँठ थी।घर... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी · दोस्ती 1 1 196 Share Dheerja Sharma 28 May 2023 · 1 min read घर ये मकान .....जिस के बाहर प्लेट पर मैंने अपना नाम सजाया है जिसे बनाने के लिए मैने भारी भरकम कर्ज़ उठाया है चमचमाती टाइलों लगे फर्श शीशों वाली बड़ी बड़ी... Poetry Writing Challenge · 15 घर · कविता 1 1 376 Share Dheerja Sharma 28 May 2023 · 1 min read वो लड़की जब भी मायके आती हूँ मिलना होता है एक छोटी सी लड़की से। खिड़की से बाहर झांकती हूँ तो दिखाई देती है वह छोटी सी लड़की जेठ दुपहरी में, नीम... Poetry Writing Challenge · 14 लड़की · कविता 1 84 Share Dheerja Sharma 28 May 2023 · 1 min read आजकल 1बन्द हैं अलमारी में खा रही हैं दीमकें। बहुत उदास हैं किताबें उन्हें उठाता नहीं कोई। 2नाना नानी दादा दादी मम्मी भी और पापा भी सभी व्यस्त मोबाइल में कहानी... Poetry Writing Challenge · 12 आजकल · कविता 82 Share Dheerja Sharma 28 May 2023 · 1 min read माँ सब कुछ कर सकती है माँ.... समस्याओं से जूझ सकती है तकलीफों से लड़ सकती है नाकों चने चबवा सकती है भूख को....। माँ...... फाड़ सकती है धरती का सीना आसमान में सुराख कर सकती... Poetry Writing Challenge · 11 माँ · कविता 1 88 Share Dheerja Sharma 25 May 2023 · 1 min read ये बच्चियां वो बच्ची भाई को गोद मे ले लोरी गाती है जब तुतलाती सी तो माँ लगती है। उठा झाड़ू नन्हे नन्हे हाथों में बुहारने लगती है जब आँगन तो माँ... Poetry Writing Challenge · कविता 2 149 Share Dheerja Sharma 25 May 2023 · 1 min read एक नयी पहचान सुनो आदर्श औरत थक नहीं गयी क्या तुम आदर्श होने का बोझ ढोते ढोते ? सुंदर,सुशील, सुसंस्कृत, सुघड़ इतने लबादों के नीचे दबे दबे दम घुटता है तुम्हारा मैं जानती... Poetry Writing Challenge · 6 अच्छी औरत · कविता 1 139 Share Dheerja Sharma 25 May 2023 · 1 min read जब तुम आना ज़िन्दगी सुनो ज़िंदगी तुम जब भी आना विंड चाइम हिला कर गुड लक लाना। बरसा देना मेरे आँगन में थोड़ी सी धूप, थोड़ी सी छाँव। बना देना मेरे घर को थोड़ा... Poetry Writing Challenge · 10 सुनो ज़िंदगी · कविता 1 101 Share Dheerja Sharma 23 May 2023 · 1 min read सूरज, बादल और तुम सुनो कभी कभी न तुम मुझे सूरज जैसे लगते हो एक दम समय के पाबंद! चारों तरफ अपना ज्ञान का प्रकाश बिखेरते रहते हो। दिन भर ऊर्जा से भरपूर इस... Poetry Writing Challenge · 9 तुम · कविता 1 112 Share Dheerja Sharma 23 May 2023 · 1 min read कविता खुद हो जाती है मैं कब कविता कहती हूँ तुम कहते हो तुमको मेरी कविता नहीं सुहाती है। लेकिन मैं कब कविता कहती कविता खुद हो जाती है! प्यार तुम्हारा,गुस्सा-नफरत जब मुझको तड़पाती है।... Poetry Writing Challenge · 8 खुद ब खुद · कविता 1 115 Share Dheerja Sharma 23 May 2023 · 1 min read संवाद:दिन और रात दिन ने रात से कहा अरी ओ काली कलूटी बैंगन लूटी। कैसे जी लेती हो तुम इतने सन्नाटे में! न कोई शोरगुल,न हलचल न धींगा मस्ती, न महफ़िल। मुस्कुराते हुए... Poetry Writing Challenge · 7kavita · Rat Din 1 105 Share Dheerja Sharma 18 May 2023 · 1 min read बस तुम चलना मत छोड़ना जब दुनिया तुमको तंग करे सारे दरवाज़े बंद करे। जब ग़मों ने तुमको घेरा हो ना रात के बाद सवेरा हो। असफलता डेरा डाले हो और सभी गिराने वाले हों।... Poetry Writing Challenge · 5 चलना · कविता 275 Share Dheerja Sharma 16 May 2023 · 1 min read संदूकची सपनों वाली माँ ने ले दी थी एक संदूकची दसवें जन्मदिन पर, कहा -खूब सपने जमा करना मेरी लाडो,इस बक्से में। और फिर बड़ी हो कर एक एक कर के देखना इन... Poetry Writing Challenge · 4 सपने · कविता 136 Share Dheerja Sharma 16 May 2023 · 1 min read मज़दूर दिवस बाबू कल मज़दूर दिवस है कल तुम नहीं काम पर जाना पूरी दुनिया मना रही है तुम भी दिवस ये खूब मनाना। मेरे स्कूल में भी तो कल ये दिवस... Poetry Writing Challenge · 3 मज़दूर · कविता 110 Share Dheerja Sharma 15 May 2023 · 1 min read बंटवारा बचपन में ही कर दिया था बँटवारा माँ ने घर के काम का। बेटी के हिस्से आया घर की झाड़ू पोंछा बर्तन बेटे के हिस्से बाजार से फल-सब्जी और राशन।... Poetry Writing Challenge · कविता 273 Share Dheerja Sharma 14 May 2023 · 1 min read दर्ज़ी हूँ मैं दर्ज़ी हूँ मैं रुमाल से रसोई तक रिश्तों से नातों तक सब दुरुस्त रखती हूँ।। उधड़ने लगते हैं जब रिश्ते। स्नेह-धागे से सिल कर फिर सही कर देती हूँ।। रफूगर... Poetry Writing Challenge · 1 दर्ज़ी · कविता 165 Share Dheerja Sharma 29 Oct 2022 · 1 min read ज़िंदगी का स्टेशन ज़िंदगी है कि सुपरफास्ट ट्रेन जो भागती ही जाती है। सुबह के बाद सीधी रात पर ब्रेक लगाती है। छूट जाता है बीच में "सुहानी शाम " वाला स्टेशन बिस्किट... Hindi 167 Share Dheerja Sharma 18 Jan 2021 · 1 min read मिट्टी हूँ # मिट्टी हूँ मिट्टी हूँ मैं कहाँ जाऊंगी? इधर से बह कर उधर पहुंच जाऊंगी। ऊपर से उड़ कर नीचे आ जाऊंगी। बैठ जाऊंगी नयी जगह नये पेड़ पत्तों पर।... Hindi · कविता 2 1 419 Share Dheerja Sharma 18 Jan 2021 · 1 min read रक्तदान #रक्तदान रक्त का दान महज दान नहीं महादान नहीं, ये प्राणदान है, जीवन दान है। बिल्कुल अपनों जैसा होता कोई निरा अनजान है! जन्म देना चाहे ईश्वर का काम है।... Hindi · कविता 1 1 357 Share Dheerja Sharma 18 Jan 2021 · 1 min read मुक्तक बहुत मुश्किल है अपनों की भीड़ में अपना ढूँढ़ना। जैसे नींद टूट जाने पर ,बीता हुआ सपना ढूंढना। ** धीरजा शर्मा** Hindi · मुक्तक 1 1 299 Share Dheerja Sharma 23 Jul 2019 · 1 min read मुक्तक उम्र बहुत जी ली ज़िन्दगी जीने लगी हूँ मैं कभी कभी अपनी बात भी कहने लगी हूँ मैं। धीरजा शर्मा Hindi · मुक्तक 347 Share Dheerja Sharma 23 Jul 2019 · 1 min read मुक्तक ) तू भी तो बदल कभी खुद को ए ज़िन्दगी। सदा मैं ही बदलूँ खुद को ये अच्छी बात नहीं।। Hindi · मुक्तक 499 Share Dheerja Sharma 23 Jul 2019 · 2 min read लघुकथा--- दादी दादी माँ की आकस्मिक मृत्यु के बाद दादी हमारी देखभाल के लिए यहाँ चली आयीं।पापा का पहले ही स्वर्गवास हो चुका था। अब घर में तीन जन थे.. दादी, मैं... Hindi · लघु कथा 1 1 1k Share Dheerja Sharma 4 Dec 2018 · 1 min read बेटे की विदाई बेटे की विदाई का मौका जब भी आता है उसकी तैयारी को जैसे सारा घर जुट जाता है। जूते चप्पल घड़ी चार्जर ढूँढ़ो तो ही मिलते हैं ऊपर से पापा... Hindi · कविता 3 1 376 Share Page 1 Next